आप नए उद्यमी हैं, या फिर उद्यमी बनना चाहते हैं, तो नोएडा प्राधिकरण की ये स्कीम आपके स्टार्टअप में जान फूक सकती है। स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने किराए पर जगह देने की स्कीम निकाली है। दरअसल, शहर के फेज-टू में पुरानी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में लंबा चौड़ा जगह खाली है। इस स्थान को अब प्राधिकरण स्टार्टअप को किराए पर देने जा रही है।
6 जुलाई तक करें आवेदन
इस योजना के लिए 6 जुलाई तक आवेदन प्राधिकरण में किया जा सकता है। इस योजना के बारे में प्राधिकरण के अधिकारी ने बताया कि यहां पर 1,224 वर्ग मीटर जगह चिन्हित की गई है। स्टार्टअप के लिए ये जगह किराए पर दिया जाएगा। इस जगह को किराए पर देने के लिए 335 रुपये प्रति वर्ग मीटर रिजर्व प्राइज होगा। यानि आपको ये जगह किराए पर चाहिए तो इससे ज्यादा की बोली लगानी होगी।
पहली बार निकाली गई इस तरह की योजना
प्राधिकरण के संस्थागत विभाग की ओर से पहली बार इस तरह की स्टार्टअप योजना निकाली गई है। अभी 6 जुलाई तक इस तरह की योजना के लोग अप्लाई कर सकते हैं। उसके बाद ऑनलाइन बोली समय तय किया जाएगा।
प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार नए-नए प्रयास कर रही है। इसके तहत प्रदेश भर के अलग-अलग जिलों को चिन्हित कर वहां पर रोजगार के अवसर बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट पेश किया। 7 लाख 36 करोड़ के बजट में उद्योगों पर खास फोकस किया गया है।
Lucknow: बुंदेलखण्ड क्षेत्र में नए औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) का गठन किया जा रहा है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा के तर्ज पर बुंदेलखंड क्षेत्र में औद्योगिक वाणिज्यिक और आवासीय टाउनशिप विकसित करने की योजना है। बीडा प्राधिकरण क्षेत्र को नोएडा के तर्ज पर विकसित किया जाएगा। जिससे बुंदेलखंड के निवासियों को रोजगार के लिए दूसरे शहर की तरफ नहीं जाना पड़ेगा।
मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करने की नीति लागू
सरकार का जोर अब प्रदेश में मैन्युफैक्चरिंग पर है। ताकि प्रदेश में रोजगार के अधिक से अधिक अवसर युवाओं को मिल सके। इसके तहत सेमी कंडक्टर, डाटा सेंटर, स्टार्टअप और आईटी सेक्टर्स से संबंधित विशेष योजना के साथ इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करने के लिए नीति भी लागू की गई है।
डिफेंस कॉरिडोर पर तेजी से काम
प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर में बड़े पैमाने पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। डिफेंस कॉरिडोर के 6 नोड्स में से 3 नोड्स आवंटन भी पूरा किया जा चुका है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में एफडीआई, फॉर्च्यून ग्लोबल-500 के निवेश को आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन नीति-2023 लागू की है। किसी भी राज्य द्वारा बड़े पैमाने पर वैश्विक निवेश को आकर्षित करने का ये अपनी तरह का पहला प्रयास है। नीति के क्रियान्यवन के लिए 250 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
टैबलेट, स्मार्ट फोन वितरण की व्यवस्था
स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत टैबलेट और स्मार्ट फोन वितरण के लिए 4 हजार करोड़ रूपये व्यवस्था प्रस्तावित है। पिछले साल 25 लाख से अधिक टैबलेट/ स्मार्टफोन बांटे गये हैं।
इन योजना पर भी चल रहा काम
● गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए दो हजार 57 करोड़ 76 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। जो वर्तमान साल की तुलना में दो गुने से अधिक है।
● आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को जोड़ने हेतु नये लिंक एक्सप्रेस-वे निर्माण हेतु 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● अटल इंडस्ट्रियल इंस्ट्रक्चर मिशन हेतु 400 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है, जो वर्तमान वर्ष के सापेक्ष 33 प्रतिशत अधिक है।
● अवस्थापना और औद्योगिक विकास के क्षेत्र में आज उत्तर प्रदेश एक अग्रणी प्रदेश के रूप में उभरा है। अपराध पर लगाम लगी है, अपराधियों का प्रदेश से सफाया हो चुका है।
ग्रेटर नोएडा के जीएल बजाज सेंटर फॉर रिसर्च एंड इन्क्यूबेशन में दो दिनों के राष्ट्रीय स्टार्टअप शिखर सम्मेलन-2024 का भव्य उद्घाटन किया गया। सम्मलेन में मुख्य अथिति डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन के निदेशक एवं डिजिटल इंडिया भाषिणी के सीईओ अमिताभ नाग ने भाग लिया। इस दौरान जीएलबीसीआरआई के एडवाइज़र डॉ. एसपी मिश्रा ने स्वागत अभिभाषण दिया। वहीं सम्मेलन अगले दो दिनों तक उद्यमिता, नवाचार, भविष्य की संभावनाओं के साथ व्यापक विचारों को एकत्रित करेगा।
सम्मेलन में 300 से अधिक स्टार्टअप शामिल हो रहे
इस सम्मेलन में जीएल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट की 4 टीमों सहित देश भर के 300 से अधिक स्टार्टअप शामिल हो रहे है। साथ ही उन स्टॉप, ज़ोहो, अभिब्यूज, फ्लूड वेंचर, ओनेहाश और पेडल स्टार्ट जैसी कई बड़ी कंपनी भी भाग ले रही है। मुख्य अतिथि अमिताभ नाग ने बताया 'कि प्लेसमेंट्स में 60 फ़ीसदी से अधिक कमी आ चुकी है इस कारण स्टार्टअप की ओर ध्यान केंद्रित करना जरुरी हैं। हमारे देश के इंस्टिट्यूटस के स्टार्टअप इंडिया से बाहर भी मौजूद है और काफ़ी अच्छे पैमाना पर चल रहे है। हम इंडिया का सबसे बड़ा स्टार्टअप इन्वेस्टमेंट प्लेटफार्म शुरू करने जा रहे है ।'
जीएल बजाज ग्रुप का उद्देश्य स्टार्टअपों के लिए जरूरी साधन मुहैया कराना
जीएल बजाज एजुकेशनल इंस्टीटूशन्स ग्रुप के सीईओ श्री कार्तिकेय अग्रवाल ने कहा कि जीएल बजाज ग्रुप का उद्देश्य स्टार्टअपों के लिए सभी आवश्यक साधनों को उपलब्ध कराना, शिक्षाविदों के आपसी तालमेल से स्टार्टअपों के लिए मेंटरिंग, प्रशिक्षण, और संबंधों के विकास करने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम तैयार करना, नेटवर्किंग उद्यमिता समुदाय के सदस्यों के बीच संबंध बनाने के लिए सामाजिक और व्यावसायिक नेटवर्किंग के अवसर प्रदान करना है। वहीं वित्तीय समर्थन के लिए स्टार्टअपों निवेशकों और वित्तीय संस्थाओं के साथ मिलकर संभावित समर्थन को लाना हैं।
स्टार्टअप शुरू करने के लिए जरूरी जानकारी मिलेगी
जीएलबीसीआरआई के प्रबंधक डॉ. पी.एस. पांडेय ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कहा कि इन दो दिनों में देश विदेश से आये स्टार्टअप्स को अनुसंधान प्रोजेक्ट्स का प्रस्तुतिकरण, प्रोजेक्ट्स के लिए नेटवर्किंग के माध्यम से सहयोग और सम्मेलन के प्रमुख स्पीकर्स के साथ बातचीत करने के अवसर प्राप्त होंगे। जिनसे उन्हें अपने स्टार्टअप शुरू करने के लिए जरूरी जानकारी मिलेगी।
कार्यक्रम में मौजूद रहे फैकल्टी और छात्र
इस दौरान मिनिस्टर ऑफ़ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आई.टी. से अजय सिंह राजावत, सुभाष चंद्र, असिस्टेंट डाईरेक्टर , डी.सी. एमएसएमई, डॉक्टर संजय कुमार, राकेश बंसल और IIA से सदस्य मौजूद रहे । गेस्ट स्पीकर्स के रूप में कुप्पुलक्ष्मी कृष्णमूर्ति, पायल दयाल। वहीं संस्थान की ओर से डॉ. नरेश कुमार, डॉ. शशांक अवस्थी , डॉ. मयंक सिंह , डॉ. महावीर सिंह नरुका , डॉ. मोहित बंसल , डॉ. विकास त्रिपाठी, डॉ. सत्येंद्र शर्मा , डॉ. पीसी वशिष्ठ, आरती खंडेलवाल एवं समस्त डींस , हेड्स , फैकल्टी एवं ६०० स्टूडेंट्स ने कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई।
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