नोएडा: MBBS में दाखिला दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। सेक्टर-63 थाना पुलिस ने लोकल इंटेलिजेंस की मदद से आरोपी को 62 गोल चक्कर के पास से धर दबोचा। ठगी के आरोपी वैशाली पर 25 हजार रुपये का ईनाम भी घोषित था।
MBBS में दाखिले के नाम पर ठगी
बताया जा रहा है वैशाली अपने गैंग के दूसरे सदस्यों के साथ मिलकर एमबीबीएस में दाखिला दिलाने के नाम पर ठगी करती थी। महिला और उसके गैंग के दूसरे सदस्यों पर कई छात्रों से करोड़ों के ठगी के आरोप हैं।
Noida: थाना बिसरख पुलिस ने दो जाल साजों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार दोनों युवक फर्जी दस्तावेज बनाकर धोखाधड़ी कर रुपये ऐंठते थे।
3.50 लाख में किया कार का सौदा
जानकारी के मुताबिक 28 जुलाई को पुष्पेन्द्र पुत्र अजयपाल और अमन कुमार ने मो. उमर की गाड़ी को अपनी बताकर फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, स्टाम्प पेपर तैयार कर, कूट रचना कर बतौर गिरवी रख तीन लाख पचास हजार रुपये ले लिया था। इसके बाद कार को बेंच दिया था। जिसके सम्बन्ध में थाना बिसरख पर वादी द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर पुलिस जाँच कर रही थी।
मुखबिर की सूचना पर आरोपी गिरफ्तार
इसी बीच 18 अगस्त को थाना बिसरख पुलिस द्वारा लोकल इंटेलिजेंस एवं गोपनीय सूचना के आधार पर पुष्पेन्द्र और अमन को गेलैक्सी वेगा गोल चक्कर के पास से गिरफ्तार किया गया है।बता दें कि पुष्पेन्द्र निवासी ग्राम बनूपुरा थाना पाली मुकीमपुर जिला अलीगढ हाल पता घुकना मोङ के पास कोतवाली सिटी गाजियाबाद है। जबकि उम्र अमन कुमार निवासी कोशिक भवन पुराना कोण्डली थाना कोण्डली पूर्वी दिल्ली है।
Noida: शादी का झांसा देकर युवतियों को ठगने वाला शातिर विदेशी नागरिक नोएडा में गिरफ्तार हुआ है।
तमिलनाडु पुलिस ने किया गिरफ्तार
जानकारी के मुतबिक तमिलनाडु की युवती से 11 लाख रुपये की ठगी नाइजरियन ने किया था। जिसका मुकदमा युवती ने तामिलनाडु में दर्ज कराया था। इसी कड़ी में तामिलनाडु पुलिस नोएडा के दनकौर थाना क्षेत्र में पहुंचकर स्थानीय पुलिस की मदद से नजीरियन को गिरफ्तार किया है।
2008 में पढ़ाई का वीजा लेकर आया था भारत
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक गिरफ्तार नाईजीरियन 2008 में भारत पढ़ाई का वीजा लेकर आया था। जिसका वीजा भी 2 अक्टूबर को खत्म हो गया है।
फेक आईडी बनाकर महिलाओं को फंसाता था
शातिर नाइजीरियन सोशल मीडिया और मेट्रोमेनियल साइट पर फर्जी आईडी बनाकर भारत की महिलाओं को प्रेमजल में फंसाता था। इसके बाद युवतियों से ठगी करता था। अब तक कई युवतियों से करोड़ो की ठगी कर चुका है। आरोपी नोएडा और ग्रेटर नोएडा में रहकर ठगी कर रहा था।
Noida: जरचा थाना पुलिस ने एक शातिर को गिरफ्तार किया है। शातिर ने एनटीपीसी टाउनशिप निवासी धर्मेंद्र से नकली सोना दिखाकर 5 लाख रुपये 22 अगस्त को ठग लिए थे।
नकली सोना और नकदी बरामद
जानकारी के अनुसार शामली निवासी भीम सिंह ने धर्मेंद्र से नकली सोने की चेन (बड़ी जंजीर) दिखा कर 5 लख रुपए की ठगी कर ली थी। पुलिस ने गिरफ्तार कर भीम सिंह के कब्जे से ठगी के 5 लख रुपए समेत नकली सोने की चेन चांदी के सिक्के मोबाइल फोन बरामद किया है।
खुदाई में मिले जेवर बताकर करता था ठगी
पुलिस ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी भीम सिंह खुद को मजदूर बताकर और खुदाई के दौरान सोने, चांदी के सिक्के और चेन मिलन बात कर भोले भाले लोगों को दिखाकर उनसे ठगी करने का काम करता है। पकड़े गए आरोपी ने पिछले महीने धर्मेंद्र सिंह नाम के कैंटीन संचालक को नकली सोने की चेन दिखाकर उसे 5 लख रुपए ठगकर फरार हो गया था। पुलिस ने इस केस दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी थी जिसको जारचा थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
Noida: साइबर ठगी के मामले इस डिजिटल युग में तेजी से बढ़ रहे हैं। साइबर ठग लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए रोज नए -नए तरीके अपना रहे हैं, जिसमें पढ़े लिखे व्यक्ति भी फंस जा रहे हैं। ताजा मामला नोएडा मामला में सामने आया है। एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने सेक्टर-36 स्थित साइबर क्राइम थाने पर मंगलवार को केस दर्ज कराया है। साइबर ठगों ने ऑनलाइन ट्रेडिंग का झांसा देकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर से दस लाख रुपये की ठगी कर ली। साइबर क्राइम थाना पुलिस मुकदमा दर्ज कर जांच कर रही है।
घर बैठे पार्ट टाईम जॉब कर लाखों कमाने का दिया झांसा
जेपी अमन सोसाइटी ग्रेटर नोएडा के रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर नीतिश कुमार ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया कि उसके पास कुछ समय पहले व्हाट्सऐप पर एक मैसेज आया था। जिसमें घर बैठे डिजिटल मार्केटिंग और ऑनलाइन ट्रेडिंग करके लाखों रुपये कमाने की बात कही गई थी। नीतीश ने बताया कि जब मैसेज करने वालों से बात की तो टेलीग्राम के ग्रुप में जोड़ दिया। इसके बाद आरोपियों ने कुछ ई कॉमर्स वेवसाइट के ऑनलाइन पेज को अच्छा रेटिंग और रिव्यू करने का टास्क दिया था, जिसको उन्होंने पूरा कर दिया।
पहले निवेश किया फिर धोखा दिया
सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने बताया कि इस दौरान उनको कुछ फायदा हुआ। इसके बाद जालसाजों ने दूसरे टास्क में ऑनलाइन ट्रेडिंग करने के लिए कहा और उनका एक अकाउंट बना दिया गया। इसके जरिए उन्होंने कई कंपनियों के शेयर में निवेश किया। शुरुआती दौर में काफी फायदा हुआ लेकिन जब उनकी रकम लाखों में पहुंच गई तो उनके अकाउंट को बंद कर दिया गया। इसके बाद फिर से अकाउंट को खोलने का झांसा देकर कई बार में 10 लाख 45 हजार रुपए ले लिए। जब उन्होंने रुपए मांगे तो टेलीग्राम ग्रुप से बाहर कर दिया। साइबर क्राइम थाना प्रभारी रीता यादव ने बताया कि शिकायत के आधार पर जांच की जा रही है।
Noida: नोएडा में वेबसीरीज जामताड़ा की तरह एक ठग गिरोह सक्रिय होकर लोगों से ठगी कर रहा था। कोतवाली फेज वन पुलिस ने बैंक कर्मचारी बनकर कर्ज दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा करते हुए छह महिलाओं समेत गिरोह के 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
150 से अधिक लोगों के साथ की ठगी
पुलिस को आरोपियों के पास से 11 लाख रुपये, 6 कीपैड मोबाइल फोन, 4 स्मार्ट मोबाइल फोन, 74 सेट कॉलिंग डाटा समेत अन्य सामान बरामद हुए हैं। पुलिस गिरोह के फरार आरोपियों का पता लगा रही है। यह गिरोह अब तक 150 से अधिक लोगों से करोड़ों की ठगी कर चुके हैं। आरोपियों की पहचान सरगना हसीन, विकास, राजेश, आशीष, वारिस अली, सोहिल, सलमान, आशुतोष, निशा, सुगरा फातिमा, सुरभि, ट्विंकल, कुसुम और खुशबू के रूप में हुई है।
फर्जी कॉल सेंटर से करते थे ठगी
नोएडा जोन के एडीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि सेक्टर-6 के सी ब्लॉक में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर चला रहा था। पकड़े गए आरोपी खुद को कोटक महिंद्रा और एचडीएफसी बैंक का कर्मचारी बताकर बीमा पॉलिसी पर लोगों को लोन दिलवाने का झांसा देते थे। इसके साथ ही बीमा पॉलिसी लैप्स होने के बाद फिर से किस्त आरंभ शुरू करने, एडवांस लोन दिलाने के नाम पर भी ठगी करते थे। जालसाज लोगों को आरटीजीएस चार्ज, लोन अप्रूवल चार्ज से लेकर कई अन्य तरह के चार्ज भी वसूलते थे। लोन अप्रूवल की फर्जी डिजिटल कॉपी ई-मेल और व्हाट्सएप के माध्यम से कस्टमर को भेज देते थे।
गिरोह का सरगना पहले बीमा कंपनी में करता था नौकरी
डीसीपी ने बताया कि पुलिस पूछताछ में गिरोह का सरगना हसीन ने बताया कि वह एक बीमा कंपनी में नौकरी करता था। वहां कंपनी की बारीकियों की जानकारी हासिल की। इसके बाद वह फर्जीवाड़ा करने लगा। पुलिस की टीम अब बरामद हुए बरामद मोबाइल की जांच कर रही है। हसीन बेरोजगार युवाओं को कॉलिंग के लिए नौकरी पर रखता था। इन्हें बाकायदा 10 से 15 हजार रुपये वेतन भी देता था। इसके आधार पर कॉलिंग कर ठगी की जाती थी।
Noida: थाना फ़ेस 1 पुलिस ने मंगलवार को लंदन से लौटते ही दिल्ली हवाई अड्डे पर 2 करोड़ 33 लाख रुपये की धोखाधड़ी के मामले में फरार चल रहे एक कंपनी के निदेशक को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के खिलाफ नोएडा पुलिस ने कुछ समय पहले लुकआउट नोटिस जारी किया था। दिल्ली के मधु विहार निवासी श्रवण कुमार चौधरी मुकदमा दर्ज होने के बाद लंदन भाग गया था। जिसे मंगलवार को एआईजी एयरपोर्ट नई दिल्ली के टर्मिनल तीन के गेट नंबर पांच से गिरफ्तार किया गया।
व्यावसायिक कांप्लेक्स का फर्जी सौदा कर हड़पे रुपये
एडिशनल डीसीपी नोएडा शक्ति अवस्थी के अनुसार, 31 जुलाई 2023 को सेक्टर-19 के सुशील कुमार ने दी शिकायत में बताया कि दिल्ली निवासी श्रवण कुमार ने गुजारा कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का निदेशक बताकर हरौला के सेक्टर पांच में 423 वर्ग गज का एक व्यावसायिक कांप्लेक्स का सौदा किया। शिकायतकर्ता से पूरे कांप्लेक्स का आधा हिस्सा खरीदने के लिए नौ करोड़ 50 हजार रुपये में डील की। 25 नवंबर 2022 को दोनों के बीच करार हुआ। इकरारनामा के समय ही शिकायतकर्ता ने कंपनी के निदेशक को बतौर टोकन मनी 90 लाख रुपये दे दिए। इसके बाद बने इकरारनामे को रजिस्टर्ड कराने के लिए शिकायतकर्ता बार-बार श्रवण से बोलता रहा।
रजिस्ट्री करने के नाम पर करता रहा गुमराह
एडिशनल डीसीपी नोएडा शक्ति अवस्थी के मुताबि, इसी बीच शिकायतकर्ता ने श्रवण कुमार के बताए गए खाते में एक करोड़ 43 लाख नौ हजार 13 रुपये ट्रांसफर कर दिए। इकरारनामे में शर्त लिखी गई थी कि विक्रेता श्रवण चौधरी की तरफ से रजिस्ट्री और मुटेशन में कोई दिक्कत आती है तो सौदा कैंसिल समझा जाएगा। उसे क्रेता की तरफ से दिए गए रुपयों को विक्रेता को वापस करना होगा। शिकायतकर्ता ने बताया कि दो करोड़ से अधिक की रकम ट्रांसफर करने के बाद जब उसने श्रवण पर रजिस्ट्री के लिए दबाव बनाया तो वह टालमटोल करने लगा।
जिस प्रॉपर्टी का सौदा किया वह प्राधिकरण के नाम
संदेह होने पर शिकायतकर्ता रजिस्ट्रार ऑफिस गया। वहां उसे जानकारी हुई कि संबंधित प्रापर्टी की रजिस्ट्री नहीं हो सकती। क्योंकि प्रॉपर्टी नोएडा प्राधिकरण के नाम पर दर्ज है। इसका मुटेशन गुजारा कंस्ट्रक्शन नहीं हो सकता है। जब तक गुजारा कंस्ट्रक्शन के नाम पर मुटेशन नहीं होगा तब तक शिकायतकर्ता के नाम पर इसकी रजिस्ट्री नहीं हो सकती है। जब उसने कॉम्प्लेक्स के दुकानदारों से पता किया गया तो सामने आया कि वहां का अधिकांश हिस्सा पहले ही बिक चुका है।
लुकआउट नोटिस जारी किया गया था
जिन लोगों को श्रवण ने पहले से प्रापर्टी बेची थी, उसकी छाया प्रति प्राप्त करने के बाद शिकायतकर्ता ने जब इस फर्जीवाड़े की जानकारी संबंधित कंपनी के निदेशक श्रवण को दी तो आरोप है कि उसने पैसे देने से मना कर दिया और जान से मारने की धमकी दी। उसने शिकायतकर्ता को झूठे मामले में फंसाकर जेल भिजवाने की धमकी भी दी। पीड़ित की शिकायत पर फेज वन थाने की पुलिस ने आरोपी निदेशक के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया और उसकी तलाश शुरू कर दी। जांच के दौरान पता चला कि शिकायत दर्ज होने के बाद निदेशक लंदन भाग गया है। पूछताछ में उसने बताया कि वह व्यापार के सिलसिले में लंदन गया था। उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया था।
Noida : नोएडा पुलिस ने साइबर फ्रॉड करने वाले एक फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर का शुक्रवार को खुलासा किया है। इस कॉल सेंटर में में बैठकर ठग अमेरिका और कनाडा के नागरिकों को टेक्निकल सपोर्ट देने के नाम पर ठगी कर रहे थे।
एसेक्टर-73 के फार्म हाउस में चल रहा था कॉल सेंटर
एक्सप्रेसवे थाना पुलिस ने एक फार्म हाउस पर छापा मारकर फर्जी कॉल सेंटर के संचालक सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की निशानदेही पर सेक्टर-73 स्थित सर्फाबाद के सुन्दर फार्म के 6जी फ्लोर में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर में प्रयोग की जाने वाले भारी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किए हैं। पुलिस टीम ने आरोपियों के कब्जे से 6 लैपटॉप, 5 लैपटॉप चार्जर, 2 माउस, 1 यूपीएस, 2 वाई-फाई राउटर, 1 वाई-फाई चार्जर, 15 हैडफोन, 6 मोबाइल फोन, 2 रजिस्टर, 48,000 रुपए नगद और एक फोर्ड गाड़ी बरामद की है।
फार्म हाउस में पुलिस ने मारा छापा
नोएडा जोन के एडीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि शुक्रवार को सूचना के आधार पर एक्सप्रेसवे थाना पुलिस सेक्टर-135 यमुना डूब क्षेत्र में गौशाला के पास फार्म हाउस पर मीटिंग कर रहे सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने मौके से सुन्दर फार्म 6 फ्लोर, सेक्टर-73, ग्राम सर्फाबाद निवासी अग्निभ बैनर्जी, सुपरटेक ईकोसिटी सेक्टर-137 निवासी सचिन, ज्वालापुर जिला हरिद्वार, उत्तराखण्ड निवासी राहुल गौतम, मोहन गार्डन थाना उत्तम नगर दिल्ली निवासी जय कुमार कोचर को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी सचिन और अग्निभ बैनर्जी द्वारा लैपटॉप के माध्यम से राहुल गौतम और जय कुमार कोचर को साइबर फ्रॉड बिजनेस की प्लानिंग के सम्बन्ध में जानकारी दी जा रही थी।
यूएसडीटी और बिटकॉइन से लेते थे पेमेंट
पूछताछ में सचिन ने बताया कि वे लोग विदेशी नागरिकों (यूएसए और कनाडा) से पॉपअप कॉल और ई-मेल के माध्यम से संपर्क करते थे। इसके बाद आरोपी टेक्निकल सपोर्ट देने के लिए टोल फ्री नंबर पर बात करते हुए कॉल वेंडर के माध्यम से क्रय किए जाने वाले एंटी वायरस बेचने का झांसा देते थे। पकड़े गए आरोपी विदेशी नागरिकों से टेक्निकल सपोर्ट के नाम पर पेमेंट यूएसडीटी और बिटकॉइन के माध्यम से लेते थे।
Noida: नोएडा धीरे-धीरे जामताड़ा बनता जा रहा है। यहां आए दिन साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफश हो रहा है। अब विदेशी नागरिकों को इन्श्योरेन्स पॉलिसी देने के नाम पर ठगी करने वाले 14 ठगों को थाना फेस 1 पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार सभी लोग यूएसए के लोगों को डायलर के माध्यम से स्क्रिप्ट देखकर इन्टरनेट कॉल करते थे। कॉल करते समय अपने नाम बदल लेते और हेल्थ इन्शोरेन्स पालिसी के बारे में बताते थे। यदि वह व्यक्ति तैयार हो जाता है तो उस कॉल को HARVARD BUSINESS SERVICES INC कम्पनी को ट्रान्सफर कर देते हैं।
इंटरनेट से करते थे यूएसए के लोगों को फन
इसके एवज में इनको 30 से 35 डालर प्रति व्यक्ति मिलता है। यह काम बिना किसी अनुमति व लाइसेन्स के किया जा रहा था। शुक्रवार को इलेक्ट्रोनिक सर्विलांस टीम, मैनुअल इंटेलीजेन्स व गोपनीय सूचना के आधार पर यूएसए के भोले भाले लोगों को इन्टरनेट के माध्यम से कॉल करके हेल्थ इन्श्योरेन्स पॉलिसी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले 14 - 43 सेक्टर-2 नोएडा से गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से 7 कम्प्यूटर, 1 लैपटाप, 7 हैडफोन व सूची कालिंग आदि बरामद हुआ है।
पुलिस ने इन आरोपियों को गिरफ्तार
निखिल यशवाल (30), दरभंगा बिहार, अंकुश गुप्ता (19) निवासी गाजियाबाद , ओरको सैन निवासी नोएडा, दीपांशू चौहान, नितिन सिंह, हर्ष सिंह, नितिन चौधरी, अंकित कुमार झां, रिषभ गुप्ता, गौरव सिंह, निशान्त कुमार, कुलदीप मिश्रा, कमरान फरीदी, ताजीम अली
Greater Noida West: नोएडा पुलिस और एसटीएफ ने एक बहुत बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। वेबसीरीज जामताड़ा की तर्ज पर फर्जी कॉल सेंटर के जरिए पूरा गिरोह विदेशी लोगों को ठग रहे थे। नोएडा STF और बिसरख पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन में अमेरिकन नागरिकों से ठगी करने वाले इंटरनेशनल कॉल सेंटर का खुलासा करते हुए 24 लोगों को गिरफ्तार किया है। चार साल से ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित महागुन मायवुड सोसायटी में फर्जी कॉल सेंटर चल रहा था। आरोपियों के कब्जे से मर्सडीज़ समेत 8 लग्ज़री कार , कैश 4 लाख कैश, दुबई, सिंगापूर, थाईलैंड की करेंसे और करोड़ो डॉलर बरामद किया है। गैंग का सरगना अंकुर गुप्ता भी मौके से गिरफ्तार हुआ है।
एमबीए पास है गिरोह का सरगना
कॉल सेंटर ठगी मामले के सरगना एमबीए पास अंकुर गुप्ता ने सात वर्षों तक कॉल सेंटरों में विभिन्न पदों पर काम किया। आरोपी ने 19 साल में कॉल सेंटर के कर्मचारी से लेकर मोबाइल इंपोर्ट और फिर अमेरिकी नागरिक नितिन सिंह की मदद से आईफोन की तस्करी की। इसके बाद विदेशियों से ठगी करने का कॉल सेंटर शुरू कर दिया। एसटीएफ ने बताया कि अंकुर गुप्ता (39) ने एमबीए के बाद वर्ष 2004 से लेकर 2011 के बीच विभिन्न कॉल सेंटरों में नौकरी की। 2011-12 में करोल बाग दिल्ली में मोबाइल फोन इंपोर्ट कर दिल्ली एनसीआर के बाजार में बेचने का धंधा शुरू किया। इसी दौरान उसकी पहचान अमेरिका में रहने वाले नितिन सिंह से हुई।
हांकांग में हिमांशु ने अंकुर को दी ठगी का प्रशिक्षण
इसके बाद नितिन की मदद से अंकुर ने अमेरिका से आईफोन को तस्करी कर हांगकांग के रास्ते चेन्नई लाने और फिर बाजार में बेचने का काम शुरू किया। इसी बीच उसकी मुलाकात गुजरात के अगड़िये मुकेश शाह से हो गई। 2019 में मुकेश ने हांगकांग में अंकुर गुप्ता की मुलाकात हिमांशु से कराई। हिमांशु फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेन्टर चलाकर अमेरिका के नागरिकों से धोखाधड़ी करता था। हिमांशु ने ही उसे विदेशियों से ठगी करने के अवैध धंधे का प्रशिक्षण दिया। इसके बाद मोबाइल रिपेयरिंग का काम करने वाले तरुण के साथ मिलकर अंकुर कॉल सेंटर चलाने लगा।
कर्मचारियों को वेतन के साथ इन्सेंटिव भी मिलता था
एसटीएफ ने बताया कि कॉल सेंटर से पकड़े गए आरोपियों को सरगना 25-30 हजार रुपये प्रतिमाह का वेतन देता था। इसके साथ ठगी के बदले इंसेंटिव देता था। कुछ आरोपी ठगी की रकम में 20 से 30 फीसदी की हिस्सेदारी पर भी काम करते थे। हांगकांग के जिस खाते में रकम हस्तांतरित की जाती थी। उस खाता धारक को भी आरोपी कमीशन देते थे। इस खाते से अंकुर गुप्ता व तरुण को क्रिप्टो करेंसी या नकद के जरिये भुगतान मिलता था।
इस तरह करते ठगी
पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि आरोपी अमेरिकी नागरिकों को नई बीमा पॉलिसी देने, बंद पॉलिसी चालू कराने, मोबाइल बैकिंग में आने वाली दिक्कतें और पासवर्ड आदि मुहैया कराने का भी झांसा देकर ठगी का शिकार बनाते थे।
पैसे बचाने के तरीके: चाहकर भी नहीं कर पाते हैं धन की बचत, तो ये टिप्स आपके काम की हैं
December 17, 2022