Noida: बढ़ती महंगाई में दिवाली से पहले अब प्याज ने आम लोगों को रुला दिया है। नोएडा में अचानक प्याज के दामों बेहताशा वृद्धि हो गई है। तीन दिन पहले 30 से 35 रुपये किलो बाजारों में मिलने प्याज अब 80 और 90 किलो बिक रहा है।
90 रुपये किलो तक बिक रही प्याज
नोएडा और दिल्ली एनसीआर में प्याज नवरात्रों तक 30 किलो मिल रहे थे। लेकिन नवरात्र खत्म होते ही प्याज की कीमत बाजारों में 90 रुपये किलो तक पहुंच गई है। जिससे ग्राहकों की जेबों पर असर पड़ रहा है। अचानक प्याज के रेट 70 फ़ीसदी बढ़ गए हैं। जिससे सब्जी मंडी पर प्याज की खरीदारी पर गिरावट आई है।
प्याज की बिक्री में आई कमी
नाउ नोएडा संवाददाता साजिद अली ने नोएडा के सेक्टर 12 सब्जी मंडी में दुकानदारों से बातचीत की और यह जानने की कोशिश की की आखिर प्याज के दाम क्यों बढ़ रहे हैं। दुकानदारों ने कहा कि पहले की तरह प्याज अब प्याज की बिक्री नहीं हो रही है। अब लोग जरूरत के हिसाब से भी कम प्याज खरीद रहे है।
बढ़ती महंगाई की जिम्मेदार भाजपा सरकार
वहीं, बढ़ते प्याज के दामो पर अब राजनीति होने लगी है। समाजवादी पार्टी के नेता अतुल यादव ने बढ़ती महंगाई को लेकर वर्तमान सरकार बीजेपी को ज़िम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि आने वाले लोकसभा चुनावों में बढ़ती महंगाई का भाजपा को नतीजा भुक्तना पड़ेगा। लोग बस समय का इंतजार कर रहे हैं। इस बार भाजपा को करारी हार मिलेगी। सपा नेता ने कहा कि बीजेपी का नेता महंगाई पर बात नहीं करता। आम लोगों की ऐसे कैसे समस्या दूर होगी।
Noida: भारत में तेजी से बढ़ते प्याज की कीमतों को देखते हुए सरकार ने नेपाल में प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। शनिवार को सोनौली सीमा पर प्याज लदे सात ट्रकों को रोक दिया गया। बता दें कि बार्डर से प्रत्येक दिन आलू, प्याज का कारोबार करीब एक करोड़ का होता है। इसके पहले नेपाल में आलू, प्याज पर वैट लगने से नेपाली कारोबारियों ने मंगाना कम कर दिया है। इधर भारत सरकार ने निर्यात पर पाबंदी लगा दी है। वर्तमान में भारतीय क्षेत्र में प्याज का फुटकर भाव 60 रुपये प्रति किलो है। जबकि थोक में प्याज 50 रुपये प्रति किलो मिल रहा है।
सोनौली सीमा पर रोके गए ट्रक
बता दें कि शनिवार की सुबह सोनौली सीमा से नेपाल जाने वाले प्याज लदे ट्रक को सोनौली कस्टम के अधिकारियों ने रोक दिया। इसके बाद सूचना देकर सीमा से ट्रक लौटा दिया गया। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के निर्देश पर डायरेक्टर जनरल आफ फॉरेन ट्रेड ने प्याज के निर्यात को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया है।
सोनौली बॉर्डर पर कस्टम सतर्क
वहीं, रविवार को नासिक, शाहजहांपुर, इंदौर, कानपुर से आने वाले प्याज से लदे ट्रकों को भी वापस कर दिया। इन दिनों भारत में प्याज महंगे दर पर बिक रही है। इस वजह से पहले देश में प्याज की जरूरतों को पूरा करने के बाद ही कहीं बाहर भेजा जाएगा। सूचना जारी होने के बाद सोनौली बॉर्डर पर कस्टम सतर्क है।
प्याज किचन का एक जरूरी हिस्सा होता है. खाने में आपके स्वाद को और भी ज्यादा बढ़ा देता है. लेकिन कभी-कभी यही प्याज इंसान को मंहगाई के आंसू भी रुलाता है. लेकिन अब चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अब सरकार ने पहले से ही इसके लिए तैयारी भी शुरू कर ली है. जी हां प्याज के सुरक्षित भंडार को बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है. जिससे लाखों टन प्याज की खरीदारी हो सकेगी.
प्याज का स्टॉक
दरअसल, एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार इस साल 5 लाख टन प्याज खरीदने की योजना पर विचार कर रही है, ताकि बफर स्टॉक को मजबूत किया जा सके. इसके लिए सीजन के दौरान किसानों से प्याज खरीदकर स्टॉक किया जाएगा और जब कीमतें बढ़ने लगती है, तब सरकार सुरक्षित भंडार से प्याज की खेप बाजार में सप्लाई करेगी, जिससे इन बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाया जा सकेगा.
प्याज पर पाबंदी
बता दें कि, घरेलू बाजार में प्याज की कीमतों को काबू करने पर अभी तो निर्यात पर पाबंदी लगाई गई है. यह पाबंदी 31 मार्च 2024 तक लागू रहेगी. फिलहाल अभी सरकार ने भूटान, बहरीन और मॉरीशस जैसे देशों को प्याज की आपूर्ति करने के लिए निर्यात पर पाबंदियों को कुछ आसान किया. निर्यात पर रोक को जारी रखने या हटाने का फैसला 31 मार्च के बाद होने के अनुमान हैं.
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