जुमे की नमाज से पहले दहल उठा हल्द्वानी, देखते ही गोली मारने के आदेश, अलर्ट पर सेना

उत्तराखंड में धामी सरकार अवैध धार्मिक स्थलों को हटाए जाने की कार्रवाई कर रही है. इस क्रम में नैनीताल जिले के हल्द्वानी में जब पुलिस-प्रशासन ने अवैध मस्जिद और मदरसे पर बुलडोजर चलाया गया. इसके बाद से इलाके में तनाव का माहौल पैदा हो गया. गुस्साए लोगों ने प्रशासनिक टीम पर भी पथराव किया. जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल भी हो गए. यहां तक की कई गाड़ियों में आग भी लगा दी. जिसके बाद डीएम ने उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए. पूरे शहर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है.

किसी को नहीं बख्शा जाएगा

हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में हुए बवाल के बाद धामी सरकार भी अलर्ट पर है. नैनीताल डीएम ने बताया कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. हमारे पास वीडियो रिकॉर्डिंग से लेकर दंगाइयों के अनेक इनपुट हैं, उन सबको इकट्ठा किया जा रहा है. नुकसान की भरपाई उन्हीं दंगाइयों द्वारा की जाएगी. जानकारी जुटाने के लिए दंगाइयों के पोस्टर भी जारी किए जाएंगे. अवैध अतिक्रमण पर हमारा अभियान रुकने वाला नहीं है.

शहर में लगाया गया कर्फ्यू

हल्द्वानी शहरी क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया है. ये आदेश रात 9 बजे लागू हो गया और अगले आदेश तक लागू रहेगा. बिगड़े हालातों को देखते हुए सभी स्कूलों को बंद रखने का फैसला किया गया है. इसको लेकर प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं.

उपद्रवियों ने फूंका थाना, जलाई गाड़ियां

रिपोर्ट्स की मानें तो नगर निगम की टीम ने बनभूलपुरा के इंदिरा नगर इलाके में मलिक के बगीचे में बने मस्जिद और मदरसे को तोड़ने की दोपहर से तैयारी शुरू कर दी थी. दोपहर ढाई बजे तक कोतवाली के बाहर हल्द्वानी के आसपास के थानों की फोर्स और तीन बस रिजर्व पुलिस की पहुंच गई थी. शाम को पुलिस फोर्स के साथ टीम ने अतिक्रमण ढहाने पहुंची. जिसका स्थानीय लोगों ने विरोध शुरू कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने मौके पर मौजूद नगर निगम की जेसीबी भी तोड़ दी. टीम ने ढहाना शुरू किया लोगों ने फिर पत्थर बरसाने शुरू कर दिए. जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. पुलिस ने भी बचाव में कई राउंड आंसू गैस के गोले भी दागे. इस दौरान देर शाम को उपद्रवियों ने बनभूलपुरा थाना फूंक दिया. साथ ही कई गाड़ियां भी जला दी.

CM धामी ने बुलाई आपात बैठक

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आवास पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार और अन्य उच्चाधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की. साथ ही स्थानीय लोगों से शांति बनाये रखने की अपील करते हुए अराजक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. इस बैठक में कुमाऊं मंडल के तमाम अधिकारी वर्चुअली बैठक में शामिल हुए.

By Super Admin | February 08, 2024 | 0 Comments

क्या नजूल की जमीन को लेकर छिड़ी थी हल्द्वानी में हिंसा, क्या है इसके पीछे का राज ? Explainer

उत्तराखंड के हल्द्वानी जिले में पिछले कुछ दिनों से तनाव का माहौल बना हुआ है, जिस कारण जिले में जगह-जगर पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. दरअसल बीते 8 फरवरी यानी की गुरूवार को हिंसा भड़क उठी, जिसमें 5 लोगों की मौत हो गई है, और कई लोग घायल हो गए,जिसके बाद धामी सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए कई लोगों को गिरफ्तार किया है.

बता दें कि जिला प्रशासन बनभूलपुरा में ‘नजूल भूमि’ पर कथित तौर पर अवैध रूप से बनी एक मस्जिद और मदरसे को ध्वस्त करने गया था, जिसका वहां के रहने वालों ने कड़ा विरोध किया और इसके लिए लोग उग्र हो गए और ये हिंसा में तब्दील हो गया. इसमें लोगों ने सड़कों पर पत्थर बरसाए और आगजनी फैला दी. इस हिंसा के बाद पहाड़ के अन्य जिलों में भी तनाव की स्थिति बन गई, जिसके बाद से ही वहां पर पुलिस अलर्ट मोड पर है. ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि आखिर ये नजूल की जमीन क्या होती है.

क्या होती है नजूल की जमीन ?

आपने अपने देश के कई शहरों और कस्बों में ऐसे साइन बोर्ड देखें होंगे, जिसमें लिखा होता है कि, ‘यह नजूल की जमीन है’, भारत में जब ब्रिटिश शासन था तो उस समय देसी रियासतें हुआ करती थीं. जिसमें से कुछ रियासतें ब्रिटिश शासन की समर्थक थीं तो कुछ ने उनके खिलाफ कड़ा विरोध किया था, इन दोनों तरह की रियासतों के बीच कई लड़ाइयां भी हुई. कहा जाता है कि उस समय युद्ध में जो भी राजा अंग्रेजों से हार जाया करते थे, अंग्रेज उनसे उनकी ज़मीन छीन लेते थे. लेकिन साल 1947 में जब भारत आजाद हुआ तो अंग्रेजों ने इन जमीनों को खाली कर दिया था, लेकिन उस समय राजाओं और राजघरानों के पास इन जमीनों को खुद का साबित करने के लिए दस्तावेज़ों नहीं थे, इसलिए सरकार ने इस तरही की जमीनों को ‘नजूल भूमि’ के रूप में चिह्नित कर दिया था.

नजूल भूमि पर किसका होता है हक ?

रिपोर्ट्स की मानें तो इन नजूल भूमि का स्वामित्व राज्य सरकार के पास होता है, और राज्य सरकार इस तरह की भूमि को किसी को एक निश्चित अवधि के लिए पट्टे पर आवंटित कर देती है और इसके लीज की अवधि 15 से 99 साल होती है. इस अवधि के समाप्त होने पर व्यक्ति स्थानीय प्रशासन के राजस्व विभाग को एक लिखित आवेदन देकर इस पट्टे को नया बनवा सकता है. सरकार इस नजूल भूमि को वापस लेने या पट्टे को नया करने से मना व रद्द करने के लिए स्वतंत्र होती है।

By Super Admin | February 12, 2024 | 0 Comments

जिस जगह काटा था 'रोहिंग्या मुसलमानों' ने बवाल, उसी जगह थाना बनाने का किया CM धामी ने ऐलान

उत्तराखंड सरकार ने बड़ा ऐलान किया है. हल्द्वानी में अवैध मदरसे की जगह अब पुलिस थाना बनेगा. 8 फरवरी को मदरसा तोड़ने पर भड़की हिंसा में 5 लोगों की मौत और कई लोग घायल हुए थे।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज यानी की 12 फरवरी को हरिद्वार दौरे पर थे. यहां पर उन्होंने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ऐलान किया कि हल्द्वानी में जिस अवैध मदरसे के कारण हिंसा भड़की थी वहां पर पुलिस थाना बनाया जाएगा और जो भी इस हिंसा में शामिल था उनको बख्शा नहीं जाएगा. सीएम पुष्कर धामी ने एक्स पर वीडियो को शेयर करते हुए इसकी जानकारी दी और लिखा, “हल्द्वानी में जिस जगह से अवैध अतिक्रमण को हटाया गया वहां पर पुलिस थाने का निर्माण किया जाएगा। उपद्रवियों और दंगाइयों के लिए हमारी सरकार का यह स्पष्ट संदेश है कि देवभूमि की शांति से खिलवाड़ करने वाले किसी भी व्यक्ति को छोड़ा नहीं जाएगा, ऐसे उपद्रियों के लिए उत्तराखंड में कोई स्थान नहीं है।“

किसी उपद्रवी को नहीं बख्शा जाएगा

बता दें कि सीएम पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार में देवपुरा चौक से लेकर चंद्राचार्य चौक तक रोड शो निकाला और वहां की जनता को 1108 करोड़ की 158 परियोजनाओं की सौगात दी. इसके बाद उन्होंने 'नारी शक्ति महोत्सव' कार्यक्रम को संबोधित किया और हल्द्वानी के लिए अहम फैसलों की घोषणा भी की. इस कार्यक्रम में सीएम धामी ने यह भी कहा कि हल्द्वानी में जिस तरह से अराजक तत्वों ने हमारे पुलिसकर्मियों और पत्रकारों को टारगेट करके आग में झोंकने का काम किया और उन पर पत्थर बरसाए, वह निदंनीय है. इसको किसी भी सूरत में बर्दाश्त नही किया जाएगा. इस हिंसा में शामिल कुछ लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और भी लोगों को जल्द ही जनता के सामने लाया जाएगा.

सीएम धामी ने विपक्ष पर साधा निशाना

सीएम धामी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि इस देश में दशकों तक इस राज करने वाले एक विशेष दल ने सिर्फ परिवारवाद की राजनीति करके वोट बैंक तक खुद को सीमित रखा था. लेकिन हमारे लिए वोट बैंक से ज्यादा महत्वपूर्ण हमारे जनता से किये गए वादों को पूरा करना है. उन्होंने आगे यह भी कहा कि, विपक्षी दलों को हमारा जनता से किए गए वादों को पूरा करना भी खल रहा है, इसलिए एक षड्यंत्र के तहत हमारे शांतिपूर्ण प्रदेश का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है.

By Super Admin | February 12, 2024 | 0 Comments

कौन है अब्दुल, जिसे हल्द्वानी हिंसा का बताया जा रहा मास्टरमाइंड, बसपा से है ये कनेक्शन

हल्द्वानी हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक से सरकारी संपत्ति की क्षति की कुल राशि 2.44 करोड़ को वसूलने के लिए नगर निगम ने नोटिस भेजा, दी गई समय सीमा पार करने पर कानूनी तरीके से पैसा वसूला जाएगा।

कुछ दिनों पहले 8 फरवरी को हिंसा और आगजनी से हल्द्वानी दहक रहा था, जिसका मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक है। इस आरोपी के खिलाफ हल्द्वानी नगर निगम ने बड़ा कदम उठाते हुए और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के आरोप में वसूली का नोटिस भेज दिया है।

वसूली का 2.44 करोड़ का नोटिस

बता दें कि यह हल्द्वानी नगर निगम द्वारा दिया गया वसूली का नोटिस कुल 2.44 करोड़ रुपयेका है। इस नोटिस में मलिक के समर्थकों पर 'मलिक का बगीचा' मेंअतिक्रमण हटाने गई टीम पर हमला करने और नगर निगम की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने की भी बात कही गई है।

नगर निगम ने इस नोटिस में 8 फरवरी की घटना के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर का भी जिक्र किया है, जिसमें आरोपी मलिक का नाम भी शामिल है। नगर निगम ने नुकसान हुई संपत्ति का प्रारंभिक आकलन 2.44 करोड़ रुपये का किया है, और मलिक को इसको चुकाने के लिए 15 फरवरी तक का समय दिया है, और उसको यह राशि हल्द्वानी नगर निगम में जमा करने के लिए कहा है। यदि मलिक दिए गए समय में पैसा नहीं देता है तो राशि उससे कानूनी तरीके से वसूली की जाएगी।

बसपा से लोकसभा चुनाव लड़ चुका है आरोपी

बता दें कि हल्दवानी की घटना का मुख्य आरोपी ने मोटा पैसा जमा करने के बाद नेता बनने का सपना देखा था। इसके लिए वह साल 2004 में फरीदाबाद से लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए बसपा से टिकट लाकर चुनाव भी लड़ चुका है। लेकिन इस चुनाव में उसको हार का सामना करना पड़ा था।

शहरमें अवैध ढ़ांचे को हटाने से भड़का था दंगा

मलिकने हल्द्वानी में "अवैध संरचना" का निर्माण कराने का आरोप है, जिसको हटाने के दौरान शहर में 8 फरवरी को हिंसा भड़क गई थी। इसमें छह लोगों को मौतऔर 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे, जिसमें कई पुलिसकर्मी और मीडिया के लोगभी शामिल थे। हिंसा में पुलिस बल और नगर निगम के कर्मचारियों पर हमला किया गया था, इसके अलावा एक पुलिस स्टेशन में आग भी लगाई गई थी। इस शर्मनाक हिंसा में पांच कथित दंगाइयों सहित छह लोगों की मौत हो गई थी, और 60 लोग घायल हो गए थे।

By Super Admin | February 13, 2024 | 0 Comments