एक्टर-सिंगर दिलजीत दोसांझ के कॉन्सर्ट की टिकट की कीमत 20 से 25 हजार बताई जा रही है। जिसको लेकर तमाम रिएक्शन भी आए और अब सोशल मीडिया पर दिलजीत के कॉन्सर्ट पर बनते मीम से ये मसला और भी वायरल हो रहा है। वैसे आपको बता दें, दिलजीत दोसांझ भारत के उन सिंगर्स में शामिल हैं, जिनके कॉन्सर्ट देश के साथ ही विदेशों में भी खूब पसंद किए जा रहे हैं और हाउसफुल भी हो रहे हैं। लेकिन अब इस पर एक तगड़ा रिएक्शन भी आया है।

जल्द ही दिल्ली में होगा कॉन्सर्ट

एक्टर-सिंगर दिलजीत दोसांझ के गानों के क्रेज के चलते उनके कॉन्सर्ट हाउसफुल जा रहे हैं। वहीं, दिलजीत अपने 'दिल-लुमिनाती वर्ल्ड टूर' पर हैं और इस टूर पर विदेशों में उनके कई शोज सोल्ड-आउट रहे हैं। अब दिलजीत जल्द ही दिल्ली में भी परफॉर्म करने वाले हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, दिलजीत दिल्ली में 26 अक्टूबर को जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में परफॉर्म करेंगे। लेकिन इसी बीच दिलजीत के इस शो में महंगे टिकट को लेकर सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ने उनकी आलोचना कर दी है।

गुरदास मान ने लिया दिलजीत का पक्ष

सोशल मीडिया पर एक इन्फ्लुएंसर ने कहा कि 'एक इंडियन आर्टिस्ट को कॉन्सर्ट टिकट के लिए 20-25 हजार रुपये चार्ज करने का कोई हक नहीं है।' जिसके बाद पंजाबी म्यूजिक आइकॉन गुरदास मान ने दिलजीत के कॉन्सर्ट में टिकट के महंगे प्राइस का बचाव किया है। एक इंटरव्यू में गुरदास ने 'महंगाई' का हवाला देते हुए कहा कि सुनने वालों के लिए 19 हजार रुपये कुछ मायने नहीं रखते हैं। यूनाइटेड किंगडम में हुए शोज पर बात करते हुए गुरदास ने कहा, 'यूके में तो ये नहीं है कि शो के लिए थोड़ी अनाउंसमेंट हो जाए, थोड़ा सा भर जाएगा या किसी से प्रमोशन करवा दो। वहां जाने से पहले ही शो सोल्ड-आउट हो चुके होते हैं। पहुंचने के बाद तो जो दो-चार सीटें बची होती हैं वो भी लोग ले लेते हैं। वो भी चाहते हैं कि हम पहली सीट पर आ जाएं। पहली सीटें वो लोग लेते हैं जो आशिक होते हैं, करीबी होते हैं (आर्टिस्ट के), चाहे घर बिक जाए ऐसे भी आशिक हैं।'

गुरदास बोले 'महंगाई कितनी है बाबाजी'

आगे गुरदास मान ने कहा कि, 'महंगाई कितनी है बाबाजी! 19 हजार मेरे हिसाब से उस वक्त के टिकटों के हिसाब से कम ही हैं। उस वक्त सौ रुपये की क्या कीमत थी सौ की कीमत हजार लगा लीजिए तो कितने बनते हैं, है न! जो शो देखने वाले हैं उनके लिए ये सारी चीजें, 19 हजार मायने नहीं रखते। 19 हजार उन लोगों के लिए हैं जो सामने बैठकर देखना चाहते हैं। बाकियों के लिए पीछे खुला भी है। हमारे शोज में भी होता है ऐसा। सुनने की जो तलब है, जो ख्वाहिश है, वो मायने रखती है।'