Noida: अगर आप भी रोजाना कमाना चाहते हैं हजारों तो लिंक पर क्लिक कर हमसें जुड़े। इस तरह के मैसेज आपके पास भी आए दिन आते रहते होंगे। अगर आप इनके झांसे में पड़ रहे हैं तो सावधान हो जाइए, इस तरह से जालसाज आपके अकाउंट खाली कर देंगे। जब तक आपको ये पता चलेगा कि आपके साथ जालसाजी हो गई है तो शायद तब तक बहुत देर हो चुकी होगी। साइबर जालसाजों ने एक महिला समेत तीन लोगों के अकाउंट को खाली कर दिया। तीनों के साथ कुल मिलाकर 50 लाख की साइबर ठगी हुई है। तीनों मामले में साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है और अब जांच की जा रही है।
ऐसे हुई ठगी
साइबर जालसाजों ने महिला समेत तीन लोगों के से 50 लाख रुपये से अधिक की ठगी की है। घर बैठे कमाई का झांसा देकर टेलीग्राम ग्रुप जोड़कर वारदात को अंजाम दिया गया। दरअसल, सेक्टर-76 निवासी आर्या सिंह से कुछ दिन पहले उनके पास व्हाट्स एप मैसेज आया। इसमें घर बैठे डिजिटल मार्केटिंग और ऑनलाइन ट्रेडिंग करके लाखों रुपये कमाने की बात उनसे की गई। इस लालच में आकर आर्या सिंह ने अनजाने में ठगों से संपर्क किया तो उन्हें टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ दिया गया। आरोपियों ने उन्हें यूट्यूब और ई-कॉमर्स वेबसाइट के ऑनलाइन पेज को अच्छी रेटिंग देने का टास्क दिया। इसके बदले कुछ रुपये भी भेजे। फिर उनका अकाउंट बनाकर कई कंपनियों के शेयर में निवेश करने को कहा। यहां भी उन्हें शुरुआती दौर में फायदा हुआ। इसके बाद फिर से अकाउंट को खोलने का झांसा देकर जालसाजों ने कई बार में उनसे 21 लाख 42 हजार रुपये की ठगी कर ली।
ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर ठगी
ग्रेटर नोएडा निवासी सुनील कुमार से जालसाजों ने ऑनलाइन क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग करके लाखों कमाने का झांसा दिया। इस तरह उनसे 23. 35 लाख रुपये की ठगी कर ली। वहीं ग्रेटर नोएडा वेस्ट निवासी मितिका जोशी से पार्ट टाइम जॉब के नाम पर जालसाजों ने 6 लाख रुपये ऐंठ लिए।
Uttar Pradesh: आज कल सोशल मीडिया का दौर है. आज के समय में लोगों की जिंदगी जितनी आसान हो गई है. उतना ही साइबर क्राइम भी बढ़ा है. ऐसे में उत्तर प्रदेश के 57 जिलों में साइबर थानों की शुरूआत की गई है. अब इसी लिस्ट में गाजियाबाद का भी नाम शामिल हो गया है. जी हां गाजियाबाद को भी साइबर थाना मिल गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 28 फरवरी को वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से साइबर थाने का उद्घाटन किया. अब साइबर अपराध से पीड़ित लोगों को थाने-चौकी के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे.
पुलिस आयुक्त ने दी जानकारी
पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्रा ने कहा कि भले ही साइबर थाने का लोकार्पण बुधवार को हुआ हो लेकिन 27 जनवरी से साइबर थाने में टीम अपना काम कर रही है. 27 जनवरी से 27 फरवरी तक थाने में 39 मुकदमे दर्ज किया जा चुके हैं. इनमें एक करोड़ 11 लाख रुपये फ्रिज भी करा दिए गए हैं. साथ ही 8,591 अपराधियों के नंबरों को भी ब्लॉक कराया गया है।
पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्रा ने आगे कहा कि साइबर थाने के अलावा कमिश्नरेट के सभी थानों पर साइबर सेल भी बनाई गई है, जहां पांच लाख रुपये तक की ठगी के मामले सुने जाएंगे. इसके लिए 189 पुलिसकर्मियों को साइट्रेन की ट्रेनिंग दी गई है
Noida: थाना सेक्टर-39 पुलिस व साइबर टीम पुलिस द्वारा बीओ आईपी कॉल, टीएफएन व सोफ्टफोन के माध्यम से विदेशों में रह रहे व्यक्तियों के साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वाले गैंग का पर्दाफाश करते हुए 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।इनके कब्जे से 18 लैपटॉप, 1 इण्टरनेट राउटर, 2 इन्टरनेट नेटवर्क स्विच, 4 चार पहिया वाहन व 17 हेडफोन बरामद हुए हैं।
टेक्निकल सपोर्ट के नाम पर ठगी करते थे
गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि कॉल आईबिम साफ्टवेयर से हमारे कॉल सेंटर मे लगे सिस्टम पर लैंड कराते हैं। इस कॉल को पूर्व से एक्टिव कॉलर कॉल रिसीव करते हैं और अपने आप को विदेशी कम्पनी का प्रतिनिधि बताते हुए हुए उनकी समस्या का जल्द समाधान का आश्वासन देते हैं। कॉल सेंटर में काम करने वाले कर्मचारी विदेशी लोगों को बोलते है कि आपका सिस्टम हैक तथा आईपी एड्रेस कम्प्रोमाईज्ड हो गया है। इस समस्या के समाधान के लिए उनके सिस्टम को ऐनीडेस्क साफ्टवेयर से कनेक्ट कर उनके सिस्टम में आ रही असुविधा को हल करने के नाम पर एमेक्स, अमेजन, एप्पल, गूगल प्ले, गेमस्टाप, सिपोराह, नोर्ड स्टरोम आदि गिफ्ट कार्ड 100-500 डॉलर लेते हैं।
सिस्टम हैक का डर दिखाकर कंट्रोल में ले लेते थे सिस्टम
इन्टरनेट का प्रयोग कर के वॉइप कॉल के माध्यम से विदेशी नागरिकों से कंप्यूटर में तकनीकी कमी, पोर्नोग्राफिक कंटेंट व एंटीवायरस न होने कारण सिस्टम हैक होने की बात कह कर उनका कंप्यूटर रिमोट डेस्कटॉप एप्प से कंट्रोल कर लेते थे। इसके बाद कंप्यूटर खराब हैक होने का भय दिखा कर ठीक करने के नाम पर उनसे गिफ्ट कार्ड, क्रिप्टो करेंसी व वायर ट्रान्सफर के माध्यम से पैसे मंगवाते थे। गिफ्ट कार्ड व क्रिप्टो करेंसी व वायर ट्रान्सफर करा लेते हैं।
ये हुए गिरफ्तार
1.प्रिंस पुत्र अनिल चौधरी निवासी, अरविन्द स्टेट, जीन्द, हरियाणा।
2.राम राठौर पुत्र सुशील कुमार निवासी क्यू, फेज 1 , बुद्ध विहार , दिल्ली।
3.वैभव अरोडा पुत्र संजीव अरोडा निवासी अशोक विहार, दिल्ली।
4.तन्सुल सोलंकी पुत्र सुरेश सोलंकी निवासी पूठ कलां , दिल्ली।
5.अंकित पन्त पुत्र आशीष पन्त निवासी ऋषि विहार, देहरादून।
6.कौशिक सैन पुत्र संजय सैन निवासी विजय कॉलोनी , फेज-1, देहरादून।
7.शिवम शर्मा पुत्र ओमप्रकाश शर्मा निवासी भरत विहार, दिल्ली।
8.ध्रुव चोपडा पुत्र योगेन्द्र चोपडा निवासी जे कृष्ण विहार, विजय चौक, शिव मूर्ती, दिल्ली।
9.सारांश दुआ पुत्र मदन दुआ पुत्र फ्लैट पॉकेट 4, सेक्टर-2, रोहिणी, दिल्ली।
10.नवजोत सिंह पुत्र हरशरण सिंह निवासी शिवनगर, जेल रोड , दिल्ली।
11.विक्की पुत्र गुलाब सिंह निवासी विकास नगर, देहरादून।
12.मो० नादिर पुत्र स्व० मो० उमर निवासी खालापार, मुज़फ्फरनगर।
13.वैभव गौड़ पुत्र बाबुराम गौड़ निवासी प्रेम नगर, देहरादून।
14.सौरभ अवस्थी पुत्र सतेन्द्र अवस्थी निवासी गौर सिटी, गौतमबुद्धनगर।
साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। देखा जाए तो लोगों की मेहनत की कमाई का फायदा ठग उठा रहे हैं। कुछ लोग ऐसी ठगी का शिकार होने पर सतर्क हो जाते हैं और पुलिस को घटना की सूचना देते हैं। तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो इसकी शिकायत करने से कतराते हैं। लोगों का यही डर ठगों की राह आसान बना देता है। कुछ साइबर ठग लोगों को ब्लैकमेल करके भी अपना शिकार बनाने की कोशिश करते हैं। आमतौर पर माना जाता है कि ग्रामीण इलाकों में और कम पढ़े-लिखे लोग साइबर ठगी का शिकार ज्यादा होते हैं। लेकिन रिपोर्ट इस मान्यता को सिरे से खारिज कर रही है। क्योंकि जो आंकड़े हैं, उनके अनुसार यूपी में नोएडा और ग्रेटर नोएडा के लोग ही साइबर ठगी के ज्यादा शिकार हो रहे हैं।
ठगी के सबसे ज्यादा मामले गौतमबुद्ध नगर में
एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले पांच सालों में क्रेडिट और डेबिट कार्ड के जरिए यूपी में सबसे ज्यादा ठगी के मामले गौतमबुद्ध नगर जिले यानी नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हुए हैं। आंकड़े बताते हैं कि गौतमबुद्ध नगर में 12 हजार, 548 लोगों के साथ साइबर ठगी हुई, जबकि दूसरे नंबर पर मौजूद लखनऊ में 3446 लोग साइबर ठगी का शिकार बने। तीसरे नंबर पर एनसीआर में मौजूद गाजियाबाद रहा , जहां पर पिछले पांच वर्षों में 2409 लोगों के साथ साइबर ठगी हुई। नोएडा-ग्रेटर नोएडा यानी गौतमबुद्ध नगर जिले में साल 2018-19 में 4323 लोगों के साथ साइबर ठगी के मामले सामने आए। जबकि साल 2019-20 में 1661 लोग साइबर ठगों के शिकार बने। 2020-21 के कोरोना काल में भी साइबर ठगों ने 1857 लोगों को चूना लगाया । फिर 2021-22 में साइबर ठगों ने 1688 लोगों के सा थ जालसाजी की। 2022-23 में 1200 लोगों से किसी तरह उनके क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड की जानकारी लेकर ठगी की। साल 2023 में भी 31 दिसंबर तक 1819 लोगों को साइबर ठगों ने लूटा । इस दौरान गौतमबुद्ध नगर पुलिस सिर्फ दो फीसद मामलों में ही ठगों को गिरफ्तार कर पाई।
RTI से हुआ यूपी में हुई साइबर ठगी का खुलासा
RTI के अनुसार उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में पिछले पांच सालों में क्रेडिट और डेबिट कार्ड से ठगी यानी साइबर ठगी की कुल 28 हजार, 816 शिकायतें मिली हैं। ठगी के इन मामलों की जानकारी राज्य के अलग-अलग बैंकों की ब्रांचों से रिजर्व बैंक को दी गई हैं।
साइबर ठगों के चंगुल में UP भी
अगर पूरे उत्तर प्रदेश की बात करें तो साल 2019 में 5109 लोगों के साथ साइबर ठगी हुई। 2020 में 3197, साल 2021 में 4130, साल 2022 में 4223 और साल 2023 में 12157 लोगों को साइबर ठगों ने अपना शिकार बनाया। पिछले पांच सालों में साइबर ठगों ने नोएडा में 12548, लखनऊ में 3446, गाजियाबाद में 2409, कानपुर देहात में 1248, आगरा में 803, बरेली में 791, वाराणसी में 722, मेरठ में 646, प्रयागराज में 572, मथुरा में 413 लोगों को अपना शिकार बनाया है।
आपके साथ हो साइबर ठगी, तो क्या करें
साइबर ठगों के निशाने पर कभी भी कोई भी आ सकता है। अगर आप भी उनके निशाने पर आ गए हैं और आपके साथ साइबर ठगी होती है तो आपको तुरंत इसकी शिकायत साइबर क्राइम थाने और साइबर सेल में करनी चाहिए। साइबर सेल का टोल फ्री नंबर 1930 और 155260 हैं। यहां कॉल करके आप शिकायत कर सकते हैं। इसके अलावा cybercrime. gov.in पर ई-मेल के जरिये भी आप अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। अगर आपके साथ ठगी होती है तो जल्द से जल्द अपने उस बैंक से संपर्क करके पूरी घटना के बारे में जानकारी दें। इससे आपकी रकम वापस मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
गौतमबुद्ध नगर के हर थाने में साइबर एक्सपर्ट
गौतमबुद्ध नगर जिले में Cyber ठगी के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने सभी थानों में एक इंस्पेक्टर को तैनात किया है। यह इंस्पेक्टर साइबर ठगी से जुड़े मामलों के एक्सपर्ट होते हैं और ऐसी शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करते हैं। इसके अलावा हर थाने में साइबर हेल्प डेस्क भी बनाई गई है। गौतमबुद्ध नगर जिले में साइबर क्राइम थाना भी है, इस थाने में 5 लाख या इससे अधिक की ठगी के मामले दर्ज किए जाते हैं।
नोएडा में डिजिटल अरेस्टिंग के मामले रुकने का नाम ही नहीं ले रहे है आए दिन ठंग किसी ना किसी को आपना शिकार बनाते रहते है। ताजा मामला नोएडा से देखने को मिला है जहां एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर महिला को 3 घंटे डिजिटल अरेस्टिंग कर 20 लाख रुपये ठंग लिए इस मामले में पीड़िता ने पुलिस से शिकायत की है। वही पुलिस ने मामला दर्ज कर मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
Noida News : नोएडा में साइबर ठगों ने एक महिला को यह डर दिखाकर 20 लाख रुपये ठग लिए कि ईरान को भेजे गए पार्सल में ड्रग्स और अन्य आपत्तिजनक सामान होंगे। महिला पेशे से आईटी इंजीनियर है, जिसने लोन लेकर ठगों के खाते में पैसे ट्रांसफर किए और करीब साढ़े तीन घंटे तक महिला को डिजिटल हिरासत में रखा। उनके पति ने रविवार को साइबर क्राइम थाने में अज्ञात चोरों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। पुलिस उस खाते की जांच कर रही है जिसमें धोखाधड़ी का पैसा ट्रांसफर किया गया था।
ईरानी कूरियर बताकर किया गिरफ्तार…
पुलिस को दी शिकायत में सेक्टर-82 निवासी मनोज कुमार ने बताया कि उनकी पत्नी आईटी इंजीनियर हैं। फिलहाल वह घर से काम कर रही हैं। हाल ही में दोपहर करीब 3:30 बजे उसकी पत्नी घर पर अकेली थी, तभी उसके मोबाइल फोन पर एक अनजान नंबर से कॉल आई। फोन करने वाले ने खुद को फेडेक्स इंटरनेशनल कूरियर सर्विस का कर्मचारी बताया। उन्होंने यह भी कहा कि कूरियर एक महिला के नाम पर ईरान जा रहा था। इसमें ड्रग्स और अन्य आपत्तिजनक वस्तुएं हैं। महिला को अधिक जानकारी के लिए मोबाइल पर एक बटन दबाने को कहा गया। ऐसा करते ही कॉल मुंबई साइबर क्राइम के आरोपी अधिकारियों के पास चली जाती है।
20 लाख रुपए का तत्काल लोन लिया…
महिला को जेल भेजने की धमकी देकर एक निजी बैंक से 20 लाख रुपये का लोन लेने के लिए कहा गया। आरोपी पुलिस अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि जांच के बाद पूरी रकम उसके खाते में वापस कर दी जाएगी। जेल जाने से बचने के लिए डरी हुई महिला ने तुरंत 20 लाख रुपये का लोन लिया और जालसाज द्वारा दिए गए खाते में पैसे भेज दिए। पैसे ट्रांसफर होने के दस मिनट बाद जालसाजों ने महिला से संपर्क बंद कर दिया।
घर के अंदर डिजिटल तरीके से कैद किया…
महिला को बताया गया कि इस संबंध में उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इसके तुरंत बाद, जालसाज स्काइप कॉल के जरिए महिला से जुड़ते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे के डर से गुंडों ने उसे इस घटना को किसी और के साथ साझा न करने की हिदायत दी। साथ ही महिला को घर के अंदर डिजिटल तरीके से कैद किया गया।
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