New Delhi: तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक और झटका लगा है। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल की उस याचिका को भी खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने जेल में वकीलों से मिलने के लिए अतिरिक्त समय मांगा था। गौरतलब है कि केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में अपने वकीलों से से हफ्ते में पांच बार मिलने की अनुमति मांगी थी। लेकिन जेल मैनुअल के हिसाब से हफ्ते में अभी दो बार वकीलों से मुलाकात की अनुमति है। इसी को लेकर 5 अप्रैल को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सीसीटीवी के निगरानी में हैं केजरीवाल
उल्लेखनीय है कि केजरीवाल 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं। 24 घंटे सीसीटीवी निगरानी में एक बैरक में रखा गया है। केजरीवाल को जेल में घर का खाना देने की अनुमति है। खास बात है कि केजरीवाल को तीसरी बार तिहाड़ जेल ले जाया गया है। इससे पहले, उन्हें अन्ना हजारे के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन के दौरान और 2014 में मानहानि के मामले में जेल ले जाया गया था।
दिल्ली शराब घोटाले मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किए गए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत सोमवार को 15 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है। जिसके बाद अब आम आदमी पार्टी के संयोजक को तिहाड़ जेल में भेज दिया गया है। जिसके कारण अब जेल से सरकार चलाने की प्रक्रिया और जटिल होने की आशंका जताई जा रही है। अरविंद केजरीवाल को तिहाड़ की जेल नंबर 2 में रखा गया है। उन्हें अदालत में सौंपे गए और स्वीकृत नामों के अनुसार, काम के संबंध में दिल्ली सरकार के अधिकारियों से मिलने की अनुमति होगी। केजरीवाल सप्ताह में दो बार परिवार के सदस्यों से भी मिल सकते हैं, लेकिन उनके नाम उस सूची में होने चाहिए जिसे जेल सुरक्षा द्वारा मंजूरी दी गई है। मधुमेह से पीड़ित केजरीवाल की नियमित स्वास्थ्य जांच भी की जाएगी।
सलाखों के पीछे से सरकार चलाना बेहद चुनौतीपूर्ण
वहीं तिहाड़ जेल के पूर्व पीआरओ सुनील कुमार गुप्ता ने कहा कि सलाखों के पीछे से सरकार चलाना उनके लिए बेहद चुनौतीपूर्ण होगा। मुख्यमंत्री के लिए एक समर्पित सहायता प्रणाली की आवश्यकता होती है। वर्तमान में 16 जेलों में से किसी में भी मुख्यमंत्री कार्यालय को समायोजित करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा नहीं है। शासन में केवल दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने से कहीं अधिक शामिल है क्योंकि इसमें कैबिनेट बैठकें आयोजित करना, मंत्रियों के साथ परामर्श करना, कर्मचारियों के साथ जुड़ना और उपराज्यपाल के साथ संवाद करना आवश्यक है। जेल के भीतर मुख्यमंत्री कार्यालय स्थापित करना व्यावहारिक रूप से असंभव है।
केजरीवाल की सुरक्षा के लिहाज से जेल नम्बर 2 मुफीद
तिहाड़ की जेल नम्बर 2 सजायाफ्ता कैदियों के लिए है। सजायाफ्ता कैदियों को कहीं लाने और ले जाने का मुद्दा नहीं रहता वो अपने बैरक में ही रहते हैं। इसलिए केजरीवाल की सुरक्षा के लिहाज से इस जेल को मुफीद माना गया है। जेल नंबर 2 में एक जनरल एरिया है। इसी में एक बैरक है उसी में केजरीवाल को रखा गया है। बैरक के बाहर 4 सुरक्षाकर्मी हर वक्त तैनात रहेंगे और बैरक को 24 घंटे सीसीटीवी की निगरानी में रखा जाएगा। केजरीवाल जिस बैरक में रहेंगे वो लगभग 14 फुट लंबा और 8 फुट चौड़ा है और बैरक में टॉयलेट भी है। कमरे में एक टीवी, सीमेंट का ऊंचा बनाया हुआ एक चबूतरा होगा जिसमें बिछाने के लिए एक चादर दी जाती है। ओढ़ने के लिए कंबल और एक तकिया दिया जाता है। 2 बाल्टी दी जाती है एक बाल्टी में पीने का पानी रखा जाता है। एक बाल्टी में नहाने या कपड़ा धोने का पानी रखने के काम आता है और एक जग दिया जाता है। आपको बता दें कि केजरीवाल के पूर्व डिप्टी मनीष सिसोदिया तिहाड़ जेल नंबर-1 में बंद हैं, जबकि दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन जेल नंबर-7 में और राज्यसभा सांसद संजय सिंह जेल नंबर-5 में हैं।
New Delhi: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आज जेल जाना होगा। दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए मिली राहत की 21 दिन की समयसीमा रविवार को समाप्त हो रही है। वहीं, ट्रायल कोर्ट ने केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर फैसला 5 जून के लिए सुरक्षित रख लिया है। ऐसे में केजरीवाल को आज सरेंडर करना पड़ेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने से किया इंकार
बता दें कि जमानत मिलने के बाद केजरीवाल ने जेल से बाहर बने रहने के कई बार कोशिश की। उन्होंने चिकित्सा जांच कराने के लिए अंतरिम जमानत बढ़ाने की अपील सुप्रीम कोर्ट में की थी। कोर्ट ने मेडिकल जांच कराने के आधार पर अंतरिम जमानत अवधि बढ़ाने की मांग को अस्वीकार करते ट्रायल कोर्ट जाने को कहा था।
अतंरिम जमानत पर फैसला 5 जून को
ट्रायल कोर्ट में विशेष जज कावेरी बावेजा ने शनिवार को उनकी अंतरिम जमानत पर फैसला सुरक्षित रखते हुए, 5 जून की तारीख दे दी। केजरीवाल के वकील ने जज से शनिवार को ही फैसला सुनाने की गुजारिश की लेकिन जज ने अपील अनसुनी कर दी। जज ने कहा कि यह अंतरिम जमानत का आवेदन है, न कि सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत में विस्तार का, इसलिए हम 5 जून को ही फैसला सुनाएंगे।
सरेंडर करने से पहले केजरीवाल करेंगे ये काम
वहीं, रविवार को अरविंद केजरीवाल ने X पोस्ट पर लिखा है ' माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मैं 21 दिन चुनाव प्रचार के लिए बाहर आया। माननीय सुप्रीम कोर्ट का बहुत बहुत आभार। आज तिहाड़ जाकर सरेंडर करूंगा। दोपहर 3 बजे घर से निकलूंगा। पहले राजघाट जाकर महात्मा गांधी जी को श्रद्धांजलि दूंगा। वहाँ से हनुमान जी का आशीर्वाद लेने कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर जाऊंगा और वहां से पार्टी दफ़्तर जाकर सभी कार्यकर्ताओं और पार्टी के नेताओं से मिलूंगा। वहां से फिर तिहाड़ के लिए रवाना होऊंगा। आप सब लोग अपना ख़्याल रखना। जेल में मुझे आप सबकी चिंता रहेगी। आप खुश रहेंगे तो जेल में आपका केजरीवाल भी खुश रहेगा।'
10 मई को अंतरिम जमानत मिली थी
केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को लोकसभा चुनाव में प्रसार करने के लिए 21 दिन की अंतरिम जमानत दी थी। उन्हें आखिरी चरण के मतदान के अगले दिन 2 जून को सरेंडर करने को कहा था। केजरीवाल ने सुप्रीम राहत का लाभ उठाते हुए इन 21 दिनों में उत्तर प्रदेश, पंजाब, दिल्ली और महाराष्ट्र में प्रचार किया।
दिल्ली के तिहाड़ जेल के जेलर दीपक शर्मा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल है। इस वीडियो में जेलर दीपक शर्मा हाथ में पिस्टल लेकर संजय दत्त स्टारर फिल्म के गाने 'नायक नहीं... खलनायक है तू' पर डांस करते दिखाई दे रहे हैं। पिस्टल वाला डांस कैमरे में कैद हो गया और वायरल भी हो गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जेलर दीपक शर्मा की ये पिस्टल लाइसेंसी है। लेकिन बताया जा रहा है कि पिस्टल लाइसेंसी होने पर भी तिहाड़ जेल प्रशासन उन पर सख्त एक्शन ले सकता है।
जेलर ने किया 'नायक नहीं... खलनायक है तू' गाने पर डांस
जेलर दीपक का वायरल वीडियो असल में भाजपा की निगम पार्षद के पति की जन्मदिन पार्टी के दौरान का बताया जा रहा है। जहां मस्ती करते-करते दीपक शर्मा ने कानून को अपने हाथ में ले लिया और पिस्टल हाथ में लेकर दोस्तों संग डांस भी करने लगे। उस पर गाना भी संजय दत्त की फेमस फिल्म खलनायक का- 'नायक नहीं... खलनायक है तू' है।
आप भी देखिए वीडियो
जानकारी के मुताबिक, ये बर्थडे पार्टी सीमापुरी थाने के पास हुई थी। जिसको लेकर सवाल किए जा रहे हैं कि क्या दीपक शर्मा को अपनी सुरक्षा के लिए सरकारी हथियार मिला हुआ है? जब कि वो तिहाड़ जेल के अधिकारी हैं। तो दूसरा सवाल ये भी उठ रहा है कि ये लाइसेंसी हथियार है, तो क्या कोई अधिकारी इस तरह से इसका इस्तेमाल कर सकता है?
कौन है जेलर दीपक शर्मा?
वायरल वीडियो को देखकर लोग जेलर दीपक आखिर हैं कौन? ये सवाल पूछ रहे हैं, तो बता दें, जेलर दीपक शर्मा को देखकर साफ पता चलता है कि वो बॉडी बिल्डिंग करते हैं। साथ ही मंडोली जेल के पास उनका घर है। जेलर दीपक सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव हैं और जेल की कहानियां बताने में माहिर हैं।
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