Yamuna city: यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में भू-माफिया बेलगाम हैं। यहां पर मिट्टी के माफिया सेक्टरों से गड्ढों की खुदाई कर रहे हैं। आलम ये है कि भू माफिया सेक्टरों की जमीन को भी अपना निशाना बना रहे हैं। यहां बिना रोक टको गड्ढों की खुदाई जारी है। अब मामला सामने आने के बाद प्राधिकरण एक्शन में नजर आ रहा है।
भू-माफिया पर FIR के आदेश
भू-माफिया प्राधिकरण को करोड़ों का चूना लगा रहे हैं। मामला संज्ञान में आने के बाद यमुना प्राधिकरण के CEO डॉ. अरुण वीर सिंह ने कार्रवाई के आदेश दिए हैं। यमुना प्राधिकरण की जमीन पर हो रहे मिट्टी खनन में संबंधित विभाग के अधिकारियों को FIR दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
कर्मचारियों पर मिली भगत के आरोप
भू खनन के चलते सेक्टरों में बड़े-बड़े गड्ढे हो गये हैं। इस मामले में प्राधिकरण के कुछ कर्मचारियों पर मिली भगत के आरोप लगे हैं। फिलहाल FIR के आदेश के बाद भू-माफिया में हड़कंप मच गया है।
Noida: अतिक्रमण के खिलाफ नोएडा प्राधिकरण ने बड़ी कार्रवाई की है। भू-माफिया के चंगुल से करोड़ों की जमीन खाली कराई गई है। नोएडा के नलगढ़ा गांव में करीब ढाई हजार वर्गमीटर पर हो रहे अवैध निर्माण को बुलडोजर से ध्वस्त कराया गया।
यहां पर हो रहे हैं अवैध निर्माण
प्राधिकरण को सूचना मिली कि वर्क सर्किल-9 में अवैध निर्माण करवाया जा रहा है। सूचना के बाद मौके पर पहुंचकर प्राधिकरण की टीम ने नलगढ़ा गांव में 2500 मीटर पर चल रहे अवैध निर्माण को ढहा दिया। भू माफिया यहां कई करोड़ों की जमीन पर कब्जा करने के नियत से अवैध निर्माण करवा रहे थे। इसके अलावा कई और जगहों पर भी अवैध निर्माण की सूचना है। जहां जल्द प्राधिकरण की टीम बुलडोजर चलेगा।
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने भूमाफियाओं पर शिकंजा कसते हुए बड़ी कार्रवाई की है। बिसरख के जलपुरा गांव में प्राधिकरण की भूमि पर बिल्डर और कॉलोनाइजर द्वारा अवैध निर्माण कराए जा रहे थे। इस मामले में ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के सहायक प्रबंधक द्वारा 9 कॉलोनाइजरों पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। बिसरख थाना पुलिस ने कॉलोनाइजरों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
स्टे के बावजूद बिल्डर कर रहा निर्माण
बता दें कि बिसरख और जलपुरा क्षेत्र में प्राधिकरण की अर्जित जमीन खसरा नंबर 773 पर कॉलोनाइजरों अवैध कॉलोनी काटकर उसे पर फ्लैट और विला बना दिए हैं। इस जमीन पर हाई कोर्ट से स्टे होने के बावजूद भी लगातार बिल्डर अवैध निर्माण कर रहे हैं। शनिवार को प्राधिकरण की टीम मौके पर पहुंची तो देखा कि अवैध निर्माण जारी है। इस पर प्राधिकरण के सहायक प्रबंधक गौरव बघेल ने बिसरख पुलिस से लिखित शिकायत की। जिस पर बिसरख पुलिस ने 9 कॉलोनाइजरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
इनके खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर
देवेंद्र यादव निवासी ग्राम सोरखा, कुलदीप निवासी बिसरख, भारत, आदेश, अभिषेक निवासी बिसरख जलालपुर, पिंक पढलनी, निवासी नैनीताल, सर्वेश निवासी सेक्टर 24 और प्रिंस के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है।
केस दर्ज होेने के बाद भी नहीं रोका काम
वहीं, रविवार को फिर प्राधिकरण की टीम को सूचना मिली कि अवैध निर्माण चल रहा है। इस पर प्राधिकरण की टीम मौके पर पहुंची और काम को रुकवाया ओर कॉलोनाइजरों को नोटिस जारी किए हैं। अब जल्दी प्राधिकरण अवैध अतिक्रमण को ध्वस्त करेगी।
नोएडा प्राधिकरण ने भू-माफियाओं के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। प्राधिकरण ने बुलडोजर चलाकर करीब 800 वर्ग मीटर जमीन को आज अतिक्रमण मुक्त करा लिया है। नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम के सख्त निर्देशों के बाद वर्क सर्किल-9 के अन्तर्गत ग्राम-गुलावली के खसरा संख्या 581 पर पुलिस बल के साथ भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए ध्वस्तीकरण किया गया है। अतिक्रमणकर्ता द्वारा प्राधिकरण की उक्त भूमि पर गार्टर पटिया डालकर मकान बनाया गया था। आपको बता दें कि यहां पर कुछ लोग परिवार के साथ रह रहे थे। साथ ही इस जमीन को खाली करने के लिए वर्क सर्किल-9 के द्वारा पूर्व में नोटिस भी भेजा गया था। इसके बावजूद इस जमीन को भू-माफियाओं ने खाली नहीं किया।
कब्जा मुक्त कराई गई जमीन की कीमत करीब 2 करोड़ रुपए
प्राधिकरण के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि कब्जा मुक्त करायी गई उक्त भूमि सेक्टर-163 व 161 के मध्य 30 मीटर चौड़े मार्ग में आ रही है। जिसके अतिक्रमित होने के कारण सड़क का निर्माण बाधित था। इस भूमि का क्षेत्रफल लगभग 800 वर्ग मीटर है, जिसकी बाजार लागत लगभग 2 करोड़ रुपए आंकी गई है। नोएडा प्राधिकरण की इस कार्रवाई से भू-माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है।
Greater Noida: रबूपुरा कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत खेतों की रखवाली करने जा रहे एक किसान के साथ खनन माफियाओं द्वारा मारपीट किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। बचाव के लिए पहुंचे पीड़ित के भाइयों पर भी माफियाओं ने हमला कर घायल कर दिया। आरोप है घटना की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम और कोतवाली में भी दी गई लेकिन पुलिस ने मौके तक जाना उचित जरूरी नहीं समझा। पीड़ित ने कोतवाली में तहरीर दी लेकिन कार्रवाई नहीं होने पर सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर उच्च अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है।
टार्च जलाने पर की मारपीट
रबूपुरा कोतवाली क्षेत्र के गांव फलैदा निवासी कारण ने पुलिस से शिकायत की है कि मंगलवार रात को उसका भाई मोहित पशुओं से फसल रखवाली के लिए खेतों पर जा रहा था। इसी दौरान वहां पर अवैध मिट्टी खनन कर रहे माफिया ने उसे रोक लिया और टॉर्च जलाने का बहाना कर उसके साथ मारपीट शुरू कर दी। भाई ने इस घटना की जानकारी परिजनों को दी।
वीडियो वायरल कर लगाई न्याय की गुहार
आरोप है कि जब पीड़ित के बचाव के लिए उसके भाई मौके पर पहुंचे तो माफिया ने उन पर भी लाठी डंडों से हमला कर घायल कर दिया। घटना की सूचना फोन द्वारा पुलिस कंट्रोल रूम व स्थानीय पुलिस को दी गई लेकिन पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। पीड़ित ने सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है।
एसीपी ने मिट्टी खनन से किया इंकार
वहीं, एसीपी जेवर सार्थक सेंगर का कहना है कि मिट्टी खनन का कोई मामला नहीं है। फलैदा गांव में दो पक्ष के बीच मारपीट का मामला संज्ञान में आया था। जिसके चलते दो लोगों को हिरासत में लेकर मामले की जांच व अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।
सड़कों पर बिना नंबर प्लेट के दौड़ते हैं सैकड़ों वाहन
गौरतलब है कि क्षेत्र में खनन माफियाओं का आतंक है। अधिसूचित भूमि अक्सर भूमाफिया के निशाने पर रहती है। क्षेत्र की सड़कों पर बगैर नंबर प्लेट दर्जनों खनन वाहन दौड़ते आसानी से देखे जा सकते हैं। लोगों का आरोप है खनन माफिया द्वारा मारपीट किए जाने का यह कोई पहला मामला नहीं है। पूर्व में भी इसी तरह की घटनाएं सामने आ चुकी है। लेकिन हर बार शिकायत किए जाने के बावजूद भी माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही कागजों में सिमट कर रह जाती है।
नोएडा प्राधिकरण अवैध जमीन कब्जे को लेकर लगातार एक्शन मोड में नजर आ रहा है। शुक्रवार की सुबह नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर 44 में भू-माफियाओं के कब्जे से 3000 वर्गमीटर जमीन को मुक्त कराया। जिसकी कीमत 15 करोड़ बताई जा रही है।
भूमाफिया ने कर रखा था कब्जा
नोएडा प्राधिकरण की तरफ से जानकारी देते हुए बताया गया कि नोएडा के सेक्टर-44 के सदरपुर गांव में करीब तीन हजार वर्ग मीटर जमीन प्राधिकरण अधिसूचित और कब्जा प्राप्त जमीन है। भू माफियाओं ने इस जमीन के चारों ओर बाउंड्री कराकर गेट लगा दिया था।
नोटिस की बाद हुई कार्रवाई
प्राधिकरण ने पहले नियम का पालन करते हुए कब्जा हटाने का नोटिस जारी किया था। जिसमें कब्जे को तत्काल हटाने के लिए कहा गया था। लेकिन जब भू-माफियाओं ने नोटिस को नहीं माना, तब शुक्रवार सुबह प्राधिकरण की टीम बुलडोजर के साथ मौके पर पहुंची और अवैध बाउंड्री वॉल और गेट को तोड़ते हुए 3000 वर्गमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया। इस मौके पर भारी संख्या में पुलिसबल भी मौजूद रहा।
15 करोड़ की जमीन पर था कब्जा
नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर 44 में जिस जमीन को भू-माफियाओं के कब्जे से छुड़ाया है, इसकी कीमत 15 करोड़ रुपए आकी जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नोएडा प्राधिकरण 2020 से अब तक करीब 5 लाख वर्गमीटर जमीन को कब्जा मुक्त करा चुका है। इसकी कीमत करीब 2 हजार करोड़ रुपए के आसपास है।
Noida: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के करीबी कहे जाने वाले भूमाफिया पप्पू यादव पर नोएडा थाना फेस 2 पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। थाना फेस 2 पुलिस ने पप्पू यादव सहित तीन लोगों के खिलाफ गैंगस्टर के तहत मुकदमा दर्ज है। पप्पू यादव पर सरकारी जमीन का फर्जी दस्तावेज तैयार कर लोगों को बेचने आरोप है। इसके साथ ही जमीन बेचने के बाद भी जमीन का कब्जा न देना और जान से मारने का भी आरोप लगा है।
पप्पू यादव का भाई सपा नेता
पिछले महीने थाना फेस 2 पुलिस ने 25 हज़ार इनामी पप्पू यादव को गिरफ्तार किया था। सर्फाबाद गांव का रहने वाला पप्पू यादव थाना सेक्टर 113 का हिस्ट्रीशीटर है। अखिलेश यादव पप्पू यादव के घर भी आ चुके हैं। पप्पू यादव का भाई पिंटू यादव समाजवादी पार्टी का नेता है।
18 मुकदे दर्ज हैं
बता दें कि तीन मामले में लंबे समय से फरार चल रहे भू-माफिया पप्पू यादव को लोकल इंटेलिजेंस एवं गोपनीय सूचना के आधार पर हापुड़ से गाजियाबाद की ओर छिजारसी टोल के पास से गिरफ्तार किया गया था। इसके खिलाफ गौतमबुद्ध नगर के विभिन्न थानों में 18 मुकदमे दर्ज है।
फर्जी दस्तावेज तैयार कर सरकारी जमीनों पर करता था कब्जा
डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी के अनुसार, पप्पू यादव भूमाफिया किस्म का शातिर अपराधी है, जो 25 हजार रुपये का इनामी है। पप्पू यादव सरकारी जमीन पर कूटरचित दस्तावेज तैयार करके उन पर कब्जा कर लेता था। साथ ही किसानों की जमीन पर भी कब्जा करता था। पप्पू यादव पर सरकारी जमीनों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर लोगों को धोखे से जमीन बेच भी देता था। फरवरी 2024 में दिल्ली की दो महिलाओं ने कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि गांव सलारपुर में जमीन दिलाने के नाम पर उनसे 15 लाख 70 हजार रुपये ठगे लिए थे।
नोएडा के थाने में हिस्ट्रीशीटर
पप्पू यादव पर अगस्त 2018 में एक अन्य मामला दर्ज हुआ था। जिसमें 43 लोगों पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था। पप्पू यादव लोगों को जमीन का कब्जा न देकर जान से मारने की धमकी भी देता था। पप्पू यादव ने अब तक कई एकड़ जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाकर उस पर कब्जा किया और बाद में उसे लोगों को धोखे से बेच दिया।
नोएडा में अतिक्रमणकारियों के खिलाफ प्राधिकरण लगातार सख्ती बरत रहा है। प्राधिकरण लगातार अतिक्रमण ध्वस्त करने की कार्रवाई को अंजाम दे रहा है। इसी कड़ी में आज प्राधिकरण ने अर्जित एवं कब्जा प्राप्त भूमि पर विभिन्न भू-माफियाओं द्वारा विभिन्न स्थानों पर किए गए अतिक्रमण को ध्वस्त करने की कार्रवाई की ।
भूमाफियाओं के कब्जे से 3.96 करोड़ रुपये की जमीन मुक्त
वर्क सर्किल 9 के कार्यक्षेत्र में ग्राम नगली वाजिदपुर के खसरा सं0 221 एवं खसरा सं० 244 पर अवैध अतिक्रमण किया गया था। जिसके तहत लगभग 792.45 वर्गमी० क्षेत्रफल में प्राधिकरण की अर्जित भूमि पर अवैध रूप से भवन निर्माण भू-माफियाओं द्वारा किया जा रहा था। जिसको वर्क सर्किल-9 की टीम द्वारा नोएडा पुलिस बल के सहयोग से रुकवाया गया। इसके साथ ही अब तक बनाए गए निर्माण को ध्वस्त किया गया। अतिक्रमणमुक्त कराई गई भूमि की बाजार लागत लगभग 3.96 करोड़ रुपये आंकी गई है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के कर्मचारियों की मिलीभगत से भूमाफिया के हौसले बुलंद है। भूमाफिया ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की जमीन पर रात के अंधेरे में 30 से 40 फीट गहरे गहरे गड्ढे कर मिट्टी उठा ले गए। इन गड्ढों का किसी ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। जिसके बाद प्राधिकरण ने कार्रवाई शुरू कर दिए हैं।
प्राधिकरण के अधिकारियों ने भूमाफियाओं को चिन्हित करने के साथ fir दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। वहीं, मैनेजर सर्किल ऑफिसर माफियाओं से मिली भगत के आरोप लगे हैं। इस पर प्राधिकरण की एसीईओ लक्ष्मी वीएस ने एक सर्किल ऑफिसर के खिलाफ की कार्रवाई जांच के आदेश दिए हैं। लक्ष्मी वीएस ने कहा कि एक दो सर्किल ऑफिसर को हटा दिया गया है। इनके खिलाफ जांच की जा रही है, दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। एसईओ ने कहा कि इकोटेक थाना क्षेत्र में गड्ढे होने की सूचना मिली है। गड्ढे करने वालों को चिन्हित कर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। बता दें कि अब इन गहरे बड़े-बड़े गड्ढे प्राधिकरण को विकसित भरने के लिए टेंडर जारी करना होगा।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने मंगलवार को गांव सुनपुरा में अतिक्रमण के खिलाफ फिर से बुल्डोजर चलाया। इस दौरान प्राधिकरण ने लगभग 62000 वर्ग मीटर जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया है। जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 124 करोड़ रुपये है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने अधिसूचित एरिया में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। जिसपर परियोजना विभाग अतिक्रमण के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहा है।
टीम की मौजूदगी में 3 घंटे चली कार्रवाई
वर्क सर्किल दो की टीम ने सुनपुरा की खसरा संख्या-413, 419, 421, 430, 432, 433, 434, 437, 439, 444 और 455 की 62 हजार वर्ग मीटर जमीन पर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की। औसत दर 20 हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से इस जमीन की कीमत लगभग 124 करोड रुपए आंकी गई है। कॉलोनाइजर इस जमीन पर अवैध कॉलोनी काटने की कोशिश कर रहे थे। प्राधिकरण के परियोजना विभाग के वरिष्ठ प्रबंधक राजेश कुमार के नेतृत्व में मंगलवार सुबह वर्क सर्किल दो के प्रबंधक स्वतंत्र वर्मा व राजकुमार और सहायक प्रबंधक राजीव कुमार ने फील्ड स्टाफ, क्षेत्रीय थाना पुलिस, पीएसी, प्राधिकरण की पुलिस और सुरक्षा कर्मियों की मौजूदगी में यह कार्रवाई की गई। कार्रवाई लगभग 3 घंटे चली। छह जेसीबी और दो डंपर भी लगाए गए थे। परियोजना विभाग के महाप्रबंधक व ओएसडी हिमांशु वर्मा ने चेतावनी दी है कि प्राधिकरण की अधिसूचित एरिया में जमीन कब्जाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने परियोजना विभाग के सभी वर्क सर्किल प्रभारियों को अपने एरिया में जमीन पर अतिक्रमण रोकने के लिए कड़ी नजर रखने और अतिक्रमण की सूचना मिलते ही कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
अधिसूचित एरिया में अवैध निर्माण की इजाजत नहीं- एसीईओ
प्राधिकरण की एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग ने कहा है कि अवैध रूप से जमीन कब्जा कर काटी जा रही कॉलोनी में अपनी गाढ़ी कमाई न फंसाएं। अगर किसी कॉलोनाइजर से अवैध कॉलोनी में प्लॉट खरीदा है तो रजिस्ट्री का प्रपत्र लेकर पुलिस से शिकायत करें। साथ ही इसकी एक कॉपी प्राधिकरण को भी उपलब्ध कराएं, ताकि ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहा है कि ग्रेटर नोएडा के अधिसूचित एरिया में किसी भी व्यक्ति को अवैध निर्माण करने की इजाजत नहीं है। ग्रेटर नोएडा में कहीं भी जमीन खरीदने से पहले प्राधिकरण से संपर्क कर पूरी जानकारी जरूर प्राप्त कर लें।
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