किसानों के दिल्ली कूच के दौरान गुरुवार को चिल्ला बॉर्डर से तीन किलोमीटर पहले बेरीकेड लगाकर रोक लिया गया। जमकर किसानों और पुलिस की बीच नोंकझोक देखने को मिली। लेकिन किसानों को इसमें सफलता नहीं मिली। पुलिस ने किसानों को वहीं पर रोक दिया। लिंक रोड पर करीब 9 घंटे तक किसान डटे रहे। अब पुलिस अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों से बात करने के बाद किसानों ने 7 दिन का वक्त दिया है।

सात दिन बाद क्या होगा?

अपनी मांगों को लेकर नोएडा और ग्रेटर नोएडा के किसान लगातार आंदोलनरत हैं। लगातार 124 दिनों के धरने के बाद बात नहीं बनती देख दिल्ली कूच करने का मन बनाया। संसद भवन के सामने किसानों का प्रदर्शन करने का प्लान था, लेकिन चिल्ला बॉर्डर से तीन किलोमीटर पहले किसानों को रोक लिया गया। करीब 9 घंटे के कब्जे के बाद भी किसानों को आगे बढ़ने में सफलता नहीं हाथ लग पाई। वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक अधिकारियों के समझाने पर किसानों ने लिंक रोड को खाली कर दिया है और अपनी सभी मांगों के लिए शासन को 7 दिन का वक्त दिया है। अब सवाल ये कि क्या 7 दिन में किसानों की वो सभी मांगों को मान लिया जाएगा जो अभी तक पेंडिंग है। अगर किसानों की मांगें नहीं मानी गई तो क्या किसान फिर से दिल्ली कूच करने की योजना तैयार करेंगे। अगर ऐसा हुआ तो आने वाला वक्त भी गौतमबुद्ध नगर आंदोलन में ही डूबा दिखेगा।

आम लोगों के लिए भी मुश्किलें

किसान जहां अपनी मांग को लेकर धरना दे रहे हैं और मांग नहीं पूरी होने पर किसान सड़क पर उतरने को मजबूर हैं। वहीं दूसरी ओर रोड जाम होने से आम यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अगर गुरुवार की बात करें तो जाम सुबह से रात तक बना रहा। पूरे नोएडा में जो जहां था वहीं थम जा रहा था। कई जगह पर रूट डायवर्जन करने से भी लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट से नोएडा सेक्टर-51 की तरफ आने वाले रास्ते पर 7 बजे शाम से देर रात लोग घंटों जाम में फंसे रहे।

दिल्ली जाने वालों के सामने भी मुश्किलें

चिल्ला बॉर्डर से करीब तीन किलोमीटर पहले ही उनको बैरीकेड लगाकर रोक लिया गया। इस दौरान किसानों ने खूब प्रयास किया, लेकिन उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया गया। सुबह करीब साढ़े दस बजे से नोएडा दिल्ली लिंक रोड बंद होने के कारण नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे, डीएनडी और कालिंदी कुंज से दिल्ली की तरफ जाने वाले वाहनों को भारी जाम का सामना करना पड़ा।

पुलिस कमिश्नर के आश्वासन के बाद बनी बात

देर शाम उच्चस्तरीय कमेटी बनाने और एक सप्ताह में प्राधिकरण और प्रदेश सरकार के मंत्रियों के साथ बातचीत के बाद पुलिस कमिश्नर किसानों से मिली। पुलिस कमिश्नर ने किसानों को आश्वासन दिया, जिसके बाद किसानों ने प्रशासन को 7 दिन का वक्त दिया और लिंक रोड को खाली कर दिया। किसान अब लिंक रोड से तो हट गये हैं लेकिन नोएडा प्राधिकरण और एनटीपीसी सेक्टर-24 के सामने धरना जारी रखेंगे।