Noida: नोएडा में अपनी खून पसीने की कमाई से फ्लैट खरीदने वाले दर-दर भटकने को मजबूर हैं। इसी कड़ी में सुपरटेक लिमिटेड की आठ आवासीय परियोजनाएं नॉर्थ आई, इकोसिटी, रोमानो, केप टाउन, इकोविलेज 1, इकोविलेज 3, स्पोर्ट्स विलेज, अपकंट्री के घर खरीदारों के प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह मुलाकात कर न्याय की गुहार लगाई।
15000 से अधिक लोगों को अभी भी नहीं मिला फ्लैट
प्रतिनिधि मंडल ने पुलिस कमिश्नर को बताया वह फ्लैट खरीदार सुपरटेक लिमिटेड और वाईजी एस्टेट के धोखाधड़ी के शिकार हैं। 2010 में सुपरटेक द्वारा शुरू की गई कई आवासीय परियोजनाएं अभी भी अधूरी हैं। आईआरपी हितेश गोयल की रिपोर्ट के अनुसार सुपरटेक लिमिटेड की आवासीय परियोजना में 15000 से अधिक घर खरीदार अभी भी अपने घर की प्रतीक्षा कर रहे हैं। ये घर खरीदार अपने घर की लगभग पूरी रकम चुकाने के बाद भी असहाय, बेघर हैं। जिनको घर मिल गए हैं वो आंशिक रूप से निर्मित सोसायटी में अव्यवस्था का शिकार हैं। अधूरे घर, बढ़ा हुआ पानी और बिजली शुल्क, अस्वच्छता, अतिक्रमण, सोसायटी में रख-रखाव को एओए को सौंपना आदि सस्याओं को प्रतिनिधि मंडल ने पुलिस कमिश्नर के समक्ष रखा।
पुलिस कमिश्नर ने एफआईआर दर्ज करने के दिए निर्देश
घर खरीदार की प्रार्थना पर पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह ने संज्ञान लिया और एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया। एफआईआर में आरके अरोड़ा, मोहित अरोड़ा, जीएल खेड़ा व सुपरटेक लिमिटेड के अन्य निदेशक और नितीश अरोड़ा और वाईजी एस्टेट के अन्य निदेशक शामिल हैं। पुलिस आयुक्त ने घर खरीदारों के प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि अगर भविष्य में घर खरीदार को कोई शिकायत है तो वे त्वरित कार्रवाई के लिए डीसीपी क्राइम से संपर्क कर सकते हैं।
सीएम योगी से मिलेगा प्रतिनिधि मंडल
बता दें कि 22 अगस्त को पुलिस मुख्यालय में ईओडब्ल्यू के विशेष आयुक्त शरद अग्रवाल से मुलाकात के बाद घर खरीदारों के प्रतिनिधिमंडल की ओर से बिल्डर की गैरकानूनी गतिविधि के खिलाफ होम बायर के अधिकारों की रक्षा लिए यह दूसरा प्रमुख प्रयास है। घर खरीदारों के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि "हम घर खरीदारों की चिंता को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने की योजना बना रहे हैं। गुलशन कुमार, चेतन कपूर, महेंद्र कुमार महिंद्रा, अचिन मजूमदार और समन्वय राउत्रे घर खरीदारों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे।
Comments 0