मोदी सरकार 18 सितंबर 2024 को एनपीएस वात्सल्य योजना लॉन्च करने वाली है. इसकी घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केन्द्रीय बजट 2024-25 में कर दी थी. वित्त मंत्रालय ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि लॉन्च इवेंट में स्कूली बच्चे भी शामिल होंगे. इस अवसर पर वित्त मंत्री एनपीएस वात्सल्य की सदस्यता लेने के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की शुरुआत करेंगी और योजना ब्रोशर भी जारी करेंगी. साथ ही नए नाबालिग ग्राहकों को परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर कार्ड डिस्ट्रिब्यूट करेंगी. बता दें कि एनपीएस वात्सल्य कार्यक्रम पूरे देश में लगभग 75 स्थानों पर एक साथ आयोजित किया जाएगा.
क्या है एनपीएस वात्सल्य योजना?
एनपीएस वात्सल्य मोदी सरकार की एक ऐसी योजना है जिसे बच्चों के वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने के लिए लाया गया है. वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा था कि इस पेंशन योजना में माता-पिता और अभिभावक अंशदान करेंगे और बच्चे के वयस्क होने पर इस योजना को सहज रूप से एक सामान्य एनपीएस खाते में बदला जा सकेगा. एनपीएस वात्सल्य लचीला योगदान और निवेश का विकल्प प्रदान करता है. जिससे माता-पिता बच्चे के नाम पर सालाना 1,000 रुपये तक का निवेश कर सकते हैं. यह योजना पेंशन फंड विनियामक और विकास प्राधिकरण के तहत चलाई जानी है.
कई फायदों का खजाना है एनपीएस-वात्सल्य योजना
एनपीएस-वात्सल्य योजना एक वित्तीय निवेश है. जिसे माता-पिता/अभिभावक अपने नाबालिग बच्चों की ओर से कर सकते हैं. जो उन्हें तब तक वित्तीय सहायता प्रदान करने का एक सार्थक तरीका है. जब तक कि वे स्वयं कमाई और निवेश करना शुरू नहीं कर देते. इसके अलावा इस योजना के कई अन्य फायदे भी हैं. जो इस प्रकार हैं-
कम उम्र में किया गया निवेश चक्रवृद्धि ब्याज का लाभ उठाकर समय पर पर्याप्त वृद्धि की अनुमति देता है.
बच्चे के पास रिटायर होने पर पर्याप्त उम्र तक एक बड़ा रिटायरमेंट फंड होगा.
कम उम्र में बच्चों में बचत की आदतों को बढ़ावा मिलेगा.
लंबी अवधि के लिए बजट के महत्व को समझने में बच्चों की सहायता होगी.
जब बच्चा 18 साल की उम्र तक पहुंचेगा तो खाते को आसानी से नियमित एनपीएस खाते में बदला जा सकेगा.
NPS में योगदान को कुछ आयकर प्रावधानों के तहत टैक्स कटौती योग्य होने की अनुमति देते हैं.
रिटायरमेंट पर कॉर्पस का एक हिस्सा टैक्स-मुक्त निकाला जा सकता है.
आजकल लोगों को ठगने के लिए ठग नए-नए तरीके निकाल रहे हैं. ऐसा ही एक नया ठगी का मामला नोएडा में सामने आया है. जहां ठगों ने एक समलैंगिक डेटिंग ऐप के जरिए पहले लोगों से दोस्ती की. फिर शारीरिक संबंध बनाने के साथ ही धोखे से वीडियो बना लिया. उसके बाद इसी वीडियो के जरिए पीड़ितों को मोटी रकम के लिए ब्लैकमेल किया. वहीं अब इस मामले में कार्रवाई करते हुए फेस-2 थाना पुलिस ने समलैंगिक डेटिंग ऐप 'ग्रिंडर' के माध्यम से लोगों से दोस्ती कर उन्हें ब्लैकमेल करने वाले दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपियों की पहचान दीपक और किशोर कुमार राघव के रूप में हुई है.
जल्द ही कई और मामलों का हो सकता है खुलासा
डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी 'ग्रिंडर' ऐप के माध्यम से लोगों से दोस्ती करते थे और मिलने के लिए बुलाते थे. मुलाकात के बाद वे पीड़ित को समलैंगिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करते और उसकी अश्लील वीडियो बनाकर मोटी रकम वसूलते थे. पुलिस ने आरोपियों के पास से मोबाइल फोन और ब्लैकमेलिंग में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल भी बरामद की है. पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि उन्होंने इस ऐप के जरिए कई लोगों को अपने जाल में फंसाया है. वे सभी पीड़ितों के साथ एक ही तरीका अपनाते थे. पहले दोस्ती करना, फिर वीडियो बनाना और अंत में ब्लैकमेल करना. पुलिस का कहना है कि कई लोग समाज के डर से सामने नहीं आते थे. इसलिए ये लोग आसानी से बच जाया करते थे. वहीं अन्य पीड़ितों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है और उम्मीद है कि जल्द ही और मामलों का खुलासा हो सकता है.
डीसीपी सेंट्रल ने की लोगों से सतर्क रहने की अपील
इस मामले को लेकर डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति अवस्थी ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है. उन्होंने कहा कि समलैंगिक डेटिंग ऐप्स के माध्यम से धोखाधड़ी की घटनाएं बढ़ रही हैं और ऐसे में किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक गतिविधियों से बचने के लिए जागरूक होना जरूरी है. पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है और अन्य संभावित पीड़ितों से भी संपर्क किया जा रहा है. मामले में तेजी से जांच और सख्त कार्रवाई की जा रही है.
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