बिहार में जब से नीतीश की अगुवाई में NDA सरकार का गठन हुआ है तभी से सियासी हलचल मची हुई है, एक ओर जहां फ्लोर टेस्ट की तैयारी में नीतीश कुमार लगे हुए है तो वहीं तेजस्वी के बयान ने अभी तक सबकी टेंशन को बढ़ाया हुआ है. ऐसा दावा है कि फ्लोर टेस्ट से पहले बड़ा खेला हो सकता है. बता दें नई सरकार के गठन के बाद 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट होने जा रहा है.
फ्लोर टेस्ट से पहले विधायकों बने 'बंदी'
फ्लोर टेस्ट से पहले जनता दल यूनाइटेड ने 11 फरवरी को विधानमंडल की बैठक बुलाई है। जिसमें विधायकों को अनिवार्य रूप से शामिल होने के निर्देश जारी किये गए हैं । इसी बीच आरजेडी ने अपने विधायकों को बैठक के लिए बुलाया और तेजस्वी यादव के आवास पर करीब 3 घंटे तक विधायकों की बैठक चली। जिसके बाद सभी विधायकों को तेजस्वी के पांच देश रत्न मार्ग पर रोक दिया गया और विधायकों का सामान भी आवास में भेजा गया। वहीं विधायकों के टूटने की आशंका के चलते फ्लोर टेस्ट से पहले बिहार कांग्रेस के विधायक हैदराबाद पहुँच गए हैं । बता दें कि बीते दिनों दिल्ली में प्रदेश कांग्रेस के विधायकों की एक बैठक हुई थी जिसमें करीब 17 विधायक शामिल हुये थे।
नये स्पीकर का चुनाव भी 12 को होगा
आपको बता दें की नीतीश कुमार ने 28 जनवरी की शाम 8 मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। विजय सिन्हा डिप्टी सीएम, सम्राट चौधरी डिप्टी सीएम , विजय कुमार चौधरी, डॉक्टर प्रेम कुमार , ब्रिजेन्द्र प्रसाद यादव, सुमित कुमार सिंह, संतोष कुमार और श्रवण कुमार नीतीश की नई कैबिनेट का हिस्सा हैं। वही विधानसभा के नये स्पीकर का चुनाव होना अभी बाकी है जो कि 12 फरवरी को होना है।
किसके पास, कितने विधायकों की सेना ?
243 सीटों वाली विधानसभा में जहां राजद के पास 79 विधायक हैं और राजद विधानसभा की सबसे बड़ी पार्टी है। तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के पास 19 विधायक, सीपीआई के पास 16 विधायक हैं। वहीं विपक्ष के पास कुल मिलाकर 114 विधायकों की फौज है और एक विधायक AIMIM के पास है।
हमें तो अपनों ने लूटा गैरों में कहां दम था, हमारी कश्ती वहां डूबी जहां पानी कम था. ये चंद लाइनें आज बिहार की सियासत में दिग्गज नेता तेजस्वी यादव पर बिल्कुल फिट बैठती है क्योंकि उनके अपनों ने ही उनके साथ बड़ा धोखा कर दिया है. दरअसल जिस वक्त नीतीश कुमार को बिहार की विधानसभा में विश्वासमत साबित करने जाना था ठीक उससे पहले तेजस्वी की पार्टी के विधायक उनके आवास पर दिखे. जिनका नाम चेतन आनंद है. सीएम नीतीश कुमार के साथ देखे जाने पर सियासी हलचल बिहार में और बढ़ गई है. बता दें चेतन आनंद बिहार के दबंग राजनेता आनंद मोहन के बेटे है जो शिवहर सीट से राजद के विधायक हैं.
मिड नाइट 'आनंद' को लेकर हुआ था ड्रामा
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो देर रात तेजस्वी के आवास पर इसी विधायक को लेकर हंगामा देखने को मिला था. दरअसल तेजस्वी के आवास पर पुलिस चेतन आनंद को ही खोजने पहुंची थी. लेकिन तब चेतन ने दावा किया था वो तेजस्वी के साथ है और वो यहां अपनी मर्जी से है. लेकिन फ्लोर टेस्ट से ठीक पहले सीएम आवास पहुंचकर चेतन आनंद ने सियासी अटकलें बढ़ा दी है.
फ्लोर टेस्ट से पहले नंबर गेम की लड़ाई
ऐसा दावा है कि बिहार में होने फ्लोर टेस्ट को लेकर खेला हो सकता है. एक ओर NDA की ओर से दो विधायक गायब होने कीसूचना है तो वहीं दूसरी ओर चेतन आनंद का नीतीश के साथ आना एक बड़ा सियासी संदेश दे रहा है. बहुमत परीक्षण की घड़ी जैसे-जैसे करीब आ रही है, वैसे-वैसे नंबरगेम भी तेजी से बदल रहा है.
हो सकता है बिहार में 'खेला'
आपको बता दें बिहार में कुल विधानसभा की सीटें 243 है. ऐसे में बहुमत के लिए नीतीश सरकार को 122 विधायकों का समर्थन चाहिए. NDA के पास 128 विधायकों का समर्थन है जो की सरकार बनाने के लिए पर्याप्त है लेकिन कई विधायक विधानसभा में मौजूद नहीं है. जिसको लेकर नंबरगेम बिगड़ सकता है.
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