Noida: गौतमबुद्ध नगर में बढ़ते प्रदूषण की समस्या को देखते हुए प्रशासन और प्राधिकरण एक्शन में है। प्रदूषण फैलाने वाले संस्थानों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। बढ़ते प्रदूषण की समस्या को देखते हुए नोएडा में ग्रेप रिस्पांस एक्शन प्लान लागू किया गया है। दरअसल, अक्टूबर और नवंबर के महीने में भारी प्रदूषण देखने को मिलता है। जिसे देखते हुए पॉल्यूशन विभाग पहले से अलर्ट हो गया है।
चप्पे-चप्पे पर निगरानी
प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए प्राधिकरण 4 और प्रॉल्यूशन विभाग की 10 टीम को उतार दिया गया है। जो इंडस्ट्रियल इलाकों में जाकर निगरानी रखेंगी और अनदेखी करने वाले संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ऐसे ही प्रदूषण फैलाने वाले नोएडा के 10 संस्थानों पर 5-5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
पानी का किया जा रहा छिड़काव
नोएडा में जगह-जगह पानी का छिड़काव किया जा रहा है। ताकि प्रदूषण की किसी भी हालत में फैलने से रोका जा सके। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए अलग-अलग जोन तैयार किया गया है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कोयले का प्रयोग करने वाली फैक्ट्रियों पर सख्ती बरती जा रही है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 194 इंडस्ट्री को रेड जोन में शामिल किया गया है। अब ग्रैप लागू होने के बाद नोएडा और ग्रेटर नोएडा में जांच का दायरा बढ़ाया जाएगा।
Greater Noida: प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सख्त रुख अपनाया है। प्रदूषण बोर्ड ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण फैलाने के 9 मामले में 19 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बिसरख में जस्ट क्वालिटी कंक्रीट आरएमसी प्लांट पर 7.05 लाख का जुर्माना लगाने के साथ ही प्लांट बंद करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, नोएडा के आठ संस्थानों पर 12.60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
इन संस्थानों पर लगाया गया जुर्माना
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी उत्कर्ष शर्मा ने बताया कि नोएडा प्राधिकरण के दो ठेकेदारों पर सेक्टर-64 में पार्क की बाउंड्रीवाल के निर्माण, सेक्टर-67 में हल्दीराम के सामने नाला निर्माण में प्रदूषण फैलाने पर जुर्माना लगाया गया है। वहीं, सेक्टर-128 में महागुन मैनोरिएल ग्रुप हाउसिंग, जेएमसी प्रोजेक्ट के कल्पतरू विस्टा प्रोजेक्ट पर भी जुर्माना लगाया गया है। इसी तरह सेक्टर-65 में भूखंड सी-108, सेक्टर-40 में ई-24, सेक्टर-64 में बी-120, सेक्टर-67 में बी-127 भूखंड पर भी बिल्डिंग मेटेरियल खुले में छोड़ने पर जुर्माना लगाया गया है।
नोएडा प्राधिकरण ने भी लगाया जुर्माना
इसके अलावा नोएडा प्राधिकरण ने भी प्रदूषण फैलाने वालों पर भी कार्रवाई की है। प्राधिकरण ने 6 संस्थानों के खिलाफ 3.40 लाख रुपये जुर्माना लगाया है। इसके अलावा अलग-अलग इलाकों में पानी का छिड़काव भी नोएडा प्राधिकरण ने कराया। सड़कों की मैकेनिकल स्वीपिंग, मलबा उठाने, 18 टैंकर्स से पेड़ों को धोने का काम भी किया गया। 38 एंटी स्मॉग गन का उपयोग कर हवा में मौजूद धूल के कणों को भी हटाने के लिए किया जा रहा है।
Noida: सर्दियों के मौसम आने से पहले ही नोएडा समेत दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण बढ़ जाता है। इसको देखते हुए इस बार पहले से पुलिस प्रशासन अलर्ट है। इसके लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान 1 अक्टूबर से लागू किया गया है। इसके तहत प्रदूषण को नियंत्रण रखने के लिए नोएडा ट्रैफिक पुलिस द्वारा मंगलवार से 15 दिन के लिए विशेष अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत बिना फिटनेस और प्रदूषण के फैलाने वाले वाहनों पर नोएडा ट्रैफिक पुलिस द्वारा कार्रवाई की जा रही है। इसको लेकर नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने 6 टीम में बनाई है, जो अलग-अलग जगह पर चेकिंग कर रही है। अभी तक बिना फिटनेस और प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र के दौड़ रहे वाहनों करीब 700 से अधिक वाहनों का चालान काटा गया है।
ट्रैफिक पुलिस ने चलाया विशेष अभियान
बता दें कि 1 अक्टूबर से नोएडा में ग्रेप सिस्टम लागू किया गया है। वहीं, ट्रैफिक पुलिस के द्वारा प्रदूषण पर फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ शिकंजा कसने के लिए 15 दिनों तक अभियान चलाया गया है। जिले में करीब 1 लाख से ज्यादा 10 साल पुराने डीजल वाहन और करीब 15 साल पेट्रोल वाहन हैं. इन सभी की जांच की जाएगी। एनजीटी के आदेश के अनुसार दिल्ली एनसीआर में 10 साल डीजल के पुराने वाहन और 15 साल पेट्रोल के पुराने वाहन नहीं चल सकते हैं। ऐसे में ट्रैफिक पुलिस के द्वारा इन सभी वाहनों को चिन्हित किया जाएगा और कार्रवाई की जाएगी।
1- 10 वर्ष पुराने डीजल वाहनों के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी।
2- 15 वर्ष पुराने पेट्रोल वाहनों के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी।
3- प्रदूषण प्रमाण पत्र समाप्त हुए वाहनों के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी।
4- फिटनेस प्रमाण पत्र समाप्त हुए वाहनों के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी।
5- पराली जलाने एवं अन्य वायू प्रदुषण फेलाने वालों के विरूद्ध कार्रवाई।
6-(GRAP) की रोकथाम हेतु सहायक पुलिस आयुक्त, यातायात प्रथम एवं द्वितीय के पर्यवेक्षण में यातायात निरीक्षक के नेतृत्व में 6 टीमों का गठन किया गया है।
7-कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर में जोन स्तर पर भी (GRAP) की रोकथाम हेतु नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
8-(GRAP) की रोकथाम हेतु जिला सम्भागीय परिवहन अधिकारी गौतमबमुद्धनगर द्वारा कार्रवाई की जाएगी।
9-(GRAP) की रोकथाम हेतु क्षेत्रीय प्रदूशण नियन्त्रण बोर्ड गौतमबुद्धनगर द्वारा भी कार्रवाई की जाएगी।
Noida: दीपावली से पहले इस बार भी नोएडा और ग्रेटर नोएडा समेत दिल्ली एनसीआर में रहने वाले लोगों के सांसों पर प्रदूषण का ग्रहण लगने लगा है। ग्रैप सिस्टम लागू होने के बाद भी ग्रेटर नोएडा और नोएडा की हवा काफी प्रदूषित हो गई है। रविवार को पहली बार दोनों शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक रेड जोन में 300 के पार पहुंच गया है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण विभाग के अधिकारियों का दावा है कि वायु प्रदूषण हवा थमने और पराली के धुएं की वजह से बढ़ा है। अधिकारियों के मुताबिक तीन दिनों तक वायु प्रदूषण से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। इस दौरान ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 400 के पार पहुंचने की आशंका जताई है।
ग्रेनो वेस्ट में भी वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ा
बता दें कि रविवार की सुबह नोएडा में लोगों की नींद हवा में घुले प्रदूषण के साथ खुली। पूरे शहर में दोपहर तक धूल और धुएं की परत की छाई रही। दोपहर बाद हवा चलने पर मामूली राहत मिली। शाम पांच बजे सेक्टर-116 में एक्यूआई 361 रिकॉर्ड हुआ। वहीं सेक्टर-62 में भी एक्यूआई 300 रिकॉर्ड हुआ। वहीं, ग्रेनो के नॉलेज पार्क तीन और ग्रेनो वेस्ट के नॉलेज पार्क 5 में लगी वायु प्रदूषण मॉनिटरिंग स्टेशन में रविवार को ग्रेनो का एक्यूआई 363 और ग्रेनो वेस्ट का एक्यूआई 344 था।
सड़कों पर उड़ रही धूल जगह-जगह जल रहा कूड़ा
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी हिदायत के बाद भी ग्रेटर नोएडा में ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। जिसकी वजह से सड़कों पर धूल उड़ रही है।जगह-जगह कूड़ा जलाया जा रहा है। धूल उड़ने वाली जगहों पर पानी का छिड़काव भी नहीं किया जा रहा है।
Noida: नोएडा और ग्रेटर नोएडा में दिनोंदिन हवा जहरीली होती जा रही है। दोनों शहरों में सुबह के स्मॉग देखा जा रहा है। जिसकी वजह से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। मंगलवार को ग्रेटर नोएडा देश का सातवां सबसे प्रदूषित शहर रहा। यहां पिछले चार दिन से एक्यूआई रेड जोन में बना हुआ है। ग्रेटर नोएडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 375 और नोएडा का एक्यूआई 329 दर्ज किया गया है। वहीं नोएडा देश का नौवां और एनसीआर का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा है।
14 टीमें कर रहीं निगरानी
बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट के सभागार में ग्रैप को लेकर प्राधिकरण और यूपीपीसीबी के अधिकारियों संंग बैठक की। बैठक में डीएम ने ग्रैप का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए हैं। प्राधिकरण के अधिकारियों से सड़क की धूल पर नियंत्रण करने के लिए दिन के साथ-साथ रात में भी निरीक्षण करने को कहा गया। प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि 14 टीम लगातार निगरानी कर रही हैं, इसके साथ ही टैंकरों से पानी का छिड़काव भी किया जा रहा है।
सेक्टर-62 का एक्यूआई 392 पहुंचा
बता दें कि मंगलवार को सेक्टर-62 नोएडा का सबसे प्रदूषित क्षेत्र रहा। यहां के मॉनिटरिंग स्टेशन में एक्यूआई 392 दर्ज किया गया। वहीं, सेक्टर-116 का एक्यूआई 318 और सेक्टर-1 का एक्यूआई 317 रहा।
ग्रेनो के कॉलेज पर 25 लाख जुर्माना
नियमों का पालन नहीं करने पर नॉलेज पार्क तीन स्थित एनआईईटी कॉलेज पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यूपीपीसीबी क्षेत्रीय अधिकारी देव कुमार गुप्ता ने बताया कि कॉलेज के निर्माणाधीन साइट पर धूल उड़ रही थी। मौक पर ग्रीन नेट और एंटी स्मॉग गन नहीं मिले। निर्माणाधीन साइट के 500 मीटर के दायरे में एक्यूआई मॉनिटरिंग स्टेशन भी है। इसी तरह से नोएडा में वायु प्रदूषण फैलाने के 12 मामलों में 11.65 लाख का जुर्माना लगाया गया।
Greater Noida: नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद सहित दिल्ली एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण से लोगों का हाल बेहाल है। आलम ये है कि लोगों को अब सांस लेने तक में भी दिक्कत होने लगी है। बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए जेवर से विधायक धीरेंद्र सिंह ने मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। उन्होंने प्रमुख सचिव से इस मामले में सभी जरूरी कदम उठाने की मांग की है।
विधायक धीरेंद्र सिंह की अपील
साथ ही विधायक धीरेंद्र सिंह ने लोगों से भी अपील करते हुए कहा कि अगर जरूरी हो तभी लोग घरों से बाहर निकलें। आपको बता दें नोएडा, ग्रेटर नोएडा में एयर क्वालिटी इंडेक्स का लेवल 500 के पार हो चुका है। स्थिति ये बन चुकी है कि स्वस्थ्य लोगों को भी सांस लेने में दिक्कत होने लगी है। इसके अलावा आंखों में चुभन महसूस हो रही है। ऐसे में सोचने वाली बात ये कि जो पहले से श्वास संबंधित बीमारी से पीड़ित हैं, उनका क्या हाल हो रहा होगा।
बीमार कर देगी ये जहरीली हवा
विधायक धीरेंद्र सिंह ने अपने पत्र में लिखा कि दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण का मुद्दा गंभीर हो चुका है। इससे तरह-तरह की बीमारियां भी होने लगी है। इस गंभीर वायु प्रदूषण से फेफड़ों और धमनियों को पहुंचाई गई क्षति दशकों तक महसूस की जाएगी। जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वास्थ्य और कल्याण पर इसका असर पड़ेगा। विधायक ने पत्र में लिखा, जब AQI 300 से अधिक हो जाता है तो आपातकालीन स्थिति की आवश्यकता होती है। जिससे फेफड़ों की गंभीर क्षति के जोखिम के कारण दैनिक गतिविधियों को रोकना आवश्यक हो जाता है। इस गंभीरता का कारण पीएम 2.5 कणों का बेहद छोटा आकार है, जो फेफड़ों में गहराई तक प्रवेश करने, रक्तप्रवाह में प्रवेश करने में सक्षम हैं और न केवल श्वसन प्रणाली बल्कि हृदय प्रणाली, यकृत और हृदय को भी प्रभावित कर सकते हैं।
#Noida नोएडा-ग्रेटर नोएडा में बढ़ते वायु प्रदूषण से हाल बेहाल,विधायक धीरेंद्र सिंह ने जरूरी कदम उठाने के लिए मुख्य सचिव को लिखा पत्रI @DhirendraGBN @dmgbnagar @OfficialGNIDA @noida_authority @UppcbN @UPPCBLKO @rouppcbgbn @UppcbG pic.twitter.com/aYPMwhqh2f
— Now Noida (@NowNoida) November 3, 2023
पत्र में इन उपायों का जिक्र
विधायक धीरेंद्र सिंह ने पत्र में लिखा कि ऐसी औद्योगिक गतिविधियों पर अस्थाई रूप से रोक लगनी चाहिए, जिसके चलते उत्सर्जन में बढ़ावा मिल रहा हो। साथ ही वायु प्रदूषण के स्तर को बढ़ने से रोकने के लिए ऑड-ईवन नियम लागू किया जाना चाहिए। इसके अलावा स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में सार्वजनिक जागरुकता बढ़ाए जाने की भी मांग की गई है।
Greater Noida: वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए अपर मुख्य सचिव पर्यावरण मनोज सिंह ने रविवार को नोएडा- ग्रेटर नोएडा के अलग-अलग जगह का निरीक्षण किया। इसके साथ ही संबंधित विभागों के साथ बैठक कर प्रदूषण रोकने के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
शारदा विश्वविद्यालय क्षेत्र का लिया जायजा
अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह ने सबसे पहले शारदा विश्वविद्यालय के आसपास के एरिया का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान अपर मुख्य सचिव ने नॉलेज पार्क एरिया में सड़कों पर धूल मिलने पर तत्काल सफाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने शारदा विश्वविद्यालय के गेट पर ट्रैफिक की समस्या का तत्काल समाधान करने और ट्रैफिक जाम न लगने देने के निर्देश दिए। इसके बाद अपर मुख्य सचिव यूपीसीडा के साइट बी व सी के अलग-अलग जगहों पर जायजा लिया। उन्होंने डीएफसीसी के निर्माणाधीन साइट को देखा। ग्रेटर नोएडा के 130 मी रोड पर सेतु निगम के निर्माण कार्यों का भी जायजा लिया।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में अधिकारियों के साथ की बैठक
इसके बाद अपर मुख्य सचिव ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के दफ्तर में सीईओ एनजी रवि कुमार, एसीईओ मेधा रूपम, एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग, ओएसडी हिमांशु वर्मा, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नोएडा के क्षेत्राधिकारी उत्सव शर्मा, नोएडा के क्षेत्राधिकारी डीके गुप्ता व सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। जिसमें नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अलावा जिला प्रशासन, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी गण व अन्य विभागीय अधिकारी भी शामिल रहे।
पौधारोपण करने और घास की कटाई न करने निर्देश
बैठक में अपर मुख्य सचिव ने प्रदूषण को रोकने के लिए सड़कों के किनारे धूल की तत्काल सफाई कराने, कंस्ट्रक्शन साइटों पर पानी का छिड़काव और सड़कों के किनारे हरी-भरी घास लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने बड़े पैमाने पर पौधरोपण करने और घास की कटाई न करने को भी कहा। एसीईओ ने सभी सभी विभागीय अधिकारियों को निरंतर फील्ड में रहने और प्रदूषण पर नजर रखने के निर्देश दिए । उन्होंने सभी तरह के निर्माण कार्यों पर तत्काल रोकने को कहा है। अपर मुख्य सचिव ने कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए।
Noida: नोएडा में दिनोंदिन हवा जहरीली होती जा रही है। दमघोंटू हवा से निजात दिलाने के लिए प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है। लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा है। ग्रेटर नोएडा और नोएडा प्राधिकरण के किए गए इंतजाम नाकारा साबित हो रहे हैं। जिसकी वजह से लोगों को सांसों से समझौता करना पड़ा रहा है।
इसी कड़ी में पुलिस कमिश्नर के निर्देशन में बढते प्रदूषण को कम करने के लिए फायर सर्विस द्वारा 50 स्थानों पर जल छिड़काव किया गया। फायर सर्विस की 12 यूनिटों द्वारा 50 स्थानों पर छिड़काव किया गया. इसमें मुख्यता सड़क किनारे पेड़ पौधों पर विशेष रूप से पानी का छिड़काव किया गया।
Noida: नोएडा समेत दिल्ली एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है। इसी कड़ी में बढ़ते पॉल्यूशन को देखकर गौतमबुद्धनगर ट्रैफिक पुलिस की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है। इसके तहत गौतमबुद्धनगर जिले में BS-3 व BS-4 वाले वाहनों की एंट्री पर रोक रहेगी।
जारी ट्रैफिक एडवाइजरी के अनुसार भारी वाहनों को दिल्ली से नोएडा में एंट्री पूरी प्रतिबंधित किया है। इसके साथ ही किसी और ज़िले से आने वाले भारी वाहनों पर प्रतिबंध रहेगा। वाहनों के अधिक दबाव वाले रास्तों को छोड़कर वैकल्पिक मार्गों का प्रयोग करने के लिए अपील की गई है।
जानकारी के मुताबिक नोएडा में भारी मालवाहक और मध्यम वाहनों को भी प्रवेश नहीं मिलेगा। बॉर्डर्स पर ट्रैफिक पुलिस को तैनात कर प्रतिबंधित गाड़ियों के आवागमन को रोका जाएगा। आज से ट्रैफिक पुलिस दिल्ली से नोएडा में इंट्री नहीं करने देगी। इसके साथ ही ट्रैफिक पुलिस ने रेड लाइट बंद होने पर गाड़ी का इंजन बंद करने के निर्देश दिए हैं।
Noida: बढ़ते वायु प्रदुषण को देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने कमर कस ली है। अब नोएडा और ग्रेटर नोएडा में जगह-जगह पानी का छिड़काव किया जा रहा है। इसी कड़ी में दमकल विभाग की टीम ने भी शहर के अलग सेक्टर्स में पानी के छिड़काव का काम किया। फायर सर्विस की 12 यूनिट ने पानी का छिड़काव किया। इस दौरान सड़क किनारे पेड़ पौधों पर विशेष रूप से पानी का छिड़काव किया गया।
इन स्थानों पर पानी का छिड़काव
इस मौके पर महामाया फ्लाईओवर के आसपास, सेक्टर 37 बस स्टॉप, बोटैनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन, सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन, इंडियन ऑयल कंपनी सेक्टर-1 के आसपास पानी का छिड़काव किया गया। इसके अलावा ग्रेटर नोएडा में गौर सिटी के आस-पास,
परी चौक से कासना की तरफ रोड पर, परी चौक से सेक्टर-150 की तरफ एक्सप्रेस-वे पर, चेरी काउंटी के आस-पास, कच्ची सड़क न्यू हॉलैंड कंपनी से लेकर हनुमान मंदिर बिसरख तक, सब्जी मंडी रोड और सब्जी मंडी के अंदर सेक्टर-88 पर पानी का छिड़काव किया।
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