मोदी सरकार 18 सितंबर 2024 को एनपीएस वात्सल्य योजना लॉन्च करने वाली है. इसकी घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केन्द्रीय बजट 2024-25 में कर दी थी. वित्त मंत्रालय ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि लॉन्च इवेंट में स्कूली बच्चे भी शामिल होंगे. इस अवसर पर वित्त मंत्री एनपीएस वात्सल्य की सदस्यता लेने के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की शुरुआत करेंगी और योजना ब्रोशर भी जारी करेंगी. साथ ही नए नाबालिग ग्राहकों को परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर कार्ड डिस्ट्रिब्यूट करेंगी. बता दें कि एनपीएस वात्सल्य कार्यक्रम पूरे देश में लगभग 75 स्थानों पर एक साथ आयोजित किया जाएगा.
क्या है एनपीएस वात्सल्य योजना?
एनपीएस वात्सल्य मोदी सरकार की एक ऐसी योजना है जिसे बच्चों के वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने के लिए लाया गया है. वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा था कि इस पेंशन योजना में माता-पिता और अभिभावक अंशदान करेंगे और बच्चे के वयस्क होने पर इस योजना को सहज रूप से एक सामान्य एनपीएस खाते में बदला जा सकेगा. एनपीएस वात्सल्य लचीला योगदान और निवेश का विकल्प प्रदान करता है. जिससे माता-पिता बच्चे के नाम पर सालाना 1,000 रुपये तक का निवेश कर सकते हैं. यह योजना पेंशन फंड विनियामक और विकास प्राधिकरण के तहत चलाई जानी है.
कई फायदों का खजाना है एनपीएस-वात्सल्य योजना
एनपीएस-वात्सल्य योजना एक वित्तीय निवेश है. जिसे माता-पिता/अभिभावक अपने नाबालिग बच्चों की ओर से कर सकते हैं. जो उन्हें तब तक वित्तीय सहायता प्रदान करने का एक सार्थक तरीका है. जब तक कि वे स्वयं कमाई और निवेश करना शुरू नहीं कर देते. इसके अलावा इस योजना के कई अन्य फायदे भी हैं. जो इस प्रकार हैं-
कम उम्र में किया गया निवेश चक्रवृद्धि ब्याज का लाभ उठाकर समय पर पर्याप्त वृद्धि की अनुमति देता है.
बच्चे के पास रिटायर होने पर पर्याप्त उम्र तक एक बड़ा रिटायरमेंट फंड होगा.
कम उम्र में बच्चों में बचत की आदतों को बढ़ावा मिलेगा.
लंबी अवधि के लिए बजट के महत्व को समझने में बच्चों की सहायता होगी.
जब बच्चा 18 साल की उम्र तक पहुंचेगा तो खाते को आसानी से नियमित एनपीएस खाते में बदला जा सकेगा.
NPS में योगदान को कुछ आयकर प्रावधानों के तहत टैक्स कटौती योग्य होने की अनुमति देते हैं.
रिटायरमेंट पर कॉर्पस का एक हिस्सा टैक्स-मुक्त निकाला जा सकता है.
कल यानी 4 जून का दिन पूरे देश के लिए काफी अहम है। कल लोकसभा चुनाव के सातों चरणों की काउंटिंग होगी। जिसको लेकर निर्वाचन आयोग ने सभी तरह की तैयारियां पूरी कर ली हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त नवदीप रिणवा ने रविवार को प्रेस कॉफ्रेंस में बताया कि मंगलवार को यूपी में 75 जिलों के 81 मतगणना स्थलों पर सुबह 8 बजे से काउंटिंग शुरू होगी और विधानसभा क्षेत्रवार वोटों की गिनती की जाएगी। इसके बाद लोकसभा क्षेत्र में समाहित विधानसभा क्षेत्रों के परिणाम को जोड़कर लोकसभा क्षेत्रों का परिणाम घोषित किया जाएगा। आपको बता दें कि कानपुर लोकसभा सीट पर सबसे पहले नतीजे आने की संभावना जताई जा रही है तो वहीं गाजियाबाद सीटों पर वोटों की गिनती लंबी चलने का अनुमान है।
कानपुर में 25 तो गाजियाबाद में 41 राउंड तक चलेगी काउंटिंग
देखा जाए तो उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में सबसे कम पोलिंग बूथ कानपुर संसदीय सीट पर तो ज्यादा पोलिंग बूथ गाजियाबाद सीट पर थे। कानपुर लोकसभा सीट पर टोटल 1607 बूथ बनाए गए थे, जिसके चलते संभावना है कि नतीजे सबसे पहले यहीं घोषित होंगे। कानपुर सीट करीब पर 25 राउंड की काउंटिंग होगी। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि कानपुर लोकसभा सीट पर सबसे पहले नतीजे आएंगे। वहीं गाजियाबाद लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा वोटर्स हैं, जिसके चलते सबसे ज्यादा पोलिंग बूथ भी यहीं बनाए गए थे। इसीलिए यहां पर वोटों की गिनती भी लंबी चलेगी। गाजियाबाद की साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र में ही सिर्फ 1,127 बूथ हैं। गाजियाबाद लोकसभा सीट पर मतगणना 41 राउंड तक चलेगी। ऐसे में नतीजे भी सबसे बाद में आने की संभावना है।
UP में सुबह 8 बजे शुरू होगी काउंटिंग
यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि मंगलवार को सुबह 8 बजे से वोटों की गिनती शुरू होगी। पोस्टल बैलट की गणना संबंधित सीट के मुख्यालय पर होगी, जहां निर्वाचन अधिकारी बैठते हैं। यहां पर सुबह 8 बजे पहले पोस्टल बैलट खुलेगा और उसके आधे घंटे के बाद ईवीएम की गिनती शुरू होगी। बाकी मतगणना केंद्रों पर सुबह 8 बजे से ही ईवीएम के वोटों गिनती शुरू हो जाएगी। उन्होंने बताया कि पोस्टल बैलट की गड्डी बनाते, उसे छांटने और वोटों की वैधता जांचने में समय लगता है। इसलिए आमतौर पर सुबह आने वाला पहला रुझान पोस्टल बैलेट का नहीं ईवीएम का ही होता है। इसके अलावा नवदीप रिणवा ने जानकारी देते हुए बताया कि आगरा, मेरठ, आजमगढ़, देवरिया, सीतापुर और कुशीनगर लोकसभा सीट पर दो मतगणना केंद्र बनाए गए हैं, जबकि बाकी जिलों में एक-एक मतगणना केंद्र पर गिनती होगी। यूपी के 35 लोकसभा क्षेत्रों की गिनती एक ही जिलों में होगी जबकि 8 सीटें 3 और 37 सीटों का विस्तार 2 जिलों में होने के चलते उनकी गिनती दो-दो जिलों में चलेगी। मतगणना के लिए 179 प्रेक्षक तैनात किए गए हैं, जिसमें 15 प्रेक्षक को 1-1 विधानसभा क्षेत्र, 104 प्रेक्षक को 2-2 विधानसभा क्षेत्र और 60 को 3-3 विधानसभा क्षेत्र आवंटित किए गए हैं।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने निवेशकों की मांग को देखते हुए आईटी/आईटीईएस के चार भूखंडों की योजना लॉन्च कर दी है। इस योजना के लिए शुक्रवार से ऑनलाइन पंजीकरण शुरू हो गए हैं। जिसके लिए 9 अगस्त तक पंजीकरण किए जा सकते हैं। रिजर्व प्राइस के हिसाब से इन भूखंडों की कीमत करीब 233 करोड़ रुपये हैं। अगर सभी चार भूखंड आवंटित हो जाते हैं तो इससे करीब 8 हजार करोड़ रुपये के निवेश और 5000 युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकेंगे।
आईटी विभाग ने 4 भूखंडों की स्कीम की लॉन्च
दरअसल, आईटी कंपनियों की मांग को देखते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एनजी रवि कुमार ने आईटी-आईटीईएस भूखंडों की स्कीम जल्द लॉन्च करने को कहा था। सीईओ की पहल पर आईटी विभाग ने 4 भूखंडों की स्कीम लॉन्च कर दी है। दो भूखंड टेकजोन में दो भूखंड नॉलेज पार्क-5 में स्थित हैं। टेकजोन के दोनों भूखंड 48567-48567 वर्ग मीटर के हैं, जबकि नॉलेज पार्क-5 के दोनों भूखंड 8080-8080 वर्ग मीटर के हैं। इस स्कीम की समस्त जानकारी सहित ब्रोशर को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की वेबसाइट और भारतीय स्टेट बैंक के वेब पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। इस स्कीम में पोर्टल के जरिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।
9 अगस्त तक कर सकते हैं पंजीकरण
वहीं ब्रोशर डाउनलोड करने की सुविधा शुक्रवार से ही शुरू कर दी गई है। 9 अगस्त तक पंजीकरण कराया जा सकता है। प्रोसेसिंग फीस जमा करने की अंतिम तिथि 7 अगस्त और डॉक्यूमेंट जमा करने की अंतिम तारीख 9 अगस्त है। अगर ये चार भूखंड आवंटित हो जाते हैं, तो करीब 8 हजार करोड़ रुपये का निवेश और 5 हजार युवाओं को रोजगार मिलने का अनुमान है। इस बारे में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार का कहना है कि आईटी/आईटीईएस कंपनियों के लिए ग्रेटर नोएडा हब के रूप में उभरा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टीविटी से भी निवेशक बहुत प्रभावित हैं। उन्होंने इस स्कीम के बेहद सफल होने की उम्मीद जताई है।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल का ठिकाना जल्द ही बदलने वाला है. दरअसल दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद ही केजरीवाल ने सरकारी आवास और सभी सुविधाओं को छोड़ने की भी घोषणा कर दी थी. जिसके बाद अब केजरीवाल का नया आवास नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में फाइनल हो गया है. जहां पर केजरीवाल अगले एक से दो दिनों में परिवार समेत शिफ्ट हो जाएंगे. अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि श्राद्ध खत्म होने के बाद नवरात्र में सरकारी बंगला छोड़कर अपने विधानसभा क्षेत्र नई दिल्ली में शिफ्ट हो जाएंगे.
केजरीवाल का नया घर लगभग तय
रिपोर्ट्स की मानें तो अरविन्द केजरीवाल के लिए नया घर तय कर लिया गया है. केजरीवाल शिफ्ट होने के लिए ऐसा मकान चाहते हैं जो नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में हो और संपत्ति विवाद में ना हो. इसके साथ ही केजरीवाल के आवास में लोगों की आवाजाही से आसपास के लोगों को दिक्कत ना हो. कहा जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल के रहने के लिए यूं तो कई जगहों से ऑफर आए लेकिन उनमें से अब तक 2 घरों पर गहनता से विचार किया गया. ये दोनों ही बंगले लुटियंस दिल्ली के फिरोजशाह रोड पर हैं. जो कि आम आदमी पार्टी के 2 राज्यसभा सांसदों को आवंटित किए गए हैं.
अरविंद केजरीवाल के दो संभावित घर-
केजरीवाल जिन दो बंगलों पर गहनता से विचार कर रहे हैं उनमें से पहला बंगला 5 फिरोजशाह रोड पर है. जो सरकारी घर पंजाब से आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद अशोक मित्तल को आवंटित किया गया है. हालांकि अशोक मित्तल अपने इस सरकारी आवास में नहीं रहते हैं बल्कि अशोक मित्तल के कर्मचारी ही उनके सरकारी बंगले में रहते हैं.
वहीं अरविंद केजरीवाल का दूसरा संभावित बंगला 10 फिरोजशाह रोड हो सकता है. यह सरकारी आवास दिल्ली से आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद ND गुप्ता को आवंटित है. हालांकि ND गुप्ता भी इस बंग्ले में नहीं रहते हैं. ND गुप्ता अपने परिवार के साथ अपने निजी आवास में रहते हैं.
यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर जल्द ही उपचुनाव होने वाले है. तो वहीं इससे पहले सूबे की योगी सरकार ने गरीबों के लिए सौगातों का पिटारा खोल दिया है. दरअसल योगी सरकार अतिशय गरीबी में जीवन यापन कर रहे लोगों के लिए राहत भरी खबर लेकर आई है. सरकार ऐसे परिवारों को एकमुश्त राहत पैकेज देकर गरीबी से उबारने की एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू करने जा रही है. ये योजना 'जीरो पॉवर्टी स्कीम' के नाम से शुरू होने वाली है. इस योजना के तहत हर गांव से पात्रता सूची तैयार की जाएगी और उन्हें सरकार की सभी योजनाओं से संतृप्त किया जाएगा. इसी महीने से सीएम योगी आदित्यनाथ योजना की शुरूआत कर सकते हैं.
चयनित परिवारों को सभी विभाग अपनी योजनाओं से करेंगे लाभान्वित
प्रदेश के पंचायतीराज विभाग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने जानकारी देते हुए बताया कि पंचायतराज विभाग को इस योजना का नोडल विभाग बनाया गया है. समाज कल्याण, पिछड़ा वर्ग विभाग, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग स्वच्छ भारत मिशन, ग्राम विकास विभाग, खाद्य एवं रसद समेत गांवों के विकास एवं जन कल्याण से जुड़े सभी विभागों को इस योजना में भागीदार बनाया जाएगा. ये सभी विभाग चयनित परिवारों को अपनी-अपनी योजनाओं से लाभान्वित करेंगे. प्रदेश में कुल 57691 ग्राम पंचायतें हैं, जिनमें लगभग 85 हजार गांव हैं.
प्रारंभिक स्तर पर समाज कल्याण विभाग बनाएगा सूची
इस योजना के तहत सभी गांवों में 10 से लेकर 25 तक की संख्या में ऐसे परिवारों का चयन किया जाएगा. जो अति गरीबी में जीवन जी रहे हैं और उन्हें सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाया है. प्रारंभिक स्तर पर ऐसे परिवारों की सूची समाज कल्याण विभाग बनाएगा. मुख्यालय स्तर की टीम के स्तर से सत्यापन के बाद अंतिम सूची में शामिल परिवारों को सभी योजनाओं से लाभान्वित किया जाएगा. सरकार का मानना है कि सभी योजनाओं से लाभान्वित परिवार स्वतः ही गरीबी रेखा से ऊपर आ जाएगा. कहा यह भी जा रहा है कि प्रदेश में विधानसभा की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को देखते हुए यह योजना बनाई गई है. योजना से ज्यादातर एससी-एसटी व ओबीसी वर्ग के परिवारों को ही लाभ होगा.
संसद में मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया. ये बजट मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट है. वहीं बजट 2024 में कृषि से लेकर युवाओं तक के हितों को साधने की कोशिश की गई है. इस बार के बजट का मुख्य केंद्र युवा रहे. साथ ही महिलाओं और नौकरीपेशा लोगों को भी राहत देने की कोशिश की गई है. आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाकर नौकरी पेशा को राहत देने की कोशिश की है. साथ ही वित्त मंत्री ने एजुकेशन लोन का 3 प्रतिशत हिस्सा सरकार द्वारा उठाने की घोषणा की है, तो मुद्रा लोन की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख करने का ऐलान कर दिया है.
युवाओं के लिए खुला सरकार का खजाना
बजट के अनुसार ऐसे युवा जिन्होंने किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं लिया है, उन्हें देश के किसी भी संस्थान में प्रवेश के लिए एजुकेशन लोन मिलेगा. इसका 3 प्रतिशत पैसा सरकार देगी. इसके लिए सरकार ई वाउचर्स की व्यवस्था करेगी जो हर साल तकरीबन एक लाख छात्रों को दिए जाएंगे. साथ ही स्वरोजगार के लिए युवा अब 20 लाख रुपये तक मुद्रा लोन ले सकेंगे. अब तक यह सीमा 10 लाख रुपये तक ही थी. पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी की तलाश में रहने वाले 1 करोड़ युवाओं को देश की 500 टॉप कंपनियों में इंटर्नशिप भी कराई जाएगी. इन्हें हर माह 5000 रुपये भत्ता और 6000 रुपये सहायता भी दी जाएगी. इसके साथ ही 5 साल की अवधि में 20 लाख युवाओं को कौशल प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है. 1000 आईटीआई को हब और स्पोक व्यवस्था के परिणाम के साथ हिसाब से अपग्रेड किया जाएगा. वहीं मॉडल कौशल ऋण योजना को संशोधित किया जाएगा, ताकि सरकारी प्रवर्तित निधि से गारंटी के साथ ₹7.5 लाख तक ऋण की सुविधा दी जा सके.
महिलाओं का कार्यबल बढ़ाने पर होगा फोकस
बजट में महिलाओं और लड़कियों को लाभ पहुंचाने के लिए 3 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाएगा. इससे महिलाओं से संबंधित योजनाओं को और सशक्त बनाया जाएगा. बजट में महिलाओं का कार्यबल बढ़ाने पर फोकस किया गया है. इसके लिए वित्त मंत्री ने अलग से प्रयास करने की घोषणा की है. उद्योग के सहयोग से कामकाजी महिला हॉस्टलों का निर्माण का ऐलान किया जाएगा. इसके अलावा शिशु होम भी बनाए जाएंगे.
नई टैक्स रिजीम में किया गया बदलाव
बजट में पहली बार नौकरी पाने वाले युवाओं को ईपीएफओ में रजिस्टर्ड होने पर 15 हजार रुपये की मदद तीन किस्तों में मिलेगी. ये लाभ उन्हें ही मिलेगा जिनकी सैलरी 1 लाख रुपये प्रतिमाह से कम है. पहली बार नौकरी पाने वाले युवाओं और उनके नियोक्ताओं को पहले चार वर्ष तक ईपीएफओ के अंशदान के अनुसार प्रत्यक्ष प्रोत्साहन उपलब्ध कराया जाएगा. बजट में नई टैक्स रिजीम में भी बदलाव किया गया है. बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार से बढ़ाकर अब 75 हजार कर दिया गया है. नई कर व्यवस्था के तहत 3 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं देना होगा. 3 से 7 लाख रुपये तक 5 फीसदी कर की व्यवस्था की गई है. 10 से 12 लाख रुपये तक 15 प्रतिशत और 15 लाख से ज्यादा सैलरी पर 30 फीसदी कर लिया जाएगा.
आजकल लोगों को ठगने के लिए ठग नए-नए तरीके निकाल रहे हैं. ऐसा ही एक नया ठगी का मामला नोएडा में सामने आया है. जहां ठगों ने एक समलैंगिक डेटिंग ऐप के जरिए पहले लोगों से दोस्ती की. फिर शारीरिक संबंध बनाने के साथ ही धोखे से वीडियो बना लिया. उसके बाद इसी वीडियो के जरिए पीड़ितों को मोटी रकम के लिए ब्लैकमेल किया. वहीं अब इस मामले में कार्रवाई करते हुए फेस-2 थाना पुलिस ने समलैंगिक डेटिंग ऐप 'ग्रिंडर' के माध्यम से लोगों से दोस्ती कर उन्हें ब्लैकमेल करने वाले दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपियों की पहचान दीपक और किशोर कुमार राघव के रूप में हुई है.
जल्द ही कई और मामलों का हो सकता है खुलासा
डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी 'ग्रिंडर' ऐप के माध्यम से लोगों से दोस्ती करते थे और मिलने के लिए बुलाते थे. मुलाकात के बाद वे पीड़ित को समलैंगिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करते और उसकी अश्लील वीडियो बनाकर मोटी रकम वसूलते थे. पुलिस ने आरोपियों के पास से मोबाइल फोन और ब्लैकमेलिंग में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल भी बरामद की है. पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि उन्होंने इस ऐप के जरिए कई लोगों को अपने जाल में फंसाया है. वे सभी पीड़ितों के साथ एक ही तरीका अपनाते थे. पहले दोस्ती करना, फिर वीडियो बनाना और अंत में ब्लैकमेल करना. पुलिस का कहना है कि कई लोग समाज के डर से सामने नहीं आते थे. इसलिए ये लोग आसानी से बच जाया करते थे. वहीं अन्य पीड़ितों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है और उम्मीद है कि जल्द ही और मामलों का खुलासा हो सकता है.
डीसीपी सेंट्रल ने की लोगों से सतर्क रहने की अपील
इस मामले को लेकर डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति अवस्थी ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है. उन्होंने कहा कि समलैंगिक डेटिंग ऐप्स के माध्यम से धोखाधड़ी की घटनाएं बढ़ रही हैं और ऐसे में किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक गतिविधियों से बचने के लिए जागरूक होना जरूरी है. पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है और अन्य संभावित पीड़ितों से भी संपर्क किया जा रहा है. मामले में तेजी से जांच और सख्त कार्रवाई की जा रही है.
नोएडा में आसरा आवास योजना के तहत अल्प विकसित बस्ती व मलिन बस्ती में रहने वालों को आवास दिया जाएगा. इस योजना में शामिल होने के लिए आवेदक 31 अक्टूबर 2024 तक आवेदन कर सकता है. इसके लिए कुछ नियम व शर्तें भी हैं जिनका आवेदक को ध्यान रखना होगा.
अब निराश्रित परिवारों को भी मिलेगी छत
जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर मनीष कुमार वर्मा के निर्देशों के क्रम में प्रभारी परियोजना अधिकारी डूडा गौतम बुद्ध नगर ने बताया कि नगर पालिका परिषद दादरी की सीमान्तर्गत अल्प विकसित बस्ती व मलिन बस्ती में निवास करने वाले आवास विहीन निराश्रित परिवारों को आवास की समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराने की योजना तैयार की गई है। इसके तहत निराश्रित परिवारों को आवास दिलाने के उद्देश्य से आसरा आवास योजना के अंतर्गत भवन लेने के इच्छुक आवेदक आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आवेदक की मासिक आय 6000/-प्रति माह तक हो वो निर्धारित प्रारूप पर अपना आवेदन पत्र वांछित शर्तें/औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए 31 अक्टूबर 2024 सायं 5:00 बजे तक डूडा कार्यालय कमरा नंबर 315 विकास भवन गौतम बुद्ध नगर में जमा कर सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 31 अक्टूबर 2024 सायं 5:00 बजे के बाद प्राप्त होने वाले किसी भी आवेदन पत्र पर विचार नहीं किया जाएगा।
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