Noida: सुपरटेक बिल्डर पर सख्ती शुरू हो गई है। सुपरटेक के सेक्टर-96 स्थित मुख्य कार्यालय को दादरी तहसील की टीम ने सील कर दिया है। दरअसल, सुपरटेक को बकाया नहीं चुकाने पर प्रशासन ने ये कार्रवाई की है।
क्या है पूरा मामला
सुपरटेक टाउनशिप प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड पर रेरा के 33 करोड़ 56 लाख रुपये बकाया है। जिसकी वसूली के लिए कई बार बिल्डर को नोटिस दी गई। यहां तक सुपरटेक कार्यालय के बाहर मुनादी कराकर भी चेतावनी दी गई। इसके बावजूद बिल्डर ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। जिसके बाद सेक्टर-96 में स्थित सुपरटेक के मुख्य कार्यालय को सील कर दिया गया।
दूसरे बिल्डर पर भी गिर सकती है गाज
ऐसा नहीं है कि ये कार्रवाई सिर्फ सुपरटेक बिल्डर तक ही सीमित है। प्रशासनिक अधिकारियों की माने तो दूसरे बिल्डर भी रडार पर हैं। जिन पर बकाया नहीं चुकाने पर जल्द कार्रवाई हो सकती है। जिनमें सनवर्ल्ड बिल्डर का नाम भी शामिल है।
Noida: सुपरटेक निदेशक आरके अरोड़ा पर एक और FIR दर्ज हुआ है। ग्रेनो के प्रोजेक्ट में फ्लैट देने को लेकर धोखाधड़ी करने के आरोप में सेक्टर 58 थाना पुलिस ने अरोड़ा समेत 14 के खिलाफ केस दर्ज जांच शुरू कर दी है।
14 साल पहले की थी फ्लैट की बुकिंग
सेक्टर 58 पुलिस को दी शिकायत में ग्रेटर नोएडा के बीटा टू स्थित गोल्फ विस्टा अपार्टमेंट निवासी संजीव कुमार ने आरोप लगाया है कि बिल्डर से 2010 में दो बेडरूम का फ्लैट 16 लाख रुपये में देने सौदा हुआ था। जिसके लिए उसने 12 लाख रुपये भी जमा करा दिए थे। लेकिन 14 वर्ष बाद भी उन्हें फ्लैट नहीं मिला।
दूसरे को फ्लैट कर दिया अलॉट
आरोप है कि बिल्डर की ओर से निर्धारित धनराशि से 12 लाख रुपये अधिक मांग रहे हैं। विरोध करने पर आरोपियों ने शिकायतकर्ता से मारपीट कर जान से मारने की धमकी दी है। संजीव ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसने जिस फ्लैट की बुकिंग थी उसे किसी और अलॉट कर दिया।
संजीव की शिकायत पर पुलिस ने सुपरटेक बिल्डर लिमिटेड के निदेशक आरके अरोड़ा, मोहित अरोड़ा, जीएल खेड़ा, राज मंगल, रामानुज शर्मा और अनुज कुमार शर्मा समेत छह अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया है। सेक्टर 58 थाना प्रभारी ने बताया कि जल्द ही आरोपियों से पूछताछ कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
Noida: सुपरटेक लिमिटेड के धोखाधड़ी के शिकार हजारों घर खरीदारों के प्रतिनिधि आर्थिक अपराध शाखा के विशेष आयुक्त शरद अग्रवाल से पुलिस मुख्यालय में मुलाकात कर न्याय की गुहार लगाई। प्रतिनिधिनियों ने बताया कि दिल्ली एनसीआर में सुपरटेक लिमिटेड के हजारों लोग पिछले दस साल से अपने घरों के इंतजार में दर दर भटक रहे हैं। राष्ट्रीय उपभोक्ता मंच, रेरा, एनसीएलएटी, सुप्रीम कोर्ट, आर्थिक अपराध शाखा और पटियाला हाउस कोर्ट में पिछले पांच साल से अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं।
प्रतिनिधियों ने आयुक्त को बताया कि सुपरटेक लिमिटेड के आर के अरोड़ा, मोहित अरोड़ा, जीएल खेरा, वाईजी एस्टेट के नीतीश अरोड़ा के सताए हुए हैं। पूरा पैसा देने के बाद भी दस साल से बेघर हैं। जिनको घर मिल गए हैं वो आधी अधूरी बनी सोसायटी में अव्यवस्था का शिकार हैं। इन हजारों घर खरीदार में से बहुतायत अपने घर की कीमत का 95% या लगभग संपूर्ण राशि सुपरटेक को दे चुके हैं। लेकिन अभी तक घर के लिए भटक रहे हैं। सुपरटेक की विभिन्न परियोजना जो 2010 से शुरू हुई थी जो अभी तक अधूरी है। घर खरीदार चौतरफा परेशान है। इनमें ज्यादातर लोग ऐसे हैं जो घर की ईएमआई के साथ किराया भी दे रहे हैं। इनकम टैक्स में ब्याज का फायदा भी नहीं ले पा रहे हैं। क्योंकि इनको घर का पजेशन नहीं मिला हैं।
बीस हजार से ज्यादा होम बायर के प्रतिनिधि विशेष आयुक्त से मिले
सुपरटेक लिमिटेड के नौ प्रोजेक्ट जिसमें नोएडा के नॉर्थ आई , ईकोसिटी, रोमानो और केपटाउन , ग्रेटर नोएडा के इकोविलेज 1, इकोविलेज 3, स्पोर्ट्स विलेज, यमुना एक्सप्रेसवे के अपकंट्री और गुरुग्राम के हिलटाउन के बीस हजार से ज्यादा होम बायर के प्रतिनिधि आर्थिक अपराध शाखा के विशेष आयुक्त शरद अग्रवाल से पुलिस मुख्यालय में मिले और सुपरटेक ग्रुप की संबंधित कंपनियों के बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं को उनके संज्ञान में लाया गया। घर खरीदने वालों की चिंता का मुख्य कारण आईआरपी हितेश गोयल के द्वारा प्रस्तावित समाधान प्रस्ताव में सुपरटेक लिमिटेड के सभी परियोजना ( दिल्ली एनसीआर एवं अन्य ) के डेटा का योग देखा जाये तो इसमे लगभग नौ हजार करोड़ की बेमेल राशि है। जिसका आईआरपी ने अपनी रिपोर्ट में कहीं भी उल्लेख नहीं किया है।
सुपरटेक के खिलाफ 13 FIR
विशेष आयुक्त शरद अग्रवाल ने होम बायर के प्रतिनिधियों को बताया कि सुपरटेक के खिलाफ कुल 13 FIR हैं। इनमें से 8 मामले संबंधित अदालतों में विचाराधिन है। बाकी कुछ में विवेचना चल रही है और कुछ में आरोप पत्र जल्दी जारी करने की संभावना है। उन्होने आगे कहा कि होम बायर के प्रतिनिधि अगले सप्ताह तक सभी FIR और सभी अदालती मामलों की संदर्भ संख्या प्राप्त कर सकते हैं। होम बायर के प्रतिनिधियो ने आगे बताया आर्थिक अपराध शाखा (EOW) प्रवर्तन निदेशालय (ED) और सीबीआई में आपराधिक शिकायत दर्ज करने के लिए व अन्य अदालती (एनसीएलएटी एवम् सुप्रीम कोर्ट) मामलों में सामूहिक रूप से हजारों घर खरीदारों के हित का ध्यान रखने एवम् प्रतिनिधित्व करने के लिए एक रूपरेखा बनाएंगे।
इन लोगों ने की मुलाकात
होम बायर के अधिकारो की रक्षा लिए नॉर्थ आई से गुलशन कुमार एवम् आकाश गोयल, इको विलेज 3 से श्री चेतन कपूर एवम् आयोग रस्तोगी, इको विलेज 1 से गौरव कपिल एवम् महेंद्र कुमार महिंद्रा, हिलटाउन से सुमित गुप्ता, श्री गौतम सेठी एवं कपिल दत्त शर्मा, केप टाउन से राजीव रंजन, स्पोर्ट्स विलेज से अचिन मजूमदार, रोमानो से विक्रांत वर्मा, अपकंट्री से कैलाश चंद्र, इकोसिटी से सुनील मैथ्यू का विशेष प्रयास एवं योगदान रहा।
Noida: नोएडा में अपनी खून पसीने की कमाई से फ्लैट खरीदने वाले दर-दर भटकने को मजबूर हैं। इसी कड़ी में सुपरटेक लिमिटेड की आठ आवासीय परियोजनाएं नॉर्थ आई, इकोसिटी, रोमानो, केप टाउन, इकोविलेज 1, इकोविलेज 3, स्पोर्ट्स विलेज, अपकंट्री के घर खरीदारों के प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह मुलाकात कर न्याय की गुहार लगाई।
15000 से अधिक लोगों को अभी भी नहीं मिला फ्लैट
प्रतिनिधि मंडल ने पुलिस कमिश्नर को बताया वह फ्लैट खरीदार सुपरटेक लिमिटेड और वाईजी एस्टेट के धोखाधड़ी के शिकार हैं। 2010 में सुपरटेक द्वारा शुरू की गई कई आवासीय परियोजनाएं अभी भी अधूरी हैं। आईआरपी हितेश गोयल की रिपोर्ट के अनुसार सुपरटेक लिमिटेड की आवासीय परियोजना में 15000 से अधिक घर खरीदार अभी भी अपने घर की प्रतीक्षा कर रहे हैं। ये घर खरीदार अपने घर की लगभग पूरी रकम चुकाने के बाद भी असहाय, बेघर हैं। जिनको घर मिल गए हैं वो आंशिक रूप से निर्मित सोसायटी में अव्यवस्था का शिकार हैं। अधूरे घर, बढ़ा हुआ पानी और बिजली शुल्क, अस्वच्छता, अतिक्रमण, सोसायटी में रख-रखाव को एओए को सौंपना आदि सस्याओं को प्रतिनिधि मंडल ने पुलिस कमिश्नर के समक्ष रखा।
पुलिस कमिश्नर ने एफआईआर दर्ज करने के दिए निर्देश
घर खरीदार की प्रार्थना पर पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह ने संज्ञान लिया और एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया। एफआईआर में आरके अरोड़ा, मोहित अरोड़ा, जीएल खेड़ा व सुपरटेक लिमिटेड के अन्य निदेशक और नितीश अरोड़ा और वाईजी एस्टेट के अन्य निदेशक शामिल हैं। पुलिस आयुक्त ने घर खरीदारों के प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि अगर भविष्य में घर खरीदार को कोई शिकायत है तो वे त्वरित कार्रवाई के लिए डीसीपी क्राइम से संपर्क कर सकते हैं।
सीएम योगी से मिलेगा प्रतिनिधि मंडल
बता दें कि 22 अगस्त को पुलिस मुख्यालय में ईओडब्ल्यू के विशेष आयुक्त शरद अग्रवाल से मुलाकात के बाद घर खरीदारों के प्रतिनिधिमंडल की ओर से बिल्डर की गैरकानूनी गतिविधि के खिलाफ होम बायर के अधिकारों की रक्षा लिए यह दूसरा प्रमुख प्रयास है। घर खरीदारों के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि "हम घर खरीदारों की चिंता को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने की योजना बना रहे हैं। गुलशन कुमार, चेतन कपूर, महेंद्र कुमार महिंद्रा, अचिन मजूमदार और समन्वय राउत्रे घर खरीदारों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे।
Greater Noida: उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सुपरटेक बिल्डर पर बड़ी कार्रवाई की है। बिल्डर द्वारा इको विलेज-2 सोसाइटी के पांच जनरेटर में से तीन पर चिमनी नहीं लगाने पर 13.50 लाख का जुर्माना लगा है। धुएं से परेशान होकर पंचशील ग्रींस वन सोसाइटी के निवासियों ने शिकायत की थी, जिस पर कार्रवाई हुई है। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। जिसके बाद यूपीपीसीबी ने कार्रवाई की है।
पंचशील ग्रींस वन सोसाइटी के लोगों ने की थी शिकायत
जानकारी के अनुसार, ग्रेनो वेस्ट की पंचशील ग्रींस वन सोसाइटी के निवासी इको विलेज-2 सोसाइटी के जनरेटर के धुएं से परेशान होकर यूपीपीसीबी से शिकायत की थी। लोगों का आरोप था कि जनरेटर पर चिमनी और साइलेंसर भी नहीं लगा हुआ है। जब जनरेटर चलता है तो धुआं उनकी सोसाइटी के सी ब्लॉक की तरफ आता है। इसकी वजह से फ्लैटों में रहने वाले लोग धुएं से परेशान हैं।
बिल्डर ने नोटिस का नहीं दिया जवाब
यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी देव कुमार गुप्ता ने बताया कि शिकायत पर पिछले माह सोसाइटी का निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण के दौरान इको विलेज-2 सोसाइटी में पांच जनरेटर लगे मिले, जिनमें तीन पर चिमनी नहीं लगी थी। साथ ही, जनरेटर डीजल से चल रहे थे। बिल्डर को नोटिस भी जारी किया गया, लेकिन कुछ जवाब नहीं आया है। अब सुपरटेक बिल्डर पर चिमनी नहीं लगाने पर 13.50 लाख का जुर्माना लगाया गया है। इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भी भेज दी गई है।
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा वेस्ट में पिछले दिनों दूषित पानी पीने से सुपरटेक इको विलेज-2 सोसाइटी के 1500 लोगों के बीमार पड़ने के मामले में प्राधिकरण ने बड़ी कार्रवाई की है। सुपरटेक बिल्डर पर 5 करोड़ 7 लाख जुर्माना लगाया है। इसमें पांच करोड़ प्रदूषण और 7 लाख रुपये ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने लगाया है। जांच में सामने आया है कि पानी टंकी की सफाई करते समय केमिकल रह जाने से सोसाइटी के लोग बीमार पड़े थे।
सोसाइटी में मच गया था हड़कंप
गौरतलब है कि इको विलेज-2 सोसाइटी में करीब 3000 परिवार रहते हैं। इस सोसाइटी में 2 से 4 सितंबर तक 1500 परिवार लोग दूषित पानी पीने से बीमार पड़ गए थे। कई पूरा परिवार ही बीमार हो गया था। बीमार होने वालों में अधिकतर बच्चे और महिलाएं थे। हालत यह हो गई थी कि सोसाइटी के आसपास क्लीनिक और अस्पताल में इलाज कराने के लिए लोगों की भीड़ लग गई थी। इतनी बड़ी संख्या में लोगों के बीमार होने पर हड़ंकप मच गया था। तुरंत स्वास्थ्य विभाग, प्राधिकरण और जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची थी।
जांच में मिली भारी कमी
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि सुपरटेक इको विलेज-2 सोसाइटी में पिछले दिनों 300 लोग दूषित पानी पीने से बीमार हुए थे। इसके बाद मौके पर पहुंचकर स्थानीय प्रशासन और प्राधिकरण की टीम ने निरीक्षण किया था और सैंपल लिया गया था। जिसकी रिपोर्ट में सामने आया है कि पानी की टंकी सही सफाई नहीं कराई जा रही थी। इसके अलावा पानी की टंकी सफाई की गई तो उसमें केमिकल रह गया था, जिससे पानी दूषित हुआ और लोग बीमार पड़े। इस मामले में प्रदूषण विभाग ने सुरटेक बिल्डर पर 5 करोड़ और प्राधिकरण की ओर से 7 लाख जुर्माना लगाया गया है।
अब नियमित होगी जांच
जांच में पाया गया कि सोसाइटी में सप्लाई किया जा रहा पानी दूषित था। जिससे लोगों की तबीयत खराब हो गई। कई लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा और कुछ को घर पर ही प्राथमिक उपचार दिया गया। इस घटना के बाद निवासियों में बिल्डर और सोसायटी प्रबंधन के प्रति गहरा आक्रोश है। प्राधिकरण के अधिकारियों ने कहा कि सोसायटी में रहने वाले निवासियों की सुरक्षा को नजरअंदाज करने और दूषित पानी की सप्लाई करने के कारण जुर्माना लगाया गया है। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे और सभी सोसायटीज में पानी की नियमित जांच की जाएगी।
सोसाइटी के लोगों में नाराजगी
उल्लेखनीय है कि इस घटना के बाद सोसायटी के लोगों में काफी नाराजगी है। कई लोगों ने बिल्डर और प्रबंधन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की भी बात कही है। सोसाइटी के लोगों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है, जब उन्हें ऐसी समस्या का सामना करना पड़ा है। पहले भी पानी की गुणवत्ता को लेकर शिकायतें की गई थीं, लेकिन गंभीरता से नहीं लिया गया था।
न्याय की अपेक्षा में एनसीएलएटी कोर्ट की ओर टकटकी लगाये हुए सुपरटेक के 26000 घर खरीदारों के भविष्य का फैसला फिर एक सप्ताह के लिए टल गया है। नोएडा से नॉर्थ आई, इकोसिटी, रोमानो और केप टाउन, ग्रेटर नोएडा से इकोविलेज 1, इकोविलेज 3, स्पोर्ट्स विलेज, यमुना एक्सप्रेसवे से अपकंट्री, गुरुग्राम से अराविले और हिलटाउन और बेंगलुरु से मिकासा सहित सुपरटेक लिमिटेड की ग्यारह परियोजनाओं से 26 हजार से अधिक घर खरीदारों के एनसीएलएटी के आदेश के द्वारा नियुक्त अधिकृत प्रतिनिधियों (एआर) ने घर खरीदारों के अधिकार को बचाने के लिए अपना प्रार्थना दाखिल किया था। जिस पर आज सुनवाई होनी थी। लेकिन सुनवाई टल गई है।
सुपरटेक बिल्डर की प्रताड़ना से मुक्ति दिलाने की मांग
यह NCLAT के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा संयुक्त आवेदन हैं। जिसमे 26000 से अधिक घर खरीदारों की सुपरटेक की प्रताड़ना से मुक्ति के प्रार्थना है। घर खरीदारों के प्रतिनिधिमंडल ने एनसीएलएटी के समक्ष आवेदन किया है। जिसमें एनसीएलएटी ने मांग कि है कि एनबीसीसी को घर खरीदारों के हित को ध्यान में रखते हुए समाधान प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्देश दें। फोरेंसिक ऑडिट से एनबीसीसी को एक मजबूत योजना बनाने में मदद मिलेगी जो सभी हितधारकों के लिए फायदेमंद होगी। एनबीसीसी को आम्रपाली में आने वाली समस्याओं से बचने में मदद मिलेगी। सुपरटेक लिमिटेड के प्रबंधन की भागीदारी को पूरी तरह से हटा दिया जाए। मौजूदा घर खरीदारों के लिए कोई लागत वृद्धि नहीं की जाए।
10 साल से लड़ रहे हक की लड़ाई
पिछले दस वर्षों से ये घर खरीदार अपने घर की लगभग पूरी राशि का भुगतान करने के बाद भी असहाय, बेघर हैं। जो लोग अपना घर प्राप्त करते हैं, वे खराब बुनियादी ढांचे और उचित सुरक्षा और सुविधाओं की कमी के तहत रहने वाले आंशिक रूप से निर्मित समाजों में अराजकता और कुप्रबंधन का शिकार हैं।
एनसीएलएटी कोर्ट में ये रहे मौजूद
एनसीएलएटी कोर्ट में होम बायर के प्रतिनिधियों में इको विलेज 3 से चेतन कपूर एवम् आयोग रस्तोगी, इको विलेज 1 से गौरव कपिल एवम् विजय चौहान, हिलटाउन से कपिल दत्त शर्मा, केप टाउन से अरुण जैन, स्पोर्ट्स विलेज से अचिन मजूमदार, रोमानो से विक्रांत वर्मा, अपकंट्री से कैलाश चंद्र, इकोसिटी से राकेश यादव एवम् ज्योति रानी (अधिवक्ता) उपस्थित रहे. सुनील मैथ्यू, आकाश गोयल एवम् राहुल पाराशर वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा सम्मिलित हुए।
Greater Noia: सुपरटेक लिमिटेड के हजारों घर खरीदार पिछले दस साल से अपने घरो के इंतजार में दर दर भटक रहे हैं। पिछले पांच साल से राष्ट्रीय उपभोक्ता मंच, रेरा, एनसीएलएटी, सुप्रीम कोर्ट, आर्थिक अपराध शाखा और पटियाला हाउस कोर्ट में अपने अधिकारो के लिए लड़ रहे हैं। इसी कड़ी में रविवार को, सुपरटेक लिमिटेड के 14 प्रोजेक्ट्स से 750 से अधिक होमबायर्स ने जंतर-मंतर पर एक संगठित शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में अपनी सामूहिक आवाज उठाई।
प्रदर्शन करे जा रहे एक व्यक्ति पर हुआ हमला
उल्लेखनीय है कि महेंद्र कुमार महिंद्रा पर रविवार को सुबह जंतर मंतर की ओर जाते समय अज्ञात हमलावरों ने हमला किया। जिससे र उनके हाथ और बांह में चोट आई। होम बायर्स को यह अंदेशा है कि इस घटना के पीछे सुपरटेक प्रबंधन का हाथ है और इसकी न्यायिक जांच की जाए। इस मामले में पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई गई है। घर खरीदारों की आवाज को दबाने के बहुत सारे प्रयास किए जा रहे हैं।
बता दें कि 20 से अधिक वक्ताओं ने घर के मिलने में दस वर्ष से अधिक की देरी, वित्तीय अनियमितताएं, सुपरटेक लिमिटेड के द्वारा अनैतिक तरीके से बीबीए एग्रीमेंट से अधिक पैसे की मांग, आधे अधूरे प्रोजेक्ट और रजिस्ट्रेशन मुद्दों से लेकर IRP के निष्पक्ष तरीके से कार्य न करने के मुद्दों पर बात की।
95 फीसदी पैसे देने के बाद भी नहीं मिला घर
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि हजारो अपने घर की कीमत का 95% या लगभग संपूर्ण राशि सुपरटेक को दे चुके हैं। अभी तक घर के लिए भटक रहे हैं। सुपरटेक की विभिन्न परियोजना 2010 से शुरू हुई थी जो अभी तक अधूरी है। घर खरीदार चौतरफा परेशान है। इनमें ज्यादातर लोग ऐसे हैं जो घर की ईएमआई और किराया भी दे रहे हैं और इनकम टैक्स में ब्याज का फायदा भी नहीं ले पा रहे हैं। क्योंकि इनको घर का पजेशन नहीं मिला है। जिनको घर मिल गए हैं वह आधी अधूरी बनी सोसायटी में अव्यवस्था और कुप्रबंधन का शिकार है।
होम बायर्स अब एक हो जाएगा
होम बायर्स अब एक हो जाएगाप्रदर्शन के अवसर पर "होम बायर्स अब एक हो जाएगा" शीर्षक से एक प्रेरणादायक कविता भी जारी की गई। जो 'यूनाइटेड होमबायर्स' के बैनर के तहत विभिन्न प्रोजेक्ट्स के होमबायर्स के एकजुट होने को दर्शाती है। प्रदर्शन के बाद संयुक्त प्रतिनिधियों ने मुख्य मांगों को पीएम नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति, वित्त मंत्री, माननीय मुख्य न्यायाधीश, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री, IBBI अध्यक्ष, कानून मंत्री, NCLAT अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और हरियाणा के मुख्यमंत्री को भी एक प्रति भेजी।
प्रदर्शन में इन्होंने निभाई भूमिका
इस शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का आयोजन करने के लिए सुमित गुप्ता और कपिल दत्त शर्मा (हिलटाउन), कैलाश चंद्र (अपकंट्री), आयोग रस्तोगी और चेतन कपूर (इको विलेज 3), गुलशन कुमार और आकाश गोयल (नॉर्थ आई), महेंद्र कुमार महिंद्रा (इको विलेज 1) और आचिन मजूमदार (स्पोर्ट्स विलेज) ने विशेष प्रयास किए।
होमबायर्स की मुख्य मांगें
1. एनबीसीसी के समाधान प्रस्ताव में होमबायर्स के हितों को ध्यान में रखते हुए सुधार किया जाए
2. सुपरटेक लिमिटेड का फोरेंसिक ऑडिट हो, जिससे एनबीसीसी को सभी हितधारकों (घर खरीददार, बैंक एवम अथॉरिटी) के लिए एक मजबूत योजना बनाने में मदद मिले
3. सुपरटेक लिमिटेड के प्रबंधन की भागीदारी को पूरी तरह से हटा दिया जाए
4. सुपरटेक के प्रोमोटर्स की गिरफ़्तारी
5. मौजूदा घर खरीदारों के लिए कोई लागत वृद्धि नहीं ना की जाए
6. भारत सरकार के द्वारा SWAMIH इन्वेस्टमेंट फंड से इंतरिम फंडिंग कराई जाए
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December 17, 2022