नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओंलपिक में मेडल हासिल करके रिकॉर्ड कायम किया, तो सोशल मीडिया पर सिर्फ 26 साल के एथलीट पर बायोपिक बनने की बातें होने लगीं। लेकिन क्या आप ओलंपिक में पहले गोल्ड जीतने से लेकर सुनहरी यादों पर बनी फिल्मों के बारे में जानते हैं...
गोल्ड ( 2018)
अक्षय कुमार स्टारर फिल्म गोल्ड भारतीय हॉकी प्लेयर किशन लाल की बायोपिक थी। मौजूदा समय में हॉकी टीम की प्रतिभा देश में हॉकी के स्वर्णिम युग की वापसी की आहट दे रही है। साल 2018 में रिलीज हुई फिल्म गोल्ड में अक्षय कुमार ने भारतीय हॉकी प्लेयर किशन लाल की भूमिका अदा की थी। फिल्म में राष्ट्रगान से शुरु होने वाला सवाल राष्ट्रगान के जवाब पर जाकर खत्म होता दिखाया गया है। गोल्ड एक बेहेतरीन बायोपिक का उदाहरण है।
भाग मिल्खा भाग ( 2013)
फरहान अख्तर स्टारर फिल्म 'भाग मिल्खा भाग' ओलंपिक इवेंट्स (1956, 1960 और 1964) में भारत को रिप्रेजेंट करने वाले लेजेंड एथलीट मिल्खा सिंह पर फिल्म 'भाग मिल्खा भाग' एक बेहेतरीन बायोपिक फिल्म है। जिससे युवा प्रेरणा लेते हैं। फिल्म में मिल्खा सिंह का रोल फरहान अख्तर ने बखूबी निभाया है।
साइना ( 2021)
साल 2021 में ओलंपिक गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन प्लेयर साइना नेहवाल की जिंदगी पर फिल्म बनाई गई थी। साइना साल 2012 में रिलीज हुई थी। परिणीति चोपड़ा स्टारर 'साइना' में हैदराबाद से निकलीं लड़की कैसे वर्ल्ड चैंपियन बनने तक का सफर तय करती है, ये दिखाया गया है।
सूरमा ( 2018)
फिल्म 'सूरमा' संदीप सिंह की बायोपिक है। इस फिल्म में उनका किरदार दिलजीत दोसांझ ने निभाया है। साल 2012 के लंदन ओलंपिक में जब भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 8 साल बाद क्वालिफाई किया था, तब क्वालिफायर में सबसे ज्यादा 16 गोल संदीप सिंह ने ही किए थे। फिर साल 2006 में उनकी कमर में गोली लगने के बाद उनकी लोअर बॉडी पैरालाईज हो गई थी और डॉक्टर्स ने बताया कि वो अपने पैरों पर खड़े न हो पाएंगे। लेकिन संदीप सिंह ने कमबैक करके दिखाया।
मैरी कॉम ( 2014)
मैरी कॉम महिलाओं को इंस्पायर करने वाली सबसे बेहेतरीन फिल्मों में से एक है। इस फिल्म में प्रियंका चोपड़ा ने मैरी कॉम का रोल प्ले किया था। पहली बार ओलंपिक में क्वालीफाई (2012, लंदन) करने वाली और ब्रॉन्ज मैडल जीतने वालीं भारतीय महिला बॉक्सर मैरी कॉम की कहानी एक महिला की जिंदगी के उतार-चढावों को भी दिखाती है।
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