Uttar Pradesh: लखनऊ में कांग्रेस की यूथ विंग ने 28 फरवरी को पेपर लीक मामले पर प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने सरकार पर जानबूझकर पेपर लीक कराने का आरोप लगाया. साथ ही बीजेपी सरकार के खिलाफ जमकर नारे बाजी की. सीएम आवास का घेराव करने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस और आरपीएफ के सुरक्षा बल ने रोकने का प्रयास किया.
बीबी श्री निवास का बयान
इस दौरान कांग्रेस यूथ विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीबी श्री निवास ने बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भाजपा युवाओं के साथ अन्याय कर रही है. उनपर अत्याचार कर रही है. जिसे बिल्कुल सहन नहीं किया जाएगा. प्रदेश में बेरोजगारी चरम सीमा पर है. चुनाव के दौरान बीजेपी ने दो करोड़ नौकरी देने का वादा किया था, जिसे अब तक पूरा नहीं किया गया है.
अजय राय ने साधा बीजेपी पर निशाना
वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि, सिपाही, लेखपाल सहित सभी भर्ती के पेपकर लीक हुए है. बीजेपी बोलती है कि प्रधानमंत्री से नियुक्त पत्र दिलाएंगे और लाठी से पिटवाते हैं. उन्होंने कहा कि पेपर लीक की परीक्षा रद्द होने का पूरा श्रेय राहुल गांधी को जाता है, क्योंकि उन्होंने ही यात्रा के दौरान नौजवानों के लिए ये बात उठाई.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उत्तर प्रदेश पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा रद्द किए जाने के बाद एसटीएफ एक्शन में है और लगातार आरोपियों की धरपकड़ में जुटी हुई है। अलग-अलग जिलों से यूपी पुलिस की परीक्षा में सेंध लगाने वालों को दबोचा जा रहा है। शुक्रवार को एक बार फिर एसटीएफ ने मुजफ्फरनगर से प्रवीण उर्फ मिंटू बालियान को गिरफ्तार किया है। प्रवीण पर यूपी पुलिस की सिपाही परीक्षा में पेपर आउट करने का आरोप है। आरोपी से पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पता चला है कि प्रवीण उर्फ मिंटू बालियान भारतीय सेना से रिटायर्ड है और रिटायरमेंट के बाद भर्ती परीक्षा में सेंधमारी करने वाले गिरोह का हिस्सा बन गया।
कपिल तोमर गिरोह से जुड़े होने की बात आई सामने
एसटीएफ की लगातार धरपकड़ में जहां गुरुवार को पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा में नकल कराने वाले गिरोह का वांछित कपिल तोमर गाजियाबाद से गिरफ्तार हुआ था। वहीं लगातार दूसरे दिन एसटीएफ की गिरफ्त में आए प्रवीण उर्फ मिंटू बालियान की भी कपिल तोमर के गिरोह से जुड़े होने की बात सामने आई है। अधिकारियों के मुताबिक प्रवीण 2024 की केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल परीक्षा का पेपर भी लीक कर चुका है। एसटीएफ ने आरोपी के पास से सशस्त्र पुलिस बल परीक्षा के 9 एडमिट कार्ड और यूपी पुलिस की सिपाही भर्ती से संबंधित प्रश्न पत्र भी बरामद किए हैं।
17 और 18 फरवरी को हुई थी पुलिस भर्ती परीक्षा
17 और 18 फरवरी को यूपी पुलिस के लिए 75 जिलों में सिपाही भर्ती की परीक्षा आयोजित हुई थी। जिसमें 60 हजार पदों के लिए परीक्षा में 48 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हुए थे। सिपाही भर्ती परीक्षा के बाद अभ्यर्थियों ने पेपर लीक का आरोप लगाकर हंगामा काटा और कई दिनों तक परीक्षा रद्द करने की मांग के लिए अभ्यर्थी आंदोलन पर डटे रहे। जिस पर विपक्ष ने भी पेपर लीक मामले में सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। सिपाही भर्ती अभ्यर्थियों और विपक्ष का बढ़ता दबाव देख मुख्यमंत्री योगी ने परीक्षा को रद्द करने की घोषणा कर दी। साथ ही मुख्यमंत्री योगी ने यूपी पुलिस की सिपाही भर्ती परीक्षा आगामी छह महीनों में दोबारा लेने का आश्वासन दिया था। सीएम ने सिपाही भर्ती परीक्षा में पेपर लीक की जांच एसटीएफ को सौंपी थी।
पेपर लीक को लेकर पूरे देश में हंगामा बरपा हुआ है, जगह-जगह छात्रों का प्रदर्शन देखने को मिल रहा है, यहां तक की सियासी दलों ने भी मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, लेकिन इस बीच पेपर लीक मामले में पुलिस ने रवि अत्री नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया है जिसे इस केस का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. ऐसे में ये भी जानना बेहद जरूरी है कि आखिर कौन है रवि अत्री, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है।
नीट का पेपर पटना और नालंदा से किया गया लीक
बताया जा रहा है कि नीट परीक्षा से एक दिन पहले प्रश्न पत्र को पटना और नालंदा से लीक किया गया था। इसके बाद पटना के एक हॉस्टल में नीट अभ्यर्थियों को जमा कर उनसे प्रश्न पत्र रटवाया गया था। वहीं पटना के अलावा रांची के भी एक कॉलेज में छात्रों से पेपर हल कराने की खबर सामने आ रही है। जानकारी के अनुसार बिहार में रवि अत्रि के दो गुर्गे हैं, जिनका नाम अतुल वत्स और संजीव मुखिया है। अतुल वत्स मूलरूप से जहानाबाद जिले का रहने वाला है। अतुल अभी भी पुलिस की गिरफ्त से फरार है। वहीं, संजीव मुखिया को ईओयू अपने गिरफ्त में ले चुकी है।
सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले का है मास्टरमाइंड
इससे पहले भी रवि अत्री का नाम यूपी में कई प्रायोगिक परीक्षाओं से जुड़े प्रश्नपत्रों को लीक कराने में सामने आ चुका है। उत्तर प्रदेश पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में भी रवि अत्री का नाम सामने आया है। वहीं इस मामले में यूपी एसटीएफ ने पहली चार्जशीट दाखिल की है। एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने मास्टरमाइंड रवि अत्री समेत 18 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। यूपी एसटीएफ ने 900 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। जिसमें रवि अत्री, राजीव नयन मिश्रा के साथ लॉजिस्टिक कंपनी टीसीआई एक्सप्रेस के कर्मचारी शिवम गिरी, रोहित पांडे, अभिषेक शुक्ला और दिल्ली पुलिस के सिपाही विक्रम पहल का भी नाम शामिल है।
रवि अत्री जेवर के बस स्टैंड से हुआ था गिरफ्तार
पेपर लीक करने वाले गिरोह के सरगना रवि अत्री नामक व्यक्ति को एसटीएफ की टीम ने गौतमबुद्धनगर के थाना जेवर के बस स्टैंड के पास से गिरफ्तार किया था। इसे यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा-2023 के प्रश्न पत्रों को अहमदाबाद स्थित टीसीआई कंपनी के दफ्तर में रखे ट्रंक से निकालकर सार्वजनिक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बता दें कि यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा इसी साल 2024 में फरवरी में आयोजित हुई थी, इस परीक्षा में 48 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे। इनमें लगभग 16 लाख महिला अभ्यर्थी भी थीं, यह परीक्षा 17 और 18 फरवरी को उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में चार पालियों में 2,385 केंद्रों पर आयोजित की गई थी। पेपर लीक की रिपोर्ट के बाद यूपी सरकार ने यह परीक्षा रद्द कर दी थी।
कभी खुद भी की थी कोटा में पढ़ाई
बता दें कि रवि अत्री मूलरूप से उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के लिम्का गांव का रहने वाला है। साल 2007 में रवि अत्री मेडिकल की तैयारी के लिए राजस्थान के कोटा गया था और यहीं से वह सॉल्वर गैंग के संपर्क में आ गया। लिहाजा उसने पढ़ाई-लिखाई बीच में ही छोड़ दी और पेपर लीक के धांधली में कूद पड़ा।
नीट पेपर लीक मामले में पूरे देश में भयंकर हंगामा जारी है। छात्रों में पेपर लीक को लेकर प्रसाशन के खिलाफ काफी नाराजगी है। इस मसले में रवि अत्री का नाम चर्चा में हैं, जिसे इसका मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। लेकिन रवि अत्री के पिता गोरख सिंह ने इसे पूरी तरह से गलत बताया है। उनका कहना है कि बेटे को फंसाया जा रहा है।
रवि अत्री के पिता गोरख सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ‘मेरे बेटे को फंसाया जा रहा है जो उसके साथ के दोस्त थे, वो रवि का नाम ले देते है। मेरे बेटे ने कोई पैसा नही कमाया है, मेरा बेटा लगभग दो-तीन महीने से मेरठ जेल में बंद है, तो मेरा बच्चा कैसे पेपर लीक करवा सकता है? दो-तीन महीने पहले यूपी पुलिस उसको गिरफ्तार किया था, यूपी पुलिस कांस्टेबल की भर्ती मामले को लेकर’।
आगे उन्होंने अपनी मध्यवर्गीय जीवनशैली को दिखाते हुए कहा कि इस मामले ( यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा लीक) में भी मेरे बेटे को फंसाया गया है, हमारा बेटा पेपर लीक करवाता, तो हम अच्छी जिंदगी नही जीते, हमारा घर ऐसा नहीं होता पुराने जमाने का। इसी के साथ ही उन्होंने कहा कि जब वो नोएडा जेल में रवि से मिले और इस बारे में पूछा, तो उसने कहा कि मुझे फंसाया जा रहा है।
पिता ने कहा पढ़ाई के लिए गया था कोटा
बताया जाता है कि रवि अत्री साल 2007 में मेडिकल की तैयारी के लिए राजस्थान के कोटा गया था, जहां पर वो सॉल्वर गैंग के संपर्क में आ गया। इस पर पिता गोरख नाथ ने कहा कि वो कोटा पढ़ने गया था, बाद में जब उनका वहां मन नहीं लगा, तो वापस आ गया।आपको बता दें, मूलरूप से उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के लिम्का गांव का रहने वाला है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रवि ने पढ़ाई-लिखाई बीच में ही छोड़ दी और पेपर लीक के धांधली में कूद पड़ा।
रवि अत्री का नाम यूपी में कई प्रायोगिक परीक्षाओं को लीक कराने में सामने आ चुका है। उत्तर प्रदेश पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में भी रवि अत्री का नाम सामने आया है। इसी मामले में यूपी एसटीएफ ने पहली चार्जशीट दाखिल की है। एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने मास्टरमाइंड रवि अत्री समेत 18 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।
नीट-यूजी पेपर लीक मामले में ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है. सीबीआई मामले में एक्शन मोड में नजर आ रही है. इसी कड़ी में एजेंसी ने तीन और गिरफ्तारियां की हैं, जिसमें पेपर लीक गैंग का किंगपिन शशिकांत पासवान भी शामिल है. साथ ही इस गैंग से जुड़े दो छात्र भी हत्थे चढ़े हैं. बताया जा रहा है कि गिरफ्तार हुए छात्र भरतपुर मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट हैं. शशिकांत नाम का किंगपिन पहले गिरफ्तार हुए पंकज और राजू का साथी है. ये सभी लोग पेपर सॉल्व करने के लिए हजारीबाग में 5 मई की सुबह मौजूद थे. जो छात्र गिरफ्तार हुए उसमें से एक फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट है और दूसरा सेकेंड ईयर का छात्र है. इनकी पहचान कुमार मंगलम और दीपेंद्र शर्मा के रूप में हुई है.
रॉकी ने सीबीआई के सामने उगले कई राज
पेपर लीक कांड में रॉकी अब तक का सबसे बड़ा राजदार साबित हुआ है. रॉकी ने सीबीआई के सामने पेपर सॉल्व करने वाले एमबीबीएस छात्रों का राज उगला जिसके बाद पटना AIIMS के चार मेडिकल स्टूडेंट्स की गिरफ्तारी हुई. रॉकी के लिए सॉल्वर्स का जुगाड़ करने में सुरेंद्र नाम के एक शख्स ने भी अहम भूमिका निभाई थी. सीबीआई ने सुरेंद्र को भी गिरफ्तार किया है और उसे भी चार मेडिकल स्टूडेंट्स के साथ रिमांड पर लिया है. सुरेंद्र ने ही लीक किया हुआ पेपर सॉल्व करने के लिए मेडिकल स्टूडेंट्स को राजी किया था.
पेपर लीक का मास्टमाइंड संजीव फरार
साल 2010 से कई एग्जाम के पेपर लीक मामले में इसका नाम आता रहा है. संजीव मुखिया पहले बिहार के सबसे बड़े शिक्षा माफिया रंजीत डॉन के साथ काम करता था, फिर उसने खुद अपना गैंग बना लिया. हाल ही में BPSC एग्जाम का पेपर संजीव मुखिया और उसके गैंग ने लीक करवाया था. संजीव मुखिया फरार है और उसकी तरफ से अग्रिम जमानत की याचिका दायर की गई है. संजीव मुखिया पेपर लीक गिरोह को नालंदा से ही ऑपरेट किया करता था. संजीव नालंदा उद्यान महाविद्यालय में टेक्निकल असिस्टेंट के पद पर कार्यरत रहा है.
एम्स पटना से जुड़े हैं पेपर लीक के तार
इससे पहले, केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 19 जुलाई को नीट-यूजी पेपर लीक मामले में झारखंड के रांची से एमबीबीएस फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट को हिरासत में लिया था. 2023 बैच की छात्रा की पहचान राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आरआईएमएस) की सुरभि कुमारी के रूप में हुई है और वह रामगढ़ जिले की निवासी है. इस छात्रा पर भी 5 मई को हजारीबाग में पेपर सॉल्व करने के लिए मौजूद होने का आरोप है. वहीं सीबीआई ने 18 जुलाई को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान पटना के चार एमबीबीएस छात्रों समेत पांच लोगों को पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया था. एम्स-पटना के छात्रों पर नालंदा के कुख्यात ‘सॉल्वर गैंग’ को लीक हुए पेपर को हल करने में मदद करने का आरोप है. मामले में गिरफ्तार पांचवें शख्स की पहचान सुरेन्द्र कुमार के रूप में हुई, जिसने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि एम्स-पटना के छात्रों को 5 मई को आयोजित परीक्षा से पहले लीक हुए पेपर को सॉल्व करने के लिए पटना के एक होटल में ले जाया गया था.
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