New Delhi: सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक त्यौहारी सीजन में ग्राहकों के लिए ऑफर लेकर आया है। जिसके तहत बैंक कस्टमर्स को बड़ा फायदा होगा। इस की जानकारी बैंक ने अपनी वेबसाइट पर दी है. एसबीआई त्यौहारी सीजन में कार लोन लेने पर किसी भी तरह की प्रोसेसिंग फीस नहीं लगेगा।
31 जनवरी 2024 तक ऑफर वैध
एसबीआई से मिली जानकारी के अनुसार, ये ऑफर 31 जनवरी 2024 तक रहेगा। इसके अलावा होम लोन और बैंक एसएमई के लिए कोलेटरल -फ्री लेन देने की योजनी बना रही है. बता दें कि एसबीआई कार लोन पर 8.80 से 9.70 फीसदी के बीच ब्याज दर देता है. इसका ब्याज दर सीआईसी स्कोर के आधार पर अलग-अलग होगी। इसके साथ ही अगर आपके कार लोन की अवधि 5 साल से ज्यादा होती है तो ब्याज दर भी बढ़ सकती है। लोन के 1 साल बाद पहले का भुगतान शुल्क और फोरक्लोजर चार्ज नहीं लिया जाएगा. क्रेडिट लाइन को आसान बनाने के लिए SBI अपने कस्टमर के लिए अक्सर नए-नए ऑफर लेकर आता है.
Greater Noida: जेपी एसोसिएशन को यमुना प्राधिकरण स्पोर्ट्स सिटी परियोजना में राहत मिल सकती है। लेकिन इसके लिए कंपनी को अपने कुल कर्ज का 25 फीसदी चुकाना होगा. कंपनी के उपर करीब एक हजार करोड़ रूपए का बकाया है. इसके लिए कंपनी को बकाया राशि में से 200 करोड़ रुपये जमा कराने होंगे। इसके बाद ही निरस्त की गई परियोजना को बहाल किया जाएगा। अमिताब कांत कमेटी की सिफारिशों का लाभ हासिल करने के लिए कंपनी को कुल बकाए का 25 फीसदी (करीब 250 करोड़) जमा करना होगा। इसके बाद ही योजना से जुड़े 9000 आवंटियों की रजिस्ट्री का रास्ता खुलेगा।
पहले बकाया चुकाए कंपनी
शुक्रवार को जेपी एसोसिएशन को लोन देने वाले एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक और आईडीआरसीएल का प्रतिनिधिमंडल यीडा के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह से मिला। बैंक अधिकारियों ने परियोजना की स्थिति और अपना पैसा हासिल करने के उपायों पर चर्चा की। चर्चा के दौरान सीईओ ने कहा कि प्राधिकरण जेपी एसोसिएट को राहत दे सकता है। लेकिन इसके लिए जेपी समूह को सबसे पहले 200 करोड़ रुपये देकर ही परियोजना को बहाल कराना होगा. इसके बाद जितना बकाया जमा होगा, उसी के अनुसार जमीन का आवंटन बहाल किया जाएगा। इससे समूह जमीन बेचकर पैसा लौटा सकता है। साथ ही इस मामले में अदालत का जो फैसला आएगा, उसका अनुपालन किया जाएगा।
प्रोजेक्ट में हैं 14 परियोजनाएं :
यमुना प्राधिकरण ने जेपी एसोसिएट्स को एक हजार हेक्टेयर जमीन स्पेशल डेवलपमेंट जोन (एसडीजेड) के लिए दी थी। बुद्ध
इंटरनेशनल सर्किट और क्रिकेट ग्राउंड इसी के प्रोजेक्ट का हिस्सा है। एसडीजेड प्रोजेक्ट में कुल 14 आवासीय परियोजनाएं हैं। इसमें लगभग नौ हजार के करीब खरीदार फंसे हैं। जेपी पर जमीन आवंटन का करीब 1044 करोड़ रुपये बकाया है। कर्ज नहीं अदा करने पर प्राधिकरण ने दिसंबर 2019 में आवंटन रद्द कर दिया था। इस कार्रवाई के बाद जेपी समूह ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। यह मामला अभी भी कोर्ट में चल रहा है।
Noida: सेक्टर 18 स्थित स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के लॉकर से ज्वेलरी गायब होने का मामले में बैंक मैनेजर समेत तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। थाना सेक्टर 20 पुलिस ने मैनेजर सुशील कुमार, रिकॉर्ड कीपर पंकज कुमार और पूर्व बैंक मैनेजर सुनीता अस्थान के विरुद्ध अमानत में खयानत धारा 406 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
चाभी से नहीं खुला लॉकर
पुलिस को दी शिकायत में सेक्टर-100 स्थित लोटस बुलेवर्ड सोसाइटी निवासी पारुल खरे ने बताया कि एसबीआई के सेक्टर-18 ब्रांच में उन्होंने लॉकर लिया था। जिसमें करीब 80 लाख से अधिक की ज्वेलरी रखी थी। करीब एक साल बाद वह सोमवार को लॉकर देखने आई थीं। जब उन्होंने अपनी चाबी से लॉकर खोला तो नहीं खुला। इसके बाद बैंक अधिकारियों की मौजूदगी में लॉकर को तुड़वाया तो लॉकर खाली मिली। लॉकर में रखी सारी ज्वेलरी गायब थी।
मामले की जांच जारी
पीड़िता पारुल खरे ने पुलिस को दी शिकायत में कहा कि इस मामले में बैंक प्रबंधन और कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध है। नोएडा के अपर पुलिस उपायुक्त मनीष मिश्रा ने बताया कि इस प्रकरण की जांच की जा रही है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
New Delhi: एसबीआई ने सूचना का अधिकार यानी आरटीआई एक्ट के तहत निर्वाचन आयोग को दिए गए चुनावी बांड के विवरण की जानकारी देने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बांड योजना को असंवैधानिक और स्पष्ट रूप से मनमाना करार देते इसे रद्द कर दिया था। कोर्ट ने आयोग को संबंधित विवरण 13 मार्च तक अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करने का भी निर्देश दिया था।सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बांड योजना को असंवैधानिक और स्पष्ट रूप से मनमाना करार देते इसे रद कर दिया था। साथ ही 15 फरवरी को एसबीआइ को निर्देश दिया था कि वह 12 अप्रैल, 2019 से खरीदे गए चुनावी बांड का पूरा विवरण निर्वाचन आयोग को सौंपे।
लोकेश बत्रा ने मांगी थी जानकारी
कोर्ट ने आयोग को संबंधित विवरण 13 मार्च तक अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करने का भी निर्देश दिया था। आयोग ने 14 मार्च को अपनी वेबसाइट पर एसबीआई की ओर से प्रस्तुत डाटा प्रकाशित किया था, जिसमें बांड खरीदने वाले दानदाताओं और इन्हें भुनाने वाले राजनीतिक दलों का विवरण शामिल था। आरटीआई कार्यकर्ता कमोडोर (सेवानिवृत्त) लोकेश बत्रा ने 13 मार्च को एसबीआई से संपर्क कर डिजिटल फार्म में चुनावी बांड का वैसा ही पूरा डाटा मांगा था, जैसा कि उसने कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग को उपलब्ध कराया था।
Agra: यूपी के आगरा में एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां सास ने पहले बेटे को बहू से दूर कर दिया। इसके बाद बहू के साथ समलैंगिक संबंध बनाने लगी। आरोप है कि करीब एक महीने तक पूरे कपड़े भी पहनने दिए। फिलहाल विवाहिता की शिकायत पर जगदीशपुर थाना पुलिस ने केस दर्ज किया है।
पति ने अपने बहनोई से संबंध बनाने का बनाया दबाव
पुलिस को दी शिकायत में महिला ने बताया कि उसकी शादी 2022 में गाजीपुर में हुई थी। आरोप है कि शादी के पांच दिन बाद ही सास व ननद ने कहा कि सोना और चांदी के गहने चोरी हो सकते हैं। इसलिए इन्हें लॉकर में रखना है। दोनों ने गहने उतरवा कर ले लिए. शादी के 20 दिन बाद अतिरिक्त दहेज के लिए उत्पीड़न करना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं पति ने अपने बहनोई के साथ उस पर संबंध बनाने का दबाव बनाया। इसका जब विरोध किया तो मारपीट की। इतना ही नहीं सास ने पति को इतना भड़का दिया कि उसने मुझसे दूरी बना ली।
संबंध बनाने से इंकार किया तो सास ने ब्लेड से किया हमला
विवाहिता का आरोप है कि उसकी सास समलैंगिक है। वह मेरे साथ समलैंगिक संबंध बनाती है। मैंने जब सास के समलैंगिक संबंध का विरोध किया तो उसने पांच बार ब्लेड से मेरा हाथ काट दिया। इसके साथ ही सास और ननद ने मेरे कपड़े छीन लिए। जिसकी वजह से एक महीने तक वह आधे-अधूरे कपड़ों में रही। आरोप है कि सितंबर 2023 में जब उसे बच्चा हुआ तो पति उने चरित्र पर सवाल उठाए और बच्चे को अपनाने से इनकार कर दिया। यहीं नहीं पति दो बार उसकी मांग से सिंदूर धो चुका है। पति, सास और ननद की प्रताड़ना और उत्पीड़न की वजह से वह मायके में रहने को विवश है.
पुलिस ने एफआईआर दर्ज की
जगदीशपुरा थाना प्रभारी निरीक्षक आनंद वीर सिंह ने बताया कि पीड़िता की तहरीर पर 22 जून को मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले की जांच शुरू कर दी है। इस मामले में सबूत जुटाए जा रहे हैं।
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