'शब्दबाणों' से सियासी तपिश हाई, तीसरे फेज की लड़ाई शहजादा-पीरजादा तक आई, क्या होगा इन शब्दबाणों का असर ?

मोदी गारंटी बनाम कांग्रेस की गारंटी से शुरु हुआ चुनाव तीसरे फेज तक आते-आते और राजनीतिक आक्रमकता पर पहुंच गया है, आमजन के मुद्दे तो गायब से हो गए है, न मंहगाई पर चर्चा हो रही है और न हीबेरोजगारी की बात हो रही है, विपक्ष भले ही सरकार पर सवाल तान रहा हो लेकिन मोदी सरकार इस ओर कोई भी ध्यान नहीं दे रही है. पहले तो संविधान और आरक्षण तक चुनाव सीमीत था लेकिन अब ये शहजादा, पीरजादा, हिंदू-मुस्लिम और तुष्टीकरण पर पहुंच गया है. पीएम मोदी और राहुल गांधी ने एक दूसरे पर जमकर ‘शब्दवाण’ छोड़े है, जिसको लेकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों दल अपनी-अपनी तरह से एजेंडा सेट करने की कवायद करते नजर आए. बता दें तीसरे फेज के चुनाव में अमित शाह और ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित 10 केंद्रीय मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर है तो चार पूर्व मुख्यमंत्रियों की अग्निपरीक्षा होनी है. इसी चरण में मुलायम परिवार से लेकर शरद पवार के परिवार का भी इम्तिहान होना है. इसके चलते तीसरे चरण का चुनाव काफी हाई प्रोफाइल माना जा रहा है. पिछले 11 दिनों में PM मोदी ने करीब 30 जनसभाएं की. पीएम हर तीसरे दिन विपक्ष को अपने किसी न किसी बयान से घेरते हुए नजर आए, दूसरे चरण में पीएम मोदी ने कांग्रेस के समान संपत्ति वितरण के चुनावी वादे को मंगलसूत्र से जोड़ कर बड़ा मुद्दा बना दिया था तो तीसरे चरण में आरक्षण से लेकर तुष्टीकरण के मुद्दे पर एजेंडा सेट करने की कोशिश करते नजर आए.

"विपक्ष मुसलमानों को ‘मोहरे’ के रूप में इस्तेमाल करता रहा"
पीएम मोदी ने आरोप लगा रहे हैं कि एसटी, एससी और ओबीसी को लेकर जो संविधान में आरक्षण मिला हुआ है, कांग्रेस उसे छीनने का प्रयास कर रही है. इतना ही नहीं कांग्रेस और इंडिया गठबंधन पर कटाक्ष करते हुए, पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि विपक्ष मुसलमानों को ‘मोहरे’ के रूप में इस्तेमाल करता रहा है. प्रधानमंत्री ने कहा था कि पाकिस्तान में दुआ हो रही है कि शहजादा प्रधानमंत्री बने.

2024 का लोकसभा चुनाव दो विचारधाराओं के बीच
लोकसभा के तीसरे चरण के चुनाव प्रचार के अंतिम दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में रामलला के दर्शन किए और उसके बाद रोड शो करके सियासी माहौल बनाने की कोशिश की. उन्होंने रामलला की आरती उतारी और दंडवत प्रणाम किया. इसके बाद रामपथ पर खुली जीप में दो किलोमीटर का रोड शो किया. वहीं, कांग्रेस की तरफ से पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी मतदाताओं को साधने के लिए मशक्कत करती दिखीं. कांग्रेस सामाजिक न्याय और आरक्षण के मुद्दे पर चुनावी मुद्दा सेट करने की कोशिश करती नजर आई. कांग्रेस और राहुल गांधी ये कहते नजर आए कि 2024 का लोकसभा चुनाव दो विचारधाराओं के बीच हो रहा है, जिसमें कांग्रेस संविधान की रक्षा करने की कोशिश कर रही है जबकि भाजपा-RSS इसे और लोगों के अधिकारों को खत्म करना चाहता है. राहुल गांधी अपनी हर एक रैली में इसी बात को दोहरा रहे हैं कि पीएम मोदी आरक्षण के खिलाफ है और लोगों से आरक्षण की सुविधा को छीनना चाहते हैं.

तीसरे फेज में इन शब्द बाणों का असर क्या वोटिंग में दिखाई देगा?
राहुल गांधी से लेकर विपक्षी के दूसरे नेता भी कह रहे हैं कि देश के संविधान पर खतरा है और पीएम मोदी तीसरी बार सत्ता में आते हैं तो संविधान बदल देंगे और आरक्षण को खत्म कर देंगे. कांग्रेस यह आश्वसान देती हुई नजर आई कि केंद्र में अगर उसकी सरकार बनती है, तो जातिगत जनगणना कराएगी और 50 फीसदी आरक्षण की सीमा को बढ़ा देगी. वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव अपने पीडीए फॉर्मूले पर ही एजेंडा सेट कर रहे हैं और हर चुनावी जनसभा में इसी बात का जिक्र कर रहे हैं. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव खुलकर पीएम मोदी और बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं. प्रियंका गांधी ने आक्रामक प्रचार कर रही है और उन्होंने पीएम मोदी पर अपने परिवार के खिलाफ मनगढ़ंत आरोप लगाने पर निशाना साधा और कहा कि मेरे पिता को विरासत में सत्ता नहीं बल्कि शहादत मिली है. इस तरह प्रियंका गांधी ने भवानात्मक अपील करके चुनावी फिजा को अपनी तरफ मोड़ने की कवायद की हैं. पीएम मोदी के शहजादे वाले बयान पर तेजस्वी ने उन्हें पीरजादा बता दिया है, अब तीसरे फेज की कल वोटिंग होनी है जिसको लेकर चुनाव आयोग ने पूरी तैयारी कर ली है, इस फेज में इन शब्द बाणों का क्या असर वोटिंग में दिखाई देगा, ये तो आने वाला समय बताएगा.

By Super Admin | May 06, 2024 | 0 Comments

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