महाराष्ट्र के बदलापुर में दो बच्चियों के यौन दुर्व्यवहार के मामले में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपना गुस्सा जाहिर किया है. दरअसल बदलापुर में शख्स ने तीन साल की दो बच्चियों का उत्पीड़न किया था. कोलकाता रेप-मर्डर केस पर बवाल के बीच सामने आई इस घटना पर अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी का कहना है, "क्या एफआईआर दर्ज कराने के लिए भी आंदोलन करना पड़ेगा.
"पीड़ितों के लिए थाने तक जाना भी हुआ मुश्किल?"
इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि "पश्चिम बंगाल, यूपी, बिहार के बाद महाराष्ट्र में भी बेटियों के खिलाफ शर्मनाक अपराध सोचने पर मजबूर करते हैं कि हम एक समाज के तौर पर कहां जा रहे हैं?" उन्होंने कहा "क्या अब FIR तक दर्ज कराने के लिए भी आंदोलन करने पड़ेंगे? आखिर पीड़ितों के लिए पुलिस थाने तक जाना भी इतना मुश्किल क्यों हो गया है?" राहुल गांधी ने आगे कहा कि FIR दर्ज नहीं होना न सिर्फ पीड़ितों को हतोत्साहित करता है. बल्कि अपराधियों का हौसला भी बढ़ाता है. सभी सरकारों, नागरिकों और राजनीतिक दलों को गंभीर मंथन करना होगा कि समाज में महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने के लिए क्या कदम उठाए जाएं." उन्होंने कहा कि "न्याय हर नागरिक का अधिकार है. उसे पुलिस और प्रशासन की ‘मर्जी का मोहताज’ नहीं बनाया जा सकता."
क्या है बदलापुर उत्पीड़न का पूरा मामला?
13 अगस्त को तीन और चार साल की दो किंडरगार्टन बच्चियों के साथ कथित तौर पर स्कूल के शौचालय में एक चौकीदार अक्षय शिंदे द्वारा यौन शोषण किया गया था. यह घटना तब लोगों की नजर में आई जब 16 अगस्त को पीड़ितों में से एक ने अपने माता-पिता को इस दुर्व्यवहार के बारे में बताया. जिसके बाद 17 अगस्त 146 को शिंदे की गिरफ़्तारी हुई. इस मामले की वजह से महाराष्ट्र के बदलापुर में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें हजारों लोगों ने अपना गुस्सा जाहिर किया. इस दौरान हिंसा और तोड़फोड़ भी हुई. प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया, जिससे कई ट्रेनों का मार्ग बदलना पड़ा. पुलिस को भी देरी से प्रतिक्रिया देने के लिए लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा. इस मामले में तीन अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है.
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