Greater Noida: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने बुधवार को खोदना खुर्द में अवैध निर्माण पर बुल्डोजर चलाया। करीब 3 हजार वर्ग मीटर जमीन को खाली कराया। कुछ लोग अवैध निर्माण कर इसे कब्जाने की कोशिश कर रहे थे। खाली कराई गई जमीन कीमत करीब 6 करोड़ रुपये आंकी गई है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की कार्रवाई
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के वर्क सर्किल -2 के वरिष्ठ प्रबंधक राजेश कुमार ने बताया कि खोदना खुर्द के खसरा संख्या 371 व 372 की 3 हजार वर्ग मीटर जमीन पर अवैध कब्जा किया जा रहा था। कालोनाइजर यहां अवैध निर्माण कर रहे थे।
6 करोड़ों की जमीन से अतिक्रमण हटाया गया
प्राधिकरण के प्रबंधक रामकुमार व सहायक प्रबंधक राजेश निम के साथ सुरक्षाकर्मियों मदद से बुधवार को इन खसरा नंबरों की जमीन पर हो रहे अतिक्रमण को हटा दिया गया। करीब 3 हजार वर्ग मीटर जमीन खाली कराई गई, जिसकी कीमत करीब 6 करोड़ रुपये है। इस कारवाई में 3 जेसीबी व 1 डंफर का इस्तेमाल किया गया। करीब दो घंटे तक कार्रवाई चली। प्राधिकरण अधिकारियों ने अधिसूचित अथवा अधिग्रहित एरिया में अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।
Noida: जिले में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई जारी है। इसी कड़ी में डीएम मनीष कुमार वर्मा के निर्देश पर तहसीलदार सदर ने ग्राम नलगढ़ा में ग्राम समाज की भूमि को कब्जा मुक्त कराया ।
प्रशासन ने लगाया बोर्ड, दी चेतावनी
जानकारी के मुताबिक ग्राम नलगढ़ा की गाटा संख्या 122 जोकि वर्तमान में राजस्व अभिलेखों में ग्राम समाज की भूमि दर्ज है। उप जिलाधिकारी सदर अंकित कुमार के नेतृत्व में तहसीलदार सदर द्वारा ग्राम समाज की भूमि पर लगभग 500 वर्ग मीटर भूमि पर निर्मित अवैध अतिक्रमण को जेसीबी के माध्यम से कब्जा मुक्त कराया गया। इसके साथ ही ग्राम समाज की समस्त भूमि को चिन्हित करते हुए उस पर बोर्ड लगा दिया गया कि यह संपत्ति ग्राम समाज की है। इस पर अतिक्रमण करने वालों के विरुद्ध कठोरतम कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उप जिलाधिकारी सदर अंकित कुमार ने बताया कि आगे भी जिलाधिकारी के निर्देशों के क्रम में इसी प्रकार भूमि को अवैध कब्जों से मुक्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
हापुड़ में गैंगेस्टर की संपत्ति कुर्क
वहीं, पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्धनगर लक्ष्मी सिंह के नेतृत्व में गैंगस्टर एक्ट के आरोपी सुदेश उर्फ टिल्लू पुत्र विसम्भर मूल निवासी ग्राम चाँदनेर थाना बाबूगढ़ जनपद हापुड़ के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। सुदेश उर्फ टिल्लू पुत्र विसम्भर का ग्राम बहादुरगढ़ थाना जिला हापुड़ करीब 85 लाख आम का बाग कुर्क किया गया है।
उत्तराखंड में धामी सरकार अवैध धार्मिक स्थलों को हटाए जाने की कार्रवाई कर रही है. इस क्रम में नैनीताल जिले के हल्द्वानी में जब पुलिस-प्रशासन ने अवैध मस्जिद और मदरसे पर बुलडोजर चलाया गया. इसके बाद से इलाके में तनाव का माहौल पैदा हो गया. गुस्साए लोगों ने प्रशासनिक टीम पर भी पथराव किया. जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल भी हो गए. यहां तक की कई गाड़ियों में आग भी लगा दी. जिसके बाद डीएम ने उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए. पूरे शहर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है.
किसी को नहीं बख्शा जाएगा
हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में हुए बवाल के बाद धामी सरकार भी अलर्ट पर है. नैनीताल डीएम ने बताया कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. हमारे पास वीडियो रिकॉर्डिंग से लेकर दंगाइयों के अनेक इनपुट हैं, उन सबको इकट्ठा किया जा रहा है. नुकसान की भरपाई उन्हीं दंगाइयों द्वारा की जाएगी. जानकारी जुटाने के लिए दंगाइयों के पोस्टर भी जारी किए जाएंगे. अवैध अतिक्रमण पर हमारा अभियान रुकने वाला नहीं है.
शहर में लगाया गया कर्फ्यू
हल्द्वानी शहरी क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया है. ये आदेश रात 9 बजे लागू हो गया और अगले आदेश तक लागू रहेगा. बिगड़े हालातों को देखते हुए सभी स्कूलों को बंद रखने का फैसला किया गया है. इसको लेकर प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं.
उपद्रवियों ने फूंका थाना, जलाई गाड़ियां
रिपोर्ट्स की मानें तो नगर निगम की टीम ने बनभूलपुरा के इंदिरा नगर इलाके में मलिक के बगीचे में बने मस्जिद और मदरसे को तोड़ने की दोपहर से तैयारी शुरू कर दी थी. दोपहर ढाई बजे तक कोतवाली के बाहर हल्द्वानी के आसपास के थानों की फोर्स और तीन बस रिजर्व पुलिस की पहुंच गई थी. शाम को पुलिस फोर्स के साथ टीम ने अतिक्रमण ढहाने पहुंची. जिसका स्थानीय लोगों ने विरोध शुरू कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने मौके पर मौजूद नगर निगम की जेसीबी भी तोड़ दी. टीम ने ढहाना शुरू किया लोगों ने फिर पत्थर बरसाने शुरू कर दिए. जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. पुलिस ने भी बचाव में कई राउंड आंसू गैस के गोले भी दागे. इस दौरान देर शाम को उपद्रवियों ने बनभूलपुरा थाना फूंक दिया. साथ ही कई गाड़ियां भी जला दी.
CM धामी ने बुलाई आपात बैठक
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आवास पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार और अन्य उच्चाधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की. साथ ही स्थानीय लोगों से शांति बनाये रखने की अपील करते हुए अराजक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. इस बैठक में कुमाऊं मंडल के तमाम अधिकारी वर्चुअली बैठक में शामिल हुए.
यूपी सरकार के बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी के बाद सियासी घमासान जारी है. जिसके चलते सपा और बीजेपी ने एक दूसरे पर तल्ख जुबानी बाणों से हमला शुरू कर दिया है. सीएम योगी आदित्यनाथ और सपा प्रमुख एक-दूसरे पर वार करने का एक भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं. इसी तरह के सीएम के एक बयान का पलटवार करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि जब सपा की सरकार आएगी तो ये बुलडोजर गोरखपुर की ओर चलेंगे.
कैसा न्यायालय का बुलडोजर चला, कि अब बुलडोजर नहीं चलेगा
दरअसल अखिलेश के बयान गोरखपुर की ओर चलेंगे बुलडोजर का जवाब देते हुए कहा कि बुलडोजर पर हर व्यक्ति के हाथ नहीं “फिट” हो सकते. दंगाइयों के सामने नाक रगड़ने वाले लोग बुलडोजर के सामने पस्त प़ड़ जाएंगे. सीएम योगी के इस बयान पर अखिलेश यादव ने फिर से पलटवार किया है. अखिलेश यादव ने कहा कि ' समाजवादियों के डीएनए में क्या है, कम से कम डीएनए का फुलफॉर्म तो बता दें. जहां तक बुलडोजर का सवाल है तो कैसा न्यायालय का बुलडोजर चला कि अब बुलडोजर नहीं चल सकता है. जो लोग बुलडोजर लेकर डराते थे, जगह-जगह लोगों के घर गिरा देते थे तो क्या नक्शा मांगते थे.'
क्या सीएम आवास का नक्सा पास है- अखिलेश
सपा प्रमुख ने आगे कहा कि 'अगर नक्शा ही सवाल है तो सरकार ये बताए कि क्या मुख्यमंत्री आवास का नक्शा पास है और कब पास हुआ था ये भी बता दें या कागज दिखा दें. इसका मतलब ये हुआ कि आपने जानबूझकर किया है. जिन्हें आपको नीचा दिखाना था और आपकी सरकार के अहंकार पर आपने जानबूझकर बुलडोजर चलाए हैं.' बता दें कि इससे पहले सीएम योगी ने कहा था कि अखिलेश यादव और उनके चाचा व पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव की 'भेड़िये' से तुलना करते हुए आरोप लगाया था कि साल 2017 से पहले सरकारी नौकरी के नाम पर 'चाचा और भतीजा' वसूली करते थे.
देश की राजधानी दिल्ली से इस समय की बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 1 अक्टूबर तक बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी है। बुलडोजर कार्यवाही के लिए अब राज्य सरकारों को सुप्रीम कोर्ट से इजाजत लेनी होगी। आपको बता दें, उत्तर प्रदेश में ‘सीएम योगी का बुलडोजर एक्शन’ काफी चर्चा में रहा था। वहीं, बीते दिनों देश के अन्य राज्यों जैसे कि राजस्थान, मध्य-प्रदेश, गुजरात और अन्य जगहों से भी बुलडोजर एक्शन की खबरें लगातार सामने आ रही थीं।
सीएम योगी के बुलडोजर मॉडल पर SC की रोक!
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की तरह बुलडोजर एक्शन लेने वाले राज्यों पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी है और सभी राज्यों को साफ निर्देश दिया है कि बिना इजाजत के बुलडोजर एक्शन नहीं लिया जाएगा। बुलडोजर एक्शन के खिलाफ दायर हुई याचिकाओं के बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने ये रोक लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा है कि अगली सुनवाई तक किसी भी राज्य में कोई बुलडोजर एक्शन नहीं होगा।
इन मामलों में होगा बुलडोजर एक्शन!
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बुलडोजर एक्शन पर रोक तो लगाई गई है, लेकिन कुछ मामलों में छूट भी दी गई है। बुलडोजर एक्शन वाले अंतरिम आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को अवैध अतिक्रमण में बुलडोजर चलाने की छूट दी है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि उसका ये आदेश सड़क, फुटपाथ, रेलवे लाइनों, जलाशयों पर अतिक्रमण पर लागू नहीं होगा यानी कि अगर सड़क, फुटपाथ या अन्य सार्वजनिक स्थलों पर कोई अतिक्रमण करता है तो राज्य सरकार बुलडोजर एक्शन ले सकती है।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने दायर की थी याचिका
बुलडोजर एक्शन के खिलाफ जमीयत उलेमा-ए-हिंद में याचिका दायर की थी। जिसमें बुलडोजर एक्शन को लेकर सरकारों द्वारा मनमानी की बात कही गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान 1 अक्टूबर तक रोक लगाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कहा गया कि अगर कार्रवाई दो हफ्ते रोक दी तो आसमान नहीं फट पड़ेगा। आप इसे रोक दीजिए, 15 दिन में क्या होगा?
ग्रेटर नोएडा में भू-माफियाओं के खिलाफ एक बार फिर से जिला प्रशासन द्वारा बुलडोजर एक्शन लिया गया है। बुधवार को शाहबेरी में कस्टोडियन जमीन पर अवैध तरीके से दुकानें बनाने के खिलाफ ये कार्यवाही हुई है। केंद्र सरकार की ओर से इस जगह को खाली कराने का निर्देश मिला था। निर्देश को नियम के मुताबिक पालन करते हुए बुधवार बुलडोजर चला है। मौके पर एसडीएम समेत प्रशासन के कई अधिकारी और पुलिस बल मौजूद रहा।
48 दुकानों पर चला बुलडोजर
ग्रेटर नोएडा के बिसरख थाना क्षेत्र के शाहबेरी में बुधवार को 48 दुकानों पर प्रशासन का बुलडोजर चला और करोड़ों की जमीन को खाली कराया गया। शत्रु संपत्ति पर कब्जा करके यहां 148 दुकानें बनाई गईं थीं। जिसमें 48 दुकानें पूरी और 100 दुकानें आधी बनीं हुईं थी। प्रशासन द्वारा 48 दुकानों पर बुलडोजर बुधवार को चला है और बाकी की 100 दुकानों पर भी जल्द ही कार्यवाही होगी। आपको बता दें, यहां पर शत्रु संपत्ति से मतलब है जिन लोगों ने चीन या पाकिस्तान की नागरिकता हासिल कर ली। वो अपने पीछे संपत्तियां छोड़ गए जिन्हें शत्रु संपत्ति के रूप में जाना जाने लगा।
मार्च में किया गया था दुकानों को सीज
दादरी एसडीएम अनुज नेहरा ने कार्यवाही के दौरान बताया कि प्रदीप शर्मा और मुस्तजब अली ने शत्रु संपत्ति पर कब्जा करके अवैध निर्माण कर दिया था। जिसे केंद्र सरकार की तरफ से खाली करने का आर्डर मिला था, जिसके बाद मार्च में इन दुकानों को खाली कराके सील कर दिया गया था। साथ ही इसके ध्वस्तीकरण के लिए 28 अगस्त तारीख को निर्धारित किया गया था।
26 करोड़ की जमीन पर कर रखा था कब्जा
तय तारीख 28 अगस्त ( बुधवार) को प्रशासन द्वारा दोस्तीकरण की कार्रवाई की गई। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, ये दोस्तीकरण की कार्रवाई एक-दो दिन होगी। जिससे पूरी जमीन को कब्जे में ले लिया जाएगा। इस जमीन की कीमत करीब 26 करोड़ बताई जा रही है। बुलडोजर एक्शन के समय एसडीएम, अधिकारियों समेत पुलिस बल भी मौजूद रहा।
उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में बुलडोजर एक्शन देखने को मिला है। अवैध निर्माण पर एक फिर से योगी प्रशासन ने बुलडोजर एक्शन चला है। लेकिन इस बार बुलडोजर एक्शन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सवाल खड़े किए हैं। साथ ही समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार को जमकर घेरा और यूपी पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठाया है।
25 ग़रीब परिवारों को बरसात में किया बेघर: अखिलेश यादव
उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में बुलडोजर एक्शन पर अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट लिखा। अखिलेश यादव ने लिखा ये है प्रतिशोध से भरी भाजपाई राजनीति का वीभत्स चेहरा। भाजपा बसे-बसाये घरों को गिराकर सुख पाती है। जिन्होंने अपने घर नहीं बसाये, पता नहीं वो दूसरों के घर गिराकर किस बात का बदला लेते हैं। हर गिरते घर के साथ भाजपा भी और भी नीचे गिर जाती है।
अखिलेश ने आगे लिखा, अमृतकाल के सूचनार्थ- आज लोकसभा फर्रुखाबाद के विधानसभा अमृतपुर के ग्राम उखरा में सालों से बसे 25 ग़रीब परिवारों के घरों पर बुलडोजर चलाकर, न जाने कितने बड़े-बूढ़ों, बीमारों, बच्चों, माताओं, बहनों, बेटियों को भरी बरसात में बेघर किया गया। ये राजनीतिक क्रूरता की हद है।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने दिया अखिलेश को जवाब!
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सपा प्रमुख अखिलेश यादव के इस पोस्ट पर यूपी पुलिस ने भी जवाब दिया। पुलिस ने अखिलेश द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को निराधार बताया। पुलिस ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लिखा, गांव ऊखरा और करनपुर मजरा बांसमई में लोगों ने अवैध निर्माण कर रखा था। इस जगह पर ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर-2 योजना के तहत 400, 200, 132 केवी उपकेंद्र का निर्माण होना। इसकी जमीन पर लोगों ने अतिक्रमण कर रखा था, जिसे एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार सदर और राजस्व विभाग की टीम के साथ स्थानीय पुलिस की मौजूदगी में मुक्त कराया गया है।
क्या है ये पूरा मामला
उत्तर प्रदेश के फर्रखाबाद जिले के फतेहगढ़ क्षेत्र में ग्राम समाज की जमीन पर बुलडोजर एक्शन हुआ है। बताया गया है कि ग्राम समाज की जमीन पर लोगों ने सालों से कब्जा जमा रखा था। लोगों ने यहां अपने अवैध तरीके से मकानों का निर्माण भी कर रखा था। ऐसे करीब 18 से ज्यादा परिवार हैं, जिनके घरों को बुलडोजर से तोड़ दिया गया है। चर्चा है कि ये सभी यादव परिवार से ताल्लुक रखते हैं। इसकी जानकारी होते ही सपा मुखिया ने मुद्दा बना लिया और यूपी सरकार को घेर लिया। अब इस मामले को लेकर राजनीति शुरु हो गई है।
बुलडोजर मॉडल के तहत एक्शन की काफी चर्चा रही। उत्तर प्रदेश समेत राजस्थान, मध्य प्रदेश तमाम जगहों से बुलडोजर मॉडल के एक्शन की खबरें सुनने को मिलती हैं। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बुलडोजर एक्शन को लेकर टिप्पणी की और कहा कि किसी के घर को गिराना उचित नहीं है। वहीं, जस्टिस विश्वनाथन ने सरकार से विस्तृत जवाब मांगा है। कोर्ट द्वारा नोटिस, कार्रवाई और अन्य आरोपों पर सरकार को उत्तर देने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में अगली सुनवाई 17 सितंबर को होना तय किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन को बताया गलत!
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपनी कार्रवाई के दौरान बुलडोजर एक्शन पर कई गंभीर सवाल उठाए हैं। कोर्ट की ओर से कहा गया कि सिर्फ आरोपी होने के आधार पर किसी के घर को गिराना उचित नहीं है। अदालत ने शासन और प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर कोई व्यक्ति दोषी भी है, तो भी उसके घर को गिराया नहीं जा सकता। साथ ही सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अपराध में दोषी साबित होने पर भी घर नहीं गिराया जा सकता। उन्होंने साफ किया कि जिनके खिलाफ ये एक्शन हुआ है, वो अवैध कब्जे या निर्माण के कारण निशाने पर हैं, न कि अपराध के आरोप की वजह से।
जानिए किसने दाखिल की थी याचिका
बुलडोजर एक्शन को लेकर जमीयत उलेमा ए हिन्द ने याचिका दाखिल की थी। जमीयत उलेमा ए हिन्द ने सरकारों द्वारा आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाने पर रोक लगाने की मांग की है। इस याचिका में यूपी, मध्यप्रदेश और राजस्थान में हाल में हुई बुलडोजर कार्रवाइयों का उल्लेख करते हुए अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाए जाने का आरोप लगाया गया है। आपको बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो किसी भी अवैध संरचना को सुरक्षा नहीं प्रदान करेगा जो सार्वजनिक सड़कों को अवरुद्ध कर रही हो। साथ ही कोर्ट ने संबंधित पक्षों से सुझाव मांगे हैं ताकि वो उचित दिशा-निर्देश जारी कर सके। इस मामले में 17 सितंबर को आगे की सुनवाई होगी।
सरकार के बुलडोजर एक्शन मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई. इस दौरान कोर्ट ने सवाल पूछा कि किसी का मकान सिर्फ इसलिए कैसे गिराया जा सकता है कि वो एक आरोपी है? कोर्ट इस मुद्दे पर दिशानिर्देश तैयार करेगी. जो पूरे देश में लागू होंगे. वहीं कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया है.
बीजेपी का संविधान विरोधी चेहरा हुआ बेनकाब- राहुल
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर की. जिसमें उन्होंने लिखा कि बीजेपी की असंवैधानिक और अन्यायपूर्ण बुलडोजर नीति पर सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी स्वागत योग्य है. बुलडोजर के नीचे मानवता और इंसाफ को कुचलने वाली बीजेपी का संविधान विरोधी चेहरा अब देश के सामने बेनकाब हो चुका है. बेलगाम सत्ता का प्रतीक बन चुके बुलडोजर ने नागरिक अधिकारों को कुचलकर कानून को निरंतर अहंकार भरी चुनौती दी है. त्वरित न्याय की आड़ में भय का राज स्थापित करने की मंशा से चलाए जा रहे बुलडोज़र के पहियों के नीचे अक्सर बहुजानों और गरीबों की ही घर-गृहस्थी आती है. इसी पोस्ट में राहुल ने आगे कहा कि हम अपेक्षा करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट इस अति संवेदनशील विषय पर स्पष्ट दिशा निर्देश जारी कर बीजेपी सरकारों के इस लोकतंत्र विरोधी अभियान से नागरिकों की रक्षा करेगा. देश बाबा साहब के संविधान से चलेगा, सत्ता की चाबुक से नहीं.
किसी के आरोपी होने पर उसका घर कैसे गिराया जा सकता है- कोर्ट
सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी का घर सिर्फ इसलिए कैसे गिराया जा सकता है क्योंकि वह एक आरोपी है? भले ही वह दोषी हो. फिर भी कानून का पालन किए बिना ऐसा नहीं किया जा सकता. हालांकि कोर्ट ने यह भी साफतौर पर कहा है कि वह किसी भी अनधिकृत निर्माण या सार्वजनिक सड़कों पर अतिक्रमण को संरक्षण नहीं देगा. वहीं उत्तर प्रदेश की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने राज्य द्वारा पहले दायर हलफनामे का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि हलफनामे में कहा गया है कि सिर्फ इसलिए कि किसी व्यक्ति पर किसी अपराध में शामिल होने का आरोप है. उसकी अचल संपत्ति को ध्वस्त करने का आधार कभी नहीं हो सकता.
सुप्रीम कोर्ट के बाद अब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर सवाल उठाए हैं. हाई कोर्ट ने यूपी के आजमगढ़ में कानूनी प्रक्रिया अपनाए बिना बुलडोजर से घर गिराए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई और यूपी सरकार से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने पूछा किस कानूनी प्रक्रिया के चलते याचिकाकर्ता के घर को गिराया गया। इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस प्रकाश पड़िया की सिंगल बेंच में इस मामले पर सुनवाई हुई।
कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा, ऐसी कौन सी परिस्थिति थी, जिसके चलते कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना याचिकाकर्ता के घर को गिरा दिया गया. अदालत ने इस मामले में यूपी सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा है। इस मामले पर अगली सुनवाई 18 सितंबर को होगी।
बता दें कि आजमगढ़ के सुनील कुमार ने हाईकोर्ट में बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर याचिका दाखिल की थी। जमीन विवाद को लेकर आजमगढ़ के एडिशनल कलेक्टर ने 22 जुलाई को सुनील कुमार का घर गिराने का आदेश जारी किया. आरोप है कि सुनील कुमार को सुनवाई का कोई मौका दिए बिना जल्द ही उनके मकान पर बुलडोजर चला दिया गया। हाईकोर्ट से पहले सुप्रीम कोर्ट भी क्रिमिनल केस होने पर आरोपियों के घर पर बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर सवाल उठा चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर की कार्रवाई को गलत बताया और कहा कि परिवार के किसी सदस्य पर अपराध का आरोप लगना किसी के घर पर बुलडोजर चला देने का आधार नहीं बन सकता है. देश में कानून का शासन है.
नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा को इस तरह करें प्रसन्न, माता देंगी सुरक्षा का आशीर्वाद!
October 05, 2024