ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा विश्वविद्यालय ने शिक्षा मंत्रालय इनोवेशन सेल की ‘मेंटर मेंटी योजना’ के तहत नवाचार और उद्यमिता पर दो दिवसीय प्रशिक्षण और एक्सपोजर कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम का उद्घाटन इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव भुवनेश कुमार और डॉ. अरविंद कुमार ने किया।

‘रचनात्मकता करती है सृजन, अवसर की पहचान, समस्या समाधान को प्रेरित करती’

शारदा विश्वविद्यालय के प्रो चांसलर वाईके गुप्ता ने संबोधन के दौरान इस बात पर जोर दिया कि उद्यमियों के लिए रचनात्मकता आवश्यक है, जो विचार सृजन, अवसर की पहचान, समस्या समाधान, नवाचार और विशिष्टीकरण को प्रेरित करती है। साथ ही कहा कि उद्यमिता एक नया व्यवसाय शुरू करने और उसे प्रबंधित करने की कला है, जिसमें अवसर की पहचान, सोच-समझकर जोखिम उठाना और बदलती बाजार मांगों को पूरा करने के लिए समाधान तैयार करना शामिल है। रचनात्मक उद्यमी जोखिम उठाते हैं, प्रभावी ढंग से संवाद करते हैं और लगातार सीखते और अनुकूलन करते हैं। रचनात्मकता उद्यमियों को चुनौतियों का सामना करने, अवसरों को भुनाने, नए समाधान बनाने और सफल उद्यम बनाने में सक्षम बनाती है। विश्वविद्यालय में अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता गतिविधियों को मजबूत करने के लिए और अधिक सहायता प्रदान करने का पुरजोर आश्वासन दिया।

‘संस्थानों में उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देना कार्यक्रम का उद्देश्य’

डीन रिसर्च डॉ भुवनेश कुमार ने बताया कि कार्यक्रम उद्देश्य सैद्धांतिक ज्ञान और व्यावहारिक अनुप्रयोगों के बीच अंतर को पाटना और शैक्षणिक संस्थानों में नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देना है। छात्रों, शिक्षकों और अनुसंधान विद्वानों ने नवाचार और उद्यमिता के प्रति अपनी ताकत दिखाने के लिए उत्साहपूर्वक भाग लिया। विश्वविद्यालय उद्यमशीलता को बढ़ावा देने तथा छात्रों और शिक्षकों के बीच रचनात्मकता और उद्यम की संस्कृति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

इस दौरान वाइस चांसलर डॉ सिबाराम खारा, शारदा लॉन्चपैड विभाग के डॉ. अमित सहगल और आईपीआर प्रमुख प्रोफेसर अविनाश कुमार समेत अन्य संकाय डीन और एचओडी मौजूद रहे ।