Greater Noida: स्क्रैप माफिया रवि काना और उसकी गर्लफ्रेंड काजल झा नोएडा पुलिस की गिरफ्त में है। लुक्सर जेल में बंद रवि काना और उसकी गर्लफ्रेंड काजल झा से लगातार पुलिस पूछताछ कर रही है। ताकि इनके काले कारनामों को सामने लाया जा सके। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दोनों ने कई बड़े सफेदपोशों के नाम पुलिस की पूछताछ में उगले हैं। पुलिस अब उनसे भी पूछताछ करने की तैयारी कर रही है, जिनके नाम सामने रहे हैं। जो उसके स्क्रैप के काले धंधे में शामिल हैं। पुलिस ने ये नाम अपनी केस डायरी में भी दर्ज किए हैं। पिछले साल जुलाई महीने में रवि काना, पत्नी मधु नागर और गर्लफ्रेंड काजल झा समेत 16 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इस खबर के माध्यम से हम आपको बताने जा रहे हैं अब तक कितने आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है और कितने को जमानत मिल चुकी है। क्योंकि मधु नागर की जमानत पर बाहर आने के बाद सवाल ये भी उठ रहा है कि माफिया रवि काना की गर्लफ्रेंड काजल झा को पुलिस कितने दिन कस्टडी में रखने में कामयाब रह पाती है।

कैसे हुई थी रवि काना की पत्नी की गिरफ्तारी

स्क्रैप माफिया रवि नागर की पत्नी मधु नागर गैंग की सक्रिय सदस्य रह चुकी है। मधु नागर के खिलाफ बीटा-टू थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था, इसके अलावा ईकोटेक थर्ड थाने में भी मधु नागर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद मधु नागर अपने साथियों के साथ विदेश भाग गई थी, जिसके बाद मधु नागर की गिरफ्तारी के लिए लुकआउट नोटिस जारी किया गया था। बीते 16 फरवरी को मधु नागर को उस वक्त गिरफ्तार किया गया था जब वो विदेश से लौटने के बाद दिल्ली होते हुए देहरादून भागने की तैयारी कर रही थी, इसी बीच पुलिस ने मधु नागर को इंदिर गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था।

अब तक कितने आरोपियों की गिरफ्तारी

गैंगरेप मामले में स्क्रैप माफिया रवि काना सहित उसकी पत्नी मधु नागर और गर्लफ्रेंड काजल झा समेत 16 आरोपियों को अब तक पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जिसमें गैंग में शामिल क्रॉसिंग रिपब्लिक निवासी तरुण छोंकर, दनकौर थाना क्षेत्र के दादूपुर निवासी अवध उर्फ बिहारी, अफसार, प्रह्लाद, अनिल, राशिद, राजकुमार नागर, विकास नागर, विक्की, अमन, विशाल के नाम शामिल हैं।

अब तक कितने आरोपियों को मिली जमानत

स्क्रैप माफिय रवि काना की पत्नी मधु नागर समेत 5 आरोपियों को अब तक जमानत मिल चुकी है। इसमें राशिद, अफसार, प्रह्लाद, अनिल के नाम भी शामिल हैं, जिन्हें कोर्ट से जमानत मिली है। इसमें कुछ बाहर तो कुछ आरोपी अब भी जेल में हैं। रवि काना की पत्नी मधु नागर पर आरोप है कि वो गैंग में पूरी तरह से सक्रिय थी, वो ना सिर्फ गैंग को चलाने में रवि काना की मदद करती थी, बल्कि रवि काना के गैंग को पूरी तरह से होल्ड भी करती थी। गैंगस्टर एक्ट के तहत मधु नागर के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस लगातार उसकी तलाश में थी, इसी साल के फरवरी महीने में मधु नागर की गिरफ्तारी हुई लेकिन अब मधु नागर जमानत पर बाहर है।

रवि के संपर्क में कैसे आई काजल झा

बताया जाता है कि रवि काना जबसे जरायम की दुनिया में कदम रखा, तभी से वो काजल से जुड़ा हुआ है। काजल का आधार कार्ड और पासपोर्ट भी उसके दिल्ली वाले एड्रेस पर बना हुआ है। ये भी कहा जाता है कि काजल रवि के हर कारनामे में बराबर की भागीदार होती है। दावा किया जाता है कि काजल और रवि काना के करीबी रिश्ते के कारण रवि का पत्नी मधु के साथ हमेशा विवाद होता रहता है। सूत्रों के मुताबिक काजल झा काम के सिलसिले में रवि काना से मिली थी। उसके बाद उन दोनों के बीच गहरी दोस्ती हो गई। ये दोस्ती कब माफिया पार्टनर में बदल गई, किसी को पता ही नहीं चला। आज काजल झा अपने कारनामों से दिल्ली-NCR में सुर्खियां बंटोर रही है। काजल को नोएडा की लेडी डॉन भी कहा जाता है। काजल ही रवि काना की सभी बेनामी संपत्तियों का हिसाब-किताब संभालने की प्रभारी थीं।

रोडपति से करोड़पति कैसे बना स्क्रैप माफिया

रिपोर्ट्स की मानें तो अब पता चला है कि स्क्रैप माफिया रवि काना ने अवैध धन अर्जित करके दुबई में भी संपत्ति बनाई है, लेकिन ये संपत्ति खुद के नाम नहीं बल्कि एक महिला डॉक्टर के नाम है। दुबई में रहने वाली एक महिला डॉक्टर के नाम पर रवि काना ने अवैध संपत्ति अर्जित की है। इससे मिलने के लिए रवि काना काफी बार दुबई भी गया। लेकिन अब रवि की गिरफ्तारी हो चुकी है और वो सलाखों के पीछे है उसके साथ-साथ काजल झा भी अब जेल में बंद है। एक वक्त ऐसा भी था जब रवि एक स्कूटर से चलता था। कबाड़ी रवि काना के पीछे देखते ही देखते लग्जरी गाड़ियों का काफिला लग गया था। दरअसल ग्रेटर नोएडा के दादूपुर गांव का रहने वाला रवि काना हाल तक नोएडा के सेक्टर 39 थाना क्षेत्र में कबाड़ का काम करता था। रवि का आस-पास के कई क्षेत्रों में एकछत्र राज था और उसकी गाड़ियों को किसी भी थानाक्षेत्र में अवैध तरीके से ले जाने के बावजूद कोई रोक टोक नहीं थी। इतना ही नहीं यदि रवि का कोई काम फंसता था तो पुलिस अधिकारी ही उसके लिए सिफारिश करते थे।

बंदिशों की शुरुआत

रवि के बुरे दिनों की शुरुआत तब से हो गई जब कुछ दिन पहले जिले के कई बड़े अधिकारियों को बदला गया। कमिश्नरेट पुलिस ने करीब आठ महीने पहले रवि के लिए जाल बिछाया था, लेकिन उसके कई बडे़ स्तर के अधिकारियों ने सचेत कर दिया तो वो शांत बैठ गया। मगर अब जैसे ही एक गैंगरेप का मामला दर्ज हुआ तो आला अधिकारियों के संज्ञान में डालने के बाद रवि काना पर कार्रवाई शुरू की गई।