नोएडा के तर्ज पर बुंदेलखंड का होगा विकास, मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करने की नई नीति लागू

प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार नए-नए प्रयास कर रही है। इसके तहत प्रदेश भर के अलग-अलग जिलों को चिन्हित कर वहां पर रोजगार के अवसर बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट पेश किया। 7 लाख 36 करोड़ के बजट में उद्योगों पर खास फोकस किया गया है।

Lucknow: बुंदेलखण्ड क्षेत्र में नए औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) का गठन किया जा रहा है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा के तर्ज पर बुंदेलखंड क्षेत्र में औद्योगिक वाणिज्यिक और आवासीय टाउनशिप विकसित करने की योजना है। बीडा प्राधिकरण क्षेत्र को नोएडा के तर्ज पर विकसित किया जाएगा। जिससे बुंदेलखंड के निवासियों को रोजगार के लिए दूसरे शहर की तरफ नहीं जाना पड़ेगा।

मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करने की नीति लागू

सरकार का जोर अब प्रदेश में मैन्युफैक्चरिंग पर है। ताकि प्रदेश में रोजगार के अधिक से अधिक अवसर युवाओं को मिल सके। इसके तहत सेमी कंडक्टर, डाटा सेंटर, स्टार्टअप और आईटी सेक्टर्स से संबंधित विशेष योजना के साथ इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करने के लिए नीति भी लागू की गई है।

डिफेंस कॉरिडोर पर तेजी से काम

प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर में बड़े पैमाने पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। डिफेंस कॉरिडोर के 6 नोड्स में से 3 नोड्स आवंटन भी पूरा किया जा चुका है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में एफडीआई, फॉर्च्यून ग्लोबल-500 के निवेश को आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन नीति-2023 लागू की है। किसी भी राज्य द्वारा बड़े पैमाने पर वैश्विक निवेश को आकर्षित करने का ये अपनी तरह का पहला प्रयास है। नीति के क्रियान्यवन के लिए 250 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

टैबलेट, स्मार्ट फोन वितरण की व्यवस्था

स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत टैबलेट और स्मार्ट फोन वितरण के लिए 4 हजार करोड़ रूपये व्यवस्था प्रस्तावित है। पिछले साल 25 लाख से अधिक टैबलेट/ स्मार्टफोन बांटे गये हैं।

इन योजना पर भी चल रहा काम

● गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए दो हजार 57 करोड़ 76 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। जो वर्तमान साल की तुलना में दो गुने से अधिक है।

● आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को जोड़ने हेतु नये लिंक एक्सप्रेस-वे निर्माण हेतु 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● अटल इंडस्ट्रियल इंस्ट्रक्चर मिशन हेतु 400 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है, जो वर्तमान वर्ष के सापेक्ष 33 प्रतिशत अधिक है।

● अवस्थापना और औद्योगिक विकास के क्षेत्र में आज उत्तर प्रदेश एक अग्रणी प्रदेश के रूप में उभरा है। अपराध पर लगाम लगी है, अपराधियों का प्रदेश से सफाया हो चुका है।

By Super Admin | February 05, 2024 | 0 Comments

यूपी के इतिहास के सबसे बड़े बजट में मेडिकल सुविधा पर खास फोकस, किसानों को क्या?, जानें किसको कितना फायदा

यूपी सरकार ने अब तक का सबसे बड़ा बजट पेश किया है। इस बजट में किसको कितना फायदा मिलने वाला है, किसानों और ग्रामीणों के लिए इस बजट में क्या है। क्या वाकई फाइलों का सबसे बजट साबित होगा या फिर वाकई में इस बजट में किसानों, ग्रामीणों और महिलाओं को भी ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। पढ़िए इस पूरी रिपोर्ट में.

Lucknow: यूपी सरकार ने प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा बजट पेश किया है। इस बार बजट में ऐसा क्या है जो अन्य बजट से अलग बनाता है। इस बार के बजट में महिलाओं, ग्रामीणों और किसानों के लिए बजट में बड़े एमाउंट को प्रस्तावित किया गया है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों के संचालन के लिए वित्तीय साल 2024-25 में 7350 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रास्तावित की गई है।

ग्रामीणों क्षेत्रों में हेल्थ सेक्टर पर फोकस

प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन योजना के अन्तर्गत प्रदेश में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में हेल्थ वेलनेस सेन्टर केयर यूनिट, इन्टीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब की स्थापना की तैयारी है। इस कार्य के लिए 952 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। वहीं आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के लिए साल 2024-25 में 300 करोड़ रूपये सरकार खर्च करने जा रही है। वहीं राज्य कर्मचारियों के लिए कैशलेस उपचार की व्यवस्था भी इस बजट में है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के अंतर्गत निजी चिकित्सालयों में भी उपचार की व्यवस्था की गई है। निजी चिकित्सालय में इलाज करवाने पर राज्य सरकार पूरा खर्च वहन करेगी।

चिकित्सा शिक्षा पर सरकार का जोर

इस बार के बजट में चिकित्सा सुविधा के साथ डॉक्टर्स की पढ़ाई के लिए कॉलेज की भी व्यवस्था है। प्रदेश में अभी 65 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें 35 राज्य सरकार और 30 निजी क्षेत्र द्वारा संचालित किया जा रहा है। वर्तमान में 45 जिलों में मेडिकल कॉलेज की सुविधा है। 14 जिलों में केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित मेडिकल कॉलेज निर्माणाधीन हैं। जबकि 16 जिलो में निजी निवेश के माध्यम से मेडिकल कॉलेज की बनाए जाने की योजना है। वहीं राजकीय क्षेत्र में बीएससी नर्सिंग कॉलेज की संख्या 6 से बढ़ाकर 23 कर दी गई है। इसके अलावा वाराणसी में मेडिकल काॅलेज की स्थापना कराये जाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिये 400 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। वहीं असाध्य रोगों की मुफ्त चिकित्सा सुविधा के लिए 125 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

By Super Admin | February 05, 2024 | 0 Comments

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