Noida: आपके लिए बड़ी खबर है, आज तक आपने अपने गुलाबी नोट यानि दो हजार की नोट को नहीं बदला तो बदल लीजिए। आज यानि शनिवार को दो हजार की नोट बदलने की आखिरी तारीख है। आप अपने नोट को बैंक या फिर ATM के माध्यम से बदल सकते हैं। शाम चार बजे तक दो हजार की नोट बदली जा सकती है। हालांकि दो हजार की नोट बदलने की तारीख एक सप्ताह पहले ही पूरी हो चुकी थी।
ATM के माध्यम से रात 12 बजे तक जमा कर सकते हैं
23 मई को दो हजार की नोटों को बदलने की घोषणा की गई थी। इसके बाद से लगातार दो हजार की नोटों को बैंक में जमा करने का सिलसिला चल रहा था। हालांकि एक सप्ताह पहले अंतिम तारीख समाप्त हो चुकी थी। लेकिन बैंकों में लगातार पहुंच रहे ग्राहकों को देखते हुए इसे एक सप्ताह और आगे बढ़ा दिया गया। अब आज यानि शनिवार को बैंक में दो हजार को नोटों को जमा करने का अंतिम दिन है। ऐसे में बड़ी संख्या में अलग-अलग बैंकों में ग्राहक दो हजार के नोटों को बदलने पहुंच रहे हैं। शाम चार बजे से दो हजार की नोटों को लेना बंद कर दिया जाएगा। हालांकि इसके बाद आप अपने संबंधित बैंक के एटीएम के जरिए दो हजार के नोटों को जमा कर सकते हैं। एटीएम के जरिए रात 12 बजे तक दो हजार की नोट जमा की जाएगी।
बैंक में कर्मचारियों की बढ़ाई गई संख्या
अंतिम दिन नोट जमा करने वाले ग्राहकों की भीड़ बढ़ी है। जिसे देखते हुए नोएडा के सभी बैंकों की शाखाओं में कर्मचारियों की संख्या बढ़ा दी गई है। ताकि ग्राहकों को किसी भी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े। अगर सितंबर महीने की बात करें तो इस महीने रोजाना औसतन 18 से 20 करोड़ रुपये जमा कराए गये हैं।
Noida: गौतमबुद्ध नगर में साइबर ठगी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। इस बार तो साइबर ठगों ने बैंक को अपना शिकार बना डाला। साइबर ठगों ने बैंक के सर्वर को हैक कर 16 करोड़ रुपये पार कर दिए। बैंक कर्मचारी की शिकायत पर साइबर क्राइम पुलिस मुकदमा दर्ज कर जांच कर रही है।
नैनीताल बैंक से 84 बार में पैसे निकाले
जानकारी के अनुसार, सेक्टर-63 थाना क्षेत्र के अंतर्गत सेक्टर-62 में स्थित नैनीताल बैंक के सर्वर में सेंध लगाकर कर साइबर ठगों ने आरटीजीएस (रियल टाइम ग्रास सेटलमेंट सिस्टम) को हैक कर लिया। इसके बाद 84 बार में अलग-अलग खातों में 16 करोड़ एक लाख 3 हजार रुपये ट्रांसफर कर लिए। जानकारी के होने पर बैंक के आईटी मैनेजर सुमित श्रीवास्तव ने साइबर अपराध थाने में मुकदमा दर्ज कराने के अलावा सर्ट-इन (इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम) और अन्य कई एजेंसियों से शिकायत की है।
आरटीजीएस में गड़बड़ी कर उड़ाए पैसे
सुमित कुमार श्रीवास्तव ने दर्ज कराई एफआईआर में बताया कि 17 जून को आरबीआई सेटलमेंट आरटीजीएस खाते के नियमित समाधान के दौरान बैलेंस सीट में 3,60,94,020 रुपये का अंतर मिला था। इसके बाद आरटीजीएस टीम ने एसएफएमएस (स्ट्रक्चर्ड फाइनेंशियल मैसेजिंग सिस्टम) सर्वर के साथ सीबीएस (कोर बैंकिंग सिस्टम) में लेनदेन की जांच की। जांच में कुछ गड़बड़ियां मिलीं। 18 जून को भी आरबीआई बैलेंससीट मेल नहीं खा रहा थी और 2,19,23,050 रुपये का अंतर था। जबकि एसएफएमएस में फाइनल रिपोर्ट भी बैंकों के सीबीएस के साथ मेल खा रही थी।
तीसरे दिन भी बैलेंस शीट मेल नहीं खाने पर हुआ खुलासा
बैंक मैनेजर के अनुसार, शुरुआत में आरटीजीएस के सिस्टम लाइन में कुछ समस्या के कारण बैलेंस शीट में कमी मानी जा रही थी। हालांकि 20 जून को आरबीआई प्रणाली की समीक्षा के बाद पता चला कि 85 प्रतिशत लेनदेन रुपये में की गई है। जिसकी जांच में 16,95,33,221,11 रुपये बैंक सीबीएस के साथ-साथ एसएफएमएस में नहीं दिख रहे थे। इस दौरान पता चला कि बैंक से 84 बार लेनदेन धोखाधड़ी के जरिए हुए हैं। वहीं, साइबर सेल के एसीपी विवेक रंजन राय का कहना है कि मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है। जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
नोएडा के सेक्टर -94 स्थित सुपरनोवा परियोजना पर खतरा मंडरा रहा हैं। बैंक ऑफ महाराष्ट्र की ओर से याचिका दायर की गई थी, जिसमें डेवलपर सुपरटेक पर 168.04 करोड़ रुपये के लोन नहीं चुकाने का आरोप लगाया गया था। जिसके बाद नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ( NCLT) ने इस लग्जरी आवासीय और वाणिज्यिक परियोजना के लिए दिवालिया प्रक्रिया को स्वीकार कर लिया है। सुपरटेक कंपनी द्वारा बनाई जा रही 80 मंजिला इमारत को दिवालिया घोषित कर दिया गया है।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र के 700 करोड़ रुपये बकाया
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सेक्टर-94 की सुपरटेक कंपनी पर बैंक ऑफ महाराष्ट्र के 700 करोड़ रुपये बकाया थे। यह देश की सबसे ऊंची इमारत बन रही थी, जिसमें 70 मंजिल का काम लगभग पूरा हो गया था। लेकिन अब कंपनी के दिवालिया घोषित होने से निवेशकों को तगड़ा झटका लगा है।
एक हजार से ज्यादा फ्लैट खरीदार फंसे
मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि इस परियोजना में 2 हजार से ज्यादा घर खरीदार हैं, जिनमें से केवल एक हजार को ही अब तक कब्जा मिला है। यानी कि करीब एक हजार से ज्यादा फ्लैट खरीददार भी फंस गए हैं। सुपरनोवा परियोजना में 520 वर्गफीट के स्टूडियो अपार्टमेंट से लेकर 20 हजार वर्गफीट तक के फ्लैट और पेंटहाउस हैं, जिसकी कीमत 70 लाख रुपये से शुरू होकर 20 करोड़ तक है।
सुपरेटक रियल्टर्स अब करेंगे NCLT का रुख करेगा
अब इस मामले में सुपरेटक रियल्टर्स अब नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) का रुख करेगा। इस मामले में सुपरटेक ने अपने बचाव में कहा कि वह आर्थिक मंदी और वित्तीय संकट का शिकार है। कंपनी ने 2010-2015 के दौरान भूमि अधिग्रहण विवादों का हवाला दिया है। आपको बता दें, साल 2012 में सुपरनोवा परियोजना नोएडा की शुरुआत की गई थी। सुपरटेक ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम से 735.58 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मांगी थी, जिसमें से 150 करोड़ रुपये बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने दिए थे। लेकिन कंपनी इस लोन का भुगतान करने में कामयाब नहीं रही। जिससे बाद बैंक को एनसीएलटी का दरवाजा खटखटाना पड़ा था। इसके अलावा नोएडा प्राधिकरण का भी परियोजना पर 2100 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है।
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