नरेंद्र मोदी रविवार, 9 जून को विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नरेंद्र मोदी 9 जून को प्रधानमंत्री पद की शपथ ले कते हैं। शाम को 6 बजे पीएम मोदी का शपथ ग्रहण कार्यक्रम होगा। लोकसभा चुनाव 2024 में एक बार फिर से बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को बहुमत मिला है। एनडीए की तरफ से बुधवार को सर्वसम्मति से नरेंद्र मोदी को अपना नेता चुनाव चुना गया है, जिसके साथ ही नई सरकार के गठन की तैयारियां भी शुरू हो गईं हैं।
नई सरकार की सूरत बदली-बदली
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बीजेपी का 400 पास सीटों को सपना रहा, लेकिन इस बार एनडीए ने कुल 293 सीटें जीती हैं, जो 543 सदस्यीय सदन में बहुमत के 272 के आंकड़े से ज्यादा है। इस बार इंडिया गठबंधन ने बीजेपी को कांटे की टक्कर दी। विपक्षी इंडिया गठबंधन को 234 सीटें मिली हैं, जबकि 17 सीटें अन्य के खाते में गई हैं।
इस बार नई सरकार की सूरत बदली-बदली नजर आ सकती है, क्योंकि चुनाव में बीजेपी पूर्ण बहुमत से आंकड़े से काफी दूर रह गई है। पॉलिटिक्स के जानकारों का मानना है कि सरकार बनाने में बीजेपी भले ही सफल हो जाए, लेकिन इस बार उसके लिए परिस्थिति बिल्कुल अलग हैं। नरेंद्र मोदी के पिछले दो कार्यकाल में पार्टी ने अपने दम पर बहुमत हासिल किया था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है, इसलिए बीजेपी को अपने सहयोगी दलों पर निर्भर रहना पड़ेगा। जिसमें नीतीश कुमार की जेडीयू और चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी की भूमिका काफी रहने वाली है।
जेपी नड्डा के घर पर हुई बैठक में लिया गया फैसला
लोकसभा चुनाव में तीसरी बार जीत के बाद गुरुवार को पार्टी की एक बड़ी बैठक भी हुई। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह और बीजेपी के सीनियर नेता मौजूद थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मीटिंग में आगे की रणनीति के बारे में विचार-विमर्श किया गया। जेपी नड्डा के घर पर हुई इस बैठक में मंत्रिपरिषद के गठन में एनडीए के घटक दलों की भागीदारी सहित कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई।
श्रीलंका के राष्ट्रपति को शपथ समारोह का न्योता
9 जून को होने वाले इस शपथ समारोह के लिए श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को न्योता दिया गया है। लिए श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के कार्यालय के मीडिया प्रभाग ने बताया कि मोदी ने उन्हें शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया है। इसी के साथ ही उम्मीद की जा रही है कि श्रीलंका के साथ ही बांग्लादेश, भूटान, नेपाल और मॉरीशस के नेताओं को आमंत्रित किया जा सकता है।
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