नोएडा के सेक्टर 62 में सोमवार सुबह भीषण हादसा हो गया. दरअसल यहां के दो गर्ल्स पीजी हॉस्टल में अचानक से आग लग गई. हॉस्टल के ग्राउंड फ्लोर पर आग इतनी तेजी से फैली कि लड़कियों को बाहर आने का वक्त ही नहीं मिला. घटना की सूचना पर पुलिस और दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची. जिसके बाद पुलिस और फायर की टीम ने सीढ़ी के जरिए सभी लड़कियों को सुरक्षित निकाला.
इलेक्ट्रिकल पैनल में शॉर्ट सर्किट से लगी आग
दरअसल नोएडा के सेक्टर 62 स्थित बी ब्लॉक में उस समय हड़कंप मच गया. जब दो पीजी में अचानक आग लगने की सूचना मिली. जब तक कोई कुछ समझ पाता, तब तक आग ने विकराल रूप धारण कर लिया था. सोमवार सुबह करीब 8:00 बजे फायर विभाग की टीम को सूचना मिली कि सेक्टर 62 रसूलपुर नवादा स्थित रेनबो रेजिडेंसी गर्ल पीजी और सोनू पीजी के बाहर एडवरटाइजिंग होर्डिंग में आग लग गई. आग पीजी के ग्राउंड फ्लोर पर लगे होने के चलते अन्य फ्लोर पर रहने वाली लड़कियां फंस गई. घटना की सूचना पर पुलिस और दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची. जिसके बाद पुलिस और फायर की टीम ने सीढ़ी के जरिए सभी लड़कियों को सुरक्षित निकाला गया और आग पर काबू पाया गया. बता दें कि आग इलेक्ट्रिकल पैनल में शॉर्ट सर्किट से लगी थी. फिलहाल इसमें किसी प्रकार की कोई जनहानि होने की सूचना नहीं है, आग पूरी तरह से बुझा ली गई है.
दमकल विभाग ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर पाया काबू
मामले में चीफ फायर अधिकारी प्रदीप कुमार चौबे ने जानकारी देते हुए बताया कि पीजी चार मंजिला होने के चलते आग लगने के दौरान पीजी में रह रही लड़कियां ऊपर फंस गई. जिन्हें रेस्क्यू करके बाहर निकला गया. आग पीजी के इलेक्ट्रिकल पैनल में होने के चलते तेजी से ग्राउंड फ्लोर पर फैली. उन्होंने बताया कि फायर कर्मियों की मेहनत के चलते आग को ग्राउंड फ्लोर से आगे बढ़ने नहीं दिया गया. इसके चलते आग समय से काबू कर ली गई, और किसी प्रकार की कोई जनहानि नहीं हुई है. अन्य पहलूओं को ध्यान में रखकर पूरे मामले की जांच की जा रही है.
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट सामने आ गई है. पिछली बार अडानी ग्रुप पर हमला बोलने वाली इस रिपोर्ट ने इस बार मार्केट रेगुलेटर सेबी पर निशाना साध दिया है. हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच भी अडानी ग्रुप के साथ मिली हुई हैं. यही वजह है कि अडानी ग्रुप के खिलाफ उन्होंने 18 महीने में भी कार्रवाई नहीं की है. गुप्त दस्तावेजों के हवाले से हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा है कि कथित अडानी घोटाले में इस्तेमाल की गई ऑफशोर संस्थाओं में सेबी चेयरपर्सन की हिस्सेदारी थी.बता दें कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने इस खुलासे के बारे में सुबह सोशल मीडिया एक्स पर ऐलान कर दिया था. जिसके बाद एक बार फिर से हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर ही हमला बोला है.
सेबी चेयरपर्सन बनने से पहले पति को ट्रांसफर किए शेयर
हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपने आरोपों में कहा है कि अप्रैल, 2017 से लेकर मार्च, 2022 के दौरान माधबी पुरी बुच सेबी की होलटाइम मेंबर होने के साथ चेयरपर्सन थीं. उनका सिंगापुर में अगोरा पार्टनर्स नाम से कंसलटिंग फर्म में 100 फीसदी स्टेक था. 16 मार्च, 2022 को सेबी के चेयरपर्सन पर नियुक्ति किए जाने से दो हफ्ते पहले उन्होंने कंपनी में अपने शेयर्स अपने पति धवल बुच के नाम ट्रांसफर कर दिए थे. हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपने आरोपों में कहा कि व्हीसलब्लोअर डॉक्यूमेंट के मुताबिक सेबी की मौजूदा चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के पति की ऑबसक्योर ऑफशोर फंड्स में हिस्सेदारी है. इसका इस्तेमाल अडानी के पैसे के हेरफेर करने में इस्तेमाल किया गया है.
सेबी चेयरपर्सन के पति धवल बुच हिंडनबर्ग के निशाने पर
हिंडनबर्ग रिसर्च के मुताबिक माधबी पुरी बुच के सेबी में होलटाइम डायरेक्टर पद पर नियुक्ति किए जाने के दौरान उनके पति धवल बुच को 2019 में ब्लैकस्टोन में सीनियर एडवाइजर बनाया गया था. अपने आरोपों में शार्ट सेलर ने कहा कि उनके पति के Linkedln प्रोफाइल के मुताबिक उन्होंने इससे पहले रियल एस्टेट से जुड़े किसी फंड या कैपिटल मार्केट में काम नहीं किया था. उनके प्रोफाइल के मुताबिक उन्हें प्रोक्योरमेंट और सप्लाई चेन में बड़ा अनुभव है. उन्होंने अपना लंबा समय यूनिलीवर में चीफ प्रोक्योरमेंट ऑफिसर के तौर बिताया है.
18 महीने बाद भी सेबी ने अडानी पर नहीं की कार्रवाई
हिंडनबर्ग ने अपने कथित खुलासे में कहा कि अडानी ग्रुप के खिलाफ पिछले साल आई रिपोर्ट को 18 महीने गुजर जाने के बाद भी सेबी ने कार्रवाई में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है. मॉरीशस में अडानी ग्रुप के काले धन नेटवर्क की पूरी जानकारी देने के बाद भी एक्शन नहीं लिया जा रहा है. जून 2024 में सेबी ने उल्टा हमें ही कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया.
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October 05, 2024