Hapur: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी एकदिवसीय दौरे पर हापुड़ पहुंचे इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर जमकर हमला बोला।
भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि राहुल गाँधी कन्फ्यूज है और कांग्रेस एक कंफ्यूस लोगो की पार्टी है। कांग्रेसी हमेशा हमारी आस्था, हमारी परम्परा और हमारी विरासत का अपमान करते रहे हैं।
राम मंदिर निर्माण में बाधा डालने की कोशिश की
भगवान श्रीराम के अस्तित्व को नकारने का काम भी कांग्रेस ने किया। राम मंदिर का निर्माण न हो इसके लिए कांग्रेस के लोग अदालतों में अलग-अलग स्तर पर बाधा डालते रहे। सनातन को अपमानित करने वाले और गली देने वालोंं के साथ कांग्रेस खड़ी है। जिसका जबाव आने वाले समय में चुनावो में जनता मांगेगी।
अरविंद केजरीवाल को लेकर कसा तंज
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के नए भवन को लेकर हो रही सीबीआई की जाँच पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि अगर जाँच में कुछ नहीं मिलेगा तो जाँच से करवाने की आवश्यकता नहीं है। अगर हमने कोई गलत किया नहीं है, हम किसी गलत काम के भागीदार नहीं है तो घबराने की किसी को कोई जरूरत नहीं है। लेकिन एक पुरानी कहावत है कि चोर की दाढ़ी में तिनका। जो चोर होता है वही घबराता है।
Noida: रेव पार्टीयों मे सांप और उसके जहर की सप्लाई मामले में नोएडा पुलिस ने आरोपी राहुल यादव की दोबारा रिमांड ली है। राहुल यादव एक दिन के लिए पुलिस रिमांड पर रहेगा। इस दौरान पुलिस राहुल की डायरी में मिले सबूतों की जांच करेगी। इसके साथ ही एल्विश और फाज़ालपुरिया के अलवा अन्य कनेक्शन की जड़ खंगालेगी।
एलविश यादव और फ़ाज़िलपुरिया भी बुला सकती है पुलिस
रिमांड के दौरान पुलिस राहुल की राजस्थान हरियाणा और दिल्ली के जिन इलाकों में लोकेशन मिली थी, उसको लेकर भी पूछताछ करेगी। एलविश यादव और फ़ाज़िलपुरिया को भी पूछताछ के लिए नोएडा पुलिस बुला सकती है। बता दें कि मेनका गांधी की संस्था की शिकायत पर नोएडा पुलिस ने एक फार्म हाउस पर छापा मारकर 5 लोगों के साथ सांप बरामद किया था। इसके साथ सांपों का जहर भी मिला था। इन सबका कनेक्शन यूट्यूबर औऱ बिग बॉस विजेता एल्विश यादव का नाम भी सामने आया था। इस मामले में 5 आरोपी जेल में बंद है। इसके साथ ही पुलिस एल्विश यादव को 2 बार नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुला चुकी है।
एल्विश यादव ने सोशल मीडिया पर मांगी माफी
वहीं, सोशल मीडिया समेत कई जगहों पर बुधवार को यह दावा किया गया कि एल्विश ने सांप प्रकरण को लेकर अपनी गलती कबूल ली है और माफी मांगी है। लेकिन जब वीडियो को देखा गया तो पता चला कि उन्होंने रोस्टिंग को लेकर माफी मांगी है। यह सब उन्होंने बिगबॉस-17 कंटेस्टेंट अनुराग डोभाल को सपोर्ट करते हुए कहा है। दरअसल एल्विश यादव 2020 में अपने यूट्यूब चैनल पर रोस्ट वीडियोज डालते थे। इस दौरान वह कई विवादों में भी शामिल रहे। जब उन्होंने अनुराग डोभाल को सपोर्ट करते हुए उनका मजाक न बनाने के लिए लोगों से अपील की तो लोगों ने उन्हें घेरते हुए उनसे पूछा कि आप भी इससे पहले रोस्टिंग के जरिए लोगों का मजाक उड़ाया करते थे। इस संदर्भ में एल्विश यादव ने अपने फैंस से माफी मांगी और कहा कि उस वक्त मेरी उम्र कम थी। वह उस समय की गलतियां थीं, जिन्हें मैं अब सुधार चुका हूं।
Noida: नोएडा सांपों वाली रेव पार्टी मामले में एक नया मोड़ आया है। एल्विश की संलिप्ता की जांच करते हुए पुलिस के हाथ अहम सुराग लगा है। छापेमारी के दौरान गिरफ्तार राहुल की निशानदेही पर और दो कोबरा बरामद हुए हैं। पुलिस ने राहुल एक दिन की रिमांड ली थी, जिसमें पूछताछ में यह खुलासा हुआ।
फरीदाबाद के एक गांव से सांप बरामद
रिमांड के दौरान राहुल की निशानदेही पर नोएडा पुलिस फरीदाबाद के एक गांव पहुंची। जहां रेव पार्टी में ले जाने के लिए दो कोबरा तस्करी कर लाए गए थे। पुलिस ने यहां से दोनों सांपों को बरामद कर लिया है। बरामद कोबरा सांपों के जांच के बाद फिर जंगल में छोड़ा जाएगा। वहीं, रिमांड के दौरान राहुल ने बताया ज्यादातर पार्टी फाजिलपुर गांव में की जाती थी। फिलहाल रिमांड पूरी होने के बाद आरोपी राहुल को पुलिस लुक्सर जेल भेज दिया।
ये है पूरा मामला
बता दें कि कुछ दिन पहले भाजपा सांसद मेनका गांधी की संस्था ने नोएडा पुलिस से शिकायत कर सांपों की तस्करी होने की बात बताई थी। इस पर नोएडा पुलिस ने छापेमारी कर पांच आरोपियों के साथ 5 कोबरा सांप बरामद हुए थे। पुलिस की जांच में यूट्यूबर और बिग बॉस विजेता एल्विश यादव का नाम सामने आया था। इस मामले में नोएडा पुलिस ने एक बार एल्विश यादव से पूछताछ कर चुकी है। वहीं, पुलिस की अभी जांच जारी है और मौके से गिरफ्तार आरोपी जेल में बंद हैं।
New Delhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री को लेकर विवादित टिप्पणी देकर मुश्किल में फंसते नजर आ रहे हैं। चुनाव आयोग ने राहुल के विवादित बयानों को लेकर उन्हें नोटिस जारी किया है। राहुल गांधी को इस नोटिस का जवाब देने के लिए 25 नवंबर तक का समय मिला है। राहुल गांधी ने राजस्थान में चुनावी जनसभाओं के दौरान पीएम मोदी पर राहुल ने पनौती शब्द का इस्तेमाल किया था।
भाजपा नेताओं ने ज्ञापन सौंपकर की थी कार्रवाई की मांग
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी नेता राहुल गांधी के बयान को लेकर बीजेपी नेताओं ने कार्रवाई की मांग की थी। बीजेपी महासचिव राधा मोहन दास अग्रवाल, ओम पाठक सहित पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग को ज्ञापन भी सौंपा था। ज्ञापन में मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के खिलाफ धोखाधड़ी, आधारहीन और अपमानजनक आचरण के लिए उचित कानूनी कार्रवाई करके तत्काल हस्तक्षेप किए जाने की मांग की गई थी। ज्ञापन में कहा गया है कि कांग्रेस नेताओं के बयान चुनावी माहौल को खराब कर देंगे। इससे सम्मानित व्यक्तियों को बदनाम करने के लिए अपशब्दों, आपत्तिजनक भाषा का उपयोग और झूठी खबरों को रोकना मुश्किल हो जाएगा।
Delhi: पिछले काफी समय से देश में राहुल गांधी OBC फैक्टर को लेकर सवाल उठाते रहते है लेकिन अबकी बार PM मोदी ने राहुल को ऐसा जवाब दिया है जिसकी उम्मीद शायद उन्होंने कभी नहीं की होगी. दरअसल PM मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दिया. इस दौरान राज्यसभा में PM मोदी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने देश के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित नेहरु का जिक्र करते हुए उनकी लिखी एक चिट्ठी को पढ़ा. राज्यसभा को संबोधित करते हुए PM मोदी ने कहा कि एक बार नेहरू जी ने एक चिट्ठी लिखी थी और ये उस समय देश के मुख्यमंत्रियों को लिखी गई चिट्ठी है. मैं इसका अनुवाद पढ़ रहा हूं. 'मैं किसी भी आरक्षण को पसंद नहीं करता और खासकर नौकरी में आरक्षण तो कतई नहीं. मैं ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ हूं, जो अकुशलता को बढ़ावा दे और दोयम दर्जे की तरफ ले जाए. ये पंडित नेहरू की मुख्यमंत्रियों को लिखी चिट्ठी है.'
'जन्मजात आरक्षण के विरोधी हैं'
PM मोदी ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि इसलिए मैं कहता हूं कि कांग्रेस जन्मजात आरक्षण के विरोधी हैं. उनके इस बयान के बाद राज्यसभा में शोरगुल भी दिखा. PM ने इसके आगे अपनी बात को रखते हुए कहा कि नेहरू कहते थे कि अगर एससी-एसटी-ओबीसी को नौकरियों में आरक्षण मिला तो सरकारी कामकाज का स्तर गिर जाएगा. आज ये लोग . गिना रहे हैं कि कौन सी जाति के कितने अफसर हैं. जो आंकड़ें गिनाते हैं ना, उसका मूल यहां हैं. उस समय इन लोगों ने इसे रोक दिया था. अगर उस समय सरकार में भर्ती हुई होती और वो प्रमोशन करते-करते आगे बढ़ते तो आज यहां पर पहुंचते.
कब लिखी थी पंडित नेहरु ने ये चिट्ठी ?
27 जून 1961 को नेहरू द्वारा देश के मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी गई थी. जिसका जिक्र PM मोदी ने राज्यसभा में किया. इस चिट्ठी में नेहरू ने पिछड़े समूहों को जाति के आधार पर नौकरियों में आरक्षण की पैरवी ना कर उन्हें अच्छी शिक्षा देकर सशक्त करने पर जोर दिया था.
बाबा साहेब आंबेडकर का अपमान किया
इसके बाद PM मोदी ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के मुंह से सामाजिक न्याय की बात अच्छी नहीं लगती. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ओबीसी को कभी भी पूर्ण आरक्षण नहीं दिया इसलिए उन्हें सामाजिक न्याय पर ज्ञान नहीं देना चाहिए. जनरल कैटेगरी के गरीबों को कभी आरक्षण नहीं दिया. इन्होंने कभी बाबा साहेब आंबेडकर को भारत रत्न के योग्य नहीं समझा. अब ये लोग सामाजिक न्याय का पाठ पढ़ा रहे हैं. जिनकी नेता के तौर पर कोई गारंटी नहीं है, वे मोदी की गारंटी पर सवाल उठा रहे हैं.
राहुल लगातार उठाते है आरक्षण की बात
आए दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी देश में जातिगत जनगणना की मांग करते रहते है. राहुल ने कुछ समय पहले ही कहा था कि लोगों को पता चलना चाहिए है कि किसकी कितनी आबादी है. इसके आगे कहा कि 90 अफसरों में से सिर्फ 3 ओबीसी समाज से आते हैं. वहीं भारत जोड़ो न्याय यात्रा जब रांची पहुंची तो एक रैली करते हुए वादा किया था कि केंद्र में ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार बनने पर जाति आधारित जनगणना होगी. साथ ही हम आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटा देंगे. उन्होंने इस दौरान PM मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि जब जाति आधारित जनगणना की मांग उठी और ओबीसी, दलितों और आदिवासियों को अधिकार देने का समय आया तो प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई जाति नहीं है, लेकिन जब वोट लेने का समय आता है तो वो कहते हैं कि वो ओबीसी हैं.
भारतीय क्रिकेटर ईशान किशन के रणजी में ना खेलने पर BCCI भड़का। साउथ अफ्रीका दौरे के बीच में रेस्ट लेकर टीम से बाहर हुए ईशान की वापसी नहीं हो पाई, जिससे BCCI नाखुश है.
दुनियाभर में टी20 लीग खेली जाती है जिसमें खिलाड़ी जमकर पैसा कमाते हैं, लेकिन भारत में ऐसा नहीं होता है। यहां पर खिलाड़ियों को आईपीएल के अलावा किसी दूसरे लीग में खेलने की इजाजत नहीं होती है। भारत के ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने टेस्ट या किसी और फॉर्मेट से ज्यादा आईपीएल अच्छा लगता है, क्योंकि इसमें अच्छा पैसा मिलता है। इसके लिए खिलाड़ी महीनों तैयारियों करते हैं, लेकिन अब BCCI ने ऐसे खिलाड़ियों पर लगाम लगाने के लिए एक नया फरमान जारी कर दिया है।
BCCI खिलाड़ियों पर सख्त
बीसीसीआई का खिलाड़ियों के लिए कहना है कि खिलाड़ियों को रणजी ट्रॉफी जरूर खेलनी चाहिए और जो अनफिट खिलाड़ी है उनको राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में जाकर रिहैब कराना चाहिए। रणजी ट्राफी में खेलने के लिए अगले कुछ दिनों में सभी खिलाड़ियों को बीसीसीआई सूचित कर देगा। जो खिलाड़ी किसी नेशनल ड्यूटी पर है या अनफिट हैं, या रीहैब से गुजर रहे हैं, सिर्फ उनको ही रणजी ट्राफी खेलने के लिए छूट दी जाएगी।
ईशान किशन पर BCCI की सख्ती
बता दें कि हाल ही में भारतीय विकेट कीपर ईशान किशन के रणजी में ना खेलने पर जमकर बवाल हुआ था। दरअसल ईशान को रणजी में खेलने की जगह बड़ौदा में अपने आईपीएल कप्तान हार्दिक पांड्या के साथ प्रैक्टिस करते देखा गया था। साउथ अफ्रीका दौरे के बीच में रेस्ट लेकर वह टीम से बाहर हो गए थे, तब से उनकी वापसी नहीं हो पाई थी।
ईशान के इस रवैये पर कोच राहुल द्रविड़ ने कहा कि यदि ईशान को वापस आना है तो पहले उनको रणजी खेलना पड़ेगा। इसके बाद झारखंड की टीम कई रणजी मैचों में उतरी, लेकिन ईशान एक बार नहीं दिखाई दिए। ठीक वैसा ही रवैया हार्दिक पंड्या का भी रणजी ट्राफी को लेकर है। हार्दिक पांड्या वर्ल्ड कप 2023 के बीच में चोटिल होने के कारण बाहर हो गए थे। तब से उनकी रिकवरी की कई वीडियोज सामने आ चुके हैं, और अब आईपीएल से उनकी वापसी की खबर आ रही है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में वह सालों से नहीं दिखे हैं।
क्रिकेटर केएल राहुल ने कुछ दिन पहले वीडियो शेयर करने पर BCCI भड़क गया, बोला फिट नहीं हैं तो बैटिंग का वीडियो क्यों शेयर किया इससे गलत सिग्नल मिलता है।
भारतीय क्रिकेट टीम के जाने माने खिलाड़ी केएल राहुल के तीसरे टेस्ट से बाहर होने पर BCCI ने कई सवाल उठाए हैं। बोर्ड के अधिकारीयों ने इस पर कहा है कि केएल राहुल अगर फिट नहीं हैं तो वह सोशल मीडिया में अपनी बैटिंग का वीडियो क्यों पोस्ट कर रहे हैं, इस तरह से वह बोर्ड को गलत सिग्नल दे रहे हैं।
टीम इंडिया के दमदार बैटर राहुल को इंजरी के कारण इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट से बाहर हो गए थे। उनको आखिरी 3 टेस्ट के स्क्वॉड में शामिल किया गया, लेकिन बीते सोमवार को BCCI ने बताया कि राहुल फिट नहीं हैं और वह तीसरा टेस्ट मैच नहीं खेल पाएंगे।
राहुल के इलाज में मेडिकल टीम की गलती
BCCI ऑफिशियल ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'अगर BCCI मेडिकल टीम को पता था कि राहुल की चोट गंभीर है तो उन्होंने राहुल को स्क्वॉड में शामिल करने की छूट दी ही क्यों? और खिलाड़ी इंस्टाग्राम स्टोरी पर अपनी बैटिंग की वीडियो पोस्ट कर गलत सिग्नल क्यों भेज रहे हैं?'
बता दें कि कुछ दिनों पहले राहुल ने इंस्टाग्राम स्टोरी पर अपनी बैटिंग का वीडियो शेयर किया था। इस पर BCCI अधिकारी का कहना है कि राहुल के वीडियो शेयर करने से लगता है कि वह खेलने के लिए फिट हैं।
राहुल की सेहत में है काफी सुधार
बीते शनिवार को इंग्लैंड के खिलाफ आखिरी 3 टेस्ट के लिए टीम इंडिया का ऐलान किया गया था। राहुल के साथ दूसरा टेस्ट नहीं खेलने वाले रवींद्र जडेजा को भी स्क्वॉड में जगह मिल गई है। लेकिन BCCI ने कहा है कि दोनों की फिटनेस रिपोर्ट आने के बाद ही उनको मैच में खेलने दिया जाएगा।
अब सोमवार को BCCI ने बताया कि राहुल को तीसरे टेस्ट मैच से बाहर कर दिया गया हैं। वह काफी जल्दी रिकवर हो जाएंगे और अभी वह 90%फिट हो चुके हैं और बेंगलुरु में रहकर NCA की निगरानी में रिकवरी करेंगे।
डेब्यू कर सकते हैं सरफराज
बता दें कि केएल राहुल के बाहर होने के बाद अब ये क्लीयर हो गया है कि तीसरे टेस्ट में सरफराज खान या देवदत्त पड्डिकल डेब्यू करने वाले हैं। तो वहीं दूसरे टेस्ट में डेब्यू करने वाले रजत पाटीदार नंबर-4पर उतरेंगे और श्रेयस अय्यर के बाहर होने के बाद नंबर-5 में सरफराज या पड्डिकल में से किसी एक को मौका दिया जाएगा।
एक बार फिर एक खुमार पूरे देश के सिर चढ़ कर बोलने वाला है. आप तो समझ ही गए होंगे हम किस खुमार की बात कर रहे हैं. जी हां, हम अपने पसंदीदा खेल क्रिकेट की ही बात कर रहे हैं. भारत और इंग्लैंड के बीच 5 मैचों की टेस्ट सीरीज का तीसरा मुकाबला 15 फरवरी से राजकोट में खेला जायेगा. जो कि भारतीय समयानुसार सुबह 9.30 बजे से खेला जाएगा. इससे पहले शुरुआती 2 मुकाबलों तक यह सीरीज 1-1 से बराबरी पर है. वहीं इस मुकाबले से पहले भारतीय टीम काफी बदली हुई नजर आ रही है. दरअसल, दिग्गज प्लेयर विराट कोहली ने निजी कारणों से ब्रेक ले लिया है. जबकि केएल राहुल चोट के कारण तीसरा मैच नहीं खेलेंगे साथ ही श्रेयस अय्यर और अनुभवी तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी चोट के कारण सीरीज से ही बाहर हैं.
तीसरे टेस्ट में 2 नये खिलाडियों का डेब्यू तय
जहां तीसरे टेस्ट में तेज गेंदबाद जसप्रीत बुमराह को आराम दिया जाना लगभग तय है. तो वहीं सूत्रों की मानें तो जसप्रीत अब तक राजकोट भी नहीं पहुंचे हैं. जबकि चोट के बाद ठीक होकर लौटे अनुभवी ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा के खेलने पर भी संशय बरकरार है. इस तरह अब फैन्स को राजकोट टेस्ट में भारत की एक नई और अलग ही युवा पीढ़ी की टेस्ट टीम खेलती नजर आएगी. इस टेस्ट में सरफराज खान का डेब्यू करना तय माना जा रहा है. जबकि बतौर विकेटकीपर ध्रुव जुरेल को मौका दिये जाने की संभावना है. यदि ऐसा होता है तो यह उनका डेब्यू मैच रहेगा.
4 खिलाड़ियों को छोड़कर नए पीढ़ी के खिलाड़ी
राजकोट टेस्ट में कप्तान रोहित शर्मा, जडेजा, कुलदीप और अश्विन के अलावा सभी नए पीढ़ी के प्लेयर खेलते नजर आएंगे. साथ ही चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे को तो सीरीज के लिए चुना ही नहीं गया था. ऐसे में BCCI का प्लान साफ है कि वो टेस्ट में भी एक नई पीढ़ी की टीम तैयार करना चाह रहे हैं. जिनमें युवा पीढ़ी के खिलाडियों में यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल, रजत पाटीदार, सरफराज खान, अक्षर पटेल मोहम्मद सिराज और मुकेश कुमार शामिल हैं और ध्रुव जुरेल/ केएस भरत (विकेटकीपर)के रूप में शामिल हो सकते हैं.
राजनीति जगत में पार्टी बदलना और विरोधी पार्टी का दामन थामना एक आम बात हैं फिर चाहे वो कोई दिग्गज नेता ही क्यों ना हो। लेकिन अपनी कट्टर विरोधी पार्टी का दामन थामना बहुत बड़ी बात है। हाल ही में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व सीएम अशोक चव्हाण ने बीजेपी का दामन थामा है। पार्टी में शामिल होने के 1 दिन बाद ही बीजेपी ने उन्हें राज्यसभा के लिए प्रत्याशी घोषित कर दिया। वहीं दूसरी ओर अशोक चव्हाण कांग्रेस के कई पूर्व मुख्यमंत्रियों की उस लिस्ट में शामिल हो गए हैं जो बीजेपी में शामिल हैं। इन नेताओं को बीजेपी में अपना राजनीतिक भविष्य कहीं बेहतर दिख रहा है। बीजेपी में शामिल होने वाले कांग्रेस के पूर्व CM में अमरिंदर सिंह, दिगंबर कामत, एसएम कृष्णा, विजय बहुगुणा, एन किरण रेड्डी, एनडी तिवारी, जगदम्बिका पाल और पेमा खांडू जैसे नाम शामिल हैं।
पूर्व CM के प्रवेश से बीजेपी में मची खलबली
पूर्व CM के पार्टी में शामिल होने से भाजपा को हलचल पैदा करने में मदद मिली। अमरिंदर सिंह अपनी राजनीतिक विरासत बेटी को सौपना चाहते हैं। दूसरी ओर विजय बहुगुणा भाग्यशाली हैं क्योंकि BJP उत्तराखंड में सत्ता में लौट आई है और उनके बेटे धामी मंत्रालय में कैबिनेट सदस्य हैं। पेमा खांडू ने अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी के लिए बहुमत हासिल करने के बाद लगातार सीएम बने हुए हैं। एनडी तिवारी की सेवानिवृत्ति योजना बेटे के पुनर्वास के लिए थी। जिसके बाद उनकी मृत्यु हो गई। वहीं उम्र और कर्नाटक की राजनीति की जटिलताओं के कारण एसएम कृष्णा राजनीतिक रूप से निष्क्रिय हो गए।
बिस्वा, बीरेन, साहा और बिप्लब की चमकी किस्मत
कांग्रेस ने असम में हिमंत बिस्वा सरमा को सीएम बनाने के वादे को तोड़कर तरुण गोगोई को बरकरार रखा। हालांकि BJP में शामिल होने के बाद 2021 में बीजेपी के दोबारा चुने जाने पर सरमा CM बनने में सफल रहे। सरमा सीएम के रूप में कार्य करते हुए, पूर्वोत्तर राज्य में बीजेपी के प्रमुख राजनीतिक प्रबंधक के रूप में राष्ट्रीय परिदृश्य पर अपनी बेहतरीन छाप छोड़ी। मणिपुर में बीरेन सिंह ने भी कांग्रेस से किनारा कर 2017 में बीजेपी को बहुमत हासिल कराने में मदद की। उन्हें सीएम बनाया गया और पिछले मई से मणिपुर में लगातार हिंसा और उन्हें हटाने की जोरदार मांग के बावजूद वह सीएम पद पर बिना हिले टिके हुए हैं। त्रिपुरा में माणिक साहा को CM बनने का मौका नहीं मिला क्योंकि त्रिपुरा में माणिक सरकार के तहत सीपीआई-एम का कार्यकाल लंबा था। हालांकि, 2023 में भाजपा में शामिल होने और बिप्लब कुमार देब के उत्तराधिकारी बनने के बाद उनकी किस्मत बदल गई।
कांग्रेस का हाथ छोड़ने वालों के खुल गए भाग्य
पूर्व मुख्यमंत्रियों के अलावा कांग्रेस और अन्य दलों के कई अन्य शीर्ष नेता भी पिछले कुछ वर्षों में BJP में शामिल हुए हैं। इनमें राहुल गांधी के पूर्व सहयोगी और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, RPN सिंह और जितिन प्रसाद शामिल हैं। मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार गिराने में कामयाब रहे सिंधिया को केंद्रीय मंत्री बनाया गया, जबकि प्रसाद यूपी में भाजपा सरकार में मंत्री हैं। आरपीएन को हाल ही में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए नामांकित किया गया था। वहीं भाजपा में शामिल होने वाले कांग्रेस नेताओं की लंबी सूची में से सरमा और सिंधिया को सबसे अधिक फायदा हुआ है। विमानन और इस्पात मंत्रालयों का प्रभार संभालने के अलावा सिंधिया ने 2023 में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में कई समर्थकों के लिए टिकटों का प्रबंधन किया। दो अन्य पूर्व मुख्यमंत्री, शिवसेना से नारायण राणे और बाबूलाल मरांडी भी हाल ही में भाजपा में शामिल हुए। राणे केंद्रीय मंत्री हैं और मरांडी, भाजपा नेता के रूप में झारखंड के पहले सीएम हैं, जिन्हें राज्य इकाई प्रमुख के रूप में पार्टी का चेहरा बनाया गया है।
इंग्लैंड के खिलाफ चल रहे तीसरे टेस्ट मैच में डेब्यू खिलाड़ी ध्रुव जरेल ने शानदार पारी खेली. ध्रुव ने मार्क वुड को सचिन के अंदाज में छक्का लगाकर बताया कि उनके अंदर क्या काबिलियत है. बता दें ध्रुव जुरेल ने रेहान अहमद की बॉल पर दो छक्के लगाए, वो हॉफ सेंचुरी की ओर बढ़ ही रहे थे कि 124वें ओवर में लेट कट खेलने के चक्कर में विकेट के पीछे कैच थमा बैठे. इस तरह से ध्रुव की पारी तो खत्म हुई, लेकिन 104 गेंदों पर 46 रन ठोककर उन्होंने खुद को मैदान में साबित कर दिया. इसके साथ ही ध्रुव जुरेल की कहानी भी बहुत संघर्षों वाली है वो भी आपको बताते है.
बेटे को आर्मी में देखने की थी पिता की ख्वाहिश
आगरा के 23 साल क्रिकेटर ध्रुव जुरेल के पिता नेम सिंह भारतीय सेना में रहे और हवलदार पद से रिटायर हुए. नेम सिंह जी चाहते थे कि ध्रुव नेशनल डिफेंस अकादमी (एनडीए) में शामिल हों और देश की सेवा करें, लेकिन क्रिकेट के प्रति ध्रुव का जुनून उन्हें एक अलग दिशा में ले गया। हालांकि ध्रुव के परिवार में पहले कोई भी क्रिकेट नहीं खेलता था, लेकिन ध्रुव की प्रतिभा को जल्दी ही पहचान लिया गया और उनके पिता ने उनके कौशल को विकसित करने के लिए कोच परवेंद्र यादव की मदद मांगी। वहीं अपने बेटे की सफलता से नेम सिंह जी बहुत ही रोमांचित हैं। वह इसे एक सपने के सच होने के रूप में मानते हैं और ध्रुव का समर्थन करने वाले सभी लोगों के आभारी हैं।
बेटे के संघर्ष में मां का है अहम योगदान
घर की आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के बाद भी ध्रुव के माता-पिता ने किसी भी मुश्किल को ध्रुव की कामयाबी के आड़े नहीं आने दिया। ध्रुव के लिए पहला क्रिकेट किट खरीदने के लिए उनकी मां ने अपनी एकमात्र सोने की चेन भी गिरवी रख दी थी लेकिन ध्रुव दृढ़ निश्चयी रहे और कड़ी मेहनत करते रहे। ध्रुव की इसी लगन और मेहनत का नतीजा आज पूरी दुनिया के सामने है।
ध्रुव जुरेल ने अब तक खेले कुल 15 मैच
ध्रुव जुरेल के पास ज्यादा मैचों का अनुभव नहीं है। उन्होंने केवल 15 मैच खेले हैं। जिनमें ध्रुव ने 790 रन बनाए हैं, जिसमें 1 शतक और 5 अर्धशतक शामिल हैं। इस दौरान विकेट के पीछे उन्होंने 2 स्टंप किए हैं। जबकि 34 कैच पकड़े हैं।
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December 17, 2022