GREATER Noida: किसान सभा की कमेटी ने ग्राम पाली और रामपुर फतेहपुर की आबादी प्रकरणों की सुनवाई को लेकर बड़ी संख्या में महिलाओं ने धरना देकर नारेबाजी की. धरने की अध्यक्षता ओमवती देवी ने की और संचालन सतीश यादव ने किया. धरने को संबोधित करते हुए किसान सभा के प्रवक्ता डॉक्टर रुपेश वर्मा ने कहा कि किसानों की सभी समस्याओं का हल करवाने के लिए आंदोलन की शुरुआत की गई है. आंदोलन सभी समस्याओं को हल करने के दृढ़ संकल्प के साथ शुरू किया गया है. आंदोलन के दबाव के कारण किसान विरोधी अधिकारियों का तबादला प्राधिकरण से हुआ है. इसी तरह किसानों के पक्ष में प्राधिकरण ने कई मामलों में उल्लेखनीय निर्णय लिए हैं
अधिकारी किसानों का करने लगे हैं सम्मान
रुपेश वर्मा ने कहा कि आंदोलन के दबाव के कारण ही किसान किसानों की प्राधिकरण में एंट्री बिना रोक-टोक के हो गई है. अधिकारीगण भी किसानों के साथ सम्मान के साथ पेश आने लगे हैं. वर्षों से रुकी पड़ी आबादियों की सुनवाई आबादी नियमावली के तहत शुरू की गई हैं. जिसमें आज ग्राम रामपुर फतेहपुर और पाली गांव के प्रकरणों की सुनवाई की गई. सुनवाई के दौरान किसान सभा की कमेटी प्रकरणों में पैरवी के लिए उपस्थित रहे.
आंदोलन की धमक दिल्ली और लखनऊ पहुंची
किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी से 14 अगस्त को हुई वार्ता के क्रम में सांसद सुरेंद्रनागर और विधायक धीरेंद्र सिंह को शामिल करते हुए वार्ता आयोजित की जानी है, जिसे जल्दी ही आयोजित किया जाना है. किसान सभा के एक्शन कमेटी के नेता गवरी मुखिया ने कहा कि किसान सभा की कमेटी पूरी पारदर्शिता के साथ कार्य कर रही हैं. आंदोलन मजबूत है, हजारों की संख्या में किसान धरना स्थल पर उपस्थित हो रहे हैं. जिनमें आधे से ज्यादा संख्या महिलाओं की है. आंदोलन की धमक दिल्ली और लखनऊ तक है. आंदोलन की मजबूती के कारण किसानों की आवाज को कोई दबा नहीं सकता. किसानों के सभी मसलों को हल करके ही आंदोलन खत्म होगा.
मांगों को पूरा कराने के बाद ही खत्म होगा आंदोलन
किसान सभा के उपाध्यक्ष ब्रह्मपाल सूबेदार ने कहा कि आंदोलन की प्रमुख चार मांगों 10% आबादी प्लाट, भूमिहीनों के 40 वर्ग मीटर के प्लाट, नए कानून को लागू करना, रेट रिवीजन और रोजगार के नीति सबसे अहम मसले हैं, जिन्हें हल करके ही आंदोलन खत्म होगा. धरने को नितिन चौहान, निशांत रावल मोहित नागर प्रशांत भाटी अजय पाल भाटी हरेंद्र खारी, ब्रह्मपाल सूबेदार मनोज प्रधान खानपुर विजेंद्र नागर मोनू मुखिया सतपाल संजय नागर चतर सिंह निरंकार प्रधान मोहित भाटी अजब सिंह नेताजी केशव रावल यतेंद्र मैनेजर ने संबोधित किया. धरने पर पूनम भाटी तिलक देवी जोगेंद्र भाटी संतरा विमलेश हरवेश कमलेश राजवती देवी एवं अन्य हजारों किसान उपस्थित रहे.
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के विरुद्ध आज 121वें दिन भी किसान बड़ी संख्या में महिलाओं के साथ धरने पर डटे रहे। किसानों ने अपने संकल्प को दोहराते हुए कहा कि जब तक समस्याओं का निदान नहीं जब तक घर वापसी नहीं। किसान सभा के प्रवक्ता डॉक्टर रुपेश वर्मा ने कहा कि हमारे मुद्दों पर प्राधिकरण ने सैद्धांतिक सहमति जताते हुए मीटिंग मिनट हमें देने के लिए कहा है. जिसमें हमारे मुद्दों को क्रमवार एक निश्चित समय सीमा के अंदर हल करने के लिए कहा गया है. मीटिंग मिनट मिलने के बाद संगठन के साथ उन पर चर्चा करेंगे और अगर सब कुछ उचित लगा तो एक पंचायत बुलाकर आगे के लिए निर्णय लेंगे। यदि इस सब में हीला हवाली हुई तो किसान अपनी रणनीति बदलने को फिर से मजबूर होंगे और कोई बड़ा प्रदर्शन प्राधिकरण पर फिर से होगा।
क्षेत्र के किसानों में बहुत आक्रोश
किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि 12 सितंबर को प्राधिकरण पर तालाबंदी के लिए सभी संगठनों ने एकजुट होकर बड़ी संख्या में क्षेत्र की महिलाओं ने व युवाओं ने प्राधिकरण पर प्रदर्शन किया। अपनी घोषणा के तहत दोनों गेटों पर तालाबंदी की। लेकिन अधिकारियों के आग्रह पर हमने ताले को खोल और उनसे वार्ता की। क्षेत्र के किसानों में बहुत आक्रोश है, उनकी पीड़ा को समझने में प्राधिकरण और सत्ताधारी पार्टी के नेताओं ने बहुत देरी कर दी है। अगर जल्द ही समस्याओं का निदान नहीं हुआ तो क्षेत्र के किसानों में आक्रोश और ज्यादा होगा।
जमीन जाने से हमारे सामने रोजगार का संकट
किसान सभा के सचिव जगबीर नंबरदार ने कहा कि हमारी वर्षों से पड़ी लंबित समस्याएं हैं. यहां पर अधिकारी आते हैं समस्याओं को सुनते हैं और हल करने के लिए आश्वासन देते हैं. लेकिन समस्याओं का निदान होने से पूर्व ही यहां से ट्रांसफर होकर चले जाते हैं और हमारी समस्याएं जस की तस रह जाती हैं। हमारी जमीन जाने से हमारे सामने रोजगार का संकट है। जीवन यापन करने का बहुत बड़ा मसला हमारे सामने है। हमारे क्षेत्र में रोज नए उद्योग स्थापित हो रहे हैं परंतु उनमें हमारे क्षेत्र के युवाओं के लिए रोजगार की कोई व्यवस्था नहीं है। फिर इस जिले का विकास हमारे जीवन में क्या मायने रखता है। इस पर भी हमारे जनप्रतिनिधियों को गंभीरता से विचार करना चाहिए।
प्राधिकरण में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर
किसान गबरी यादव का कहना है कि प्राधिकरण के अंदर किसने की ही समस्याएं जस की तस बनी हुई है। जबकि जो दलाल किस्म के लोग अपना काम करने प्राधिकरण में आते हैं, उनका काम जल्द हो जाते हैं। प्राधिकरण के अंदर भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। ज्यादातर अधिकारी कर्मचारी भ्रष्टाचारी में लिप्त है और वह अपनी मुट्ठी के कुछ लोगों से मिलकर क्षेत्र के अंदर लगातार समस्याओं को बढ़ा रहे हैं। जो की किसी के लिए भी कर नहीं है यह समस्या क्षेत्र के अंदर एक बड़े आंदोलन को जन्म देने वाली है।
नोटिस भेज कर डराया जा रहा है
जय जवान जय किसान के सुनील फौजी ने बताया कि डीएमआईसी से प्रभावित पांच गांवों के किसानों की समस्याओं का प्राधिकरण ने अभी तक निदान नहीं किया है। हमारी वर्षों से पुरानी आबादियों पर धारा 10 के नोटिस भेज कर लोगों को डराया व धमकाया जा रहा है, यह हमें किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं है। अगर प्राधिकरण किसानों के साथ खिलवाड़ करेगा तो आक्रोश ज्वाला बनकर फूटेगा। इस सब की जिम्मेदारी प्राधिकरण व शासन प्रशासन की होगी।
Greater Noida: नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ चल रहा किसानों का धरना आखिरकार 123वें दिन खत्म हो गया. किसानो और प्राधिकरण के बीच किसानों के सभी मुद्दों पर सहमति बनने के बाद बाद 1 नवंबर तक धरने को स्थगित किया गया है। किसान सभा के धरने के 123 वें दिन प्राधिकरण और किसानों के बीच हुआ लिखित समझौता हुआ. समझौते के अनुसार 10% आबादी प्लाट नए कानून को लागू करने सहित सभी मुद्दों पर प्राधिकरण और किसानों के बीच 100% सहमति बन गई है। ज्यादातर मसले अक्टूबर माह में होने वाली प्राधिकरण की बोर्ड बैठक से पास कर दिए जाएंगे। मुख्य मुद्दा 10% आबादी प्लाट को अक्टूबर माह की बोर्ड बैठक से पास कर दिया जाएगा। इस तरह किसान सभा के आंदोलन में समय सीमा के अंतर्गत सभी मुद्दों पर लिखित समझौता संपन्न कर मीटिंग मिनट प्राप्त की है।
3 दिन तक चली समझौते की प्रक्रिया
किसान सभा के प्रवक्ता डॉक्टर रुपेश वर्मा ने समझौते के बारे में 3 दिन से चल रही प्रक्रिया के अनुसार धरने पर मौजूद सैकड़ो लोगों का अवगत कराया। उन्होंने कहा कि 3 दिन से समझौते का ड्राफ्ट तैयार हो रहा था। ड्राफ्ट को किसान सभा की जिला एक्शन कमेटी ने अनुमोदित किया है। कमेटी के अनुमोदन के बाद धरनारत किसानों के सदन ने समझौते का अनुमोदन किया है और धरने को 31 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
कार्रवाई करने का पूर्ण आश्वासन मिला
किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि नए मुख्य कार्यपालक अधिकारी से किसानों को समझौते के अनुसार कार्रवाई करने का पूर्ण आश्वासन मिला है। किसानों को ऐसे सकारात्मक मुख्य कार्यपालक अधिकारी से कार्रवाई की पूरी आशा है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने धरना स्थल पर आकर किसानों से वादा किया कि वह भी किसान परिवार से हैं और उनकी सभी समस्याओं को गंभीरता के साथ हल करने का काम करेंगे। किसान सभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ब्रह्मपाल सूबेदार ने कहा कि यह लड़ाई लोगों की सामूहिक भावना के आधार पर जीती गई है। विपक्षी पार्टियों और सभी किसान संगठनों का भूतपूर्व सहयोग मिलने की वजह से लड़ाई अपने मुकाम तक पहुंची है।
सीएम से वार्ता कराने पर बनी सहमति
जय जवान जय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील फौजी ने कहा कि किसानों की एकता ही उनकी ताकत है। स्थाई मोर्चा लगाकर ही लड़ाई जीती जा सकती है। नए कानून पर शासन स्तर पर कार्रवाई के लिए पुलिस कमिश्नर के माध्यम से मुख्यमंत्री से किसानों के प्रतिनिधि मंडल की वार्ता कराई जाने पर सहमति बनी है। प्राधिकरण सरकार द्वारा किसानों के मुद्दों पर कार्रवाई आगे बढ़ेगी तो हम आंदोलन स्थगित रखेंगे अन्यथा की स्थिति में 1 नवंबर से पुनः स्थाई मोर्चा लगाकर लड़ाई शुरू कर दी जाएगी।
किसानों की एकता से मिली जीत
किसान सभा की खानपुर कमेटी के नेता सुरेंद्र भाटी ने कहा किसान सभा की लड़ाई अपने मुकाम तक किसानों की एकता के दम पर पहुंची है। समझौते के अनुसार प्राधिकरण और सरकार यदि कार्रवाई नहीं करते हैं तो लड़ाई पुनः 1 नवंबर से शुरू कर दी जाएगी। किसान सभा पूरे संकल्प के साथ लड़ाई में उतरी है, मुद्दों को हल किए बिना चैन से नहीं बैठेंगे। अजब सिंह नेताजी ने कहा कि किसानों की एकता ने ही यह लड़ाई जीती है, आगे भी किसान अपने मुद्दों को इसी एकता के बल पर जीतेंगे।
नौजवानों के नेता प्रशांत भाटी मोहित यादव, मोहित भाटी, संदीप भाटी, सुशांत भाटी, मोहित नागर, राष्ट्रीय लोक दल के जिला अध्यक्ष जनार्दन भाटी, कांग्रेस कमेटी के नेता अजय चौधरी, राष्ट्रीय लोकदल के नेता अजीत इंद्रवीर भाटी, समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष सुधीर भाटी, किसान मंच के अध्यक्ष सुधीर चौहान, बबली गुर्जर सुनील फौजी सुशील प्रधान टीकम नगर मनोज मास्टर जी हरवीर नागर कृष्णा नागर हातिम सिंह भाटी ने किसानों को संबोधित किया। किसान सभा के संरक्षक राजेंद्र एडवोकेट ने किसान सभा के धरने स्थगन की घोषणा की समापन किया। किसान सभा के जिला सचिव जगदीश नंबरदार में सभी पक्षी पार्टी के नेताओं एवं सभी सहयोगी किसान संगठनों का आभार व्यक्त किया।
Noida: अखिल भारतीय किसान सभा गौतम बुद्ध नगर इकाई की जिला कमेटी के पदाधिकारियों ने सर्वोत्तम बिल्डर के के खिलाफ रामगढ़ गांव में चल रहे धरना-प्रदर्शन में पहुंचकर समर्थन दिया। आरोप है कि 23 नवंबर को सर्वोत्तम बिल्डर के बाउंसरों ने किसानों ने की जमीन पर जबरन कब्जा करने की कोशिश की थी। धरनारत किसानों ने विरोध किया तो उनके साथ मारपीट कर दी गई। जिससे कई किसान घायल हो गए। जबकि पुलिस ने दो किसानों के बीच का झगड़ा बनाकर किसानों पर ही 307 आईपीसी में एफआईआर दर्ज कर दी। इससे किसानों में रोष है। जिसको लेकर शुक्रवार को बड़ी संख्या में धरना स्थल पर किसानों ने सर्वोत्तम बिल्डर के विरुद्ध नारे लगाकर प्रदर्शन किया।
नये अधिग्रहण कानून का उल्लंघन का रहा सर्वोत्तम बिल्डर
किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ रुपेश वर्मा ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि अंसल को 2005 में 2500 एकड़ में टाउनशिप बनाने का लाइसेंस दिया था। जिसे अंसल बिल्डर कभी भी कार्य रूप नहीं दे सका। किसानों का असल बिल्डर के साथ 2013 में 10% आबादी प्लाट, 64 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजे का समझौता हुआ था। जिसका पालन भी अंसल बिल्डर ने नहीं किया। अब अंसल बिल्डर के प्रोजेक्ट को सर्वोत्तम बिल्डर ने खरीदा है। ऐसे में उसकी लायबिलिटी भी सर्वोत्तम बिल्डर को पूरी करनी है। अन्यथा किसानों को अपनी जमीन पर कब्जा नहीं देना चाहिए। रुपेश वर्मा ने कहा कि नये अधिग्रहण कानून में भी किसानों के हक को अच्छी तरह परिभाषित किया गया है, जिनका बिल्डर सरासर उल्लंघन कर रहा है।
किसान सभा किसानों के साथ
किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि किसानों के हक की लड़ाई वाजिब है। किसान सभा किसानों के साथ खड़ी है। किसान सभा के उपाध्यक्ष गवरी मुखिया, अजब सिंह नेताजी, दुष्यंत सेन, सचिन भाटी, सुरेंद्र भाटी, सुरेश यादव, विजय यादव, मोहित यादव, सुशांत भाटी प्रशांत भाटी ने धरने को संबोधित किया।
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