भारतीय रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड को किसी भी ग्राहक खाते, प्रीपेड साधन, वॉलेट एवं फास्टैग आदि में 29 फरवरी, 2024 के बाद जमा या टॉप-अप स्वीकार करने से रोक दिया था. जिसके बाद से ही पेटीएम के शेयरों मे लगातार गिरावट देखी जा सकती है. बता दें कि Paytm के शेयर 350 रुपए से नीचे चले गए हैं. जोकि 52 हफ्तों का निचला स्तर है. खास बात ये है कि बीते 10 दिनों में कंपनी के शेयरों में 55 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल चुकी है. इसके अलावा निवेशकों को 26 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो चुका है.

निवेशकों को लगा 26 हजार करोड़ का चूना

बता दें कि 31 जनवरी के दिन कंपनी का मार्केट कैप 48,334.71 कराेड रुपए था. जोकि आज 10 फीसदी और गिरावट कर 21,747.44 करोड रुपए पर आ गया है. बीते 10 कारोबारी दिनों में 26,587.27 करोड़ रुपए की गिरावट देखने को मिल चुकी है। जो कि निवेशकों का नुकसान भी है. अगर किसी निवेशकों के पेटीएम के 1000 शेयर थे. जिनकी वैल्यू 31 तारीख तक 761000 जिनकी वैल्यू में अब 3,48,600 रुपए पर आ गए हैं. इसका मतलब है कि ऐसे निवेशकों को पेटीएम पर 1000 शेयर पर 4,12,400 रुपए का नुकसान हो चुका है.

RBI ने की थी कंपनी पर ये कार्रवाई

RBI ने वन97 कम्युनिकेशंस की सहयोगी कंपनी पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबी) पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा था कि नियमों के लगातार उल्लंघन की वजह से कंपनी पर कार्रवाई जरूरी थी. दरअसल रेगुलेटर को केवाईसी में बड़ी अनियमितताएं मिलीं, जिससे कस्टमर्स, डिपॉजिटर्स, वॉलेट होल्डर्स को गंभीर जोखिम का सामना करना पड़ा. रेगुलेटर को अपनी जांच में मिला कि हजारों मामलों में, एक ही पैन 100 से अधिक कस्टमर्स से और कुछ मामलों में 1,000 से अधिक कस्टमर्स एक ही पैन कार्ड से जुड़ा हुआ था. जिसकी वजह से रेगुलेटर को मनी लॉड्रिंग का भी शक हुआ.

कई एजेंसीज ने पेटीएम की  रेटिंग को किया कम

आरबीआई के निर्देश के बाद से लगभग दो हफ्तों में, CLSA, मॉर्गन स्टेनली, जेफ़रीज़, बर्नस्टीन जैसे विदेशी ब्रोकरेज एजेन्सीज ने वन 97 कम्युनिकेशंस (पेटीएम) के लिए अपने टारगेट प्राइस में 20-60 फीसदी की कटौती की है. जिसमें मैक्वेरी स्ट्रीट ने सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए वन97 कम्युनिकेशंस को ‘अंडरपरफॉर्म’ की श्रेणी में डाल दिया है और टारगेट प्राइस को 650 रुपए से कम कर 275 रुपए कर दिया है.