नोएडा: बाढ़ और बारिश के चलते कुलेसरा गांव में पिछले एक महीने से बिजली (electricity) नहीं आ रही है। जिससे नाराज ग्रामीणों ने हजारों की संख्या में हिंडन नदी के पुल पर पहुंचकर रास्ता रोक दिया। जिससे दादरी सुरजपुर छलेरा मार्ग पर लंबा ट्रैफिक (traffic jam) जाम लग गया। इसके बाद बड़ी संख्या में लोग सांसद महेश शर्मा (mahesh sharma) से इसकी शिकायत दर्ज करवाने नोएडा के कैलाश अस्पताल (kailash hospital) पहुंच गये। अस्पताल के सामने लोगों की भीड़ की सूचना मिली तो सांसद प्रतिनिधि संजय बाली मौके पर पहुंच गये। जहां पर लोगों ने उनके सामने अपनी बात रखी।
गांव में एक महीने से गायब है बिजली
कैलाश अस्पताल (kailash hospital) के घेराव की जानकारी मिलते ही भारी संख्या में पुलिस बल भी मौके पर पहुंच गई। लोगों का कहना है कि गांव में पिछले एक महीने से बिजली नहीं आ रही है। गांव वालों का कहना है कि ट्रांसफार्मर(transfarmer) फुंके हैं, लाइन टूटी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि इसकी शिकायत नोएडा पावर कंपनी (noida power compney) से भी की गई, लेकिन कहीं पर भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
'नहीं हो रही कहीं सुनवाई'
ग्रामीणों का कहना है कि वो हर जगह पर अपनी शिकायत लेकर जा रहे हैं, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जिसके चलते वो अब इस तरह प्रदर्शन करने को मजबूर हैं। इन दौरान ग्रामीणों ने नेताओं पर भी आरोप लगाए कि नेता केवल चुनाव के वक्त ही उनसे हाल चाल पूछने आते हैं।
लोकसभा चुनावों की रणभेरी बज चुकी है। पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवार भी घोषित कर दिए हैं। सभी पार्टियों के चुनावी कार्यालयों में जीत के लिए जी-तोड़ मेहनत की जा रही है। वहीं दूसरी ओर गौतमबुद्ध नगर से बीजेपी प्रत्याशी महेश शर्मा की बात करें तो ऐसा लग रहा है कि उन्हें केवल पार्टी से टिकट मिलने का इंतजार था। पार्टी से टिकट मिलने की खुशी या तो अभी तक उनके सिर से उतरी नहीं है या पार्टी से टिकट मिलने को ही उन्होंने लोकसभा चुनावों की जीत मान ली है।
ओवर कॉन्फिडेंस में डूब गए बीजेपी प्रत्याशी
बीजेपी ने अपनी पहली लिस्ट में ही गौतमबुद्ध नगर सीट से प्रत्याशी महेश शर्मा का नाम घोषित कर दिया था। वहीं बीजेपी प्रत्याशी को देखें तो ऐसा लगता है कि अभी तक उन्हें अपने शहर के वोटरों की भी सुध नहीं है। एक तरफ़ जहाँ महेश शर्मा ग्रामीण इलाक़ों में तेज़ी से लोगों के बीच पहुँच रहे हैं, तो दूसरी ओर शहरी इलाक़ों में नेता जी अभी तक ना के बराबर दिखे हैं। ना तो अब तक वो प्रचार के लिए ही निकले हैं और ना तो अब तक उनकी राजनीतिक गतिविधि ही देखने को मिली है। ऐसा लगता है कि टिकट मिलने के बाद से डॉक्टर साहब शहरी मतदाताओं को लेकर ओवर कॉन्फिडेंस में नज़र आ रहे हैं।
दो बार की जीत के बाद क्या इस बार लगेगी हैट्रिक
2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में जीत मिलने के बाद बीजेपी ने एक बार फिर महेश शर्मा पर विश्वास जताया है। वहीं बीजेपी प्रत्याशी महेश शर्मा इस बार भी पार्टी के विश्वास पर खरे उतर पाएंगे। क्योंकि महेश शर्मा ने अब तक सेक्टरों और सोसाइटियों में प्रचार करने नहीं पहुंचे है। इससे क्या अनुमान लगाया जाए या तो बीजेपी प्रत्याशी वोटिंग डेट का इंतजार कर रहे हैं या फिर दो बार की जीत को ही इस बार की जीत मान लिया है। अब देखना होगा कि लोकसभा चुनाव के नतीजे तो 4 जून को आएंगे मगर महेश शर्मा इस बार गौतमबुद्ध नगर सीट से पार्टी के विश्वास पर खरे उतर पाएंगे।
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