Greater Noida: हाथरस के सिकंदराराऊ के फुलरई मुगलगढ़ी गांव में दो जुलाई को हुए हादसे को शायद ही कोई शायद करना चाहेगा। विश्वहरि बाबा उर्फ भोले बाबा के सत्संग कार्यक्रम में हुए भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गई थी, मृतकों में ज्यादातर महिलाएं शामिल हैं। इसी हादसे में दादरी की दो महिलाओं की भी जान चली गई थी। डीएम मनीष कुमार ने मृतकों के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया।
आर्थिक मदद का आश्वासन
मृतक महिलाओं के परिजनों को डीएम मनीष कुमार ने ढांढस बंधाया और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया। साथ ही डीएम मनीष कुमार ने कहा कि शासन से आर्थिक मदद की सहायता मृतक महिलाओं के परिजनों को दिलाया जाएगा। आपको बता दें बीते मंगलवार यानि दो जुलाई को सुमित्रा बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई थी। इस हादसे में 121 लोगों की मौत हो गई थी। जिसमें ज्यादातर महिलाएं शामिल हैं। बताया जा रहा है ये हादसा अव्यवस्था के चलते हुई। सत्संग में 80 हजार लोगों की अनुमति के बावजूद करीब 2.50 लाख से अधिक लोग आ गए।
बाबा के पंडाल में पहुंचते ही उत्साहित हुए थे लोग
हादसा दोपहर करीब एक बजे के करीब हुई, जब साकार हरि बाबा पंडाल में पहुंचे, उनके एक झलक को पाने के लिए लोग उत्साहित हो गए। बाबा अपने साथ प्राइवेट आर्मी भी लेकर चलते हैं, प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक भीड़ को देख बाबा के लोगों ने लाठियां भांजनी शुरू कर दी। इसके बाद वहां भगदड़ मच गई।
Lucknow: हाथरस के सिकन्दराराऊ में 2 जुलाई को सत्संग के दौरान घटित हादसे के तत्काल बाद गठित एडीजी जोन आगरा और मंडलायुक्त अलीगढ़ की एसआईटी ने 02, 03 और 05 जुलाई को घटना स्थल का निरीक्षण किया था। जांच के दौरान कुल 125 लोगों का बयान लिया गया, जिसमें प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ आम जनता एवं प्रत्यक्षदर्शियों का बयान भी लिया गया। इसके अलावा, घटना के संबंध में प्रकाशित समाचार की प्रतियां, स्थलीय विडियोग्राफी, फोटो, विडियो क्लिपिंग की जांच की गई। दो सदस्यी जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है।
6 अधिकारियों को किया गया सस्पेंड
जिसमें कहा गया है कि स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों ने आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया और वरिष्ठ अधिकारियों को समुचित जानकारी नहीं दी। जांच समिति के रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम, सीओ व तहसीलदार सहित 06 निलंबित कर दिया गया है। आयोजकों ने बिना पुलिस वेरिफिकेशन जिन लोगों को अपने साथ जोड़ा, जिसकी वजह से अव्यवस्था फैली और लोगों की जान गई।
● एसआईटी ने प्रारंभिक जांच में चश्मदीद गवाहों व अन्य साक्ष्यों के आधार पर हादसे के लिए कार्यक्रम आयोजकों को मुख्य रूप से जिम्मेदार माना है।
● जांच समिति ने अब तक हुई जांच व कार्यवाही के आधार पर हादसे के पीछे किसी बड़ी साजिश से भी इंकार नहीं किया है और गहन जांच की जरूरत बताई है।
● जांच समिति ने कार्यक्रम आयोजक तथा तहसील स्तरीय पुलिस व प्रशासन को भी दोषी पाया है। स्थानीय एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, इंस्पेक्टर, चौकी इंचार्ज द्वारा अपने दायित्व का निर्वहन करने में लापरवाही के जिम्मेदार हैं।
● उप जिला मजिस्ट्रेट सिकन्दराराऊ द्वारा बिना कार्यक्रम स्थल का मुआयना किये आयोजन की अनुमति प्रदान कर दी गई और वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत भी नहीं कराया।
● उक्त अधिकारियों द्वारा कार्यक्रम को गंभीरता से नहीं लिया गया और वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत भी नहीं कराया गया। एसआईटी ने संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति की है। तदक्रम में, उप जिला मजिस्ट्रेट सिकन्दराराऊ, पुलिस क्षेत्राधिकारी सिकन्दराराऊ, थानाध्यक्ष सिकन्दराराऊ, तहसीलदार सिकन्दराराऊ, चौकी इन्चार्ज कचौरा एवं चौकी इन्चार्ज पोरा को शासन द्वारा निलंबित कर दिया गया है।
● आयोजकों ने तथ्यों को छिपाकर कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति ली। अनुमति के लिए लागू शर्तों का अनुपालन नहीं किया गया। आयोजकों द्वारा अप्रत्याशित भीड़ को आमंत्रित कर पर्याप्त एवं सुचारु व्यवस्था नहीं की गई। न ही कार्यक्रम के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा दी गई अनुमति की शर्तों का पालन किया गया।
● आयोजक मंडल से जुड़े लोग अव्यवस्था फैलाने के दोषी पाए गए हैं। इनके द्वारा जिन लोगों को बिना विधिवत पुलिस वेरिफिकेशन के जोड़ा गया, उनसे अव्यवस्था फैली।
● आयोजक मंडल द्वारा पुलिस के साथ दुर्व्यवहार किया गया। स्थानीय पुलिस को कार्यक्रम स्थल पर निरीक्षण से रोकने का प्रयास किया गया।
● सत्संगकर्ता और भीड़ को बिना सुरक्षा प्रबंध के आपस में मिलने की छूट दी गई। भारी भीड़ के दृष्टिगत यहां किसी प्रकार की बैरीकेटिंग अथवा पैसेज की व्यवस्था नहीं बनाई गई थी और हादसा घटित होने पर आयोजक मंडल के सदस्य घटना स्थल से भाग गए।
उत्तर प्रदेश के हाथरस में रतिभानपुर में हो रहे सत्संग के दौरान अचानक भगदड़ मच गई, इस भगदड़ में 50 से ज्यादा लोगों की जान ले ली। वहीं, जानकारी के मुताबिक, अभी मौत का ये आंकड़ा और बढ़ सकता है। सीएम योगी ने इस घटना की जानकारी ली और बड़ा एक्शन लिया है।
सत्संग में 50 से ज्यादा लोगों की मौत
मौजूदा जानकारी के मुताबिक, हाथरस जिले के मुगलगढ़ी गांव में एक धार्मिक कार्यक्रम चल रहा था, तभी भगदड़ मच गई। एटा अस्पताल में अब तक 50 से ज्यादा लोगों के शव पहुंच चुके हैं। सीएमओ का कहना है कि मरने वालों का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है, क्योंकि लगातार घायल लोग अस्पताल ला जा रहे हैं।
इस घटना पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ऑफिस ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर उनके समुचित उपचार कराने और मौके पर राहत कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद सरकार के दो वरिष्ठ मंत्री लक्ष्मी नारायण, संदीप सिंह, मुख्य सचिव के साथ डीजीपी भी घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं।
उत्तर प्रदेश के हाथरस से सत्संग में भगदड़ और फिर 60 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर ने सनसनी फैला था। ये सत्संग नारायण साकार विश्व हरि भोले बाबा का बताया जा रहा है। इस सत्संग में हजारों की तादाद में लोग जुटे थे। फिर अचानक सत्संग में हुई भगदड़ मच से चारों ओर चीख-पुकार मच गई और करीब 60 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। इस संख्या के और बढ़ने की बात भी कही गई है। ये हादसा उत्तर प्रदेश में हाथरस जिले के सिकन्दराराऊ क्षेत्र में आयोजित सत्संग में हुआ है।
कौन हैं नारायण साकार विश्व हरि भोले बाबा?
नारायण साकार विश्व हरि भोले बाबा को साकार हरि को पटियाली वाले बाबा नारायण साकार हरि के नाम से भी जाना जाता है। इनके सत्संग में हमेशा ही हजारों की तादाद में लोग आते हैं। कोराना काल में उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में मई, 2022 में इनके सत्संग का आयोजन किया गया। जिला प्रशासन ने सत्संग में केवल 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति दी गई थी, लेकिन कानून की धज्जियां उड़ाते हुए 50,000 से अधिक लोग सत्संग में शामिल हुए थे। यहां उमड़ी भीड़ के चलते शहर की यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो गई। उस समय भी जिला प्रशासन ने आयोजकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी।
इस कारण हुआ हादसा?
हाथरस में फुलरई मुगलगढ़ी के एक खेत में साकार हरि बाबा का एक दिवसीय सत्संग चल रहा था। वहां पर बच्चों के साथ महिलाएं और पुरुष बाबा का प्रवचन सुन रहे थे। लगभग पौने दो बजे सत्संग खत्म हुआ, बाबा के अनुयायी बाहर सड़क की ओर जाने लगे। बताया जा रहा है कि लगभग 50 हजार की संख्या में अनुयायियों को सेवादारों ने जहां थे, वहीं रोक लिया। सेवादारों ने साकार हरि बाबा के काफिले को वहां से निकाला। उतनी देर तक वहां अनुयायी गर्मी और उमस में खड़े रहे। बाबा के काफिले के जाने के बाद जैसे ही सेवादारों ने अनुयायियों को जाने के लिए कहा, वहां भगदड़ की स्थिति बन गई। लोग गर्मी की वजह से भीड़ में बेहोश होकर गिरने लगे।
पत्नी के साथ देते हैं बैठकर करते हैं सत्संग
जानकारी के अनुसार, नारायण साकार हरि एटा जिले बहादुर नगरी गांव के रहने वाले हैं। अध्यात्म की दुनिया में आने से पहले वह गुप्तचर विभाग में थे। नारायण साकार अपनी पत्नी के साथ सत्संग करते हैं। इनके सत्संग को ‘मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम’ कहा जाता है। यहां नारायण साकार विश्व हरि भोले बाबा अपनी पत्नी संग मंच पर बैठकर सत्संग करते हैं। इस बार यह सत्संग 2 जुलाई, मंगलवार को हाथरस जिले की सिकंदराराऊ तहसील के ग्राम फूलरई मुगलगढ़ी, नेशनल हाईवे में आयोजित किया गया।
हाथरस में सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के रतीभानपुर गांव में भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में अभी तक 121 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। जबकि कई घायल हैं। एटा, अलीगढ़, हाथरस और आगरा में शवों के पोस्टमार्टम किए जा रहे हैं। वहीं, सत्संग के मुख्य मुख्य आयोजक मुख्य सेवादार कहे जाने वाले देवप्रकाश मधुकर सहित अन्य के खिलाफ सिकंदराराऊ कोतवाली में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 105, 110, 126(2), 223 और 238 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है। सत्संग को लेकर गए बोर्ड में 26 आयोजनकर्ताओं के नाम लिखे गए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 34 मृतकों के शव पोस्टमार्टम के लिए हाथरस लाई गए। 34 शव अलीगढ़ भेजे गए थे। कासगंज में 30 और आगरा में 21 शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे गए हैं। हाथरस मोर्चरी आए 34 शवों में से 30 जे पोस्टमार्टम हो चुके हैं। राज्य सरकार और केंद्र सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख तथा घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं।
भगदड़ की कैसे हुई थी शुरुआत
जिस वक्त सूरजपाल उर्फ 'भोले बाबा' अपनी गाड़ी में सवार होकर कार्यक्रम स्थल से निकल रहे थे। तभी दोपहर करीब 2 बजे श्रृद्धालु ने बाबा की गाड़ी के गुजरने के मार्ग से धूल समेटना शुरु कर दिया। कार्यक्रम स्थल से निकल रही भीड़ के दबाव के कारण नीचे बैठे, झुके श्रद्धालु दबने कुचलने लगे और चीखपुकार मच गई। वहीं, जीटी रोड के दूसरी ओर लगभग तीन मीटर गहरे खेतों में भरे पानी एवं कीचड़ में बेतहाशा दबती कुचलती भागती भीड़ को आयोजन समिति एवं सेवादारों द्वारा अपने हाथों में लिये डंडों से जबरदस्ती रोक दिया गया। जिसके कारण भीड़ का दबाव बढ़ता चला गया और महिला, बच्चे एवं पुरुष दबते कुचलते चले गए। कुछ ही देर बाद लाशें बिछ गईं। वहीं, बाबा मौके से निकल गए। घायलों और मृतकों की सेवादारों द्वारा कोई मदद नहीं की गई।
हाथरसः सिंकदरामऊ के रतिभानपुर मुगल गढ़ी जिसके सत्संग में हादसे का जिम्मेदार भोले बाबा गजब की शान शौकत में रहता है। कभी पुलिस विभाग में नौकरी करने वाला सूरजपाल आज का नाम साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा है। बाबा मूल रूप से कासगंज जिले की पटियाली के बहादुरनगर के रहने वाला है। बाबा बनने से पहले वह पुलिस के गुप्तचर विभाग में नौकरी करता था। बाद में नौकरी छोड़ दी और कथावाचक बनकर भक्तों की सेवा का काम शुरू किया। सूरजपाल अपनी पत्नी के साथ सत्संग करते हैं और पटियाली वाले साकार विश्व हरि बाबा के नाम से जाने जाते हैं. इसके सत्संग में हजारों की संख्या में लोग आते हैं।
कोरोना काल से चर्चा में आए बाबा
कोरोना के समय भी भोले बाबा का सत्संग कार्यक्रम विवादों में आया था. तब उन्होंने अपने सत्संग के लिए सिर्फ 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति मांगी थी. लेकिन, बाद में 50 हजार से ज्यादा लोग उनके सत्संग में आए थे। भारी भीड़ के चलते प्रशासनिक व्यवस्था चरमरा गई थी। इस बार भी कहा जा रहा है कि कार्यक्रम के लिए जितने लोगों के शामिल होने की बात प्रशासन को बताई गई थी, उससे ज्यादा लोग जुट गए थे।
अन्य राज्यों में प्रभाव
भोले बाबा ने अपना वर्चस्व एटा, आगरा, मैनपुरी, शाहजहांपुर, हाथरस समेत कई जिलों में ही नहीं इसके अलावा पश्चिमी यूपी से सटे मध्य प्रदेश और राजस्थान, हरियाणा के कई जिलों में इनके समागम लगते हैं. भोले बाबा के ज्यादातर भक्त गरीब तबके हैं, जो लाखों की संख्या में सत्संग सुनने पहुंचते हैं. साकार विश्व हरि भले ही खुद को भगवान का सेवक कहते हैं, लेकिन उनके भक्त बाबा को भगवान का अवतार बताते हैं।
सूट-बूट में रहता है बाबा
बाबा पुलिस के तौर-तरीकों से परिचत है। वर्दी धारी स्वयंसेकों की लंबी-चौड़ी फौज खड़ी करने में यह काफी मददगार साबित हुआ। बाबा आम साधु-संतों की तरह गेरुआ वस्त्र नहीं पहनता। बहुधा वह महंगे गॉगल, सफेद पैंटशर्ट पहनकर किसी फिल्मी हीरो की तरह रहता है। अपने प्रवचनों में बाबा पाखंड का विरोध भी करता है। चूंकि बाबा के शिष्यों में बड़ी संख्या में समाज के हाशिए वाले, गरीब, दलित, दबे-कुचले लोग शामिल हैं। उन्हें बाबा का पहरावा और यह रूप बड़ा लुभाता है। महिला भक्तों में बाबा का खासा क्रेज दिखाई देता है। अनुयायी कहते हैं कि बाबा साक्षात हरि अर्थात विष्णु के अवतार हैं। कई शिष्यों का मानना है कि बाबा के पास दैविक शक्तियां हैं। वह कुछ भी कर सकते हैं।
बाबा की अपनी फौज संभालती है ट्रैफिक का मोर्चा
साकार हरि की अपनी फौज है। हल्के गुलाबी रंग के पैंट-शर्ट, पुलिस बेल्ट, हाथ में लाठी और सीटी लेकर हजारों की संख्या में इनके स्वयंसेवक कार्यक्रम स्थल और सड़कों पर चप्पे-चप्पे पर तैनात रहते हैं। एक नजर में देखने पर यह होमगार्ड जैसा कोई अनुशासित बल दिखाई देता है। बड़ी संख्या में महिला स्वयंसेवक भी तैनात रहती हैं। इनकी भी वर्दी होती है। बाबा की यह लंबी-चौड़ी फौज ट्रैफिक व्यवस्था से लेकर, पानी और दूसरे इंतजाम देखती है। कार्यक्रम स्थलों पर बाबा की फौज का यह गणवेश आप कई काउंटरों से बिकते देख सकते हैं। कहा जाता है, इसे खरीदने की अनुमति उन्हीं लोगों की होती है जिसे बाबा चाहते हैं। कई बार यह स्वयंसेवक आम आदमी को कार्यक्रम स्थल के पास से गुजरने से रोक भी देते हैं। प्रशासन भी इन स्वयंसेवकों के भरोसे शायद उतना ध्यान नहीं देता जितना उसे देना चाहिए। शायद प्रशासन की उपेक्षा और बाबा के स्वयंसेवकों पर जरूरत से ज्यादा भरोसे ने हाथरस जैसे बड़े हादसे को जन्म दिया है। हादसे से हाथरस से लेकर लखनऊ और दिल्ली तक हड़कंप मचा हुआ है।
साकार हरि: 30 बीघे में भोले बाबा का आश्रम
बहादुरनगर में 30 बीघे में भोले बाबा का आश्रम तो पांच बीघे में अनुयायी विश्राम गृह बना है। बाबा के पास खुद के सेवादारों की आर्मी भी है। जिले में कोई दूसरा ऐसा पूर्ण निर्माण का आश्रम नहीं है। आश्रम पर अनुयायियों के रुकने के लिए 5 बीघा जमीन में विश्राम घर बना हुआ है। प्रतिदिन ही बड़ी संख्या में भक्त यहां पहुंचते हैं और पर्वों के दिन में तो लोगों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है। सत्संग हो या न हो कोई कार्यक्रम हो या न हो लेकिन भक्तों पर इसका कोई असर नहीं। वे आते हैं और माथ टेकते हैं।आश्रम और आश्रम के आस पास माहौल भक्ति का रहता है। वैसे तो तमाम गांव के लोग घर के बाहर चापराई पर ही अस्थायी रूप से खाने पीने के सामान की दुकान लगा लेते हैं, लेकिन मंगलवार को पानी व खाद्य पदार्थ की दुकानें गांव के लोग सजाते हैं। जिससे बाबा के आश्रम में आने वाले अनुयायियों के द्वारा की जाने वाली खरीद से ग्रामीणों की आमदनी हो जाती है।
हाथरस सत्संग हादसे का जिम्मेदार सूरजपाल उर्फ साकार हरि उर्फ भोले बाबा की पैठ बड़े-बड़े नेताओं से रहे हैं। यहां तक कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी भोले बाबा के दरबार में हाजिरी लगा चुके हैं। यहीं नहीं बसपा सरकार में भोले बाबा लाल बत्ती की गाड़ी में सत्संग स्थल तक पहुंचता था। कार के आगे आगे पुलिस एस्कॉर्ट करते हुए चलती थी। बसपा सरकार में तत्कालीन जनप्रतिनिधि सत्संग में शामिल पहुंचते थे। सत्संग स्थल पर पुलिस की जगह उनके स्वयंसेवक ही कमान संभालते हैं।
अखिलेश ने सोशल मीडिया पर शेयर की थी तस्वीरें
अखिलेश यादव पिछले साल जब सूरज पाल उर्फ बाबा साकार हरि के कार्यक्रम में पहुंचे थे, तो सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी फोटो के एक पोस्ट शेयर की थी। इसमें अखिलेश यादव ने कहा था कि नारायण साकार हरि की सम्पूर्ण ब्रह्मांड में सदा-सदा के लिए जय जयकार हो।
20 हजार की परमिशन पर जुटे थे 50 हजार
सिंकदरामऊ के रतिभानपुर मुगल गढ़ी में भोले बाबा के सत्संग के दौरान हुए हादसे को लेकर पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी यह तो स्वीकार कर रहे हैं कि कार्यक्रम आयोजित करने के लिए एसडीएम की परमिशन थी और वहां सुरक्षा के इंतजाम भी थे. हाथरस के जिलाधिकारी आशीष कुमार तथा आगरा जोन की एडीजी अनुपम कुलश्रेष्ठ दोनों ने लगभग यही बात कही है. हादसे के संबंध में दोनों ही अधिकारियों ने यह माना है कि हादसे की वजह प्रथमदृष्टया भगदड़ है। सत्संग के लिए जो लिए परमिशन ली गई थी, उसमें 20 हजार लोगों के आने की बात कही थी। लेकिन सत्संग में 50 हजार से अधिक लोग पहुंचे थे।
सत्संग में बांटा जाता है पानी
भोले बाबा के सत्संग में जो भी भक्त जाता है, उसे प्रसाद के रूप में पानी बांटा जाता है. बाबा के अनुयायी ऐसा मानते हैं कि इस पानी को पीने से उनकी समस्याएं खत्म हो जाती हैं। बाबा का पटियाली तहसील के बहादुर नगर गांव में स्थित आश्रम में भी दरबार लगता है। यहां आश्रम के बाहर एक हैंडपंप का पानी पीने के लिए भी लंबी लाइन लगती है।
उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ मामले में योगी सरकार फुल एक्शन मोड में है। सीएम योगी ने बीते दिन घटना की जानकारी मिलते ही उच्च अधिकारियों को घटनास्थल पर भेजा था, साथ ही पूरे मामले की जानकारी ली थी। अब वो बुधवार को बारिश के बीच हाथरस पहुंचे और घायलों का हाल-चाल जाना। साथ ही प्रत्यक्ष कॉन्टेबल से मिलकर घटना के बारे में तस्दीक भी की।
हाथरस पहुंचे सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को स्वयं हाथरस पहुंचे। यहां उन्होंने अधिकारियों से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली और फिर सीएम योगी सीधे हाथरस जिला अस्पताल गए, जहां उन्होंने हादसे में घायल हुए लोगों का हाल चाल जानना और डॉक्टरों को सभी घायलों के समुचित उपचार के निर्देश दिए।
इसी के साथ ही बारिश के बीच सीएम घटनास्थल पर भी पहुंचे, जहां उन्हें अधिकारियों ने पूरा घटना का ब्यौरा दिया। आपको बता दें, मंगलवार को हाथरस के सिकंदराराऊ में भोले बाबा के सत्संग कार्यक्रम में मची भगदड़ में करीब 121 लोगों की जान चली गई थी और करीब 150 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
हादसे के एक दिन बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को हाथरस पहुंचे। यहां उन्होंने सर्किट हाउस में अधिकारियों के साथ पूरे घटनाक्रम की विस्तार से जानकारी हासिल की और महत्वपूर्ण दिशा निर्देश भी प्रदान किए। इसके बाद सीएम योगी हाथरस जिला अस्पताल पहुंचे। यहां उन्होंने घायलों और उनके परिजनों से बात की। वो हर एक बेड पर जाकर घायलों से मिले और पूरी घटना के बारे में जानकारी ली।
उन्होंने घायलों से उनकी तबीयत के बारे में पूछा और इलाज के संबंध में भी चर्चा की। सीएम ने घायलों के परिजनों से भी विस्तार से बात की। इस दौरान उन्होंने डॉक्टरों से भी घायलों की स्थिति के विषय में जाना और समुचित उपचार के निर्देश प्रदान किए। इस दौरान सीएम योगी मृतकों के परिजनों से भी मिले और उनके साथ हुए हादसे के बारे में जानकारी ली और साथ ही अपनी ओर से सांत्वना और संवेदना भी प्रकट की।
सीएम योगी ने पुलिस लाइन में घटना के प्रत्यक्षदर्शियों से भी मुलाकात कर हादसे के विषय में जानकारी ली। घटना की प्रत्यक्षदर्शी और ड्यूटी पर तैनात महिला कांस्टेबल ने सीएम को पूरी घटना के बारे में बताया। उसने बताया कि भगदड़ मचने के बाद लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरते चले गए। खासतौर पर बड़ी संख्या में महिलाएं भगदड़ का शिकार बनीं। वो उठना चाह रही थीं, लेकिन उठ नहीं सकीं, क्योंकि एक के बाद एक महिलाएं उनके ऊपर गिरती चली गईं।
हाथरस कांड के बाद चर्चा में आए नारायण साकार की संपत्ति का दायरा बढ़ता ही जा रहा है. एटा, मैनपुरी, कासगंज के बाद अब बाबा का एक आश्रम नोएडा में भी मिला है. बाबा नारायण साकार के नोएडा के नया गांव में बने आश्रम की जांच करने के लिए नोएडा प्राधिकरण की टीम पहुंची. प्राधिकरण की टीम ने हर बिंदु पर गहनता से आश्रम की जांच शुरू कर दी है. मिली जानकारी के अनुसार बाबा ने नोएडा में करोड़ों रुपए की जमीन पर ये आश्रम बिना नक्शा पास कराए बनावाया है.
अब तक सिर्फ एक बार नोएडा आया बाबा
नोएडा में उनके ठहरने की तारीखें भी समिति के सदस्यों ने तय की हैं, लेकिन वह नोएडा आने से इनकार करते हैं. अब तक वह सिर्फ एक बार यहां आए हैं। नोएडा आश्रम में मौजूद हिमांशु ने कहा कि इस आश्रम को बने करीब 2 साल हो गए हैं. गुरुजी 14 जुलाई को आए थे, उसके बाद वह कभी नहीं आए. इस आश्रम की देखरेख सेवादार ही करते हैं और यहां हर रविवार को सत्संग होता है.
बाबा किसी से नहीं मिलते- सेवादार
आश्रम में मौजूद हिमांशु ने बताया कि हम लोग भी हाथरस में समागम में शामिल होने गए थे. बाबा 12:00 बजे आए और 1:30 बजे चले गए. उनके जाने के बाद जब संगत बाहर निकली तो उनके साथ काफी भीड़ थी. पुलिस की संख्या बहुत कम थी, उनके जाने के बाद यह घटना हुई. हिमांशु ने दावा किया कि ऐसा कहा जा रहा है कि लोग प्रभु की धूल लेने गए थे, ऐसा कुछ नहीं हुआ. वह किसी से मिलते नहीं, वह सिर्फ मंच से संबोधन करते हैं. उनके ठहरने की तारीखें समिति के सदस्यों ने तय की हैं.
यूपी के हाथरस में मंगलवार को सत्संग में मची भगदड़ से 122 लोगों की जान चली गई. इस हादसे पर जहां एक ओर पीएम मोदी ने कल सदन में अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं. वहीं आज सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाथरस पहुंचकर पीड़ितों का हाल जाना. तो वहीं दूसरी ओर इस हादसे ने दुनिया के दिग्गज नेताओं को भी झकझोर दिया है. इस हादसे पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भी दुख जताया है.
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भेजा शोक संदेश
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने हाथरस सत्संग हादसे पर दुख जताया है. पुतिन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शोक संदेश भेजा है. रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने शोक संदेश में लिखा, "हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति मेरी सहानुभूति है. मैं हादसे में घायल लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं".
हादसे के बाद से आरोपी बाबा फरार
बता दें कि नारायण साकार हरि के सत्संग में यह हादसा दोपहर करीब एक बजे हाथरस के फुलरई गांव में हुआ था. भगदड़ मचने से 122 लोगों की मौत हुई उसमें अधिकतर बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं शामिल हैं. हादसे के बाद बाबा मौके से भाग गया, जिसकी तलाश पुलिस अभी भी कर रही है.
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