मशहूर उद्योगपति सुब्रत राय सहारा का निधन

Mumbai: मशहूर बिजनेसमैन सुब्रत रॉय सहारा का सोमवार देर रात मुंबई में निधन हो गया। सहारा परिवार के मुखिया सुब्रत रॉय काफी दिनों से गंभीर बीमारी से ग्रसित थे और उनका इलाज मुंबई के एक निजी अस्पताल में चल रहा था। आज उनका पार्थिव शरीर लखनऊ के सहारा शहर लाया जायेगा, जहां उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी जाएगी।

सहारा इंडिया परिवार की ओर से बयान जारी कर बताया गया है कि उच्च रक्तचाप, मधुमेह सहित विभिन्न बीमारियों से लंबे समय से जूझ रहे सुब्रत रॉय का दिल का दौरा पड़ने के कारण मंगलवार रात साढ़े 10 बजे निधन हो गया। सुब्रत रॉय की तबीयत बिगड़ने के बाद रविवार को मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सहारा ग्रुप की ओर से जारी बयान में कहा गया कि उनका नुकसान पूरे सहारा इंडिया परिवार को गहराई से महसूस होगा. सहाराश्री जी उन सभी के लिए एक मार्गदर्शक शक्ति और प्रेरणा के स्रोत थे।

By Super Admin | November 15, 2023 | 0 Comments

सुब्रत रॉय का सफरनामाः कभी खटारा स्कूटर से शुरू किया था व्यवसाय, 40 साल में 45 सौ कंपनियों के मालिक बने


Lucknow: मशहूर उद्योगपति और सहारा ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय सहारा का 75 वर्ष में निधन हो गया है। सुब्रत रॉय असाधारण प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने फर्श से अर्स तक सफर तय किया था। सुब्रत राय सहारा कभी वह गोरखपुर में खटारा स्कूटर से चलते थे। 30 साल की उम्र में ही सुब्रत रॉय ने सहारा इंडिया नाम से कंपनी का गठन किया था। वह सहारा इण्डिया परिवार के संस्थापक, प्रबंध निदेशक व अध्यक्ष थे। अपने 40 साल के कारोबारी सफर में उन्होंने 4500 कंपनियों की स्थापना की।


गोरखपुर से शुरू किया व्यवसाय
सुब्रत राय सहारा का जन्म 10 जून 1948 को बिहार के अररिया जिले में सुधीर चन्द्र रॉय और छबि रॉय के घर में हुआ था. पश्चिम बंगाल उनका मूल निवास है। उन्होंने कोलकाता के होली चाइल्ड स्कूल में प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद राजकीय तकनीकी संस्थान गोरखपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया. उन्होने 1978 में गोरखपुर से अपना व्यवसाय प्रारंभ किया.

3 साल जेल में रहना पड़ा


बता दें कि सबसे पहले चिटफंड क्षेत्र में उतरे सुब्रत राय ने बाद में मीडिया, फिल्म, खेल, टीवी और आखिरकार रियल एस्टेट से लेकर हेल्थ सेक्टर तक में हाथ आजमाएं और खूब तरक्की की। बिल क्लिंटन से लेकर भारत और पाकिस्तान की क्रिकेट टीम और फिल्मी सितारों से लेकर देश के टॉप कॉरपोरेट तक से सुब्रत रॉय की बेहद नजदीकी थी। सुब्रत राय अपने जीवन के अंतिम सालों में संकट से घिरे नजर आए. सेबी और सुप्रीम कोर्ट के सख्त रवैये के चलते न केवल उनको जेल की हवा खानी पड़ी बल्कि उनकी ताकत भी बहुत कम हो गई। सुब्रत राय को 3 साल तक जेल में रहना पड़ा।

कभी भारत के 10 सर्वशक्ति संपन्न लोगों में शामिल थे


इण्डिया टुडे ने उनका नाम भारत के दस सर्वाधिक शक्ति संपन्न लोगों में शामिल किया था। सन् 1978 में सहारा इण्डिया परिवार की स्थापना की। सन् 2004 में टाइम पत्रिका ने सहारा समूह को भारतीय रेल के बाद दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता बताया था। सुब्रत रॉय पुणे वॉरियर्स इंडिया, ग्रॉसवेनर हाउस, एमबी वैली सिटी, प्लाजा होटल, ड्रीम डाउनटाउन होटल के मालिक थे।

1978 में सहारा इंडिया परिवार की स्थापना


सुब्रत रॉय ने 1978 में गोरखपुर में सहारा इंडिया परिवार की स्थापना की। कंपनी के वह प्रबंध कार्यकर्ता (प्रबंध निदेशक) और चेयरमैन थे. यह भारत की एक बहु-व्यापारिक कंपनी है, जिसका दायरा वित्तीय सेवाओं, गृह निर्माण, वित्त (हाउसिंग फाइनेंस), म्युचुअल फंडों, जीवन बीमा, नगर-विकास, रीयल-इस्टेट, अखबार एवं टेलीविजन, फिल्म-निर्माण, खेल, सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, पर्यटन, उपभोक्ता सामग्री सहित अनेक क्षेत्रों में फैला हुआ है।

35000 करोड़ निवेशकों को न लौटाने पर गए जेल


समाजवादी पार्टी की सरकार उत्तर प्रदेश में जब-जब बनी सुब्रत राय अपने चरम पर रहे. 2014 के दौरान समाजवादी पार्टी की ही सरकार के समय सेबी की शिकायत पर सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों का पैसा ना लौटाने के मामले में सुब्रत राय को जेल भेज दिया था और वह करीब 3 साल तक जेल में रहे। इस दौरान उनका जलवा बहुत कम हुआ. कभी अमिताभ बच्चन, अमर सिंह से के बेहद करीब रहे सहाराश्री से लोगों ने दूरी बना ली. लगातार सुप्रीम कोर्ट उन पर दबाव बना रहा था. उन पर करीब 35000 करोड़ की देनदारियां बन रही थी. इसको लेकर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि अगर उनके पास 4500 कंपनियों का स्वामित्व है तो 35000 करोड़ रुपए उनके लिए कुछ भी नहीं है. इन्हीं दबावों के बीच सुब्रत राय का निधन हो गया।

By Super Admin | November 15, 2023 | 0 Comments

मशहूर शायर मुन्नवर राना का निधन, आवास पर श्रद्धांजलि देने वालों का लगा तांता, पीएम ने भी जताई शोक संवेदना

Lucknow: मशहूर शायर मुनव्वर राना का लंबी बीमारी के बाद रविवार देर रात निधन हो गया। मुन्नवर पिछले चार दिनों से पीजीआई में भर्ती थे। उन्होंने रात करीब 11 बजे के अंतिम सांस बाद ली। बेटी सुमैया राना ने मुनव्वर राना की मौत की पुष्टि की है। मुन्नवर राना को अंतिम विदाई देने के लिए देश भर से शायर और उनके प्रसंशक पहुंच रहे हैं। इसके साथ ही नेता भी श्रद्धांजलि देने पहुंच रहे हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी मुन्नवर राना को श्रद्धांजलि देने पहुंचे और परिवार के लोगों को ढांढस बंधाया। इसके साथ ही पीएम मोदी ने भी एक्स पर पोस्ट कर मुन्नव राना को श्रद्धांजलि दी है।

ऐशबाग के कब्रिस्तान में किया जाएगा सुपुर्द-ए-खाक

बता दें कि ऐशबाग स्थित कब्रिस्तान में जोहर के बाद किया मुन्नवर राना को सुपुर्दे ए खाक किया जाएगा। बता दें कि मशहूर शायर मुन्नवर राना के इंतकाल से रायबरेली में शोक की लहर है। मुनव्वर राना के पैतृक आवास में मुनव्वर राना के चाहने वालों का तांता लगा है। शहर के किला बाजार में मुनव्वर राना का पैतृक आवास है।

By Super Admin | January 15, 2024 | 0 Comments

ऋतुराज सिंह ने दुनिया को कहा अलविदा , दिल का दौरा पड़ने से हुआ निधन

एक और सितारे ने दुनिया को अलविदा कर दिया है। मशहूर टीवी एक्टर ऋतुराज सिंह का 59 की उम्र में निधन हो गया है। एक्टर की मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट को बताया जा रहा है। वहीं ऋतुराज सिंह के करीबी दोस्त ने उनकी मौत की खबर को कंफर्म किया।

कला जगत में शोक की लहर

एक बार फिर एंटरटेनमेंट की दुनिया से बेहद दुखद और शॉकिंग खबर सामने आई है। मशहूर टीवी एक्टर ऋतुराज सिंह का निधन हो गया है। 59 की उम्र में एक्टर ने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया है। वहीं एक्टर की मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट बताया जा रहा है. दिग्गज कलाकार की मौत की खबर से उनके फैंस को तगड़ा झटका लगा है। एक्टर के परिवारवाले भी सदमे में हैं। हर तरफ सन्नाटा पसर गया है।

कैसे हुआ ऋतुराज सिंह का निधन

एक्टर के दोस्त ने ऋतुराज की मौत को कंफर्म किया है। उन्होंने बताया ’कि ऋतुराज को बीती रात करीब 12:30 बजे कार्डियक अरेस्ट आया था, जिसके बाद उनका निधन हो गया’ जानकारी के अनुसार ऋतुराज को पहले से पैंक्रियाज से संबंधित हेल्थ इश्यूज थे और उनका ट्रीटमेंट भी चल रहा था।

By Super Admin | February 20, 2024 | 0 Comments

नहीं रहे रेडियो के सबसे बड़े फनकार अमीन सयानी, 91 की उम्र में ली अंतिम सांस, हार्ट अटैक से हुआ निधन

एंटरटेनमेंट की दुनिया से एक दुखद खबर आई है। रेडियो की दुनिया में आवाज के जादूगर कहे जाने वाले दिग्गज रेडियो प्रेजेंटर अमीन सयानी का निधन हो गया है। अमीन सयानी ने 91 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। जो लोग रेडियो की दुनिया को जानते हैं, उन्हें पता है कि अमीन सयानी कौन थे? रेडियो को सुनने वाले ‘बिनाका गीतमाला’ के उस अनाउंसर को लोग आज तक नहीं भूले हैं, जो बड़ी एनर्जी और मेलोडियस अंदाज में ‘बहनों और भाइयो’ कहता था। उस अमीन सयानी ने आज दुनिया से वह अलविदा कह गए, उनके निधन की खबर ने लोगों को दुखी कर दिया है। 21 दिसंबर, 1932 को मुंबई में जन्मे अमीन सयानी के निधन की खबर को उनके बेटे रजिल सयानी ने कंफर्म किया है।

20 फरवरी की शाम को तोड़ा दम

अमीन सयानी की मौत की खबर से उनके फैंस में शोक की लहर दौड़ गई है। अमीन सयानी के बेटे राजिल सयानी ने पिता ने निधन की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि मंगलवार (20 फरवरी) को उनके पिता को उनके दक्षिण मुम्बई स्थित घर पर ही हार्ट अटैक आया, जिसके बाद आनन-फानन ने उन्हें नजदीक के एच. एन. रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल में ले गया। डॉक्टर्स ने उन्हें बचाने की हर संभव कोशिश की। कुछ देर इलाज के बाद डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

लंबे वक्त से बीमार थे अमीन सयानी

अमीन सयानी पिछले काफी वक्त से अपने स्वास्थ्य संबंधित परेशानी से गुजर रहे थे। पिछले 12 साल से पीठ दर्द‌ की भी शिकायत थी और यही वजह है कि उन्हें चलने‌ के लिए वॉकर‌ का इस्तेमाल करना पड़ता था।

By Super Admin | February 21, 2024 | 0 Comments

जाने-माने न्यायविद फली एस नरीमन नहीं रहे, 95 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

देश के जाने-माने न्यायविद और इंदिरा गांधी की सरकार में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल रहे फली एस. नरीमन का 95 साल की उम्र में निधन हो गया। 70 सालों से ज्यादा समय तक कानूनविद के तौर पर काम करने वाले नरीमन को 1991 में पद्म भूषण और 2007 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

1950 में वकील के रूप में शुरु किया करियर

10 जनवरी 1929 को म्यांमार में जन्मे फली एस. नरीमन के जीवन का शुरुआती समय मुंबई में बीता। उन्होंने गवर्नमेंट लॉ कॉलेज और मुंबई यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी की। लॉ में डिग्री हासिल करने के बाद 1950 में बॉम्बे हाई कोर्ट से एक वकील के तौर पर करियर की शुरुआत की। वो कितने प्रतिभावान थे इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हाई कोर्ट में रजिस्ट्रेशन होने के मात्र 11 साल बाद ही उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ता का पद दे दिया गया था।संवैधानिक मामलों के जानकार होने के साथ नरीमन को नागरिकों की स्वतंत्रता के पैरोकार के रूप में भी जाना गया। साल 1972 से वो मुंबई से नई दिल्ली आए और सुप्रीम कोर्ट में वकालत शुरू की। 1972 में इंदिरा गांधी की सरकार में उन्हें एडिशनल सॉलिसिटर जनरल बनाया गया।

’सांसद-विधायकों की खरीद फरोख्त को घोड़ों से जोड़ना गलत’

80 और 90 के दशक में जब सांसदों और विधायकों की खरीद-फरोख्त का मामला उठा था, तब फली एस नरीमन ने इस शब्दावली पर जबरदस्त टिप्पणी देते हुए कहा था कि सांसद-विधायकों की खरीद फरोख्त को घोड़ों से जोड़ना गलत है। घोड़े वफादार होते हैं। इंसानों की गलती के लिए हॉर्स ट्रेडिंग शब्द का इस्तेमाल करना घोडों का अपमान करने जैसा है।

आपातकाल के फैसले के विरोध में ASG पद से दिया था इस्तीफा

फली एस. नरीमन ने हमेशा नागरिकों की स्वतंत्रता और उनके अधिकारों की पैरवी की। वह इंदिरा गांधी की सरकार में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) थे, लेकिन जब उनकी ही सरकार में आपातकाल की घोषणा की गई तो उन्होंने फैसले का विरोध किया और ASG पद से इस्तीफा दे दिया।

कानून जगत नरीमन के निधन से शोकाकुल

फली एस नरीमन के निधन पर कानूनी जगत ने श्रद्धांजलि दी। इसमें कपिल सिब्बल, प्रशांत भूषण और इंदिरा जयसिंह जैसे दिग्गजों ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। कपिल सिब्बल ने कहा “देश के एक महान बेटे का निधन हुआ था है। वह भारत के महान वकील और इंसानों में से एक थे। वहीं इंदिरा जयसिंह ने कहा “कि वरिष्ठ अधिवक्ता फली एस. नरीमन इस दुनिया में नहीं रहे। जिन्होंने भारत में संवैधानिक कानून के इतिहास को आकार देने का काम किया।" प्रशांत भूषण ने नरीमन को श्रद्धांजलि देते हुए 'वकीलों का भीष्म पितामह' बताया और कहा कि उनका जाना कानूनी समुदाय और देश के लिए बड़ी क्षति है।'

By Super Admin | February 21, 2024 | 0 Comments

सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी का निधन, परिवार ने AIIMS को डोनेट किया पार्थिव शरीर

मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (CPI(M)) के महासचिव और लेफ्ट फ्रंट के फेमस नेता सीताराम येचुरी ने गुरुवार को अंतिम सांस ली। वो काफी समय से दिल्ली एम्स में एडमिट थे। भारतीय राजनीति में 72 साल के सीताराम येचुरी काफी बड़ा नाम रहे हैं। पार्टी की तरफ से मौत की जानकारी देते हुए बताया गया कि हमें बहुत दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि सीपीआई (एम) महासचिव, हमारे प्रिय कॉमरेड सीताराम येचुरी का आज 12 सितंबर को दोपहर 3.03 बजे एम्स, नई दिल्ली में निधन हो गया। वो श्वसन तंत्र के संक्रमण से पीड़ित थे, जिसके कारण जटिलताएं पैदा हो गई थीं।

सीताराम येचुरी के शरीर को किया गया डोनेट!

मीडिया रिपोट्स के मुताबिक, सीताराम येचुरी के परिवार ने शिक्षण रिसर्च के लिए सीताराम येचुरी के शरीर को AIIMS नई दिल्ली को डोनेट करने का निर्णय किया है। येचुरी को 19 अगस्त को तेज बुखार होने के बाद AIIMS इंटरजेंसी में एडमिट कराया गया था, हाल ही में उनकी मोतियाबिंद की सर्जरी हुई थी। आपको बता दें, सीताराम येचुरी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (CPI-M) के महासचिव थे। वो साल 1992 से सीपीआई (एम) के पोलित ब्यूरो के सदस्य भी थे। वहीं, येचुरी 2005 से 2017 तक पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के सांसद रहे थे। सीताराम येचुरी 1974 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) में शामिल हुए थे। जिसके एक साल के बाद वो भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) में शामिल हो गए थे।

राहुल गांधी बोले ‘सीताराम येचुरी मेरे मित्र थे’

https://twitter.com/RahulGandhi/status/1834180519333937178

सीताराम येचुरी के निधन पर शोक जताते हुए राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा कि सीताराम येचुरी जी मेरे मित्र थे। भारत के विचार के रक्षक और हमारे देश की गहरी समझ रखने वाले थे। मुझे हमारी लंबी चर्चाएं याद आएंगी। दुख की इस घड़ी में उनके परिवार, मित्रों और अनुयायियों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना।

ममता बनर्जी बोलीं ‘येचुरी का निधन राजनीति के लिए क्षति’

https://twitter.com/MamataOfficial/status/1834181010151325730

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शोक जताते हुए एक्स पर लिखा ये जानकर दुख हुआ कि सीताराम येचुरी का निधन हो गया है। वो एक अनुभवी सांसद थे और उनका निधन राष्ट्रीय राजनीति के लिए एक क्षति है। मैं उनके परिवार, मित्रों और सहकर्मियों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं।

कौन थे सीताराम येचुरी?

सीताराम येचुरी का जन्म 12 अगस्त 1952 को मद्रास (चेन्नई) में हुआ था। वो एक तेलुगु भाषी ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखते थे। येचुरी के पिता सर्वेश्वर सोमयाजुला येचुरी आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में इंजीनियर थे। उनकी मां कल्पकम येचुरी एक सरकारी अधिकारी थीं। वो हैदराबाद में पले-बढ़े थे। सीताराम येचुरी ने दसवीं कक्षा तक हैदराबाद के ऑल सेंट्स हाई स्कूल में पढ़ाई की थी। उन्होंने प्रेसिडेंट्स एस्टेट स्कूल नई दिल्ली में दाखिला लिया और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड उच्चतर माध्यमिक परीक्षा में अखिल भारतीय प्रथम रैंक हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली से अर्थशास्त्र में बीए (ऑनर्स) की पढ़ाई की और फिर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से म.ए अर्थशास्त्र किया। इमरजेंसी के समय जे.एन.यू में छात्र रहते उन्हें गिरफ्तार किया गया था।

By Super Admin | September 12, 2024 | 0 Comments

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