Greater Noida: ईकोटेक थर्ड थाना क्षेत्र के उद्योग केंद्र दो में आए दिन ट्रक चालकों की मनमानी के चलते ना सिर्फ विवाद हो रहे हैं, बल्कि इनके खुलेआम सड़क पर ट्रकों के पार्क करने से दूसरे यूनिट के काम भी प्रभावित हो रहे हैं। हम बात कर रहे हैं ईटोटेक थर्ड औद्योगिक क्षेत्र के उद्योग केंद्र-दो की। यहां पर ट्रक माफियाओं ने अपने वाहनों को दबंगई के दम पर सड़क पर ही पार्क कर दे रहे हैं और इसका जब छोटे यूनिट के संचालक और उनके कर्मचारी विरोध करते हैं तो मारपीट तक के लिए तैयार हो जाते हैं। इंडस्ट्रियल एरिया में सड़कों पर ट्रकों की पार्किंग के चलते ना सिर्फ जाम की स्थिति बनी रहती है बल्कि यहां के आस-पास संचालित कई छोटी ईकाइयां भी इससे प्रभावित हो रही हैं। आलम ये है कि ये ट्रक चालक सड़क को जाम करने के बाद दूसरी कंपनियों के सामने भी वाहन पार्क कर दे रहे हैं, जिससे विवाद की स्थिति पैदा रही है। ऐसा नहीं है कि इस बात की जानकारी अथॉरिटी को नहीं है लेकिन ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी प्रशासन इस पर कोई एक्शन नहीं ले रहा है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, ग्रेटर नोएडा के थाना इकोटेक थर्ड क्षेत्र में ट्रकों की मनमानी रवैये से आम लोग और छोटी कंपनियों के संचालक बेहद परेशान हैं। उद्योग केंद्र दो के पास पुलिस लाइन भी है, यहां अंदर की तरफ सैकड़ों छोटी यूनिट संचालित हैं, जबकि मेन रोड पर कुछ बड़ी कंपनियां भी हैं। इन कंपनियों में लोडिंग और अनलोडिंग के लिए ट्रकों का कतार लगा रहता है। अंदर छोटी यूनिट को ट्रकों से कोई समस्या ना हो और जाम की स्थिति ना पैदा हो इसलिए इन कंपनियों के मेन गेट चौड़ी सड़क से मिलाकर बनाया गया है। वहीं से इन कंपनियों में माल की लोडिंग और अनलोडिंग भी होनी चाहिए। लेकिन ट्रक चालक मेन रोड के बजाए कंपनी के पीछे वाले गेट से जाकर लोडिंग और अनलोडिंग कर रहे हैं। इसी के चलते ईकोटेक-थर्ड के उद्योग केंद्र दो में लंबा जाम लगा रहता है। सड़क पर ट्रकों के अतिक्रमण से आम लोगों के साथ-साथ यहाँ की छोटी फ़ैक्ट्रियों को इसका हर्जाना भरना पड़ रहा है।
आखिर इन ट्रक चालकों को किसका संरक्षण?
छोटी यूनिट के संचालक और कर्मचारी जब इन ट्रक ड्राइवरों को उनकी फैक्ट्री के सामने से ट्रक हटाने की बात करते हैं तो वो मारपीट तक के लिए तैयार हो जाते हैं। जिन कंपनियों में ट्रकों लोडिंग और अनलोडिंग होती हैं वो दोनों ही कंपनी बड़ी हैं, इस डर से आम आदमी इन लोगों से पंगा नहीं लेना चाहते, लेकिन प्रशासन को किस बात का डर है। आखिर इनके खिलाफ कार्रवाई करने में अथॉरिटी और जिला प्रशासन क्यों कतरा रहा है। आम जनता के हाथ तो बंधे हैं मगर प्रशासन क्यों सोया हुआ है।
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December 17, 2022