आखिरकार 123 दिन बाद किसानों का धरना समाप्त, प्राधिकरण से हुआ समझौता

Greater Noida: नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ चल रहा किसानों का धरना आखिरकार 123वें दिन खत्म हो गया. किसानो और प्राधिकरण के बीच किसानों के सभी मुद्दों पर सहमति बनने के बाद बाद 1 नवंबर तक धरने को स्थगित किया गया है। किसान सभा के धरने के 123 वें दिन प्राधिकरण और किसानों के बीच हुआ लिखित समझौता हुआ. समझौते के अनुसार 10% आबादी प्लाट नए कानून को लागू करने सहित सभी मुद्दों पर प्राधिकरण और किसानों के बीच 100% सहमति बन गई है। ज्यादातर मसले अक्टूबर माह में होने वाली प्राधिकरण की बोर्ड बैठक से पास कर दिए जाएंगे। मुख्य मुद्दा 10% आबादी प्लाट को अक्टूबर माह की बोर्ड बैठक से पास कर दिया जाएगा। इस तरह किसान सभा के आंदोलन में समय सीमा के अंतर्गत सभी मुद्दों पर लिखित समझौता संपन्न कर मीटिंग मिनट प्राप्त की है।


3 दिन तक चली समझौते की प्रक्रिया


किसान सभा के प्रवक्ता डॉक्टर रुपेश वर्मा ने समझौते के बारे में 3 दिन से चल रही प्रक्रिया के अनुसार धरने पर मौजूद सैकड़ो लोगों का अवगत कराया। उन्होंने कहा कि 3 दिन से समझौते का ड्राफ्ट तैयार हो रहा था। ड्राफ्ट को किसान सभा की जिला एक्शन कमेटी ने अनुमोदित किया है। कमेटी के अनुमोदन के बाद धरनारत किसानों के सदन ने समझौते का अनुमोदन किया है और धरने को 31 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।


कार्रवाई करने का पूर्ण आश्वासन मिला


किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि नए मुख्य कार्यपालक अधिकारी से किसानों को समझौते के अनुसार कार्रवाई करने का पूर्ण आश्वासन मिला है। किसानों को ऐसे सकारात्मक मुख्य कार्यपालक अधिकारी से कार्रवाई की पूरी आशा है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने धरना स्थल पर आकर किसानों से वादा किया कि वह भी किसान परिवार से हैं और उनकी सभी समस्याओं को गंभीरता के साथ हल करने का काम करेंगे। किसान सभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ब्रह्मपाल सूबेदार ने कहा कि यह लड़ाई लोगों की सामूहिक भावना के आधार पर जीती गई है। विपक्षी पार्टियों और सभी किसान संगठनों का भूतपूर्व सहयोग मिलने की वजह से लड़ाई अपने मुकाम तक पहुंची है।


सीएम से वार्ता कराने पर बनी सहमति


जय जवान जय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील फौजी ने कहा कि किसानों की एकता ही उनकी ताकत है। स्थाई मोर्चा लगाकर ही लड़ाई जीती जा सकती है। नए कानून पर शासन स्तर पर कार्रवाई के लिए पुलिस कमिश्नर के माध्यम से मुख्यमंत्री से किसानों के प्रतिनिधि मंडल की वार्ता कराई जाने पर सहमति बनी है। प्राधिकरण सरकार द्वारा किसानों के मुद्दों पर कार्रवाई आगे बढ़ेगी तो हम आंदोलन स्थगित रखेंगे अन्यथा की स्थिति में 1 नवंबर से पुनः स्थाई मोर्चा लगाकर लड़ाई शुरू कर दी जाएगी।
किसानों की एकता से मिली जीत
किसान सभा की खानपुर कमेटी के नेता सुरेंद्र भाटी ने कहा किसान सभा की लड़ाई अपने मुकाम तक किसानों की एकता के दम पर पहुंची है। समझौते के अनुसार प्राधिकरण और सरकार यदि कार्रवाई नहीं करते हैं तो लड़ाई पुनः 1 नवंबर से शुरू कर दी जाएगी। किसान सभा पूरे संकल्प के साथ लड़ाई में उतरी है, मुद्दों को हल किए बिना चैन से नहीं बैठेंगे। अजब सिंह नेताजी ने कहा कि किसानों की एकता ने ही यह लड़ाई जीती है, आगे भी किसान अपने मुद्दों को इसी एकता के बल पर जीतेंगे।
नौजवानों के नेता प्रशांत भाटी मोहित यादव, मोहित भाटी, संदीप भाटी, सुशांत भाटी, मोहित नागर, राष्ट्रीय लोक दल के जिला अध्यक्ष जनार्दन भाटी, कांग्रेस कमेटी के नेता अजय चौधरी, राष्ट्रीय लोकदल के नेता अजीत इंद्रवीर भाटी, समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष सुधीर भाटी, किसान मंच के अध्यक्ष सुधीर चौहान, बबली गुर्जर सुनील फौजी सुशील प्रधान टीकम नगर मनोज मास्टर जी हरवीर नागर कृष्णा नागर हातिम सिंह भाटी ने किसानों को संबोधित किया। किसान सभा के संरक्षक राजेंद्र एडवोकेट ने किसान सभा के धरने स्थगन की घोषणा की समापन किया। किसान सभा के जिला सचिव जगदीश नंबरदार में सभी पक्षी पार्टी के नेताओं एवं सभी सहयोगी किसान संगठनों का आभार व्यक्त किया।

By Super Admin | September 17, 2023 | 0 Comments

जब किसानों के हक के लिए कांग्रेस सरकार से भिड़ गए थे पूर्व PM अटल बिहारी, काटे थे जेल में 5 दिन

मोदी सरकार से MSP की गारंटी को लेकर किसान अड़े हुए है. किसानों के दिल्ली कूच के दूसरे दिन भी पुलिस और प्रशासन की सांसें अटकी रहीं. किसानों को रोकने के पुलिस हाई अलर्ट पर रहीं. शंभू बॉर्डर पर ड्रोन से आंसू गैस के गोले फेंकने पर विवाद देखने को मिला. जहां एक तरफ किसानों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ हल्ला बोल रखा है, वहीं इतिहास में भी कुछ ऐसे वाकये हुए हैं जिनके बारे में शायद ही कोई जानता हो, आइये आज हम आपको ऐसे ही एक वाकये से रूबरू कराते है.

अटल बिहार ने भरी थी किसानों के लिए हुंकार


उस समय यूपी में कांग्रेस की सरकार थी और सत्ता की कमान हेमवती नंदन बहुगुणा के हाथों में थी. उस वक्त अटल बिहारी वाजपेयी जनसंघ के नेता हुआ करते थे और देश भर में लोगों से जुड़े हुए मुद्दों पर कांग्रेस के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले नेताओं में गिने जाते थे. साल 1973 में किसानों की गेहूं की फसल अच्छी हुई थी और यूपी की कांग्रेस सरकार किसानों को सरकारी दामों पर गेहूं बेचने के लिए मजबूर कर रही थी, सरकार का आदेश था कि सभी किसानों का सरकारी मूल्यों पर गेंहूं बेचना अनिवार्य है. वहीं सरकारी आदेश के चलते किसान परेशान थे। जिसके चलते जनसंघ ने सरकार के खिलाफ देश भर में गेहूं की लेवी आंदोलन शुरु किया. UP में गेहूं की लेवी किसान आंदोलन की अगुवाई की जिम्मेदारी अटल बिहारी बाजपेयी के हाथों में थी. ऐसे में बाजपेयी जी अपने साथ हजारों लोगों को लेकर सड़क पर उतरकर कांग्रेस सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया. जिससे देश की सत्ता में खलबली मच गई .

लखनऊ में किया था धरना प्रदर्शन

गेहूं की लेवी आंदोलन का नेतृत्व करते हुए अटल बिहारी बाजपेई ने कहा था "कि सरकार गरीब किसान मजदूरों को अपना अनाज बेचने के लिए मजबूर नहीं कर सकती. वहीं दूसरी ओर सरकार का कहना था "कि किसानों के खेतों में अगर एक क्विंटल भी गेहूं पैदा हुआ है, तो उसमें से किसान आधा बेच दे" सरकार के इस आदेश पर किसान राजी नहीं थे और सरकारी आदेश का विरोध कर रहे थे.

5 दिन नैनी जेल में रहे थे अटल बिहारी वाजपेयी

किसानों के मुद्दे पर बाजपेयी जी के सड़क पर उतरने के चलते लखनऊ में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था जहां पुलिस ने बल प्रयोग किया लेकिन अटल बिहारी के साथ सड़कों पर उतरे नौजवान किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हुए. उस समय वाजपेयी जी को देश की सबसे सुरक्षित जेलों में से एक नैनी जेल में रखा गया था. किसान आंदोलन के चलते वाजपेयी जी समेत 500 लोगों को नैनी जेल की 5 नंबर बैरिक में रखा गया था. जहां बाजपेयी जी 5 दिन तक बंद रहे और बाद में जमानत पर रिहा हुए.

PM बनकर किसानों के हक़ में लिए कई फैसले

नैनी जेल से रिहा होने के बाद आपातकाल के दौरान भी वाजपेयी को जेल जाना पड़ा था। वहीं, अटल बिहारी वाजपेयी देश के PM बने तो किसानों के हक में कई अहम कदम उठाएं. किसानों को क्रेडिट कार्ड की सुविधा शुरू की और गेहूं का समर्थन मूल्य 19.6 प्रतिशत बढ़ाकर इतिहास रचा. इसके अलावा चीनी मिलों को लाइसेंस प्रणाली से मुक्त किया और राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना तैयार कराई.

By Super Admin | February 14, 2024 | 0 Comments

नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ किसानों में रोष, बोले- करेंगे उग्र आंदोलन

Uttar Pradesh: किसानों का प्रदर्शन जारी है. किसी न किसी मुद्दे को लेकर लगातार किसान अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं. ऐसे में इस बार किसानों ने नोएडा के गढ़ी चौखंडी गांव में महापंचायत करते हुए प्रदर्शन किया है. साथ ही नोएडा प्राधिकरण पर उनकी जमीन हड़पने का गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अगर उनके साथ कोई जबरदस्ती की जाएगी तो वो उग्र आंदोलन करेंगे.

नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ महापंचायत

जानकारी के मुताबिक, भारतीय किसान यूनियन क्रांति के बैनर तले नोएडा प्राधिकरण के लिए खिलाफ महापंचायत का आयोजन हुआ. इस दौरान दिल्ली एनसीआर के किसानों ने हिस्सा लिया. किसानों ने नोएडा प्राधिकरण पर आरोप लगाया कि उनके पास जमीन के पूरे कागजात है. इसके बावजूद प्राधिकरण उनकी जमीन पर जबरन कब्जा करना चाहती है. इस जमीन को उन्हें कोई मुआवजा नहीं दिया गया है.

आंदोलन की दी चेतावनी

इसके साथ ही किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी जमीन के साथ प्राधिकरण किसी भी तरह की कोई छेड़छाड़ करती है तो वो एक बड़ा आंदोलन करेंगे. बता दें कि इस महापंचायत को भारतीय किसान यूनियन टिकैत, भारतीय किसान परिषद और भारतीय किसान संगठन एकता ने समर्थन दिया.

By Super Admin | March 02, 2024 | 0 Comments

6 मार्च को दिल्ली कूच करेंगे किसान, 10 को देशभर में रेल रोको आंदोलन, सामने आई नई रणनीति

किसान संगठनों ने दिल्ली कूच की नई रणनीति बनाई है। इसके मुताबिक पंजाब और हरियाणा को छोड़कर देश के बाकी राज्यों के किसान छह मार्च को दिल्ली कूच करेंगे। वहीं 10 मार्च को रेल रोको आंदोलन किया जाएगा। बता दें कि 13 फरवरी से किसान संगठन पंजाब और हरियाणा की सीमा पर शंभू और खनौरी में डटे हैं।

दरअसल, पंजाब के बठिंडा जिले के गांव बल्लों में युवा किसान शुभकरण सिंह का भोग समागम रविवार को हुआ। इसमें देशभर से अलग-अलग किसान संगठनों के नेता पहुंचे। किसानों ने शुभकरण सिंह को श्रद्धांजलि दी। किसान संगठनों ने बड़ा एलान किया। छह मार्च को पंजाब और हरियाणा को छोड़कर देश के बाकी राज्यों के किसान दिल्ली कूच करेंगे। वहीं 10 मार्च को पूरे देश में चार घंटे किसान 'रेल रोको' आंदोलन करेंगे। 14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में किसान महापंचायत होगी।

किसान नेता की चेतावनी
किसान नेता पंढेर के मुताबिक, दूर-दराज के राज्यों के किसान, जो ट्रैक्टर ट्रॉली पर नहीं पहुंच सकते, उन्हें ट्रेनों और ट्रांसपोर्ट के अन्य साधनों से दिल्ली पहुंचना चाहिए. इससे यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि क्या सरकार उन किसानों को प्रवेश की अनुमति देती है, जो बिना ट्रैक्टर ट्रॉली के जाते हैं. उन्होंने कहा कि शंभू और खनौरी में आंदोलन पहले की तरह की जारी रहेगा, इसे आंदोलन को और भी ज्यादा तेज किया जाएगा.

किसान नेता ने आगे कहा कि इस आंदोलन को देशव्यापी फैलाने के लिए यूनियनों ने देश भर के किसानों और मजदूरों से 6 मार्च को दिल्ली पहुंचने और 10 मार्च को देशभर में ट्रेन रोकने की अपील की जाएगी. कहा जा रहा है कि इस आंदोलन में शामिल होने के लिए ज्यादा तर पंजाब और हिरयाणा से किसान आ रहे हैं. खासतौर पर हरियाणा के किसान दिल्ली के रास्ते पर है.

By Super Admin | March 04, 2024 | 0 Comments

कमिश्नर ऑफिस पहुंचे किसान, बोले- पुलिस ने किया मुकदमा वापस लेने का झूठा वादा

Noida: नोएडा में किसान आंदोलन के दौरान पुलिस ने किसानों पर मुकदमा दर्ज किया था. जिसके चलते 6 मार्च को किसान बड़े पैमाने में नोएडा के सेक्टर 108 पुलिस कमिश्नर ऑफिस पहुंचे हैं. किसानों का आरोप है कि किसानों से पुलिस ने वादा किया था कि धरना समाप्त करने पर उनके खिलाफ हुए मुकदमे को वापस ले लिया जाएगा. लेकिन अभी तक कोई भी केस वापस नहीं लिया गया है.

किसान नेता का बयान
किसान नेता सुखबीर खलीफा का कहना है कि नोएडा एनटीपीसी भवन के बाहर और नोएडा प्राधिकरण के बाहर किसान लंबे समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. इसी दौरान पुलिस ने किसानों पर मुकदमे दर्ज किए थे. किसानों से पुलिस ने वादा किया था कि आप धरना समाप्त कर दीजिए. हम आपके सभी मुकदमे वापस ले लेंगे. लेकिन सभी मुकदमे वापस नहीं हुए हैं. इसी के चलते आज सुखबीर खलीफा खुद अपने कार्यकर्ताओं के साथ सेक्टर 108 पहुंचे हैं. जहां वो इस संबंध में पुलिस कमिश्नर से बात करेंगे.

जानें क्या है पूरा मामला
बता दें कि, नोएडा प्राधिकरण और एनटीपीसी पर पिछले 18 दिनों से किसान कड़ाके की ठंड़ में धरने पर बैठे हुए थे. सेक्टर-24 में स्थित एनटीपीसी मुख्यालय पर संपूर्ण तालाबंदी को लेकर किसान इकट्ठा हुए थे. प्रदर्शन करने वाले किसानों मे महिलाओं की तादात अधिक थी. इस दौरान भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा ने कहा था कि एनटीपीसी मुख्यालय पर तालाबंदी की जाएगी और अगर किसानों की मांगें पूरी नहीं हुई तो दिल्ली स्थित सीएमडी कार्यालय का घेराव किया जाएगा.

एनटीपीसी में तालाबंदी करने से पहले किसानों को पुलिस ने रोक लिया था. पुलिस ने एनटीपीसी के चारों तरफ जगह-जगह बैरिकेडिंग लगा दी थी. किसान एनटीपीसी के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे थे. किसानों और पुलिस के बीच हल्की नोकझोंक भी हुई थी. किसानों की भीड़ को देखते हुए यातायात डाइवर्ट कर दिया गया था.

By Super Admin | March 06, 2024 | 0 Comments

14 मार्च को दिल्ली में किसान करेंगे महापंचायत, जानें क्या रहेगी रणनीति

Delhi: भारतीय किसान यूनियन की मीटिंग सोमवार 11 मार्च को कैंप कार्यालय तिरुपति ईंट उद्योग दनकौर में हुई. इस बैठक की अध्यक्षता डेलचंद शर्मा रन्हेरा और संचालन सुनील प्रधान की. पश्चिमी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष पवन खटाना ने कहा 14 मार्च को दिल्ली के रामलीला ग्राउंड में होने वाली महापंचायत में उत्तर प्रदेश के सभी जिलो से भारी संख्या में किसान ट्रैक्टर ट्रॉली, बस, गाड़ियों और रेल से आएंगे.

किसानों की मांग
इस दौरान जिलाध्यक्ष रॉबिन नगर ने बताया 14 मार्च को गौतम बुद्ध नगर से भारी संख्या में दिल्ली रामलीला ग्राउंड में किसान आएंगे. जिनके हौसलों को बुलंद करने के लिए चौधरी राकेश टिकैत भी पहुंचेंगे, ताकि किसानों के मुद्दों को और ज्यादा मजबूती मिल सके. साथ ही कहा कि भारत सरकार को किसानों से बात करके उनकी समस्याओं का हल निकालना चाहिए और किसानों की मांगों को पूरा भी करना चाहिए. वहीं, एनसीआर अध्यक्ष माटरू नागर ने बताया एनसीआर के किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली रामलीला ग्राउंड महापंचायत में एक दिन का धरना प्रदर्शन करेंगे और सरकार को जगाने का काम भी करेंगे.

ये किसान रहे मौजूद
बता दें कि इस दौरान राजीव मलिक, चंद्रपाल बाबूजी, रजनीकांत अग्रवाल, सुबेराम मास्टर, धनीराम मास्टर, रामनिवास, सुनील प्रधान, महेश खटाना, लाल यादव, हसरत प्रधान, भगत सिंह प्रधान, इंद्रेश चेची, विनोद शर्मा, योगेश शर्मा, पवन नागर, राजू चौहान, अतुल चौहान, जोगिंदर चेची, पीतम सिंह, कपिल मूलचंद शर्मा, बली भाटी, संदीप खटाना, सुंदर भुडा, बृजपाल सिंह, श्रीपाल मलिक, श्याम सिंह बल्लू खेड़ा, अरविंद लोहिया आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे.

By Super Admin | March 11, 2024 | 0 Comments

महापंचायत के लिए किसान तैयार, बोले- किसान विरोधी है मोदी सरकार

Noida: दिल्ली के रामलीला मैदान में 14 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों की महापंचायत होगी. इस दौरान अखिल भारतीय किसान सभा गौतम बुद्ध नगर इकाई के जिला अध्यक्ष डॉ रुपेश वर्मा ने 14 मार्च को रामलीला मैदान में होने वाली किसानों की रैली और महापंचायत में अन्य किसानों से हिस्सा लेने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि अगर सभी किसान एक साथ आगे आएंगे तो उनकी समस्याओं का और जल्दी हल निकलेगा.

किसानों का आक्रोश

किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ रुपेश वर्मा ने कहा कि किसान सभा के सैकड़ों कार्यकर्ता 14 मार्च को रामलीला मैदान पहुंचेंगे. किसानों के न्यूनतम समर्थन मूल्य और अन्य मुद्दों पर अपनी आवाज बुलंद करेंगे. किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नगर ने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों के साथ वादा खिलाफी की है. न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून लाने के लिए वादा किया था और कमेटी बनाई थी. कमेटी की रिपोर्ट आज तक नहीं आई, जिससे साफ है कि सरकार की नीयत किसान विरोधी है और किसानों को अपनी मांगों को पूरा करने के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है.

किसान विरोधी सरकार

किसान सभा के महासचिव जगबीर नंबरदार ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों ने की परवाह नहीं करती है. यही कारण है कि सरकार ने हमेशा किसान विरोधी कदम उठाए हैं. भूमि अधिग्रहण कानून को कंपनियों के पक्ष में बदलने के लिए मोदी सरकार चार बार अध्यादेश लेकर आई. इसी तरह सरकार ने किसानों के मंडी सिस्टम को खत्म करने और किसानों की जोत को कॉर्पोरेट के हवाले करने के मकसद से तीन कृषि कानून लेकर आई, जिसका किसानों ने बड़े व्यापक पैमाने पर विरोध किया और परिणाम स्वरुप सरकार को अपने कदम पीछे हटाने पड़े.

बैठक में यह लोग रहे मौजूद
बता दें कि इस मौके पर संयोजक वीर सिंह नागर, महासचिव जगबीर नंबरदार, सचिव सुशील, सुरेंद्र यादव उपाध्यक्ष गवरी, मुखिया सतीश यादव, निशांत रावल, मोहित नागर, सचिन भाटी, संदीप भाटी, प्रशांत भाटी, अशोक भाटी, यतेंद्र मैनेजर सुरेंद्र भाटी पप्पू ठेकेदार, शिशांत भाटी, संदीप भाटी, जोगेंद्र प्रधान, अभय भाटी, रूपचंद भाटी तिलक देवी रईसा बेगम पूनम देवी जोगेंद्री देवी, निरंकार प्रधान मोनू मुखिया आदि लोग मौजूद रहे.

By Super Admin | March 12, 2024 | 0 Comments

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