New Delhi: लोकसभा चुनाव का बिगुल अब कभी भी बज सकता है. चुनाव आयोग कभी भी चुनाव की तारीख का एलान कर सकते हैं. राजनीतिक दलों ने अपने-अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करना शुरू कर दिया है. बीजेपी ने पहली लिस्ट भी जारी कर दी है. ऐसे में आज हम आपको लोकसभा चुनाव से जुड़ी कुछ जरूरी बात बताएंगे, जिसे पढ़कर आप भी कहेंगे वास्तव में महिला सशक्तिकरण हर क्षेत्र में हुआ है.
लोकसभा में महिलाओं की भागीदारी
दरअसल, पूर्व में संसद में महिलाओं की भागीदारी भले ही कम हो. लेकिन पिछले तीन सालों में आम चुनाव पर अगर नजर डाले तो तस्वीर बदली जरूर है. जी हां कई दशक के बाद महिला सांसदों का आंकड़ा 10 प्रतिशतक के पार पहुंच चुका है. साल 2019 में 50 का आंकड़ा महिलाओं ने आम चुनाव में पार किया था. कुल 545 सीटों में 59 महिलाएं लोकसभा में पहुंचीं थी, जो कि कुल सीटो की 10.9 प्रतिशत थीं.
महिला सांसदों का आंकड़ा
वहीं, इसी चुनाव में कुल 8070 उम्मीदवारों में 668 महिलाएं थीं. आधी आबादी के वोट डालने के आंकड़े ने पहली बार इसी चुनाव में 45 प्रतिशत को पार किया. भले ही महिलाओं की संसद में हिस्सेदारी का यह आंकड़ा ज्यादा खुश करना वाला नहीं है. लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि 2009 से 2019 के बीच में भी यह आंकड़ा गिरा नहीं है. फिलहाल आने वाले वक्त में पता चलेगा कि अब इस साल महिला सांसदों की संख्या कितनी पहुंचती है.
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October 05, 2024