Greater Noida West: लंबे सयम से अपने फ्लैट की रजिस्ट्री के बायर्स परेशान हैं। जिसे लेकर डीएम मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट के सभागार में महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। इसमें बिल्डर्स के प्रतिनिधि के साथ फ्लैट खरीददार भी मौजूद रहे। डीएम के सामने फ्लैट खरीददारों ने अपनी समस्याओं को रखा। फ्लैट खरीददारों की मुख्य समस्या रजिस्ट्री की है।
भुगतान के बाद भी नहीं हो रही रजिस्ट्री
खरीददारों ने बैठक में बताया कि उनके फ्लैट का पूरा भुगतान हो चुका है, इसके बावजूद उनके फ्लैट की रजिस्ट्री बिल्डर नहीं करवा रहा है। फ्लैट खरीददारों की समस्याओं का डीएम ने बिल्डर्स के जवाब मांगा। जिसके जवाब में बिल्डर के जनप्रतिनिधियों ने बताया कि प्राधिकरण से ओसी नहीं मिल पाने के चलते फ्लैट के रजिस्ट्री में देरी हो रही है। डीएम ने बिल्डर्स को निर्देश देते हुए कहा कि जिन्हें प्राधिकरण से ओसी प्राप्त हो चुकी है, उन्हें तत्काल रजिस्ट्री की प्रक्रिया करवानी है। जबकि जिन्हें अभी तक ओसी प्राप्त नहीं हुई, उन्हें प्राधिकरण में प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी करवाएं ताकि फ्लैट खरीददारों को परेशानी ना झेलनी पड़े। साथ ही डीएम ने निर्देश दिया कि अनावश्यक किसी घर खरीददार का शोषण नहीं होना चाहिए।
स्टाम्प राजस्व में बढोतरी पर जोर
डीएम मनीष कुमार वर्मा ने स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि उत्तर प्रदेश शासन की मंशा के अनुरूप जिले के स्टाम्प राजस्व में अधिक से अधिक बृद्धि करने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि संज्ञान में आ रहा है कि बहुत से बिल्डर्स के द्वारा बिना रजिस्ट्री कराये ही फ्लैट बायर्स को कब्जा दे दिया गया है, जिससे काफी स्टाम्प राजस्व की हानि हो रही है। स्टांप विभाग के अधिकारीगण अभियान चलाकर ऐसे बिल्डर्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लायें, ताकि ऐसे सभी बायर्स के फ्लैटों की रजिस्ट्री कराते हुए स्टाम्प राजस्व में बढोतरी की जा सके।
सबसे ज्यादा समस्या वाले बिल्डर
बैठक में सबसे ज्यादा शिकायत महागुन और मिगशन बिल्डर के खिलाफ की। लेकिन दोनों ही बिल्डर के प्रतिनिधि इस बैठक में नहीं पहुंचे। जिस पर डीएम ने अपर जिला अधिकारी वित्त को निर्देश देते हुए कहा कि दोनों बिल्डर की साइट को तत्काल सील कर दिया जाए। इस बैठक में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अतुल कुमार, सहायक महानिरीक्षक निबंधन प्रथम बी0एस0 वर्मा, सहायक महानिरीक्षक निबंधन द्वितीय शशि भानू मिश्र, समस्त उपनिबंधक, संबंधित प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ बिल्डर्स एवं फ्लैट बायर्स मौजूद रहे।
Noida: उत्तर प्रदेश के जिले नोएडा में भले ही अब रजिस्ट्री का काम शुरू हो गया है. लेकिन इसका निरीक्षण लेने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ 10 के बीच किसी भी दिन नोएडा आ सकते है. कहा जा रहा है कि यहां आकर सीएम सबसे पहले पूरे मामले की समीक्षा करेंगे. ऐसे में खबर ये है कि सीएम के आने से पहले काफी हद तक रजिस्ट्री का काम पूरा हो जाए या फिर उनके सामने ही बड़े स्तर पर रजिस्ट्री कराई जाएगी.
जानें पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, नोएडा के सेक्टर-77 स्थित एक्स्प्रेस जेनिथ सोसाइटी में रहने वाले बायर्स काफी लंबे समय से फ्लैट की राजिस्ट्री की मांग कर रहे हैं. ये मामला डीएम तक भी जा चुका है. इसपर उन्होंने बैठक भी ली थी. लेकिन जब कोई निर्णय नहीं निकला तो सीएम योगी आदित्यनाथ ने मामले का रुख किया और रजिस्ट्री कैंप लगाने के निर्देश जारी किए.
फ्लैट रजिस्ट्री कैंप
इसी कड़ी में सेक्टर-77 में फ्लैटों की रजिस्ट्री का काम गुरुवार से शुरु हो गया है. पहले दिन 50 बायर्स को फ्लैट रजिस्ट्री की फाइल भी मिल चुकी है. रजिस्ट्री के काम को तेजी से आगे बढ़ाने के निर्देश प्राधिकरण के चेयरमैन ने दिए हैं. पैकेज साइन कर चुके बिल्डरों को बकाया चुकाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. वहीं, पैसे जमा कर चुके बिल्डरों के परियोजनाओं की रजिस्ट्री सुनिश्चित कराने के उपाय किए जा रहे हैं.
सीएम की समीक्षा बैठक
बता दें कि, सरकार और प्राधिकरण की कोशिश है कि दो-तीन माह में जितनी भी लंबित रजिस्ट्री है उसका काम पूरा कर लिया जाए. लेकिन कहा जा रहा है कि सीएम योगी भी इस कामकाज का कभी भी निरीक्षण लिया जा सकता है. अगर कोई कमी मिलती है तो सरकार द्वारा इसपर सख्त रवैया भी अपनाया जाएगा.
Greater Noida जब नौकरी में थे तभी फ्लैट खरीदा था। 25 साल से रजिस्ट्री होने का इंतजार कर रहे थे। हम तो उम्मीद छोड़ चुके थे, लेकिन अब यह मौका आया है। मुझे बहुत खुशी हो रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, आईडीसी मनोज कुमार सिंह, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और सोसाइटी के प्रतिनिधियों की वजह से मालिकाना हक मिल गया। यह बातें सीनियर सिटीजन सोसाइटी के 845 खरीदारों ने कही, जो 25 साल पहले फ्लैट तो खरीद लिए, लेकिन रजिस्ट्री न होने की वजह से मालिकाना हक नहीं पा रहे थे। यही स्थिति सेक्टर ओमीक्रॉन थ्री स्थित मिग्सन अल्टिमो सोसाइटी के लगभग 800 फ्लैट खरीदारों का भी है। रजिस्ट्री शुरू होने की खुशी इन सभी के चेहरे पर दिख रही है।
सीनियर सिटीजन सोसाइटी व मिग्सन अल्टिमो में फ्लैटों की रजिस्ट्री जारी
दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर आईडीसी मनोज कुमार सिंह की पहल और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीइओ एनजी रवि कुमार के प्रयासों से न सिर्फ सीनियर सिटीजन सोसाइटी, बल्कि मिग्सन अल्टिमो जैसे कई प्रोजेक्टों के फ्लैट खरीदारों के नाम रजिस्ट्री शुरू हो चुकी है। इससे ग्रेटर नोएडा में ही हजारों फ्लैट खरीदारों को अपना मालिकाना हक मिल सकेगा। इस पहल से इन सोसाइटियों के लोग गदगद हैं। शुक्रवार को सीनियर सिटीजन सोसाइटी व मिग्सन अल्टिमो के कई फ्लैट खरीदारों से बातचीत खुशी जाहिर की।
जिंदगी का सबसे बड़ा दिन
सीनियर सिटीजन सोसाइटी राजेंद्र प्रसाद सिन्हा ने कहा कि 'मैंने 21 साल पहले घर खरीदा था। अब तक रजिस्ट्री अटकी हुई थी। आज यह मौका आया है। मेरे फ्लैट की अब रजिस्ट्री हो रही है। मेरे लिए आज का दिन जिंदगी से सबसे बड़ा दिन है। इसके लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, आईडीसी मनोज कुमार सिंह और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीइओ एनजी रवि कुमार व सीनियर सिटीजन सोसाइटी के प्रतिनिधियों का दिल से आभार व्यक्त करते हैं।'
23 साल बाद मिला मालिकाना हक
सीनियर सिटीजन सोसाइटी डॉ. कैलाश चंद्र तिवारी ने कहा 'मैंने 2001 में फ्लैट खरीदा था। तभी से रजिस्ट्री होने का इंतजार कर रहा था। मेरे फ्लैट की अब रजिस्ट्री हो रही है। यह मौका दिलाने के लिए प्राधिकरण और सोसाइटी के प्रतिनिधियों ने बहुत प्रयास किए हैं। हम सभी का दिल से आभार व्यक्त करते हैं।'
उम्मीद छोड़ चुका था
सीनियर सिटीजन सोसाइटी निवासी देवेंद्र ने कहा कि 'मैं इस सोसाइटी में 21 साल से रह रहा हूं। तभी से अपने फ्लैट की रजिस्ट्री होने का इंतजार कर रहा था। हम तो उम्मीद छोड़ चुके थे। अब यह अवसर आ गया है। इसे हमें मालिकाना हक भी मिला है और अब हमारे फ्लैट की वैल्यू भी बढ़ गई है।'
फ्लैट होने के बावजूद लोन नहीं मिल रहा था
सीनियर सिटीजन सोसाइटी निवासी एसके मेहता ने कहा कि 'हमने उम्मीद छोड़ दी थी कि कभी हमारे फ्लैट की भी रजिस्ट्री होगी, लेकिन मुख्यमंत्री, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और सोसाइटी के प्रतिनिधियों की वजह से आज यह दिन आया है। अपना फ्लैट होने के बावजूद हमें बैंक से लोन नहीं मिल पा रहा था। अब लोन भी मिलेगा और प्रॉपर्टी की वैल्यू भी बढ़ेगी।'
रजिस्ट्री नहीं होने से अपना फ्लैट नहीं लगता था
मिग्सन अल्टिमो सोसाइटी निवासी मोनिका राय ने कहा कि इस सोसाइटी की पहली रजिस्ट्री मेरे नाम पर हुई है। मुझे बहुत खुशी हो रही है। दो साल से फ्लैट में रह रहे थे, लेकिन रजिस्ट्री नहीं होने से लगता ही नहीं था कि ये अपना फ्लैट है।
रजिस्ट्री न होने से डर लगता था
मिग्सन अल्टिमो सोसाइटी निवासी रेणुका चौधरी ने कहा ' मैं यहां तीन साल से रह रही हूं, लेकिन फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं हो रही थी। डर लगा रहता था। आज सीएम योगी आदित्यनाथ और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन व सीईओ की वजह से हमारे फ्लैट की रजिस्ट्री हो रही है।'
सीएम की वजह से नसीब हुई खुशी
मिग्सन अल्टिमो सोसाइटी निवासी रजनीश कौर ने कहा कि फ्लैट की रजिस्ट्री होने की बहुत खुशी है। ऐसा लग रहा है कि आज ही फ्लैट खरीदा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की वजह से यह खुशी नसीब हुई है। प्राधिकरण के अधिकारियों ने भी बहुत सहयोग किया।'
घर खरीदना बहुत बड़ी बात
मिग्सन अल्टिमो सोसाइटी निवासी रविंद्र सिंह यादव ने कहा कि 'आज मेरा जिंदगी का सबसे बड़ा दिन है। एक नौकरीपेशा के लिए अपने लिए एक घर खरीदना बहुत बड़ी बात होती है, लेकिन फ्लैट की रजिस्ट्री अटकने से हमेशा चिंत बनी रहती थी। अब जाकर हमें मालिकाना हक मिल सका है।'
Greater Noida West: ग्रेटर नोएडा वेस्ट में लंबे समय से घर खरीदार अपनी मांगों को लेकर हर रविवार को एक मूर्ति गोल चक्कर पर प्रदर्शन करते हैं. लेकन 16 मार्च को भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव की घोषणा कर दी है. जिसके बाद से आचार संहिता लागू हो गई है. ऐसे में लोगों ने इसका पालन किया है और एक नए अंदाज में अपनी मांगों को सरकार के सामने रखने का प्रयास किया है.
जानें क्या है पूरा मामला
दरअसल, ग्रेटर नोएडा वेस्ट में लंबे समय से घर खरीदार अपने घर का मालिक हक, रजिस्ट्री और रुके हुए प्रोजेक्ट को शुरू करना और अन्य मूलभूत सुविधा को लेकर एक मूर्ति गोल चक्कर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन कोई भी जनप्रतिनिधि उनकी तरफ ध्यान नहीं दे रहा है. जिसके चलते वो सभी हर रविवार को प्रदर्शन करते हैं. 16 मार्च से आचार संहिता लागू हो गई. जिसके बाद सभी घर खरीदारों ने अपने प्रदर्शन को स्थगित कर दिया. लेकिन उन्होंने भले ही अपना प्रदर्शन स्थागित कर दिया हो, पर सरकार तक अपनी बातों को पहुंचाने का उन्होंने एक नया रास्ता भी निकाल लिया है.
घर खरीदारों का अनोखा प्रदर्शन
जी हां खरीदारों ने अपने फ्लैट की बालकनी में बैनर लगाकर विरोध जाहिर किया. वहीं, इस बैनर में लिखा कि NO Registry… No Maintenance… No Vote. इस अनोखे प्रदर्शन से साफ जाहिर है कि अगर जल्द से जल्द उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वो आने वाले लोकसभा चुनाव में अपने मत का प्रयोग नहीं करेंगे.
Greater Noida: फ्लैट खरीदारों को घर दिलाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लगातार प्रयास कर रही है। खरीदारों को फ्लैटों पर कब्जा मिल सके, उनके नाम शीघ्र रजिस्ट्री हो सके, इसके लिए सरकार सभी आवश्यक फैसले ले रही है, जिसके चलते लिगेसी स्टॉल्ड प्रोजेक्ट के फ्लैटों की रजिस्ट्री भी तेजी से हो रही है। अमिताभ कांत समिति की सिफारिशें लागू करने से 94 परियोजनाओं के फ्लैटों की रजिस्ट्री का रास्ता खुल गया है। अब तक 16 प्रोजेक्टों में लगभग 1366 फ्लैटों की रजिस्ट्री हो चुकी है। शेष 78 बिल्डर परियोजनाओं में भी रजिस्ट्री प्रक्रिया शीघ्र शुरू होने की उम्मीद है। इन परियोजनाओं के फ्लैटों की रजिस्ट्री लंबे समय से अटकी हुई थी। इनके खरीदार बहुत परेशान थे। प्रदेश की योगी सरकार ने ग्रेटर नोएडा के 94 बिल्डर परियोजनाओं के हजारों फ्लैट खरीदारों के लिए राहत का पिटारा खोला।
94 प्रोजेक्टों के 15000 फ्लैटों की रजिस्ट्री का रास्ता साफ
अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों को लागू करने से 94 प्रोजेक्टों के फ्लैट की रजिस्ट्री का रास्ता खुल गया है। प्रदेश सरकार ने फ्लैट खरीदारों के हितों को ध्यान में रखतेे हुए बिल्डरों को कोविड-19 की अवधि (01.04.2020 से 31.03.2022) का जीरो पीरियड का लाभ दिया गया। को-डेवलपर की पॉलिसी को अप्रूव्ड करते हुए अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने का अवसर प्रदान किया गया। ओखला बर्ड सेंचुरी के 10 किलोमीटर के दायरे में एनजीटी के आदेशों के क्रम में 14 अगस्त 2013 से 19 अगस्त 2015 तक जीरो पीरियड का लाभ दिए जाने पर विचार करने का निर्णय लिया गया। साथ ही बकाया धनराशि का 25 फीसदी जमा करते ही प्लान अप्रूवल, बंधक अनुमति एवं रजिस्ट्री की अनुमति तत्काल दिये जाने के निर्देश दिए गए।
16 परियोजनाओं के ड्यूज राशि जमा
बिल्डर परियोजनाओं को अधिकतम तीन वर्ष में पूरा कराने के लिए निशुल्क समयावधि प्रदान करने और जिन परियोजनाओं में फ्लैट खरीदारों के हित जुड़े हैंए उनकी लीज डीड अगले तीन वर्ष तक निरस्त न करने समेत कई अहम फैसले लिए गए। इन फैसलों की वहज से ही फ्लैटों की रजिस्ट्री अब शुरू हो गई है। वर्तमान में 16 परियोजनाओं के कुल ड्यूज का 25 प्रतिशत धनराशि प्राधिकरण के खाते में बिल्डरों ने जमा करा दी है, जिससे लगभग 73 करोड़ रुपये की बकाया धनराशि प्राप्त हो गई है। इन परियोजनाओं के फ्लैटों की रजिस्ट्री भी शुरू हो गई है। अब तक लगभग 1366 फ्लैटों की रजिस्ट्री संपन्न भी हो चुकी है। शेष 78 परियोजनाओं में से 71 के लिए बिल्डरों ने आगामी अप्रैल माह तक 25 प्रतिशत धनराशि जमा कराने का आश्वासन दिया है, जिससे लगभग 715 करोड़ रुपये धनराशि प्राप्त हो जाएगी। इन सभी 94 परियोजनाओं में कुल 15 हजार फ्लैटों की रजिस्ट्री होने की उम्मीद है। इसके अलावा अतिरिक्त मुआवजे के खिलाफ कोर्ट में जाने वाले प्रोजेक्टों के विवाद को जल्द सुलझाने के लिए भी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण प्रयासरत है, ताकि फ्लैट खरीदारों के नाम रजिस्ट्री जल्द हो सके।
इन प्रोजेक्ट के 1366 फ्लैटों की हुई रजिस्ट्री
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बिल्डर विभाग ने बीते एक माह में जिन 39 विभिन्न बिल्डर परियोजनाओं के 1366 फ्लैटों की रजिस्ट्री की है उनमें पूर्वांचल प्रोजेक्ट, सीरजा रियल एस्टेट सॉल्यूशंस, रतन बिल्डटेक, कैपिटल एथेना, निराला इंफ्राटेक, एसजेपी होटल एंड रिसॉर्ट, स्टारसिटी रियल एस्टेट, पंचशील बिल्डटेक, प्रॉस्पर बिल्डटेक, श्रीधारा इंफ्राटेक, गुलशन होम्स, एनटाइचमेंट, पंचशील हाईनिस, हैबीटेक, अल्पाइन इंफ्राटेक, आईआईटीएल निंबस, गौरसन्स हाईटेक, पिजन, ऐस प्लेटटिनम, कामरूप इंफ्राबिल्ड, महालक्ष्मी, जिंदल, डोम्स, न्यूवे होम, ऐस सिटी, एपीवी रियलिटी, ऐम्स गोल्फ टाउन, गौड़ संस प्रमोटर्स, नंदी इंफ्राटेक, बलगार्विया, आर्जा, वेलेंसिया होम्स, अरिहंत आर्डन, टाउन पार्क, आस्था ग्रीन, सोलरिस, ओंमकार नेस्ट शामिल हैं।
4500 और फ्लैटों की रजिस्ट्री जल्द
ग्रेटर नोएडा स्थित 28 प्रोजेक्ट्स में 4500 और फ्लैटों की रजिस्ट्री होनी है, जिसके लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से बिल्डरों को तय धनराशि जमा करने के लिए पत्र जारी किया गया है। इनमें स्टार सिटी बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड, जेएसएस बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड , एसएजी रियल टेक प्राइवेट लिमिटेड, निराला वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड , ट्राइडेंट इंफ्रा होमलैंड प्राइवेट लिमिटेड , गुलशन होम प्राइवेट लिमिटेड, अरिहंत इंफ्रा रिएल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड, एसजेपी इनफ्रॉकाम प्राइवेट, अजय इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड, ईको ग्रीन बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड, महालक्ष्मी बिल्ड टेक लिमिटेड , अरहम इस्कॉन प्राइवेट लिमिटेड, टाउन पार्क बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड , एआईजी इंफ्राटेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, देविका गोल्ड होम प्राइवेट लिमिटेड, निराला डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, जतस्या प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड , राधे कृष्णा टेक्नो बिल्ड प्राइवेट लिमिटेड, निराला हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड, हेब इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, ओंमकार नेस्ट प्राइवेट लिमिटेड, एसडीएस इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड, निवास प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड, हिमालय रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड, बीएस बिल्डटेक, जेएम हाउसिंग लिमिटेड, रुद्रा बिल्डवेल इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड और ऐम्स गोल्फ टाउन डेवलपर्स शामिल हैं। कुछ अन्य प्रोजेक्ट भी हैं जिनके प्लेटो की रजिस्ट्री शुरू करने की प्रक्रिया चल रही है। इस तरह आने वाले दिनों में ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के कुल 94 प्रोजेक्टों में लगभग 15000 फ्लैटों की रजिस्ट्री हो सकेगी।
Noida: नोएडा प्राधिकरण का अभी भी कई बिल्डरों पर करोड़ों रुपये बकाया है। जिसकी वजह से खरीदारों को फ्लैट्स की रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है। अमिताभ कांत कमेटी की सिफारिशों के लागू होने के बाद सिर्फ 19 बिल्डरों ने नोएडा प्राधिकरण में 168 करोड़ रुपये जमा किए हैं। जबकि 57 बिल्डरों पर छूट के बाद 6400 करोड़ रुपये बकाया है। इस वजह से सिफारिशों के लागू होने के बाद अब तक 325 ही रजिस्ट्री हुई है।
सहमति के बाद भी 42 बिल्डरों ने पैकेज पर नहीं किए साइन
जानकारी के मुताबिक, 42 बिल्डरों ने बकाया जमा कराने के लिए सहमति जताई थी। इनमें से 19 बिल्डरों ने ही पैसे जमा कराए। जबकि के 23 बिल्डरों ने बगैर पैसे जमा कराए प्राधिकरण के पैकेज पर साइन कर दिए हैं। अभी भी नोएडा के 15 बिल्डरों के साथ प्राधिकरण के पैकेज पर साइन करने के बाबत सहमति नहीं बनी है। पांच बिल्डर तो पैकेज साइन करने पर सहमति जताने के बाद अब आनाकानी कर रहे हैं। प्राधिकरण के साथ सहमति के बाद पैकेज साइन करने वालों में जेएम इंफ्रा, पैन रियल्टर्स समेत करीब 42 बिल्डर हैं। जेएम इंफ्रा ने 18 अप्रैल को 6 करोड़ और पैन रियल्टर ने अलग-अलग तिथियों में 17 करोड़ रुपये जमा कराए हैं। इसके अलावा करीब 325 रजिस्ट्री भी अलग-अलग बिल्डरों की ओर से कराई गई है।
यूनिटेक बिल्डर पर 9 हजार करोड़ बकाया
बता देंकि नोएडा की 57 पूरी और अधूरी परियोजनाओं पर 8000 करोड़ रुपये नोएडा प्राधिकरण का बकाया है। इन्हें कोविड काल की छूट देने के बाद करीब 20 प्रतिशत राशि कम हो गई है। इसके बाद बकाये की राशि 6400 करोड़ रुपये हो गई है। वहीं, अगर अधूरी परियोजनाओं का भी बकाया जोड़ दिया जाए तो बकाया 28 हजार करोड़ है। लेकिन इनमें से अधिकांश मामले कोर्ट में हैं। यूनिटेक बिल्डर पर अकेले करीब 9 हजार करोड़ का बकाया है। ऐसे ही नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में 17 परियोजनाएं हैं। बाकी परियोजनाएं दूसरी कोर्ट में हैं।
बकाया जमा होने पर 7 हजार फ्लैटों की रजिस्ट्री हो सकेगी
उल्लेखनीय है कि अगर पूरी हो चुकी परियोजनाओं के बिल्डर बकाया राशि प्राधिकरण के पास जमा करा दें तो करीब 7 हजार फ्लैटों की रजिस्ट्री का रास्ता साफ हो जाएगा। यही वजह है कि अब तक केवल 2000 फ्लैटों की ही रजिस्ट्री का रास्ता साफ हुआ है।
इन पर सबसे अधिक बकाया
एम्स मैक्स गार्डेनिया पर 1634 करोड़, गार्डेनिया एम्स डेवलपर्स पर 665 करोड़, ओमेक्स बिल्ड होम पर 494 करोड़, अंतरिक्ष डेवलपर्स पर 240 करोड़, किंडल इंफ्राहाइट पर 308 करोड़ समेत 100 करोड़ से बड़े बकायेदारों की संख्या 45 हैं। इनमें यूनिटेक और आम्रपाली की परियोजनाएं भी शामिल हैं।
न्याय की अपेक्षा में एनसीएलएटी कोर्ट की ओर टकटकी लगाये हुए सुपरटेक के 26000 घर खरीदारों के भविष्य का फैसला फिर एक सप्ताह के लिए टल गया है। नोएडा से नॉर्थ आई, इकोसिटी, रोमानो और केप टाउन, ग्रेटर नोएडा से इकोविलेज 1, इकोविलेज 3, स्पोर्ट्स विलेज, यमुना एक्सप्रेसवे से अपकंट्री, गुरुग्राम से अराविले और हिलटाउन और बेंगलुरु से मिकासा सहित सुपरटेक लिमिटेड की ग्यारह परियोजनाओं से 26 हजार से अधिक घर खरीदारों के एनसीएलएटी के आदेश के द्वारा नियुक्त अधिकृत प्रतिनिधियों (एआर) ने घर खरीदारों के अधिकार को बचाने के लिए अपना प्रार्थना दाखिल किया था। जिस पर आज सुनवाई होनी थी। लेकिन सुनवाई टल गई है।
सुपरटेक बिल्डर की प्रताड़ना से मुक्ति दिलाने की मांग
यह NCLAT के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा संयुक्त आवेदन हैं। जिसमे 26000 से अधिक घर खरीदारों की सुपरटेक की प्रताड़ना से मुक्ति के प्रार्थना है। घर खरीदारों के प्रतिनिधिमंडल ने एनसीएलएटी के समक्ष आवेदन किया है। जिसमें एनसीएलएटी ने मांग कि है कि एनबीसीसी को घर खरीदारों के हित को ध्यान में रखते हुए समाधान प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्देश दें। फोरेंसिक ऑडिट से एनबीसीसी को एक मजबूत योजना बनाने में मदद मिलेगी जो सभी हितधारकों के लिए फायदेमंद होगी। एनबीसीसी को आम्रपाली में आने वाली समस्याओं से बचने में मदद मिलेगी। सुपरटेक लिमिटेड के प्रबंधन की भागीदारी को पूरी तरह से हटा दिया जाए। मौजूदा घर खरीदारों के लिए कोई लागत वृद्धि नहीं की जाए।
10 साल से लड़ रहे हक की लड़ाई
पिछले दस वर्षों से ये घर खरीदार अपने घर की लगभग पूरी राशि का भुगतान करने के बाद भी असहाय, बेघर हैं। जो लोग अपना घर प्राप्त करते हैं, वे खराब बुनियादी ढांचे और उचित सुरक्षा और सुविधाओं की कमी के तहत रहने वाले आंशिक रूप से निर्मित समाजों में अराजकता और कुप्रबंधन का शिकार हैं।
एनसीएलएटी कोर्ट में ये रहे मौजूद
एनसीएलएटी कोर्ट में होम बायर के प्रतिनिधियों में इको विलेज 3 से चेतन कपूर एवम् आयोग रस्तोगी, इको विलेज 1 से गौरव कपिल एवम् विजय चौहान, हिलटाउन से कपिल दत्त शर्मा, केप टाउन से अरुण जैन, स्पोर्ट्स विलेज से अचिन मजूमदार, रोमानो से विक्रांत वर्मा, अपकंट्री से कैलाश चंद्र, इकोसिटी से राकेश यादव एवम् ज्योति रानी (अधिवक्ता) उपस्थित रहे. सुनील मैथ्यू, आकाश गोयल एवम् राहुल पाराशर वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा सम्मिलित हुए।
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December 17, 2022