नोएडा में 'मलिक' के बीमे का लाखों रुपये हड़पने के लिए दिव्यांग की बलि, रचा ऐसा ड्रामा कि 18 साल बाद हुआ खुलासा!

आज के जमाने में जमीन-जायदाद के लिए अपने अपनों की हत्या करना किसी के लिए कोई बड़ी बात नहीं है। मगर बीमा की रकम धोखे से हड़पने के लिए किसी अनजान शख्स को मौत के घाट उतार देने की घटना आपने शायद फिल्मों में ही देखी और सुनी होगी। वहीं अब एक ऐसा ही मामला ग्रेटर नोएडा में सामने आया हैष जहां एक शख्स ने बीमा के 90 लाख रुपये हड़पने के लिए एक अनजान शख्स की हत्या कर दी है। इस मामले में शुक्रवार को आगरा पुलिस ने स्थानीय पुलिस की मदद से पारसौल निवासी रामबीर को भी गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि रामबीर ने भी मानसिक विक्षिप्त के हत्याकांड में आरोपियों का साथ दिया था।

क्या था पूरा मामला
दरअसल उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जिले के दनकौर के पारसौल गांव निवासी अनिल मलिक ने 3 जुलाई 2006 में आगरा के एक मानसिक दिव्यांग भिखारी को खाना खिलाने का लालच देकर कार में बैठाया और नशीली गोलियां खिला दी। जिससे वह बेहोश हो गया। इसके बाद आरोपी अनिल ने कार में आग लगा दी। कार में जले हुए शव की शिनाख्त परिजनों ने योजना के मुताबिक अनिल मलिक के रूप में की थी। अनिल ने इस षडयंत्र में पिता, भाई और दोस्तों को भी साथ लिया था। इसके बाद रिकॉर्ड में खुद को मृत दर्शाकर आरोपी ने बीमा पॉलिसी के 80 लाख रुपये और कार बीमा के 10 लाख रुपये की राशि हड़प ली। बीमा की रकम हड़पने के बाद आरोपी अनिल मलिक गुजरात के अहमदाबाद में राजकुमार चौधरी के नाम से रह रहा था। आरोपी ने ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, आधार कार्ड और बैंक का खाता भी खुलवा लिया था। घटना के 17 साल बाद 2023 में अहमदाबाद पुलिस ने अनिल से पूछताछ की तो पूरे मामले का खुलासा हुआ। अहम जानकारी जुटाने के लिए अहमदाबाद पुलिस दनकौर के पारसौल गांव से स्कूली दस्तावेज भी जांचने गई थी। इसके बाद अनिल मलिक, उसके पिता विजयपाल सिंह और भाई अभय सिंह के खिलाफ आगरा के रकाबगंज थाने में अज्ञात व्यक्ति को जलाकर मारने के आरोप में केस दर्ज किया गया।

By Super Admin | July 20, 2024 | 0 Comments

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