रामलला को एक दिन में मिले 3 करोड़ 17 लाख से अधिक का दान, टूटा सभी मंदिरों का रिकॉर्ड


Ayodhya: श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद श्रद्धालुओं ने एक दिन में दान का सारा रिकॉर्ड तोड़ दिया है। देश भर के प्रमुख मंदिरों में रोज चढ़ने वाले चढ़ावे और दान के औसत से राम मंदिर को केवल प्राण प्रतिष्ठा के दिन मिले दान की तुलना करें, तो यह सबसे ज्यादा है। केवल 22 जनवरी को तीन करोड़ 17 लाख से अधिक की राशि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को दान में प्राप्त हुई। हालांकि, किसी सेलेब्रिटी व उद्यमी के समर्पण राशि का ब्योरा कार्यालय के पास नहीं है।

ऑनलाइन भी किया दान

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल कुमार मिश्र ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा की तिथि पर देश-दुनिया से राम भक्तों ने ऑनलाइन दान भी किया है। पहले रोज चार लाख तक की धनराशि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कार्यालय में जमा हो रही थी। यह ऑनलाइन भेजी गई राशि के अतिरिक्त थी। 23 को यह राशि दस लाख तक पहुंच गई।


बिना विश्राम अनवरत 18 घंटे दर्शन देते रहे बालक राम


बुधवार को नवीन विग्रह की एक झलक पाने के लिए देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने कठिन जतन किए तो रामलला ने भी उनके लिए तप करने में कसर नहीं छोड़ी। भक्त और भगवान के इस स्नेहमयी योगदान की सुखद परिणति सामने आई। सुबह से रात तक बिना किसी विघ्न व दुश्वारी के सुगम दर्शन होते रहे। ठिठुरती ठंड में पांच वर्ष के 'बालक राम' अनवरत 18 घंटे बिना विश्राम भक्तों को दर्शन देते रहे। अपने नव्य मंदिर में विराजने के तीसरे दिन सबके आराध्य तड़के चार बजे निद्रा से जागे तो फिर रात 10 बजे के बाद ही शयन के लिए प्रस्थान किया। आरती व भोग के दौरान भी नृत्य, रंग और गूढ़ मंडप में मौजूद दर्शनार्थियों को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा।


ट्रेनों के लिए खुला अयोध्या रूट, 6 ट्रेनें हुईं बहाल


राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अयोध्या रूट की कई ट्रेनें बंद कर दी गईं थीं, वह आज से बहाल हो जाएंगी। अयोध्या रूट की निरस्त चल रहीं छह ट्रेनें बृहस्पतिवार से बहाल हो जाएंगी। वहीं बदले रास्ते से चलाई जा रहीं अयोध्या रूट की 30 ट्रेनें भी अपने तय मार्ग पर लौट आएंगी। इससे अयोध्या जाने वाले यात्रियों और श्रद्धालुओं को सहूलियत होगी। पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि मेंटेनेंस कार्यों के कारण निरस्त व बदले रूट से चलाई जा रही थीं।

By Super Admin | January 26, 2024 | 0 Comments

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