सूबे की योगी सरकार ने विशेष अनुदान की घोषणा की है. ये विशेष अनुदान गंगा तटवर्ती इलाकों के किसानों को खेती के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से दिया जाएगा. यह अनुदान गंगा के किनारे पांच किलोमीटर के दायरे में रहने वाले और शाक-भाजी की खेती करने वाले किसानों को मिलेगा. इस योजना के तहत किसानों को प्रति हेक्टेयर 20 हजार रुपये का अनुदान मिलने वाला है.

'पहले आओ, पहले पाओ' की तर्ज पर मिलेगा लाभ
जिला उद्यान अधिकारी मेवाराम ने बताया कि इस योजना का लाभ 'पहले आओ, पहले पाओ' की तर्ज पर दिया जाएगा. किसानों को आवेदन करने के लिए विभाग की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करना होगा. इसके अतिरिक्त किसानों को मुफ्त में पौधे भी प्रदान किए जाएंगे. जिससे वे अपनी फसलों को बेहतर तरीके से उगा सकें. मिर्जापुर जिले के करीब 134 गांव गंगा के तटीय क्षेत्र में आते हैं. मानसून के दौरान जब गंगा का जलस्तर बढ़ता है. तो इन क्षेत्रों में खेती संभव नहीं हो पाती. इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह योजना शुरू की है. जिससे बारिश के बाद किसान अपनी खेती फिर से शुरू कर सकें. इस योजना के तहत किसान टमाटर, बैंगन, लौकी, और तरोई जैसी रवि की प्रमुख फसलों की खेती कर सकते हैं. अगर किसान एक्सीलेंस सेंटर से बीज खरीदते हैं. तो उनका पैसा भी वापस मिल जाएगा. इसके अलावा सब्जियों को सुरक्षित रखने के लिए क्रैक्स भी उपलब्ध कराए जाएंगे.

सितंबप महीने तक किसान कर सकते हैं आवेदन
किसान सितंबर महीने तक इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन कर सकते हैं. सरकार का लक्ष्य है कि लगभग 250 हेक्टेयर में शाक-भाजी की खेती हो. जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो सके. यह योजना गंगा तटीय इलाकों में कृषि को पुनर्जीवित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है. जो न केवल किसानों की आय में सुधार करेगी. बल्कि उन्हें नई तकनीकों और संसाधनों का उपयोग करने के लिए भी प्रोत्साहित करेगी.