अखिल भारतीय किसान सभा की कमेटी ने गुरुवार को खेड़ी गांव में बैठक की, जिसमें प्राधिकरण द्वारा खेड़ी और आसपास के गांवों के खसरा नंबरों की खरीद के संबंध में चर्चा हुई। बैठक में उपस्थित किसानों ने नए भूमि अधिग्रहण कानून को लागू करने की मांग की है।
किसान सभा ने रखी अपनी मांग
किसान सभा की खेडी कमेटी के अध्यक्ष मुकेश ने बताया कि खेड़ी गांव के कई खसरा नंबरों पर पहले से आबादी है, लेकिन प्राधिकरण ने उनकी खरीद का प्रकाशन किया है, जो नाजायज है। किसान सभा के सचिव मटोल ने कहा कि जिन किसानों की जमीन पूर्व में खरीदी गई है, उन्हें कानून के अनुसार प्रोजेक्ट प्रभावित परिवार माना जाना चाहिए और गांव में चल रहे मार्केट रेट के अनुसार 20,000 रुपए प्रति वर्ग मीटर मुआवजा, कानून के अनुसार 20% विकसित भूमि प्रभावित परिवार के हर बालिग सदस्य को अनिवार्य रोजगार दिया जाए।
हाई पावर कमेटी की मांग
किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ रुपेश वर्मा ने किसान सभा की मीटिंग में बताया कि किसान सभा की मांग पर प्राधिकरण ने नए कानून के अनुसार लाभ देने के प्रस्ताव को पास किया है और शासन के अनुमोदन के लिए भेजा गया है। उन्होंने कहा कि एक हाई पावर कमेटी नए कानून को लागू करने के संबंध में सरकार को सिफारिशें देगी। किसान सभा 20,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर मुआवजा, 25% विकसित भूमि और प्रभावित परिवार के हर बालिग सदस्य को अनिवार्य रोजगार के लाभ कानून के अनुसार देने की मांग कर रही है। इसी सिलसिले में किसान सभा ने भनौता गांव में एक मीटिंग कर प्राधिकरण में एक ज्ञापन प्राप्त कराया है। इसी संबंध में रविवार को सुनपुरा गांव में मीटिंग होगी।
सभी किसानों को मिले एक जैसा मुआवजा
डॉ.रुपेश वर्मा ने आगे कहा, "जेवर से लेकर डीएमआईसी तक के सभी गांवों को एक साथ लेकर नए कानून को लागू करने की मांग तेज की जाएगी। जब तक नया कानून लागू नहीं होता, तब तक एक इंच भी जमीन प्राधिकरण को नहीं दी जाएगी।"
ये लोग बैठक में रहे मौजूद
इस बैठक में तेजपाल मास्टर, डॉ.जगदीश, मुकेश, मटोल, उधम सिंह एडवोकेट, सुशील उपाध्यक्ष किसान सभा और दर्जनों किसानों ने अपनी बात रखी।
ग्रेटर नोएडा में भारतीय किसान परिषद और अन्य किसानों ने जिला कलेक्ट्रेट पर हंगामा किया। पुलिस ने किसानों को रोकने का प्रयास किया। इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच काफी धक्का-मुक्की भी हुई। लेकिन पुलिस के रोकने के बाद भी किसान बैरिकेडिंग तोड़कर कलेक्ट्रेट परिसर में घुस गए और डीएम ऑफिस के मुख्य दरवाजे के बाहर नारेबाजी करने लगे।
बैरिकेड तोड़कर कलेक्ट्रेट परिसर में घुसे किसान
पहले से तय इस प्रदर्शन में किसानों और किसान सभा का आक्रोश देखने को मिला। साथ ही बड़ी संख्या में महिलाएं भी इसका हिस्सा रहीं। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल सूरजपुर स्थित कलेक्ट्रेट में तैनात किया गया था। पुलिस और किसानों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई, जिसके बाद किसान बैरिकेड तोड़कर कलेक्ट्रेट परिसर में घुस गए।
10 प्रतिशत प्लॉट के लगे नारे
प्रदर्शन में शामिल किसानों ने 10% प्लॉट और बढ़े हुए मुआवजे की मांग के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा का कहना है कि किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने हाई पावर कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी में गौतम बुद्ध नगर के जिला अधिकारी मनीष कुमार वर्मा को भी शामिल किया गया था। हाई पावर कमेटी ने अब तक किसानों के हित में कोई भी फैसला नहीं गया है। हाई पावर कमेटी का कोई भी निर्णय न होने के कारण नोएडा के किसानों में नाराजगी है इसके विरोध में बुधवार को यह प्रदर्शन किया जा रहा है।
8 जुलाई तक प्रदर्शन की तैयारी
बुधवार को ही प्रदर्शन का काफी भंयकर रुप देखने को मिला। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, 8 जुलाई को भारतीय किसान यूनियन प्राधिकरण का घेराव करेगा। प्रदर्शन में हजारों की संख्या में किसान शामिल होंगे।
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