एक बार फिर एक खुमार पूरे देश के सिर चढ़ कर बोलने वाला है. आप तो समझ ही गए होंगे हम किस खुमार की बात कर रहे हैं. जी हां, हम अपने पसंदीदा खेल क्रिकेट की ही बात कर रहे हैं. भारत और इंग्लैंड के बीच 5 मैचों की टेस्ट सीरीज का तीसरा मुकाबला 15 फरवरी से राजकोट में खेला जायेगा. जो कि भारतीय समयानुसार सुबह 9.30 बजे से खेला जाएगा. इससे पहले शुरुआती 2 मुकाबलों तक यह सीरीज 1-1 से बराबरी पर है. वहीं इस मुकाबले से पहले भारतीय टीम काफी बदली हुई नजर आ रही है. दरअसल, दिग्गज प्लेयर विराट कोहली ने निजी कारणों से ब्रेक ले लिया है. जबकि केएल राहुल चोट के कारण तीसरा मैच नहीं खेलेंगे साथ ही श्रेयस अय्यर और अनुभवी तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी चोट के कारण सीरीज से ही बाहर हैं.
तीसरे टेस्ट में 2 नये खिलाडियों का डेब्यू तय
जहां तीसरे टेस्ट में तेज गेंदबाद जसप्रीत बुमराह को आराम दिया जाना लगभग तय है. तो वहीं सूत्रों की मानें तो जसप्रीत अब तक राजकोट भी नहीं पहुंचे हैं. जबकि चोट के बाद ठीक होकर लौटे अनुभवी ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा के खेलने पर भी संशय बरकरार है. इस तरह अब फैन्स को राजकोट टेस्ट में भारत की एक नई और अलग ही युवा पीढ़ी की टेस्ट टीम खेलती नजर आएगी. इस टेस्ट में सरफराज खान का डेब्यू करना तय माना जा रहा है. जबकि बतौर विकेटकीपर ध्रुव जुरेल को मौका दिये जाने की संभावना है. यदि ऐसा होता है तो यह उनका डेब्यू मैच रहेगा.
4 खिलाड़ियों को छोड़कर नए पीढ़ी के खिलाड़ी
राजकोट टेस्ट में कप्तान रोहित शर्मा, जडेजा, कुलदीप और अश्विन के अलावा सभी नए पीढ़ी के प्लेयर खेलते नजर आएंगे. साथ ही चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे को तो सीरीज के लिए चुना ही नहीं गया था. ऐसे में BCCI का प्लान साफ है कि वो टेस्ट में भी एक नई पीढ़ी की टीम तैयार करना चाह रहे हैं. जिनमें युवा पीढ़ी के खिलाडियों में यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल, रजत पाटीदार, सरफराज खान, अक्षर पटेल मोहम्मद सिराज और मुकेश कुमार शामिल हैं और ध्रुव जुरेल/ केएस भरत (विकेटकीपर)के रूप में शामिल हो सकते हैं.
राजकोट टेस्ट में 33 रनों पर 3 विकेट चटकाकर जब इंग्लैंड की टीम जश्न मनाने की तैयारी तभी क्रीज पर उतरे रोहित ने इंग्लैंड टीम के ख्वाबों पर पानी फेर दिया. रोहित भारतीय टीम की ढाल बनकर खड़े हो गए. रोहित ने क्रीज पर अंगद की तरह ऐसे पांव जमाये की इंग्लैंड के गेंदबाजों के होश उड़ गए. नतीजतन ना केवल भारत की बिखरती पारी पर लगाम लगाकर मजबूती से रोहित ने कमान संभाल ली बल्कि टेस्ट क्रिकेट में 10 पारियों के इंतजार के बाद रोहित शर्मा के बल्ले से शानदार शतक भी निकला. जिसके बाद राजकोट में टेस्ट शतक लगाने वाले रोहित ओवरऑल 10वें और भारत के छठे बल्लेबाज बन गए. रोहित ने आखिरी टेस्ट शतक पिछले साल जुलाई में वेस्टइंडीज के खिलाफ जड़ा था.उसके बाद ये 11वीं टेस्ट इनिंग है, जिसमें रोहित के बल्ले से शतक निकला है.
218 दिन बाद गरजा टेस्ट में रोहित का बल्ला
भारत और इंग्लैंड के बीच 5 मैचों की टेस्ट सीरीज का तीसरा मुकाबला राजकोट में हुआ. मैच में टॉस रोहित शर्मा ने जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. ऐसा लगा रोहित का पहले बल्लेबाजी का फैसला बैकफायर कर गया, जब भारत ने तीन विकेट 33 रन पर गवां दिए लेकिन यहीं से रोहित शर्मा और रवींद्र जडेजा ने डूबती नाव संभाल ली. इस दौरान कप्तान रोहित शर्मा ने राजकोट टेस्ट में अपनी पारी के दौरान 196 गेंदों का सामना करते हुए 131 रन बनाये. इस दौरान उन्होंने 14 चौके और 3 छक्के जड़े. ये इंग्लैंड के खिलाफ रोहित का तीसरा टेस्ट शतक है. जो कि 3 साल के अंतराल के बाद उनके बल्ले से निकला है. ये उनके टेस्ट करियर का 11वां शतक भी है.
जडेजा और रोहित की बेहतरीन पार्टनरशिप
रोहित शर्मा ने अपनी शतकीय पारी के दौरान रवींद्र जडेजा के साथ मिलकर लंबी-चौड़ी पार्टनरशिप भी की. इस विशालकाय साझेदारी की बदौलत ही टीम इंडिया जो बैकफुट पर आ गई थी, अब मुकाबले में फ्रंटफुट पर दिख रही है. इसके साथ ही जडेजा औऱ रोहित ने 204 रनों की साझेदारी करने के साथ 39 साल पुराने एक रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया. भारत और इंग्लैंड के बीच चौथे विकेट के लिए टेस्ट मैच भारतीय टीम की तरफ से ये तीसरी सबसे बड़ी साझेदारी है.
दादा और धोनी का तोड़ा रोहित ने रिकॉर्ड
रोहित शर्मा ने इंग्लैंड के खिलाफ केवल शतक और बड़ी पार्टनरशिप ही नहीं की बल्कि एक मामले में सौरव गांगुली और एक मामले में महेंद्र सिंह धोनी को भी पीछे छोड़ दिया. इस शतक के बाद रोहित इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले चौथे भारतीय बन गए हैं और इस मामले में उन्होंने सौरव गांगुली को 5वें नंबर पर धकेल दिया है. रोहित से आगे इस लिस्ट में अब सिर्फ सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली और राहुल द्रविड़ हैं. वहीं इस मैच में रोहित शर्मा ने महेंद्र सिंह धोनी को भी छक्के मारने के मामले में पीछे छोड़ दिया. महेंद्र सिंह धोनी ने टेस्ट मैचों में कुल 78 छक्के जड़े थे. वहीं हिटमैन अब तक टेस्ट क्रिकेट में कुल 80 छक्के जड़ चुके हैं. रोहित शर्मा ने अपनी शतकीय पारी के दौरान 3 छक्के लगाए. वैसे भारत की ओर से सर्वाधिक छक्के उड़ाने का रिकॉर्ड वीरेंद्र सहवाग के नाम है. इस विस्फोटक ओपनर ने अपने टेस्ट करियर में कुल 90 छक्के जड़े थे। टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा छक्के लगाने का रिकॉर्ड फिलहाल बेन स्टोक्स के नाम है. उन्होंने अब तक 128 छक्के लगाए हैं, जबकि बैजबॉल के जनक ब्रैंडन मैक्कुलम ने 107 छक्के जमाए थे.
कुछ बनने का और देश के लिए कुछ करने का जज्बा तो हर एक में होता है लेकिन कुछ लोग ही होते हैं जो अपनी मेहनत और सच्ची लगन से केवल देश का ही नहीं अपने मां-बाप का सिर भी फख्र से ऊंचा कर पाते हैं. कामयाबी के शिखर पर पहुंचने वाले हर शख्स की संघर्ष की कहानी तो जरूर होती है मगर कुछ कहानियां ऐसी होती हैं जो आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा और दुनिया के लिए मिसाल बन जाती हैं. आज हम ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी का जिक्र करने जा रहे हैं जो कि क्रिकेटर ध्रुव जुरेल और उनके माता-पिता की संघर्ष की कहानी भी है.
फौजी के बेटे का टीम इंडिया में डेब्यू
बता दें राजकोट टेस्ट में टीम इंडिया की ओर से एक नहीं दो खिलाड़ियों का टेस्ट डेब्यू देखने को मिला. उन्हीं में से एक हैं ध्रुव जुरेल. जो कि भारत के लिए टेस्ट डेब्यू करने वाले 312वें खिलाड़ी भी है. विकेट कीपर बल्लेबाज ध्रुव जुरेल को तीसरे टेस्ट में केएस भरत की जगह मौका मिला है. दरअसल केएस भरत पहले दो टेस्ट में अपनी छाप छोड़ने में नाकाम रहे, जिसके बाद उन्हें राजकोट में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच से बाहर कर दिया गया और ध्रुव जुरेल को मौका देकर दिनेश कार्तिक ने टेस्ट कैप दी. जानकारों की माने तो अगर ध्रुव राजकोट टेस्ट मैच में अपनी बेहतर छाप छोड़ते हैं तो उनके लिए आगे अवसर की झड़ी लग जायेगी क्योंकि राजकोट के बाद 2 और टेस्ट खेले जाने हैं. जिनमें उन्हें मौका मिल सकता है.
बेटे को आर्मी में देखने की थी पिता की ख्वाहिश
आगरा के 23 साल के क्रिकेटर ध्रुव जुरेल के पिता नेम सिंह भारतीय सेना में रहे और हवलदार पद से रिटायर हुए. नेम सिंह जी चाहते थे कि ध्रुव नेशनल डिफेंस अकादमी (एनडीए) में शामिल हों और देश की सेवा करें, लेकिन क्रिकेट के प्रति ध्रुव का जुनून उन्हें एक अलग दिशा में ले गया. हालांकि ध्रुव के परिवार में पहले कोई भी क्रिकेट नहीं खेलता था, लेकिन ध्रुव की प्रतिभा को जल्दी ही पहचान लिया गया और उनके पिता ने उनके कौशल को विकसित करने के लिए कोच परवेंद्र यादव की मदद मांगी. वहीं अपने बेटे की सफलता से नेम सिंह जी बहुत ही रोमांचित हैं. वो इसे एक सपने के सच होने के रूप में मानते हैं और ध्रुव का समर्थन करने वाले सभी लोगों के आभारी हैं.
बेटे के संघर्ष में मां का अहम योगदान
घर की आर्थिक स्तिथि ठीक ना होने के बाद भी ध्रुव के माता-पिता ने किसी भी मुश्किल को ध्रुव की कामयाबी के आड़े नहीं आने दिया.ध्रुव के लिए पहला क्रिकेट किट खरीदने के लिए उनकी मां ने अपनी एकमात्र सोने की चेन भी गिरवी रख दी थी लेकिन ध्रुव दृढ़ निश्चयी रहे और कड़ी मेहनत करते रहे। ध्रुव की इसी लगन और मेहनत का नतीजा आज पूरी दुनिया के सामने है.
ध्रुव जुरेल ने अब तक खेले कुल 15 मैच
ध्रुव जुरेल के पास ज्यादा मैचों का अनुभव नहीं है. उन्होंने केवल 15 मैच खेले है. जिनमें ध्रुव ने 790 रन बनाए हैं, जिसमें 1 शतक और 5 अर्धशतक शामिल हैं. इस दौरान विकेट के पीछे उन्होंने 2 स्टंप किए हैं. जबकि 34 कैच पकड़े हैं.
हरिवंश राय बच्चन जी की एक कविता की कुछ पंक्तियां यहां सटीक बैठती है कि "मन का हो तो अच्छा और मन का ना हो तो और भी अच्छा क्योंकि उसमें ईश्वर की मर्जी छुपी होती है।" दरअसल आज हम इन पंक्तियों को इसलिये याद कर रहे हैं क्योंकि टीम इंडिया और इंग्लैंड के बीच राजकोट में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मुकाबले में टीम इंडिया की ओर से दो खिलाड़ियों को डेब्यू करने का मौका मिला. सरफराज खान को डेब्यू कैप अनिल कुंबले ने दी तो वहीं ध्रुव जुरेल को डेब्यू कैप दिनेश कार्तिक ने दी. वहीं टीम इंडिया की ओर से जब सरफराज खान खेलने के लिए पिच पर उतरे तो देखने वालों की आंखें फटी की फटी रह गई क्योंकि उन्होंने ऐसी धुआंधार बैटिंग की जिसने दर्शकों को रोमांच से भर दिया कोई कह ही नहीं सकता था कि ये सरफराज का पहला टेस्ट मैच है. सरफराज खान ने 48 गेंदों में ही अपनी हाफ सेंचुरी पूरी कर ली.
सरफराज के अर्द्धशतक से पिता और पत्नी बेहद खुश
सरफराज खान के अर्द्धशतक पूरा करते ही पत्नी रोमाना जहूर अपनी खुशी को रोक नहीं पाईं और सरफराज को फ्लाइंग किस दे दी. सरफराज के पिता ने भी उनके अर्द्धशतक पूरा होने पर खुशी जाहिर की और खड़े होकर ताली बजाई. सरफराज खान के अर्द्धशतक से कप्तान रोहित शर्मा भी काफी खुश नजर आए. सरफराज खान ने अपने डेब्यू मैच में ही शानदार फिफ्टी जड़कर सभी को अपना फैन बना लिया.
61 रन के स्कोर पर लगा झटका, पहुंचे पवेलियन
सरफराज ने अपनी अर्धशतकीय पारी में 7 चौके और 1 छक्का लगाया. अपने पहले ही मैच में अर्धशतक लगाने के बाद मुंबई का 25 वर्षीय खिलाड़ी थोड़ा भावुक नजर आया. साथ ही सरफराज और उनके परिवार की आंखों में भी खुशी के आंसू दिखे. अर्द्धशतक जड़ने के बाद सरफराज अपनी लय में आ चुके थे, लेकिन तभी कुछ ऐसा हुआ कि खुशियां अचानक गम में बदल गई। 61 रन के स्कोर पर वह गफलत के शिकार हुए और जडेजा के साथ सिंगल चुराने के प्रयास में रन आउट हो गए. सरफराज जिस खूंखार अंदाज से बैटिंग कर रहे थे उससे लग रहा था कि शायद दिन का खेल खत्म होने तक वे अपना शतक पूरा कर लेंगे लेकिन ऐसा नहीं हो सका. सरफराज हताश होकर पवेलियन वापस लौट गए. एक झटके में सारी उम्मीदें धराशायी हो गई.कप्तान ने भी गुस्से में अपना कैप नीचे पटक कर रोष दिखाया तो सरफराज ड्रेसिंग रूम के एक कोने में सिर पर हाथ रख उदास बैठे दिखे.
BCCI ने खिलाड़ियों के मनमाने रवैये को खत्म करने के लिए एक नया नियम बनाया है इसके तहत खिलाडियों के लिए घरेलू क्रिकेट में खेलना अनिवार्य कर दिया है। जिसके बाद कई खिलाड़ियों के करियर पर संकट मंडरा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स में तो इस बात का दावा किया जा रहा है कि लगातार ईशान किशन BCCI के नियमों की अनदेखी कर रहे थे जिसके चलते ऐसा फैसला जय शाह ने लिया. जिसने कई दिग्गज खिलाड़ियों को भी टेंशन में डाल दिया है. ऐसे में ये भी जानते है कि आखिर BCCI ने अचानक ये नियम क्यों बनाया है.
'बहानेबाजी नहीं होगी खिलाड़ियों की बर्दाश्त'
दरअसल IPL दुनिया की सबसे ज्यादा देखी जाने वाली क्रिकेट लीग है और यहां खेलने पर प्लेयर्स को पैसा और शोहरत दोनों मिलती हैं। आईपीएल में खेलकर कई स्टार क्रिकेटर ने अपना करियर बनाया है। जिसके कारण खिलाड़ी फिट होने का बाद भी घरेलू क्रिकेट में खेलना पसंद नहीं करते हैं। निस कारण से BCCI ने ये फैसला लिया है जिसके अनुसार भारतीय टीम की ओर से खेलने वाले सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट खिलाड़ियों को अब रेड बॉल क्रिकेट खेलना ही होगा और BCCI इसके लिए कोई भी बहानेबाजी बर्दाश्त नहीं करेगी। फिर चाहे वो स्टार खिलाड़ी, विराट कोहली या मोहम्मद शमी ही क्यों ना हों।
जय शाह ने सेलेक्टर्स, कोच, कैप्टन को दिए पावर
BCCI सचिव जय शाह ने राजकोट टेस्ट मैच से पहले ही इस बात का ऐलान कर दिया था। जय शाह ने कहा "कि भारत के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट वाले खिलाड़ियों को घरेलू सर्किट में अनिवार्य रूप से रेड बॉल क्रिकेट खेलना होगा" बीसीसीआई इसके लिए कोई बहाना बर्दाश्त नहीं करेगा।" साथ ही कहा "कि अगर कोई खिलाड़ी टीम मैनजेमेंट द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करने से इनकार करता है, तो चीफ सेलेक्टर्स के चेयरमैन को खुद ही फैसला लेने की छूट दी जाएगी और यदि सेलेक्टर्स के चेयरमैन (अजीत अगरकर), आपके कोच (राहुल द्रविड़) और आपके कप्तान (रोहित शर्मा) इसके लिए कह रहे हैं तो आपको रेड बॉल से क्रिकेट खेलना होगा।"
केवल IPL में खेलने वाले खिलाडियों को कड़ा संदेश
BCCI के इस नये नियम के ऐलान के साथ ही ईशान किशन, कुणाल पंड्या और दीपक चाहर जैसे खिलाडियों को जो सीधे आईपीएल खेलने के लिए उतरते हैं उनको एक स्पष्ट संदेश मिल गया है कि उनको भी अपनी घरेलू टीमों के लिए खेलना होगा। वहीं BCCI के इस नियम की सराहना भी होनी चाहिए क्योंकि डोमेस्टिक रेड बॉल क्रिकेट से स्टार खिलाड़ियों का मोह भी खत्म होता जा रहा है।
NCA की सलाह के अनुसार ही होती हैं चीजें
जय शाह ने इस दौरान यह भी कहा "कि यह बेंगलुरु में नेशनल क्रिकेट अकादमी की गाइडेंस के अनुसार होना था, एनसीए से हमें जो भी सलाह मिलती है। उसी के अनुसार चीजें होती हैं।" साथ ही जय शाह ने कहा "कि मान लीजिए किसी खिलाड़ी की बॉडी व्हाइट और रेड बॉल क्रिकेट को संभालने में सक्षम नहीं है, फिर हम जबरन खिलाड़ी पर कुछ भी थोपना नहीं चाहते हैं। यह नियम यह उन पर लागू होता है, जो फिट और यंग हैं। हम किसी के नखरे को बर्दाश्त नहीं करेंगे। यह संदेश सभी सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट वाले खिलाड़ियों के लिए है।"
सरफराज खान का नाम पिछले कई दिनों से चर्चा में बना हुआ है, पहले राजकोट टेस्ट में उनके अर्धशतकीय पारी को लेकर फिर पत्नी रोमाना जहूर को लेकर और अब एक नया मुद्दा गरमाया चर्चा है जिसमें सरफराज को उनके मोटापे को लेकर ट्रोल किए जाने की बात सामने आ रही है। कहा जा रहा है कि सरफराज खान कोई और नहीं वही खिलाड़ी हैं, जिन्हें विराट कोहली ने अपनी कप्तानी में मैदान पर तूफान लाने के बाद RCB से ड्रॉप कर दिया था। कोहली ने उन्हें ऑन ग्राउंड अनफिट बताया था। बाद में सरफराज खान को मोटापे के लिए ट्रोल भी किया गया था।
2016 में कोहली ने भी सिर नवाया था
2016 में विराट कोहली का नाम हर एक जुबां पर काबिज था और हो भी क्यों ना कोहली ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए 16 मैचों में 973 रन ठोके थे, जिसमें 4 शतक और 7 अर्धशतक थे। हर कोई कोहली का दीवाना था। फिर एक मैच ऐसा हुआ जिसके बाद विराट किसी और के दीवाने हो गए। एक कम उम्र बल्लेबाज, जिसने मैदान पर उतरते ही बल्ले से तबाही मचा दी थी। उसने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ सिर्फ 10 गेंदों में 5 चौके और 2 छक्के ठोकते हुए नाबाद 35 रन ठोके थे। जब वह पवेलियन लौटा तो विराट कोहली सदके में सिर नवा रहे थे। जो कोई और नहीं खुद सरफराज खान ही थे।
इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू के बाद संघर्ष
2016 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू के बाद सरफराज खान की जिंदगी मानो बदल सी गई। जिस शख्स के क्रिस गेल तक दीवाने हो गए थे उसकी जिंदगी एक झटके में ही बदल गई जब सरफराज को 3 साल के लिए ड्राप कर दिया। विराट कोहली ने जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरफराज खान को ड्रॉप करने की वजह बताई तो हैरानी हुई। हालांकि, ऐसा नहीं था कि वह गलत थे। सरफराज खान को इस पारी ने जहां घर-घर मशहूर कर दिया तो दूसरी ओर ड्रॉप होने के बाद सोशल मीडिया पर एक बड़ा तबका उन्हें ट्रोल करते दिखा। उनकी बॉडी शेमिंग की गई। लोग मोटापे का मजाक उड़ाते नजर आए, लेकिन सरफराज खान हारे नहीं ।
जब-जब हुए फेल तब-तब ट्रोलर्स ने किया ट्रोल
IPL में जब-जब सरफराज फेल हुए ट्रोलर्स ने उन्हें ट्रोल करने का एक भी मौका नहीं छोड़ा। हर बार उनके मोटापे का मजाक उड़ाया गया। किसी के लिए भी नेशनल लेवल पर इस तरह से ट्रोल किया जाना मानसिक तौर पर खतरनाक होता है। कई बार युवा डिप्रेशन में चले जाते हैं, लेकिन सरफराज खान और उनके पिता का कमाल ही है कि सरफराज ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने खुद पर काम किया और यह साबित करने में सफल हुए कि स्लिम-ट्रिम दिखना ही फिटनेस नहीं होता है। शरीर की बनावट का भी फिटनेस में अहम रोल होता है।
उत्तर प्रदेश से खेलने के फैसले को बताया गलत
डोमेस्टिक क्रिकेट में ट्रिपल सेंचुरी लगाने वाले सरफराज ने एक बार उत्तर प्रदेश से खेलने का फैसला किया। वह उत्तर प्रदेश आए भी, लेकिन बाद में फिर मुंबई लौटे। इस बारे में सरफराज खान के पिता नौशाद ने बताया ’कि यह फैसला गलत था। हम मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन को धन्यवाद देते हैं, जिन्होंने हमें वापस अपनाया। इसके बाद सरफराज ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह रन बरसाते रहे और इंटरनेशनल क्रिकेट टीम का दरवाजा खटखटाते रहे।’
आजमगढ़ का लाल बढ़ा रहा देश की शान
हर बार भारतीय टीम के ऐलान पर लगता कि इस बार सरफराज टीम में शामिल होंगे, लेकिन ऐसा होता नहीं। फिर भी सरफराज ने हिम्मत नहीं हारी और आखिरकार सरफराज खान को इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के लिए चुन लिया गया। अब आजमगढ़ का लाल देश की शान बढ़ा रहा है.
क्रिकेट मैच हो और चौके, छक्कों की बात ना हो ऐसा हो सकता है भला। वहीं अगर मैदान पर भारतीय टीम उतरी हो तो समझो धो डाला। जी हां हम बात कर रहे हैं राजकोट में भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही टेस्ट सीरीज की। राजकोट में चल रही टेस्ट सीरीज में भारत के सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल का एक नया रूप ही देखने को मिल रहा है जहां विशाखापत्तनम में दोहरा शतक जड़ने वाले यशस्वी ने राजकोट में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में सिर्फ 122 गेंदों में शतक ठोंक दिया। इस दौरान 9 चौके और 5 छक्के भी उड़ाए। यशस्वी जायसवाल और रोहित शर्मा जब पारी का आगाज करने उतरे तो उस समय पहली पारी के आधार पर भारत के पास 126 रनों की बढ़त थी। जबकि इंग्लैंड ने भारत के 445 रनों के जवाब में 319 रनों पर आउट हो गया था।
DRS ने दिया यशस्वी को जीवनदान
यशस्वी जायसवाल की शुरुआत कुछ खास अच्छी नहीं रही। वह पिच पर पैर जमाने के लिए संघर्ष कर रहे थे, लेकिन जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ा उन्होंने लय पकड़ ली। 9वें ओवर में उनके खिलाफ टॉम हार्टले की गेंद पर LBW की जोरदार अपील हुई लेकिन इंग्लैंड ने DRS ले लिया, जिससे वह बच गए। इसके बाद पहला चौका जो रूट को लगाया तो टॉम हार्टले का हिसाब बराबर किया और 80 गेंदों में हाफ सेंचुरी पूरी की।
700 विकेट लेने वाले जेम्स के उड़ाए छक्के
युवा बल्लेबाज ने असल आक्रामक रुख 27वें ओवर में दिखाया। यशस्वी ने करीब 700 विकेट लेने वाले अनुभवी तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन को पहले छक्का, फिर दो लगातार चौके उड़ाते हुए हाथ खोले। 28वें ओवर में टॉम हार्टले की गेंद पर दो छक्के जड़कर शतक के करीब पहुंच गए। इसके बाद जो रूट को चौका-छक्के और रेहान को भी एक छक्का लगाया।
वीरेंद्र सहवाग के रिकॉर्ड की बराबरी
यशस्वी ने 39वें ओवर की आखिरी गेंद पर मार्क वुड को चौका लगाते हुए हाफ सेंचुरी पूरी की। कवर पॉइंट पर इस चौके के साथ ही उन्होंने वीरेंद्र सहवाग और संजय मांजरेकर के सबसे तेज 3 टेस्ट शतक बनाने का भारतीय रिकॉर्ड बराबर किया। वीरेंद्र सहवाग और संजय मांजरेकर ने 13 टेस्ट पारियों में 3 टेस्ट शतक ठोके थे। हालांकि सहवाग का इस दौरान औसत 53.31 का था, जबकि यशस्वी का औसत 62.25 का है।
भारत और इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज का चौथा टेस्ट मैच रांची में खेला जा रहा है. जहां भारतीय टीम के दिग्गज स्पिनर आर अश्विन ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में एक और बड़ी उपलब्धि अपने नाम कर ली है. उन्होंने एक ऐसी कामयाबी हासिल की जो इससे पहले किसी भी भारतीय को नहीं मिली थी. इंग्लैंड के खिलाफ कपिल देव और अनिल कुंबले को भी विकेट लेने के मामले में अश्विन ने पीछे छोड़ दिया है.
100 विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज बने
भारतीय टीम के स्पिनर आर अश्विन ने एक और कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। भारत और इंग्लैंड के पिछले मुकाबले में जहां उन्होंने भारत की तरफ से सबसे तेज 500 टेस्ट विकेट लेने खिताब अपने नाम किया था तो वहीं अब रांची में इंग्लैंड के खिलाफ 100 विकेट लेने वाले अश्विन पहले गेंदबाज बन गए हैं। दोनों देशों के बीच खेले गए टेस्ट में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में अब वह दूसरे नंबर पर आ गए हैं।
इंग्लैंड के खिलाफ लगाया विकटों का शतक
भारतीय टीम के चैंपियन स्पिनर आर अश्विन ने इंग्लैंड को जॉनी बेयरस्टो को lbw करने के साथ ही इंग्लैंड के खिलाफ विकटों का शतक जड़ दिया है। आर अश्विन इस टीम के खिलाफ टेस्ट में 100 विकेट लेने वाले पहले भारतीय हैं। 23 टेस्ट में अश्विन ने अपने नाम यह 100 विकेट पूरे कर लिए हैं। इस दौरान अश्विन ने 55 रन देकर 6 विकेट लेकर बेस्ट गेंदबाजी का प्रदर्शन किया
सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज बने
आपको बता दें आर अश्विन अब सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज बन गए हैं। इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर दिग्गज भागवत चंद्रशेखर का नाम है। उन्होंने 23 मैचों में 95 विकेट झटके थे। महान गेंदबाज अनिल कुंबले ने 19 टेस्ट खेलकर इंग्लैंड के खिलाफ 92 विकेट अपने नाम किए थे। वहीं बिशन सिंह बेदी और कपिल देव के नाम इस टीम के खिलाफ टेस्ट में 85-85 विकेट हैं।
भारत और इंग्लैण्ड के बीच चल रही टेस्ट सीरीज का आखिरी मैच धर्मशाला में खेला जा रहा है. वहीं टीम इंडिया में एक ऐसे खिलाड़ी भी हैं जिनकी निजी जिंदगी या यूं कह लें जिनकी लव स्टोरी किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है. मतलब कि एक बार जिसके इश्क में गिरफ्तार हो गए उसे अपना जीवनसाथी बनाकर ही दम लिया. हम यहां किसी और की नहीं बल्कि भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की बात कर रहे हैं.
प्रीति ने निभाया अश्विन का साथ
अश्विन धर्मशाला में इंग्लैंड के खिलाफ अपना 100वां टेस्ट मैच खेल रहे हैं. अश्विन भारत के लिए 100 टेस्ट मैच खेलने वाले 14वें खिलाड़ी बन गए हैं. 100 टेस्ट मैचों के इस सफर में उनकी पत्नी प्रीति नारायण ने हर अच्छे और बुरे दौर में उनके साथ रहीं. वहीं आज के इस खास मौके पर भी अश्विन की पत्नी प्रीति नारायण धर्मशाला में मौजूद थीं. प्रीति को जब भी मौका मिलता है अश्विन को सपोर्ट करने के लिए स्टेडियम में मौजूद रहती है और अश्विन का हौसला बढ़ाती दिखाई देती हैं.
स्कूल टाइम से अश्विन का प्रीति पर था क्रश
अगर बात करे प्रीति नारायण और रविचंद्रन अश्विन के प्यार की तो ये तब से शुरू हो गया था जब दोनों स्कूल में पढ़ा करते थे। रविचंद्रन अश्विन और प्रीति नारायण एक ही स्कूल में पढ़ते थे। अश्विन और प्रीति 7वीं क्लास में एक दूसरे से पहली बार मिले थे। प्रीति को देखते ही अश्विन को पहली नजर में ही प्यार में हो गया था। जिसकी खबर पूरे स्कूल को थी कि अश्विन का प्रीति पर क्रश है लेकिन प्रीति भी मन ही मन उन्हें पसंद करने लगी थीं। इस बीच अश्विन को क्रिकेट के लिए स्कूल बदलना पड़ गया, लेकिन इसके बावजूद वह प्रीति से मिलने और बात करने का कोई ना कोई बहाना ढूंढ ही लेते थे। स्कूल खत्म हुआ और फिर कॉलेज। इस दौरान अश्विन का पूरा ध्यान क्रिकेट पर चला गया, जबकि प्रीति एक इवेंट कंपनी में काम करने लगी थी। इस दौरान जब भी दोनों को समय मिलता था तो वह एक दूसरे मिल लेते थे। हालांकि तब तक अश्विन ने प्रीति को प्रपोज नहीं किया था।
10 साल की दोस्ती के बाद किया प्यार का इजहार
समय बीतता गया अश्विन और प्रीति दोनों अपने-अपने काम व्यस्त हो गए थे। इस दौरान अश्विन को चेन्नई सुपर किंग्स की टीम में मौका मिला और प्रीति भी सीएसके के लिए सोशल मीडिया हैंडल संभालने का काम करती थी। फिर एक दिन अचानक दोनों की सीएसके के एक इवेंट मुलाकात हुई, लेकिन इस बार अश्विन ने मन बना लिया था कि वह प्रीति से अपने दिल की बात कह कर रहेंगे और उन्होंने 10 साल की दोस्ती के बाद प्यार का इजहार कर दिया।
अश्विन ने प्रीति को 2013 में बनाया जीवनसाथी
स्कूल की दोस्ती और फिर प्यार के बाद अश्विन ने साल 2013 में प्रीति से शादी रचा ली। अश्विन को लाइफ पार्टनर बनाने के बाद प्रीति ने बताया कि उन दोनों के बीच अभी भी दोस्ती वाला प्यार है। दोनों एक-दूसरे से खूब लड़ते भी हैं और प्यार भी करते हैं। प्रीति और अश्विन दो बेटियों के माता-पिता हैं। अश्विन की बड़ी बेटी नाम आखिरा है जिसका जन्म 2015 में हुआ था। वहीं उनकी दूसरी बेटी नाम अध्या है। प्रीति अक्सर अपनी दोनों बेटियों के साथ अश्विन का मैच देखने क्रिकेट स्टेडियम में आती रहती हैं।
भारत और इंग्लैण्ड के बीच चल रही टेस्ट सीरीज का आखिरी मैच धर्मशाला में खेला जा रहा है। वहीं अब ऐसा लग रहा है कि टीम इंडिया जब भी मैदान पर उतरेगी कोई ना कोई रिकॉर्ड जरूर तोड़ेगी। ऐसा ही कुछ धर्मशाला टेस्ट में भी देखने को मिला है। जहां भारतीय टीम के कुलदीप यादव ने में शानदार बॉलिंग करते हुए अपने टेस्ट करियर के 50 विकेट पूरे कर लिए हैं। इसके साथ ही उनके नाम एक खास रिकॉर्ड दर्ज हो गया।
टेस्ट करियर के 50 विकेट पूरे
मैच की शुरूआत में इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का फैसला किया है। इस दौरान कुलदीप ने वह कर दिखाया है, जो 100 सालों में नहीं हुआ है। धर्मशाला टेस्ट में कुलदीप यादव ने अंग्रेजों के छक्के तो छुड़ा ही दिए साथ ही शानदार बॉलिंग करते हुए एक खास मुकाम भी हासिल कर लिया है। कुलदीप ने टेस्ट करियर के 50 विकेट पूरे कर लिए हैं। कुलदीप पिछले 100 सालों में सबसे कम गेंदें फेंककर 50 विकेट लेने के मामले में पहले नंबर पर आ गए हैं। वे भारतीय गेंदबाजों की लिस्ट में टॉप पर पहुंच गए हैं। कुलदीप ने 1871 गेंदें फेंककर 50 विकेट पूरे किए हैं।
सबसे ज्यादा विकेट लेने वालों में 43वीं रैंक
वहीं अगर भारत के लिए टेस्ट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों की लिस्ट पर एक नजर डालें तो कुलदीप 43वीं रैंकिंग पर हैं। जबकि इस मामले में अनिल कुंबले टॉप पर हैं। कुंबले ने 132 टेस्ट मैचों में 619 विकेट लिए थे। वहीं रविचंद्रन अश्विन दूसरे नंबर पर हैं। अश्विन ने अब तक 100 मुकाबलों में 507 विकेट लिए हैं।वहीं कपिल देव तीसरे नंबर पर हैं। उन्होंने 131 मैचों में 434 विकेट लिए हैं।
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December 17, 2022