Noida: प्राधिकरण के एसीईओ संजय खत्री के साथ किसानों की बैठक में बात नहीं बन पाई है। लगभग एक घंटा चली बैठक बिना किसी निष्कर्ष के ही खत्म हो गई। जिसके बाद नाराज किसानों ने आंदोलन जारी रखने की बात कही है। किसानों के साथ हुई प्राधिकरण के अधिकारियों की बैठक में सीईओ नहीं पहुंचे।
अभी जारी रहेगा आंदोलन
किसान नेता सुखबीर खलीफा ने कहा था कि अगर बैठक में समाधान नहीं निकला तो वो टेंट लगाकर जोरदार प्रदर्शन करेंगे। अब बैठक खत्म हो गई। एसीईओ संजय खत्री के साथ हुई बैठक में समाधान नहीं निकला। जिससे अब किसानों में नाराजगी देखने को मिल रही है। आपको बता दें अलग-अलग 81 गांव से किसान इस धरना प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे हैं।
इन मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसान
किसान नेता सुखबीर खलीफा इससे पहले भी सेक्टर-6 स्थित नोएडा प्राधिकरण के दफ्तर धरना प्रदर्शन कर चुके हैं। किसानों की मांगें अब तक पूरी नहीं हुईं। सुखबीर खलीफा ने कहा, किसानों को 10 प्रतिशत आबादी के भूखंड, 64.7 प्रतिशत मुआवजा देने सहित कई मांगों के लिए लगातार संघर्ष किया जा रहा है।
Noida: विभिन्न मांगों को लेकर 81 गावों के किसानों का धरना नोएडा प्राधिकरण के दफ्तर पर कई दिनों से चल रहा है। भारतीय किसान परिषद के तत्वावधान में धरना प्रदर्शन के 16वें दिन नोएडा प्राधिकरण कार्यालय के बाहर महापंचायत हुई थी। जिसमें दो जनवरी को नोएडा प्राधिकरण और पांच जनवरी को एनटीपीसी की तालाबंदी करने का फैसला लिया गया था। इस प्रदर्शन में शामिल होेने के लिए किसान नेता सुखबीर खलीफा के आव्हान पर 81 गांव में किसानों ने कैंडल मार्च निकाला और लोगों से समर्थन मांगा। कैंडल मार्च में बच्चे, बुजुर्ग महिलाएं भी काफी संख्या में मौजूद रही।
किसानों की ये है मुख्य मांगें
बता दें कि किसान 10 प्रतिशत अतिरिक्त भूखंड, आबादी की सीमा 450 मीटर से बढ़ाकर एक हजार मीटर करने, अतिक्रमण के नाम पर किसानों के भूखंड को प्राधिकरण में न रोकने और पांच प्रतिशत के विकसित भूखंड पर वाणिज्यिक गतिविधि अनिवार्य करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
Noida: भारतीय किसान परिषद के तत्वाधान में नोएडा प्राधिकरण पर किसानों का धरना 27वें दिन भी जारी रहा। जैसे कि पहले ही पुलिस प्रशासन ने आश्वासन दिया था कि जल्द ही किसानों की वार्ता 10 परसेंट के मुद्दे व 5% मूल आबादी और अतिक्रमण के मुद्दों पर प्राधिकरण चेयरमेन से होगी। इसी के तहत रविवार को समिति के अध्यक्ष सुखबीर खलीफा के नेतृत्व में प्राधिकरण चेयरमेन से वार्ता हुई।
मुआवजे की फाइल विधि विभाग को भेजी गई
बैठक में चेयरमैन ने किसानों की मुख्य मांग 10% के मुद्दे को गंभीरता से सुनते हुए कहा कि आपकी फाइल को विधि विभाग में कानूनी अमली जामा पहनाने के लिए व वित्तीय विभाग में गणना के लिए भेजा हुआ है। चेयरमैन ने कहा कि जो कार्य उनके हाथ में है, पर तत्काल प्रभाव से चर्चा करके धरातल पर उतरने के लिए तैयार हैं।
किसान नेता ने दी सचिवालय की तालाबंदी की चेतावनी
जैसे की मूल 5 परसेंट के प्लाट में कमर्शियल गतिविधि, 450 से हजार विनियमितीकरण व अतिक्रमण जैसे मुद्दे को गंभीरता से लिया। सीईओ से चर्चा करने के बाद उसे पर कार्य किया जाएगा। वहीं, सुखबीर खलीफा ने स्पष्ट शब्दों में चेयरमैन से कहा कि जब तक किसानों का समाधान नहीं हो जाएगा, धरना दिन प्रतिदिन संवैधानिक रूप से उग्र होता रहेगा। वह दिन भी दूर नहीं जब मिनी सचिवालय पर तालाबंदी भी की जा सकती है।
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर किसान सभा के दिन रात के धरना 20वें दिन भी जारी रहा। धरने की अध्यक्षता भीम सिंह प्रधान खोदना खुर्द ने की व संचालन महासचिव जगबीर नंबरदार ने किया। धरने को संबोधित करते हुए किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉक्टर रुपेश वर्मा ने कहा किसान आंदोलन की ताकत के बल पर 12 फरवरी को हुई वार्ता में प्रशासन ने 18 फरवरी तक 10% आबादी प्लाट और नए कानून को लागू करने के संबंध में हाई पावर कमेटी के गठन का आश्वासन दिया था। 18 तारीख तक प्रशासन की ओर से हाई पावर कमेटी के गठन की कोई सूचना नहीं दी गई है।
कमिश्नर ने भी की थी वादा खिलाफी
रुपेश वर्मा ने आगे कहा कि पुलिस कमिश्नर ने पूर्व में भी इसी प्रकार वादा खिलाफी की थी। जेल में बंद किसानों को इसी आधार पर आश्वासन दिया गया था कि 30 जून 2023 तक हाई पावर कमेटी का गठन कर दिया जाएगा। परंतु शासन ने पत्र भेज कर हाई पावर कमेटी के गठन से इनकार कर दिया था। इसी प्रकार पुनः उन्होंने आश्वासन दिया और आज 18 फरवरी गुजर गई और कोई सूचना प्रशासन की ओर से कमेटी के गठन के बाबत नहीं आई है।
सरकार की किसानों की समस्याओं पर गंभीर नहीं
किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि सरकार किसानों की समस्याओं को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। बिल्डरों के मसले पर बिना किसी देरी के कार्रवाई होती है। जबकि किसानों के 5% के प्लाट भी नोएडा में बिल्डरों को आवंटित कर दिए गए हैं। किसान के साथ लगातार धोखाधड़ी इस सरकार की फितरत है। इस सरकार में चुने हुए प्रतिनिधियों को 10-10 साल हो चुके हैं उनके कान पर जू तक नहीं रेंग रही है। किसानों के मुद्दों को लेकर जरा भी गंभीर नहीं है।
सत्ताधारी पार्टी का करेंगे विरोध
किसान सभा के नेता निरंकार प्रधान ने कहा कि अबकी बार 10% नहीं तो वोट नहीं का नारा दिया गया है, जिसे गांव-गांव में पहुंचा कर सत्ताधारी पार्टी को पूरी तरह नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जाएगी और इसे पूरी तरह राजनीतिक मुद्दा बनाया जाएगा। नौजवान नेता प्रशांत भाटी ने कहा कि लड़ाई आर पार की है, जीत कर ही दम लेंगे। इसी सिलसिले में 19 फरवरी को भारतीय किसान परिषद जय जवान जय किसान संगठन एवं अन्य किसा संगठन और विपक्षी पार्टियों के नेताओं को बुलाया गया है। आज के धरने को संबोधित करने वालों में निशांत रावल सुधीर रावल भोजराज रावल हृदेश शर्मा देशराज चौहान गुरप्रीत एडवोकेट अभय भाटी शिशांत भाटी नरेश नागर मोनू नागर रईसा चौहान तिलक देवी जोगेंद्र देवी महिला सभा के नेता आशा यादव रेखा चौहान अजय पाल भाटी इंद्रजीत भाटी मोहित नागर मोहित यादव रंगीलाल भाटी जयकरण भाटी कृष्ण पाल भाटी दुष्यंत सेन सैकड़ो की संख्या में महिला पुरुष किसान उपस्थित रहे।
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