देश भर में आज से तीन नए कानून लागू, यहां आसान भाषा में समझिए कैसे आपको सहूलियत मिलेगी

देश भर में आज से यानी 1 जुलाई से तीन नए कानून लागू हो गए हैं। भारतीय दंड संहिता, 1860 , भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 और दंड प्रक्रिया संहिता, 1898 और 1973 की जगह भारतीय न्याय संहिता, 2023 , भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 लागू हो गए हैं। इस नए कानून के तहत दिल्ली और लखनऊ में पहली एफआईआर भी दर्ज हो गई है।


पिछले साल पारित हुए थे तीनों कानून
आज से लागू हुए तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 12 दिसंबर, 2023 को लोकसभा में प्रस्तावित किया गया था। 20 दिसंबर, 2023 को लोकसभा और 21 दिसंबर, 2023 को राज्यसभा से ये पारित हुए। 25 दिसंबर, 2023 को राष्ट्रपति ने तीन विधेयकों को अपनी मंजूरी दी थी। 24 फरवरी, 2024 को केंद्र सरकार ने तीन नए आपराधिक कानून 1 जुलाई से लागू होने की घोषणा की थी।

नए कानूनों को तकनीकी से जोड़ा
इन कानूनों में अत्याधुनिकतम तकनीकों को शामिल किया गया है। दस्तावेजों की परिभाषा का विस्तार कर इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल रिकॉर्ड्स, ई-मेल, सर्वर लॉग्स, कम्प्यूटर, स्मार्ट फोन, लैपटॉप्स, एसएमएस, वेबसाइट, लोकेशनल साक्ष्य, डिवाइस पर उपलब्ध मेल और मैसेजेस को कानूनी वैधता दी गई है।

वीडियो कान्फ्रेंसिग से होगी आरोपी की पेशी
एफआईआर से केस डायरी, केस डायरी से चार्जशीट और चार्जशीट से जजमेंट तक की सारी प्रक्रिया को डिजिटलाइज करने का प्रावधान इस कानून में किया गया है। अब सिर्फ आरोपी की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हो सकती है। पूरा ट्रायल, क्रॉस क्वेश्चनिंग सहित, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होगा। शिकायतकर्ता और गवाहों का परीक्षण, जांच-पड़ताल और मुकदमे में साक्ष्यों की रिकॉर्डिंग और उच्च न्यायालय के मुकदमे और पूरी अपीलीय कार्यवाही भी अब डिजिटली होगी। सर्च और जब्ती के वक्त वीडियोग्राफी को अनिवार्य कर दिया गया है। पुलिस द्वारा रिकॉर्डिंग के बिना कोई भी चार्जशीट वैध नहीं होगी।

फॉरेंसिक साइंस का अधिकतम इस्तेमाल
नए कानून में सात वर्ष या इससे अधिक सजा वाले अपराधों के क्राइम सीन पर फॉरेंसिक टीम का दौरा आवश्यक किया गया है। इसके माध्यम से पुलिस के पास एक वैज्ञानिक साक्ष्य होगा जिसके बाद कोर्ट में दोषियों के बरी होने की संभावना बहुत कम हो जाएगी। मोबाइल फॉरेंसिक वैन का भी अनुभव किया जा चुका है। दिल्ली में एक सफल प्रयोग किया गया है कि सात वर्ष से अधिक सजा के प्रावधान वाले किसी भी अपराध के स्थल का एफएसएल टीम दौरा करती है। इसके लिए मोबाइल एफएसएल के कॉन्सेप्ट को लॉन्च किया गया है। हर जिले में तीन मोबाइल एफएसएल रहेंगी और अपराध स्थल पर जाएंगी।


पहली बार ई-एफआईआर का प्रावधान
नागरिकों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए पहली बार जीरो एफआईआर की शुरुआत होगी। अपराध कहीं भी हुआ हो उसे अपने थाना क्षेत्र के बाहर भी रजिस्टर किया जा सकेगा। केस रजिस्टर होने के 15 दिनों के अंदर संबंधित थाने को भेजना होगा। हर जिले और पुलिस थाने में एक ऐसा पुलिस अधिकारी नामित किया जाएगा जो गिरफ्तार किए गए व्यक्ति के परिवार को उसकी गिरफ्तारी के बारे में ऑनलाइन और व्यक्तिगत रूप से सूचना देगा।

इस मामले में वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य

यौन हिंसा के मामले में पीड़ित का बयान आवश्यक कर दिया गया है। यौन उत्पीड़न के मामले में बयान की वीडियो रिकॉर्डिंग भी अब अनिवार्य कर दी गई है। पुलिस को 90 दिनों में शिकायत का स्टेटस और उसके बाद हर 15 दिनों में शिकायतकर्ता को स्टेटस देना होगा। पीड़ित को सुने बिना कोई भी सरकार 7 वर्ष या उससे अधिक के कारावास का केस वापस नहीं ले सकेगी।

By Super Admin | July 01, 2024 | 0 Comments

पुलिस कमिश्नर ने तीनों नए कानूनों के बारे में विस्तार से दी जानकारी, आप भी जानिए

Noida: गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह द्वारा थाना सेक्टर-39 पर निर्मित प्रभारी निरीक्षक कार्यालय का लोकार्पण किया। इसके साथ ही स्थानीय नागरिकों के साथ संवाद करते हुए उन्हें तीनों नए कानूनों (भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम-2023) के बारे में बताया।

कम समय केस का होगा निपटारा
पुलिस कमिश्नर ने लोगों व विवेचकों को तीनों नये कानूनों के बारे में जानकारी देते महत्वपूर्ण बदलावों व कानूनों से जुड़े तथ्यों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि तीनों कानूनों में नागरिकों को सुविधा देने के लिए बदलाव किए गये है। जिनमे कई नए महत्वपूर्ण प्रावधान दिये गये है। जिससे कम समय में विवेचनाओं का निष्पक्ष व गुणवक्तापूर्ण निस्तारण किया जाएगा।

डिजिटल साक्ष्य से जल्द मिलेगा न्याय
पुलिस कमिश्नर ने सभी विवेचकों को साक्ष्य संकलन/संग्रहित करने के महत्व के बारे में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि तीनों कानूनों में दिये गये सभी प्रावधानों का पूर्ण रूप से पालन करते हुए विवेचनात्मक कार्रवाई की जाए। डिजिटल/इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के महत्व को समझते हुए विवेचनात्मक कारवाई के दौरान उनका सही तरीके से उपयोग किया जाए, जिससे पीड़ितों को शीघ्र व उचित न्याय दिलाया जा सके। विवेचकों को कानूनों में बदलाव से संबंधित बुकलेट वितरित की गयी। इस मौके पर अपर पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था शिव हरि मीणा, डीसीपी नोएडा रामबदन सिंह, एडीसीपी नोएडा मनीष कुमार मिश्र, एसीपी प्रवीण कुमार सिंह, एसीपी शैव्या गोयल, थाना प्रभारी व कई स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।

By Super Admin | July 02, 2024 | 0 Comments

DDRWA और पुलिस की मीटिंग, नए कानून से अपराधियों को जल्द मिलेगी सजा, सभी को आसानी से मिलेगा न्याय

Noida: डीडीआरडब्लूए अध्यक्ष एनपी सिंह के सौजन्य से सेक्टर 30 आर डब्लूए व सेक्टर के लोगों के साथ पुलिस विभाग के साथ कम्यूनिटी सेन्टर मे मीटिंग हुई। मीटिंग में एसीपी प्रवीण कुमार, सेक्टर 20 एसएचओ, चौकी प्रभारी सिंह ने भाग लिया। पुलिस विभाग द्वारा 1 जुलाई से तीन नये कानून के बारे में समझाया गया।


पुलिसकर्मियों ने लोगों को बताया कि नये कानून मे किस तरह से आतंकवाद, महिला सम्बन्धी व साईबर सम्बन्धी अपराधी को अधिक प्रभावी बनाया गया है। इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक साक्षय को सम्मलित व मान्य किया गया है। नए कानून में पुलिस की जिम्मेदारी के साथ डाक्टर व न्यायलय को अपने अपने कर्तव्य के प्रति उत्तरदायी बनाते हुये समय बद्ध किया गया है। इससे न्यायलय की केसों को लम्बित रखने की प्रक्रिया पर भी अकुंश लगेगा और पीड़ित को न्याय जल्दी व सुलभ तरीके से मिल सकेगा। अपराधी को भी जल्दी सजा मिल सकेगी।


मीटिंग में इसके अलावा सेक्टर के लोगों की समस्या की भी सुनवाई की गयी व निदान करने का भरोसा दिया गया। एनपी सिह के द्वारा सेक्टर की समसया के साथ-साथ अनजान वीडियो काल न उठाने व साईबर ठगी से बचने को बताया। पुलिस विभाग की रेगुलर बेसिस पर आरडब्लूए के साथ मीटिंग व चौराहे पर भीख मांगने वालों व बच्चा चोरी के बारे मे बताया गया। मीटिंग में डीडीआरडब्लूए उपाध्यक्ष अनिल कुमार सिंह, प्रमोद वर्मा व काफी सख्या में सेक्टर के लोग मौजूद थे।

By Super Admin | July 04, 2024 | 0 Comments

Hot Categories

3
2
1