Greater Noida: बुद्ध सर्किट स्पोर्ट सिटी में होने वाले मोटो जीपी रेस को बंद करने की हेलमेट मैन ऑफ इंडिया राघवेंद्र कुमार ने मांग की है. हेलमेट मैन ऑफ इंडिया इसको लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू औ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखक बंद कराने की मांग की है। पत्र में कहा है कि मोटो जीपी रेस सिर्फ अमीर देशों के लिए रोमांच है, भारत के लिए मौत की रफ्तार है। मोटोजीपी रेस अभी तक सिर्फ 30 देश में ही आयोजित हुआ है, 31वां देश अब भारत होगा. जिन देशों में अभी तक यह रेस आयोजित हुआ है, वहां सड़क सुरक्षा के बुनियादी ढांचे बहुत मजबूत है। उन देशों में पैदल चलने और साइकिल चलाने वाले लोगो के लिए अलग ट्रैक होते हैं। कार और बाइक की रफ्तार में स्पीड लीमिट यहां अधिक होती हैं। यहाँ सड़क हादसे बहुत कम होते हैं क्योंकि सड़क सुरक्षा को लेकर काम करने वाली एजेंसी बहुत मजबूत होती हैं।
भारत मौत के आंकड़ों में पहले पायदान पर
हेलमेट मैन ऑफ इंडिया ने आगे लिखा है कि भारत पहले से ही विश्व के सभी देशों से मौत के आंकड़ों में पहले पायदान पर है। यहाँ जागरुकता बढ़ाने बुनियादी ढांचे को मजबूत करने एवं सुरक्षा कानून को लागू करने पर सरकार ध्यान केंद्रित कर रही हैं। क्योंकि भारत में प्रतिवर्ष सड़क हादसों की वजह से 4 प्रतिशत जीडीपी का नुकसान हो रहा है। जबकि भारत में विश्व स्तर पर लगभग दो प्रतिशत ही वाहन है. लेकिन यह 11 प्रतिशत से अधिक सड़क यातायात मौत के लिए जिम्मेदार है। भारत में पैदल यात्रियों और साइकिल चलाने वाले के लिए कोई सुरक्षा कानून नहीं है, जो देश में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौत में से एक तिहाई से अधिक के लिए जिम्मेदार है। इसके लिए कोई आपातकालीन प्रणाली भी नहीं है। सड़क यातायात से होने वाली मौत का मजबूत आंकड़े की कमी भी शामिल हैं।
भारत में आज भी सड़क पार करने के लिए दोनों दिशाओं में देखना पड़ता है. क्योंकि भारत में गाड़ी चलाने वाले जिम्मेदार नागरिक की आज भी कमी हैं। अधिकांश राज्यों की अपनी सड़क सुरक्षा नीतियों होनेके बावजूद भारत के पास सड़क सुरक्षा रणनीतियां को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने के लिए कोई प्रमुख एजेंसी नहीं है।
भारत में आज भी 50 प्रतिशत लोग सड़कों पर साइकिल चलाते हैं, राज्यों की तुलना की जाए तो वेस्ट बंगाल के बाद दूसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश राज्य में 75.6 प्रतिशत लोग आज भी सड़कों पर साइकिल चलाते हैं, और मौत के आंकड़ों के हिसाब से उत्तर प्रदेश सभी राज्यों से अग्रीण बना हुआ है, गौतमबुद्ध नगर जिले में जब से फॉर्मूला वन ट्रैक बना तब से इस जिले में सड़क हादसों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी जा रही है, क्योंकि यहां के युवाओं में ओवर स्पीड गाड़ी चलाने की वजह से हादसों में वृद्धि के साथ चालान और मौत के आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं।
सड़क हादसे के शिकार 76.2 प्रतिशत कामकाजी
भारत में 2004 में धूम पिक्चर रिलीज के बाद से स्पीड बाइक का प्रचलन तेजी से बढ़ गया। बाइक में साइलेंसर बढ़ाना तेज ध्वनि का प्रचलन हादसों में एकाएक इजाफा देखने को मिला है। प्लेन सीट वाली बाइक भी एक दम से स्टाइलिश बाइक के साथ सीट भी बदल गई. क्योंकि हमारे भारत में प्रचार से लोग काफी आकर्षित होते है। भारत सरकार मंत्रालय के अनुसार सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए 76.2 प्रतिशत लोग अपनी मुख्य कामकाजी 18 से 45 वर्ष के होते हैं। भारत जैसे निम्न और मध्यम आय वाले देश में सामाजिक आर्थिक स्थिति और सड़क उपयोग पैटर्न के बीच एक स्पष्ट संबंध है। इसीलिए गरीब लोगों के सड़क यातायात दुर्घटना में शामिल होने की संभावना अधिक रहती है। सड़क दुर्घटना कोविड-19 की तरह हमारे भारत में सामाजिक आर्थिक परिदृश्य को खराब कर रही है, और हमारे परिवहन मंत्रालय ने कोवीड-19 से भी घातक इसे करार दिया है।
गडकरी भी सड़क दुर्घटना कम करने में असफल हुए
भारत सरकार के परिवहन मंत्रालय के मंत्री नितिन गडकरी ने 2020-2021 में एक कॉन्फेरेन्स में कहा था कि "सड़क दुर्घटना 50 प्रतिशत कम करने का वादा किया था, लेकिन दो माह पहले अपना एक स्टेमेन्ट में कहा कि "मैं अच्छे सड़क एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर तो बनवा सकता हूँ लेकिन सड़क दुर्घटना कम करने में असफल रहा इसलिए मैं अपने पहले दिए गए स्टेटमेंट को वापस लेता हूँ, क्योंकि राज्य सरकार एवं उनके अधिकारी सामंजस्य के साथ कार्य नहीं किए। एक व्यक्ति को बचाने में 90 लाख की बचत होती है। यातायात दुर्घटनाएं छोटे विकलांगता से आज भारतीय समाज विश्व स्तर पर बोझ बनता जा रहा है। इस खतरनाक परिदृश्य में सड़क सुरक्षा मंत्रालय गरीबों की हित की रक्षा के लिए नीतियां बना रही है।
9 साल से सड़क हादसों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा हूं
हेलमेट मैन ऑफ इंडिया पत्र में आगे लिखा है कि भारत में सड़क सुरक्षा रिपोर्ट को मजबूत करने में चुनौतियां बनी हुई है, जो व्यवहारिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए मैं पिछले 9 साल से सड़क हादसों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा हूँ. 9 सालों से भारत की सड़कों पर घूम-घूम कर भारत के युवाओं की जिंदगी बचाने का प्रयास कर रहा हूँ। क्योंकि आज से 9 साल पहले नोएडा एक्सप्रेस-वे पर मैं अपना एक दोस्त खो दिया था। जो अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र था। तब से मैंनें शपथ ली कि भारत की सड़कों पर हर नागरिक को एक स्मार्ट रोड यूजर बनाने से पहले उसे अपना दोस्त बनाऊंगा, ताकि वह भारत की सड़को पर हादसे के खिलाफ लड़ाई लड़ सके। इस लड़ाई को लड़ते हुए मुझे 9 साल हो गए और अपने जेब खर्चे से अब तक भारत की सड़कों पर 56000 से अधिक हेलमेट बाट चुका हूँ। सैकड़ों लोगों की जिंदगी बचा चुका हूँ, करोड़ों लोगों तक अपना मिशन पहुंचाने में सफल हुआ हूं, जो दुनिया अब हमें राघवेंद्र कुमार की जगह हेलमेट मैन ऑफ इंडिया के नाम से जानती है।
90 प्रतिशत लोगों को सड़क पर चलने का नियम नहीं पता
राघवेंद्र कुमार ने आगे लिखा है कि मोटो जीपी रेस हमारे भारत के युवाओं को सड़कों पर स्पीड रफ्तार की बढ़ावा दे सकती है। जिस वजह से हमारे देश की सड़कों पर मौत की रफ्तार तेजी से बढ़ेगी क्योंकि सड़क पर गाड़ी चलाने वाले वाहन स्वामियों को सड़कों का अंदाजा नहीं रहता है। क्योंकि इसी सड़क पर आम व्यक्ति साइकिल लेकर चलता है, और पैदल चलने वाले भी होते है। भारत के 77 साल आजादी के बाद भी आज भी 40 प्रतिशत लोग शिक्षा से वंचित हैं। 90 प्रतिशत लोगों को सड़क पर चलने का नियम कानून ही नहीं पता है। फिर ऐसे रोमांचक रेस के आयोजन से भारत के राजस्व का बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है, और 90 प्रतिशत जनता की जान माल प्रभावित हो सकती है।
Noida: बाहुबली और माफिया अतीक अहमद की संपत्तियों की खोज अब नोएडा में शुरू हो गई है। कमिश्नरेट प्रयागराज ने नोएडा प्राधिकरण को लेटर भेज कर अतीक अहमद और उसके परिवार के संपत्तियों के बारे में जानकारी मांगी है। इसके बाद प्राधिकरण के अलग-अलग विभाग अपनी फाइलों को खंगालने में जुटे हैं। प्रयागराज पुलिस सात दिन में इसकी रिपोर्ट देनी है।
गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई के लिए मांगी जानकारी
बता दें कि प्रयागराज के कैंट थाने की ओर से नोएडा प्राधिकरण के सीईओ को पत्र लिखा गया है। जिसमें अतीक और उसके परिवार के अन्य लोगों से जुड़ी संपत्तियों की जानकारी मांगी गई है। पत्र में कहा गया है कि गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई के मद्देनजर मृतक अतीक से जुड़े कुछ लोगों की संपत्तियों के संबंध में जानकारी इकट्ठी की जा रही है।
इन लोगों का पत्र में जिक्र
प्रयागराज पुलिस ने नोएडा प्राधिकरण से अतीक अहमद, अशरफ, शाइस्ता परवीन, जैनम फातिमा, बेटे अली, उमर, असद, एहजम और आबान की संपत्तियों के बारे में ब्यौरा मांगा है। पत्र में कहा गया है कि अतीक और उसके रिश्तेदारों की किसी प्रकार की संपत्ति नोएडा क्षेत्र में है तो उसकी जानकारी उपलब्ध कराई जाए, ताकि गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जा सके।
नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन चेयरमैन को बना लिया था बंधक
बता दें कि अतीक अहमद ने नोएडा में भी कई गैरकानूनी काम किया था। एक मामले में उसने प्राधिकरण के तत्कालीन चेयरमैन पर दबाव बनाया। जब चेयरमैन ने उसकी बात नहीं सुनी तो वह नोएडा आ गया और चेयरमैन के घर में घुसकर करीब चार घंटे तक बंधक बनाए रखा। इसकी भनक लगते ही नोएडा से लेकर लखनऊ तक खलबली मच गई थी। बाद में यह मामला तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव तक भी पहुंचा। इसके बाद अखिलेश ने अतीक को फटकारा था।
Noida: 23 दिसंबर को पुलिस में आरक्षी नागरिक पुलिस के पदों पर सीधी भर्ती 2023 में 60244 पदों पर कांस्टेबल की भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया था। लेकिन उम्र सीमा में कोई छूट न हो पाने के कारण प्रदेश के नौजवानों में काफी आक्रोश है। उम्र सीमा बढ़ाए जाने को लेकर प्रदेश के विभिन्न जनपदों के नौजवानों का एक प्रतिनिधिमंडल जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह से मिला।
इसके बाद विधायक धीरेंद्र ने मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। जिसमें धीरेन्द्र सिंह ने लिखा है कि "कोरोनाकाल में कोई भर्ती नहीं हुई थी, जिसकी वजह से प्रदेश के नौजवानों की उम्र बढ़ती गई। जो अब इस भर्ती के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं। इसकी वजह से हजारों नौजवान काफी मायूस और निराश हैं। इसलिए जरूरी होगा कि नागरिक आरक्षी पदों की भर्ती में उम्र सीमा में 03 से 05 वर्ष की अतिरिक्त छूट मिले।"
जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने अपने पत्र में यह भी लिखा कि "कोरोना एक आपदा थी और उसके समय में वंचित रह गए नौजवानों को एक मौका और मिलना चाहिए।" विधायक धीरेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री कार्यालय में पत्र भेजकर वार्ता की और शीघ्र ही प्रकरण में ठोस कदम उठाए जाने के लिए भी कहा।
ग्रेटर नोएडा: यमुना एक्सप्रेस वे पर हाल ही में हुई दुर्घटना में 5 लोगों की दर्दनाक मौत के बाद यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने शासन को पत्र लिखकर स्थानीय प्रशासन के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की है, साथ ही इस मामले में सख्त एक्शन लेने की बात कही है.
CEO डॉ.अरुणवीर सिंह ने जताई नाराजगी
बता दें यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ना नाराजगी जाहिर करते हुए शासन को पत्र में लिखा है कि यमुना एक्सप्रेस वे पर शाम से लेकर सुबह तक जो बसें दौड़ती हैं, वे बिना परमिट, बिना इंश्योरेंस, बिना फिटनेस के फर्राटा भरते हुए नज़र आती हैं. आखिर इन बसों को रोड पर चलने की परमिशन कहां से मिलती है. इन बसों को सभी प्रशासन के अधिकारी अपनी नजरों के सामने से गुजरते देखते है फिर भी पुलिस प्रशासन व आरटीओ विभाग की नजरों में धूल झोंककर ये बसें दौड़ती रहती है. जबकि इन बसों में रोजाना हजारों लोग सफर करते हैं. जिनकी जान को जोखिम बना रहता है. साथ ही 185 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस वे पर अधिकतम बसें बिना कागजों के ही सड़कों पर दौड़ती है. इतनी खामियों के बाद और प्रशासन को इस बात की जानकारी होने का बाद भी इन पर कार्रवाई नहीं होना एक दुर्भाग्य की बात है.
हाल ही में हुई थी 5 की जिंदा जलकर मौत
रिपोर्ट के मुताबिक बीते दिनों मथुरा में यमुना एक्सप्रेस-वे पर एक बड़ा हादसा हुआ था जिसमें कार सवार पांच लोगों की जिंदा जलने से मौत हो गई थी. एक्सप्रेस-वे पर यात्री बस से टकराने के बाद स्विफ्ट डिजायर कार में आग गई थी. जिसके बाद सुरक्षा को लेकर सवाल भी स्थानीय प्रशासन पर उठे थे. अब इसी मामले में प्राधिकरण ने शासन को पत्र लिखा है.
New Delhi: देश के जाने-माने 500 से अधिक वकीलों ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र भेजा है। पत्र लिखने वालों में वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे से लेकर बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा सहित कई बड़े वकील हैं। वकीलों ने पत्र में न्यापालिका की अखंडता पर खतरे को लेकर चिंता जताई है। वकीलों का कहना है कि कुछ 'खास समूह' न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं।
न्यायपालिका को बदनाम करने की कोशिश
पत्र में कहा गया है कि कुछ समूह राजनीतिक एजेडों के साथ आधारहीन आरोप लगा रहे हैं। न्यायपालिका की छवि के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश कर रहे हैं। भ्रष्टाचार के मामलों में घिरे राजनीतिक चेहरों से जुड़े केसों में यह हथकंडे जाहिर तौर पर दिखते हैं। ऐसे मामलों में अदालती फैसलों को प्रभावित करने और न्यायपालिका को बदनाम करने के प्रयास सबसे अधिक हो रहे हैं। पत्र में लिखा है कि खास समूह कथित तौर पर झूठी कहानी बनाकर न्यायपालिका के कामकाज की गलत छवि पेश करना चाहते हैं। न्यायिक फैसलों को प्रभावित किया जा सके और न्यापालिका पर जनता के विश्वास को डिगाया जा सके।
आईपीएल के इस सीजन में मुंबई इंडियंस के सितारे गर्दिश में नजर आ रहे हैं। इसका कारण कोई और नहीं बल्कि टीम की फ्रेंचाइजी को ही माना जा रहा है। दरअसल पिछले साल दिसंबर में ऑक्शन से ठीक पहले मुंबई इंडियंस ने एक बड़ा फैसला लिया था जो कि फैंस की नाराजगी का कारण भी बना था। फ्रेंचाइजी ने अपने सबसे सफल कप्तान रोहित शर्मा को हटाकर सबको चौंका दिया था और उनकी जगह हार्दिक पंड्या को टीम का कप्तान बनाया था, जो 2 सीजन तक गुजरात टाइटंस के कप्तान थे। उसके बाद से ही फ्रेंचाइजी मैनेजमेंट और मालिकों को फैंस के गुस्से का सामना करना पड़ा है।
शुरूआती 2 मैचों में ही औंधे मुंह गिरी मुंबई इंडियंस
आईपीएल 2024 के नए सीजन के शुरुआती 2 मैचों में हार का सामना करना पड़ा है। मुंबई इंडियंस की ये स्थिति तब हुई है, जब उसने अपने सबसे सफल कप्तान रोहित शर्मा को अचानकर हटाकर हार्दिक पंड्या को कमान सौंपी है। सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ टीम का जो हश्र हुआ, उसने हर किसी को टेंशन दे दी और शायद इसी टेंशन का नतीजा था कि टीम के मालिक आकाश अंबानी मैच के बाद काफी देर तक रोहित शर्मा के साथ गंभीर चर्चा करते हुए नजर आए। आपको बता दें कि पिछले 3 सीजन से खिताब का इंतजार कर रही 5 बार की चैंपियन फ्रेंचाइजी ने पिछले साल ऑक्शन से ठीक पहले हार्दिक पंड्या की टीम में वापसी ने सबको चौंका दिया था। हार्दिक तब गुजरात टाइटंस की कप्तानी कर रहे थे और टीम को पहले ही सीजन में चैंपियन बनाने के बाद दूसरे सीजन में भी फाइनल तक ले गए थे। ऐसे में हार्दिक की वापसी के बाद से ही आशंकाएं थीं कि कहीं वो मुंबई के कप्तान तो नहीं बनने वाले और इन कयासों को फ्रेंचाइजी ने दिसंबर में ऑक्शन से पहले सच कर दिया।
हार्दिक के फैसलों ने टीम की डुबोई नैया
इस सीजन के ऑक्शन से पहले हार्दिक को कप्तान बनाए जाने की घोषणा के बाद से ही मुंबई इंडियंस के फैंस उनके खिलाफ थे। उस पर टीम को सीजन के शुरुआती दोनों मैचों में हार का सामना करना पड़ा है। अब पिछले 11 सीजन से मुंबई इंडियंस अपने पहले ही मैच में हार रही थी, ऐसे में इस साल भी वो नहीं बदला तो किसी को ज्यादा हैरानी नहीं हुई लेकिन हैदराबाद के उप्पल स्टेडियम में बुधवार 27 मार्च के नजारे ने पूरे मुंबई मैनेजमेंट को हिला कर रख दिया। दरअसल सनराइजर्स हैदराबाद ने 277 का रिकॉर्ड स्कोर खड़ा किया और फिर 31 रन से मैच भी जीत लिया। फील्डिंग के दौरान कप्तान हार्दिक के फैसलों पर लगातार सवाल उठते रहे और फिर बैटिंग में वो टीम के सबसे फिसड्डी बल्लेबाज साबित हुए। इतने बड़े रनचेज में उन्होंने 20 गेंदों में सिर्फ 24 रन बनाए।
क्या हार्दिक को मिलेगा मौका या होगी रोहित की वापसी?
इतना सब होने के बाद जो मैच के आखिर में हुआ उसने कई अटकलों और अफवाहों को जन्म दे दिया है। असल में मैच खत्म होने के बाद आकाश अंबानी काफी देर तक रोहित शर्मा के साथ बात करते दिखे जो कि काफी गंभीर चर्चा दिख रही थी। इस दौरान बीच में हार्दिक भी आए लेकिन कुछ देर में ही चले गए, लेकिन आकाश अंबानी और रोहित की बातें इसके बाद भी जारी रहीं। दोनों के चेहरों में तनाव के भाव साफ नजर आ रहे थे और कहीं से भी ये चर्चा मैच के बाद होने वाली सामान्य बातचीत नहीं नजर आ रही थी। जिनको लेकर अटकलें लगाई जा रहीं हैं कि क्या मुंबई इंडियंस दो मैचों के बाद ही टीम का कप्तान फिर से बदल देगी, लेकिन मुंबई इंडियंस का इतिहास अगर गवाह है तो हर कोई जानता है कि इस फ्रेंचाइजी में कभी भी शुरुआती नाकामियों के बाद ही किसी को हटाया नहीं जाता, बल्कि मौके दिए जाते हैं। ऐसे में हार्दिक को भी ये मौका मिलेगा, इसमें शक की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए।
रामानंद सागर के निर्देशन में बने टीवी सीरियल 'रामायण' में भगवान राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल को आखिर कौन नहीं जानता। अब वे राजनीति की दुनिया कदम रखने जा रहे हैं भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मेरठ सीट से 'रामायण' सीरियल में राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल को टिकट दिया है। आज अरुण गोविल ने अपना नामांकन भी फाइल कर दिया है इस दौरान उनके साथ उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद और साथ ही कई दिग्गज चेहरे नजर आए। चुनावी हलफनामे में अरुण ने अपनी संपत्ति के बारे में जानकारी दी। जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। आइए जानते हैं कि रामायण के 'श्रीराम' के पास कितनी संपत्ति है।
अरुण के बैंक अकाउंट में 10,34,9071 रुपये जमा
अरुण गोविल की संपत्ति की बात करें तो उनके पास 13194 वर्ग फुट में फैला हुआ एक आवासीय प्लाट है, पूणे में स्थित इस प्लाट को अरुण गोविल ने 2010 में 45 लाख रुपये में खरीदा था लेकिन आज इसकी कीमत 4.25 करोड़ रुपये हो चुकी है। उनके पास एक ऑफिस साउथ वेस्ट में है, जो 1393 वर्ग फुट में है। इसे 2017 में 52 लाख रुपये में खरीदा था, लेकिन आज इसकी कीमत 1.42 करोड़ रुपये हो चुका है। अरुण गोविल के पास 375000 रुपये कैश है, जबकि बैंक अकाउंट में 10,34,9071 रुपये जमा हैं। वहीं अरुण ने शेयर बाजार में 1.22 करोड़ रुपये और म्यूचुअल फंड में 16.51 लाख रुपये का निवेश किया है। इनके पास एक मार्सडीज कार 2022 मॉडल है, जिसकी कीमत 62,99,000 रुपये है और 220 ग्राम सोने के आभूषण है, जिनकी कीमत 10,93,291 रुपये है। अरुण गोविल के ऊपर एक्सिस बैंक से 14.6 लाख का कर्ज भी है।
श्रीलेखा गोविल की आय 16.74 लाख रुपये तय की गई
अरुण गोविल की पत्नी श्रीलेखा गोविल के पास कैश 40,75,00 रुपये, बैंक में 80,43,149 रुपये हैं और शेयर में 143,59,555 रुपये निवेशित हैं और अरुण कियेशन में 15,65,971 रुपये लगे हैं. श्रीलेखा गोविल के पास 600 ग्राम सोने के आभूषण हैं, जिनकी कीमत 32 लाख रुपये से ज्यादा है. अरुण की पत्नी के नाम अमरनाथ टॉवर्स अंधेरी वेस्ट मुंबई में 1127 वर्ग फुट का एक फ्लैट है. इस फ्लैट को 2001 में 49 लाख रुपये में खरीदा गया था, जिसकी वर्तमान वैल्यू 2 करोड़ रुपये से ज्यादा है. वित्त वर्ष 2022-23 में इनकी पत्नी की आय 16.74 लाख रुपये तय की गई है.
'रामायण'से मिली अरुण को खास पहचान
अरुण गोविल का जन्म मेरठ जिले में 12 जनवरी 1958 को हुआ था, लेकिन उनका बचपन शाहजहांपुर में बीता.अरुण गोविल ने हाईस्कूल की पढ़ाई यूपी बोर्ड से राजकीय इंटर कॉलेज मेरठ से 1966 में की। इसके बाद इंटरमीडिएट राजकीय इंटर कॉलेज सहारनपुर से 1968 में पूरा किया। आगरा विश्वविद्यालय से अरुण ने बीएससी की पढ़ाई साल 1972 में पूरी की। अरुण गोविल के पिता चाहते थे कि अरुण एक सरकारी नौकरी करें, लेकिन अरुण ने एक्टिंग की दुनिया में अपना कदम रखा। इन्होंने 'रामायण' के अलावा कई अन्य सीरियल और फिल्मों में भी काम किया है लेकिन वे फेमस रामायण में राम के किरदार से हुए।
बीते कुछ महीनों में नोएडा साइबर क्राइम मामले तेजी से बढ़े हैं। जिसमें लोगों पर साइट पोर्नोग्राफी देखने के खिलाफ कार्रवाई की बात कहकर ई-मेल के जरिए शिकार बनाया जा रहा है। जिसको लेकर अब पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है। साइबर क्राइम एसीपी विवेक कुमार रंजन राय ने इस संदर्भ में मीडिया से बात की।
पोर्नोग्राफी देखने पर कार्रवाई का डर दिखाकर बना रहे शिकार
साइबर क्राइम एसीपी विवेक कुमार रंजन राय ने बताया कि तेजी से बढ़ते इन मामलों में विभिन्न जांच एजेंसी जैसे सीबीई, आईबी और साइबर क्राइम इंडिया आदि की फर्जी मोहर लगाकर या फिर अटेस्ट करके सर्टिफ़ाइड कॉपी बताकर लोगों को ई-मेल करके उनपर आरोप लगाया जाता है कि आपने इंटरनेट पर साइट पोर्नोग्राफी देखी है। जिसके ऊपर कार्रवाई की जा रही है। जिसपर आपके विरूद्ध आईटी एक्ट में आपके ऊपर कार्रवाई की जा रही है।
पुलिस ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
साइबर क्राइम एसीपी विवेक कुमार रंजन राय ने क्राइम के मामलों को लेकर कहा कि अगर इस तरह का मैसेज या कॉल किसी को आए, तो उस पर कोई रिस्पॉन्स न करें। अगर इससे रिलेटेड कोई ई-मेल आपको आता है, तो घबराएं नहीं बल्कि तुंरत इसकी सूचना साइबर क्राइम थाना और साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 को दें। इस प्रकार के मैसेज, लिंक से आपको सावधान रहना है।
इस तरह के मेल से रहे सावधान
जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने बाकायदा एक फॉर्मेट जारी किया, ताकि लोग जागरूक बनें।
लोकसभा चुनावों में बीजेपी का खराब प्रदर्शन किसी के गले नहीं उतर रहा है। ना ही पार्टी नेताओं के और ना ही कार्यकर्ताओं। जिसको लेकर पार्टी के अदंर जबरदस्त कलह मची हुई है। पार्टी के लोग एक दूसरे पर ही आरोप-प्रत्यारोप के तीर चला रहे हैं। वहीं अब हार पर मचे इस सियासी घमासान में एक नया मोड आ गया है। जिसके तहत बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी है। जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों की सीबीआई जांच की मांग की है। दरअसल, संगीत सोम ने संजीव बालियान पर विदेशों में जमीनों की खरीद-फरोख्त का गंभीर आरोप लगाया था। संजीव बालियान ने बीजेपी के पूर्व विधायक संगीत सोम के लगाए आरोपों का जिक्र करते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है। साथ ही उन्होंने इन आरोपों के पीछे छिपे षड्यंत्रकारियों का चेहरा बेनकाब करने की बात कही है।
बीजेपी नेता ने गृह मंत्री अमित शाह को लिखी चिट्टी
संजीव बालियान ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी में लिखा है कि ''नरेंद्र मोदी जी लगातार तीसरी बार विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री चुने जाने पर आपको हार्दिक बधाई। यह विजय प्रधानमंत्री के आदर्शों एवं सांस्कृतिक व सामाजिक मूल्यों के प्रति उनकी सत्यनिष्ठा, देश को विश्व में सर्वोच्च स्थान पर ले जाने हेतू उनकी कर्तव्यनिष्ठा, शोषित वर्गों व माताओं-बहनों के उत्थान के प्रति उनके निरंतर प्रयासों एवं युवाओं के स्वर्णिम भविष्य के प्रति उनके समर्पण की ही परिचायक है। विकास की इस महायात्रा में आपके साथ चलने का सौभाग्य मुझे भी मिला, इसके लिए मैं सदैव ऋणी व आभारी रहूंगा.''
खुद पर लगे आरोपों की CBI जांच की मांग की
संजीव बालियान ने खुद पर लगे आरोपों पर कहा कि ''हाल ही के दिनों में मीडिया के माध्यम से एक महत्वपूर्ण बात प्रकाश में आई है। पश्चिम उत्तर प्रदेश के एक पूर्व विधायक के लेटर हैड पर एक पत्र पत्रकारों को वितरित किया गया है, जिसमें मुझ पर भ्रष्टाचार के निराधार आरोप लगाए गए है। मैं उसमें लगाए गए सभी आरोपों को खंडन करता हूं और क्योंकि मैं प्रधानमंत्री की विगत दोनों सरकारों में मंत्री रहा हूं, इसलिए मुझ पर लगाये गये ऐसे आरोपों की निष्पक्ष जांच कराना मेरा दायित्व बनता है। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि उन सभी आरोपों की सीबीआई से या अन्य किसी उच्च स्तरीय संस्था से जांच कराई जाए, ताकि मुझ पर लगाये गये उन सभी आरोपों की सच्चाई देश के समक्ष आ सके और इसके पीछे के षड्यंत्रकारियों का चेहरा भी बेनकाब हो सके।''
उत्तर प्रदेश के दनकौर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की समस्याओं को बताने के लिए राजू उपाध्याय ने जिला अधिकारी को पत्र लिखा। जिसमें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की तमाम समस्याओं का जिक्र किया गया। उन्होंने जिलाधिकारी दनकौर से सेवाओं को दोबारा सुचारू रुप से चलाने की प्रार्थना भी की। पत्र में स्वास्थ्य अधिकारियों की वजह से 114 गांव स्वास्थ्य सेवाएं विहीन है, इस बात का भी जिक्र किया।
चार प्वाइंट्स में रखी अपनी बात
1- जिलाधिकारी को लिखे गए पत्र में साफ तौर पर लिखा गया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दनकौर पर पूर्व में इमरजेंसी व MLC की सुविधा संचालित थी, जो कि वर्तमान में पूर्णतया बंद है।
2- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दनकौर पर पूर्व में नसबंदी हुआ करती थी, जो कि वर्तमान में पूर्णतया बंद है।
3- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दनकौर पर बीपीएम यूनिट कार्यरत थी जो की जननी सुरक्षा योजना मातृत्व लाभ व अन्य योजनाओं को संचालित करती थी वह अब पूर्णतया बंद है।
4- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दनकौर पर ब्लड जांच जैसे मलेरिया टाइफाइड एचआईवी एचबीएसएजी एचवी शुगर सीबीसी इत्यादि की जांच होती थी लेकिन आज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दनकौर पर मलेरिया को छोड़कर सभी जांच पूर्णतया बंद है।
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