Noida Authority: मुआवजा घोटाले की जांच के लिए SIT का गठन, 15 दिनों में सुप्रीम कोर्ट में पेश करनी होगी रिपोर्ट

Noida: गैरकानूनी ढंग से मुआवजा देने के मामले में यूपी सरकार ने एसआईटी का गठन किया है। ये जानकारी यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दी। सरकार की तरफ से बताया गया कि पुलिस महानिदेशक रैंक के अधिकारी को जांच का प्रभार सौंपा गया है। SIT की टीम में तीन अधिकारी शामिल होंगे। जो अगले 15 दिनों में जांच की रिपोर्ट सुप्रीम के सामने पेश करेंगे। रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट स्वतंत्र जांच करवाने का फैसला लेगी। आपको बता दें नोएडा के गेझा तिलपताबाद गांव में पुराने भूमि अधिग्रहण पर गैरकानूनी ढंग से करोड़ों रुपये का मुआवजा देने का मामला सामने आया था। इस मामले में नोएडा प्राधिकरण के क्लर्क वीरेंद्र नागर की जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी। वीरेंद्र नागर सुप्रीम कोर्ट से जमानत मांगने पहुंचे थे। क्लर्क की विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई थी।

अब दो नवंबर को होगी मामले की सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने ये साफ किया है कि अब इस मामले को लेकर कोई अतिरिक्त समय नहीं दिया जाएगा। इस न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की जाने वाली रिपोर्ट के अवलोकन के बाद सुनवाई की अगली तारीख पर स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच के लिए निर्देश जारी करने की वांछनीयता पर विचार किया जाएगा। अब इन मामलों को 02 नवंबर 2023 को सुनवाई के लिए पेश किया जाएगा। याचिकाकर्ताओं को दी गई अंतरिम राहत जारी रहेगी।

By Super Admin | October 06, 2023 | 0 Comments

मुआवजा घोटाले में और कितने अफसर?, SIT की जांच में इन अधिकारियों के नाम आए सामने

Noida: विशेष जांच दल (एसएआईटी) की टीम के एक्शन के बाद नोएडा प्राधिकरण कार्यालय में हड़कंप मचा है। मुआवज़ा घोटाले मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर एसएआईटी ने नोएडा अथॉरिटी में दस्तावेज खंगालने के बाद अब अफसरों से पूछताछ की तैयारी कर ली है। दरअसल, नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन बड़े अधिकारी भी जांच के दायरे में आ गए हैं। जिसके बाद मुआवजा घोटाले में 23 अधिकारियों से एसआईटी पूछताछ करने जा रही है। इसे लेकर एसआईटी ने कार्मिक विभाग से संबंधित समय में तैनात रहे अधिकारियों की सूची मांगी थी।

वित्त नियंत्रक से की गई थी पूछताछ

वित्त नियंत्रक एसके गुप्ता से SIT ने पूछताछ के बाद एसआईटी की टीम को कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। उस समय के तत्कालीन सीईओ से भी पूछताछ टीम कर सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नियोजन, भूलेख और वित्त के अधिकारियों ने मिलकर 100 करोड़ रुपये के घोटाले को अंजाम दिया है। इस घोटाले का फिलहाल दायरा बढ़ता जा रहा है। आशंका जताई जा रही है कि घोटाले की ये रकम और भी बढ़ सकती है। एक अनुमान के मुताबिक ये घोटाला 100 करोड़ रुपये से कहीं ऊपर का है। फिलहाल एसआईटी की रडार पर प्राधिकरण के 23 अधिकारी हैं। जिन पर घोटाले में शामिल होने का आशंका है।

By Super Admin | December 07, 2023 | 0 Comments

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