तीखे सवालों पर भड़के योगी के मंत्री ने कर दी हदें पार, मच गया सोशल मीडिया पर हाहाकार, दिल्ली तक छिड़ी चर्चा, पढ़ें एक रिपोर्ट में

अगर आप किसी शख्स को उसकी गलतियों या खामियों का आईना दिखा दो तो जाहिर सी बात है वो भड़केगा ही. ऐसा ही एक वाकया पेश आया जौनपुर में. जहां पर भारतीय जनता पार्टी ने सदस्यता अभियान को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी. इस दौरान बीजेपी के राज्यमंत्री गिरीश चंद्र यादव भी पहुंचे थे. जहां पर मंत्री जी से जब मुद्दे पर सवाल पूछे गए तो वह भड़क गए. 

विकास कार्यों को लेकर पत्रकार ने पूछा था सवाल
जौनपुर में नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत विकास कार्य और शीतला चौकिया धाम में दोबारा पर्यटन विभाग की तरफ से कई करोड़ रुपये सुंदरीकरण के लिए दिए जाने को लेकर सवाल पूछा गया. इस पर राज्य मंत्री गिरीश चंद्र यादव ने कहा कि गोमती नदी पर रिवर फ्रंट का इतना बढ़िया काम हो रहा है लेकिन मीडिया द्वारा इसे नहीं दिखाया जा रहा है. यह मैंने कराया है और विकास का कार्य किया है. हम हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार हैं. चौकिया धाम के फंड को लेकर राज्य. मंत्री गिरीश चंद्र यादव ने कहा कि इतनी बड़ी स्वीकृत कराई गई है. 70 साल के इतिहास में इतना पैसा कभी नहीं आया है. आज अगर देखा जाए तो रिंग रोड बन रहा है. आज गोमती नदी पर शहर के अंदर दो पुलों का निर्माण हो रहा है. यही नहीं आईटीआई में महिलाओं का ट्रेड स्वीकृत कराया गया. फायर स्टेशन बना हुआ है. मेडिकल कॉलेज का शुभारंभ हो गया है. 

मंत्री ने दी पत्रकार को धमकी
इसी बीच भाजपा के जिला अध्यक्ष पुष्पराज सिंह ने पत्रकार को रोकते हुए कहा कि यह कार्यक्रम सदस्यता अभियान को लेकर है और आप बहुत ज्यादा सवाल कर रहे हैं. इसके बाद राज्य मंत्री गिरीश चंद्र यादव ने कहा कि आज भारतीय जनता पार्टी सदस्यता अभियान की शुरुआत कर रही है और हजारों की संख्या में लोग यहां पर सदस्य बनने के लिए जुटे हुए हैं. वहीं जब प्रेस वार्ता समाप्त हुई तो मीडिया कर्मियों के तीखे सवालों से तमतमाए मंत्री पत्रकार को देख लेने की धमकी देने लगे .

By Super Admin | September 04, 2024 | 0 Comments

बीजेपी शासित इस राज्य में खत्म हुआ VIP कल्चर, दिल्ली तक छाई चर्चा

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक बड़ा फरमान जारी कर दिया है। सीएम के इस फरमान को VIP कल्चर पर बड़ा एक्शन बताया जा रहा है। दरअसल असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने मंत्री, विधायक और सरकारी कर्मचारियों को अपना बिजली का बिल खुद जमा करने का निर्देश दिया है। उनका कहना है कि इसका मकसद VIP कल्चर को खत्म करना है। साथ ही बताया कि राज्य सरकार बिजली की दरों को कम करने की कोशिश कर रही है। खास बात है कि असम सरकार ने रात 8 बजे के बाद सभी सरकारी दफ्तरों में बिजली अपने आप काटने का फैसला किया गया है।

"सीएम अपना बिल 1 जुलाई से जमा कर पेश करेंगे उदाहरण"
हिमंत ने इस बारे में सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखते हुए कहा कि हम करदाताओं के पैसे से सरकारी अधिकारियों के बिजली बिलों का भुगतान करने के वीआईपी कल्चर के नियम को समाप्त कर रहे हैं। मैं और मुख्य सचिव 1 जुलाई से अपना बिजली के बिल का भुगतान कर दूसरों के लिए उदाहरण पेश करेंगे। एक जुलाई, 2024 से सभी सरकारी कर्मचारियों को अपने घर के बिजली का बिल खुद जमा करना होगा। सरमा ने कहा कि हमारा लक्ष्य राज्य में कम आय वाले लोगों को लाभ पहुंचाते हुए एक रुपये प्रति यूनिट की दर से कम में बिजली देना है। सरकार अगले साल अप्रैल तक 1 रुपये प्रति यूनिट करने का लक्ष्य बना रही है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में बिजली बचाने के लिए अभियान के तहत, असम सरकार ने सभी सरकारी ऑफिस में रात 8 बजे के बाद बिजली का ऑटो-डिस्कनेक्शन शुरू करने का भी फैसला लिया है। ये फैसला राज्य भर के 8,000 सरकारी कार्यालयों और स्कूलों में पहले से ही लागू है।

By Super Admin | June 17, 2024 | 0 Comments

लव जिहाद वालों का कर दिया 'बाबा बुलडोजर' ने तगड़ा इंतज़ाम, दिल्ली तक छिड़ी चर्चा, UP में लागू होगा अब ये सख्त कानून !

यूपी विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो गया है. वहीं इस सत्र के दौरान सरकार ने यूपी में 'लव जिहाद' जैसे अपराधों पर कड़ी सजा का प्रावधान करने का फैसला लिया है. सरकार ने सोमवार को विधानसभा में यूपी विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक 2024 पेश किया है. जिसमें पहले से परिभाषित अपराधों में सजा जहां दोगुनी तक बढ़ा दी गई है. वहीं नए अपराध भी शामिल किए गए हैं जिसमें ताउम्र जेल का प्रावधान भी रखा गया है.

आजीवन कारावास के साथ जुर्माने की भी सजा
इस विधेयक में विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन के लिए फंडिंग को भी अपराध के दायरे में लाया गया है. इसमें विदेशी संस्थाओं या किसी भी अवैध संस्था से हुई फंडिंग को भी शामिल किया गया है. साथ ही अगर कोई धर्म बदलावाने की नीयत से किसी व्यक्ति को जीवन या संपत्ति के भय में डालता है, हमला, बल प्रयोग या शादी करने का वादा करता है या इसके लिए षड्यंत्र करता है तो उसे आजीवन कारावास के साथ जुर्माना भी भरना पड़ेगा. वहीं इसके अंतर्गत अब कोर्ट पीड़ित के इलाज के खर्च और पुनर्वास के लिए न्यायोचित धनराशि जुर्माने के रूप में तय कर सकेगी. सरकार की मानें तो अपराध की संवेदनशीलता, महिलाओं की गरिमा व सामाजिक स्थिति, महिला, एससी-एसटी आदि का अवैध धर्मांतरण रोकने के लिए महसूस किया गया कि सजा व जुर्माना और कड़ा करने की जरूरत है. जिसके कारण यह विधेयक लाया जा रहा है.

अवैध धर्मांतरण की सूचना देने वालों का बढ़ा दायरा
वहीं इस संशोधित विधेयक में एक और बदलाव करते हुए घटनाओं की सूचना देने वालों का दायरा भी बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है. पहले पीड़ित व्यक्ति, उसके माता-पिता, भाई-बहन या अन्य रक्त संबंधी, जिससे विवाह या दत्तक संबंध हो वह अपराध की सूचना दे सकता था. वहीं अब कोई भी व्यक्ति लिखित तौर पर इसकी सूचना पुलिस को दे सकेगा और उस पर जांच की जाएगी. कानून के तहत सभी अपराध गैर-जमानतीय बना दिए गए हैं. इनका विचारण सेशन कोर्ट से नीचे नहीं होगा. बिना लोक अभियोजक को अवसर दिए जमानत के आवेदन पर विचार भी नहीं किया जाएगा.

By Super Admin | July 29, 2024 | 0 Comments