Greater Noida: यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण क्षेत्र में सेक्टर 29 में बन रहे अपैरल पार्क में सोमवार को मुख्य कार्यपालक अधिकारी द्वारा फैक्टरी भूखंडों का शिलान्यास किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉक्टर अरुण वीर सिंह, नोएडा अपैरल कलस्टर के अध्यक्ष ललित ठकराल सहित बड़ी संख्या में औद्योगिक भूखंडों के आवंटी उपस्थित रहे।
अब तक 81 भूखण्ड आवंटित हो चुके
उल्लेखनीय है कि प्राधिकरण द्वारा सेक्टर 29 में अपैरल पार्क कलस्टर की स्थापना की गयी है, जिसका कुल क्षेत्रफल 175 एकड़ है। इसमें कुल 89 भूखंड है जिनमें से 81 भूखण्ड आवंटित किए जा चुके हैं तथा 64 भूखंडों का लीज प्लान तथा चैक लिस्ट इश्यू की जा चुकी है। इनमें से 39 भूखण्डों पर आज भौतिक कब्जा पत्र आवंटियों को वितरित किए गए।
टेक्स्टाइल क्लस्टर के भूखंडों की मांग
कार्यक्रम में एनएईसी के अध्यक्ष ललित ठकराल ने बताया कि अभी भी 70 से अधिक औद्योगिक इकाइयों द्वारा यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण में टेक्स्टाइल क्लस्टर के भूखंडों की मांग की जा रही है। यमुना प्राधिकरण में स्थापित इस अप्रैल पार्क क्लस्टर के कारण ही गौतम बुद्ध नगर को सिटी ऑफ अपैरल के नाम से भी जाना जाता है। ये यमुना प्राधिकरण द्वारा स्थापित पहला औद्योगिक कलस्टर है। यमुना प्राधिकरण द्वारा प्रदेश में कलस्टर के रूप में औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित करने की शुरुआत की गई है।
जेवर में बननेवाला कार्गों दिल्ली से भी सस्ता पड़ेगा
इस अवसर पर प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉक्टर अरुण वीर सिंह द्वारा द्वारा बताया गया कि प्राधिकरण के औद्योगिक क्षेत्र के अंदर कन्वेन्शन सेंटर, एग्जिबिशन सेंटर वा डेडिकेटेड कार्गों की स्थापना की जाएगी। जेवर में निर्माणाधीन नोएडा इंटरनेशनल एअरपोर्ट मैं डेडिकेटेड कार्गों विकसित किया जाएगा। वर्तमान में कार्गों के अंदर सबसे अधिक हिस्सेदारी करीब 37% वस्त्र उद्योग की है। जेवर में बननेवाला कार्गों दिल्ली से भी सस्ता पड़ेगा क्योंकि यहाँ पर फ्यूल पर केवल 1% का वैट सरकार द्वारा लगाया जा रहा है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया है की प्राधिकरण के इस अपैरल पार्क को बल्लभगढ़ के पास से दिल्ली नोएडा एक्सप्रेस वे से जोड़े जाने पर एनएचएआई द्वारा कार्य शुरू कर दिया गया है। प्राधिकरण क्षेत्र में रैपिड रेल एनसीआरटीसी की स्टडी भी प्रारंभ करा दी गई है। इस क्षेत्र में देश का पहला और विश्व का छठा पॉड टैक्सी सिस्टम बनाया जाएगा, जिसके लिए प्राधिकरण द्वारा अंतरराष्ट्रीय निविदा भी जारी की जा चुकी है। पीआरटी सिस्टम की प्री बिड बैठक में विश्व की सभी सर्वश्रेष्ठ कंपनियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। प्राधिकरण द्वारा जल्द ही फ़िल्म सिटी परियोजना की अंतर्राष्ट्रीय बिड भी जारी की जाएगी।
औद्योगिक भूखंडों में ग्राउंड कवरेज को बढ़ाकर 60% करने का निर्णय
वीर सिंह ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में औद्योगिक भूखण्डों पर दी जा रही 1.5 एफएआर को बढ़ाकर 2.0 करने का फैसला लिया गया है जिसपर शासन स्तर से शीघ्र ही आदेश जारी हो जाएगा साथ ही औद्योगिक भूखंडों में ग्राउंड कवरेज को बढ़ाकर 60% करने का भी निर्णय लिया गया। मुख्य कार्यपालक अधिकारी द्वारा सभा में उपस्थित सभी उद्योगपतियों से निवेदन किया गया अपने उद्योगों में स्थानीय युवाओं को रोजगार प्रदान करें। रोजगार प्रदान करने के लिए स्किल डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना करें, यदि इसके लिए भूमि की आवश्यकता पड़ती है तो प्राधिकरण निशुल्क जमीन उपलब्ध कराने को तैयार है। कार्यक्रम में उपस्थित सभी उद्योगपतियों द्वारा प्राधिकरण द्वारा दिए जा रहे हैं सहयोग के लिए धन्यवाद व्यक्त किया गया। इस कार्यक्रम में बिमटेक के हरिवंश चतुर्वेदी विशेष अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। कार्यक्रम में प्राधिकरण के सभी वरीष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
Greater Noida West: यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष अनिल कुमार सागर द्वारा प्राधिकरण के औद्योगिक क्षेत्रों का भ्रमण किया गया। इसके साथ किए जा रहे हैं विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। वहीं, प्राधिकरण के सेक्टर सेक्टर 33 में स्थापित किए जा रहे टॉय पार्क में औद्योगिक इकाइयों के निर्माण कार्यों का शिलान्यास किया।
उल्लेखनीय है कि प्राधिकरण द्वारा सेक्टर 33 में 100 एकड़ क्षेत्रफल पर टाइम पार्क का निर्माण कराया जा रहा है । प्राधिकरण द्वारा इसमें विभिन्न श्रेणी के 142 भूखंडों का आवंटन किया गया है, जिनमें से 91 इकाइयों को चेक लिस्ट जारी की जा चुकी है। वहीं 39 इकाइयों द्वारा लीज डीड की कार्रवाई सम्पन्न की जा चुकी है।
इस औद्योगिक टॉय पार्क क्लस्टर में फैक्टरी निर्माण कार्यों का शिलान्यास किया गया। इस अवसर पर अध्यक्ष द टॉय एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया अजय अग्रवाल, उपाअध्यक्ष नरेश गौतम, कन्वेनर ( ज़ेवर टॉय क्लस्टर) नरेश कुमार गुप्ता, कोकन्वेनर, तरुण चेतवानी सहित अन्य उद्योगपति मौजूद रहे।
अजय अग्रवाल ने बताया की आगामी 1 वर्ष में कई फैक्ट्रियों का निर्माण कार्य पूर्ण कर उत्पादन चालू करा दिया जाएगा। प्राधिकरण द्वारा अलाटमेंट में पारदर्शी व्यवस्था अपनायी गयी है। जिन लोगों को चेकलिस्ट नहीं मिली है, उन्हें भी चेकलिस्ट जारी करने की कार्यवाही शीघ्र की जाये। प्राधिकरण में नक़्से भी पास करने के लिए जमा करा दिये जाएँगे।
हमने इंपोर्ट को घटाकर एक्सपोर्ट को बढ़ाया गया है। आज किंडते में एक्सपोर्ट ६० परसेंट के क़रीब भी है। यह प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया मिशन को पूरी तरह से साकार कर रहा है। यमुना प्राधिकरण का टॉय क्लस्टर देश का सबसे बड़ा टॉय क्लस्टर है। टॉय क्लस्टर में काफ़ी रोज़गार भी मिलता है। अग्रवाल ने बताया कि प्राधिकरण के अध्यक्ष द्वारा १०० एकड़ में विस्तारित टॉय क्लस्टर में निर्माण कार्यों का शिलानियास किया गया।
वहीं, प्राधिकरण अध्यक्ष ने कहा, जब मुझे यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरुण वीर सिंह द्वारा इस कार्यक्रम का हिस्सा बनने का निवेदन किया, तब मुझे इस तरह के विकास कार्यों को देखकर, टॉय क्लस्टर में आकर काफ़ी गौरवान्वित हुया हूँ। यहाँ इतने उद्यमियों की भागीदारी सारहनीय है। मुझे यह जानकर अच्छा लगा कि यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण से मिल रहे सहयोग से आप सभी खुश हैं तथा प्राधिकरण पूरा सहयोग भी कर रहा है। यदि आपको शासन स्तर से कोई भी सहयोग चाहिए तो में उपलब्ध हूँ।
Greater Noida: यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष अनिल कुमार सागर द्वारा प्राधिकरण क्षेत्र के सेक्टर 25 में स्थित जेपी स्पोर्ट्स सिटी में बने मोटो जीपी ट्रैक का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने 22 से 24 सितंबर तक होने वाली अंतर्राष्ट्रीय मोटो जीपी प्रतियोगिता की तैयारियों की समीक्षा की। अध्यक्ष अनिल कुमार ने मोटो जीपी ट्रैक का भ्रमण कर यहां पर किए जा रहे निर्माण कार्यों के बारे में जानकारी ली।
इस दौरान मोटो जीपी रेस का आयोजन करने वाली कंपनी मैसर्स फ़ैरस्ट्रीट के अधिकारी पुष्कर नाथ श्रीवास्तव तथा जेपी ग्रुप के वरिष्ठ अधिकारियों स्वागत किया गया। अधिकारियों ने इस विश्व स्तरीय आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश राज्य सरकार तथा यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा दिए जा रहे सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। इसके साथ ही ट्रैक पर किये गए तथा किए जा रहे ज़रूरी निर्माण व मेंटेनेंस के कार्यों के संबंध में अध्यक्ष को जानकारी दी.
इस मौके पर यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी कपिल कुमार सिंह, विशेष कार्याधिकारी शैलेन्द्र भाटिया, साद मियां ख़ान, पुलिस उपायुक्त ग्रेटर नोएडा, विशेष कार्याधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह, महाप्रबंधक परियोजना एके सिंह, उप महाप्रबंधक परियोजना राजेंद्र भाटी, स्टाफ ऑफिसर नन्द किशोर सुंदरियाल, वरीष्ठ प्रबंधक राजवीर सिंह, मनोज धारीवाल सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
New Delhi: दिल्ली के प्रगति मैदान के भारत मंडपम में अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले के 42 वें संस्करण में उत्तर प्रदेश पवेलियन में यूपी दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निरीक्षण किया। उत्तर प्रदेश पवेलियन प्रगति मैदान में हॉल नंबर दो पर दर्शाया गया है। इसमें प्रदेश के विभिन्न प्राधिकरणों के स्टाल भी लगाये गये है। जिसमें यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक प्राधिकरण द्वारा भी स्टाल लगाया गया है। मुख्य सचिव डीएस मिश्रा ने यमुना प्राधिकरण स्टाल का जायजा लिया। मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुण वीर सिंह द्वारा मुख्य सचिव को प्राधिकरण की योजनायों से अवगत कराया गया। मुख्य सचिव ने प्राधिकरण के प्रयाशों की प्रसंशा की गयी।
6 वर्षों के औद्योगिक विकास को किया गया प्रदर्शित
प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुण वीर सिंह ने मुंख्यमंत्री को बताया कि 6 वर्षों के औद्योगिक विकास, अवस्थापना विकास सहित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, पॉड टैक्सी, फ़िल्म सिटी, डेटा सेंटर पार्क आदि अन्य योजनाओं को प्रदर्शित किया गया है। प्राधिकरण के स्टाल पर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, yeida फ़िल्म सिटी प्रोजेक्ट, मेडिकल ड्वाइसेज पार्क, लॉजिस्टिक पार्क, अपेरल पार्क, टॉय पार्क सहित विभिन्न योजनावों की प्रगति को दर्शाया गया है।
सीईओ ने सीएम योगी योजनाओं के बारे में दी जानकारी
मुख्यमंत्री बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार की एफ़डीआई योजना के अंतर्गत पहला आवंटन यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण द्वारा डेटा सेंटर पार्क योजना के अंतर्गत किया गया है। प्राधिकरण द्वारा सिफ़ी इंफ़िनिट स्पेसेस लिकिटेड को डेटा सेंटर के निर्माण के लिए भूखंड का आवंटन किया गया है। डेटा सेंटर पार्क में 02 आवंटन कर दिये गये है। शीघ्र ही अवशेष भूखंडों के आवंटन की नयी योजना जारी की जायेगी। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने सीएम को बताया कि प्राधिकरण की गिल्म सिटी परियोजना तथा पॉड टैक्सी योजना की इंटरनेशनल बिड निकाली गयी थी। जिसमे बिड कि अंतिम तिथि 30.11.2023 को नियत है। इस दौरान अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी कपिल सिंह, विशेष कार्याधिकारी शैलेंद्र भाटिया, स्टाफ़ ऑफिसर नंदकिशोर सुन्दरियाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
Yamuna City: किसान और आवंटियों की शिकायत का तत्तकाल प्रभाव से निराकरण करने के आदेश सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्राधिकरण के अधिकारियों की दी है। बावजूद इसके यमुना प्राधिकरण में कुछ ऐसे अधिकारी हैं, जिनके खिलाफ लगातार शिकायतें आ रही थी। प्राधिकरण के सीईओ अरुण वीर सिंह ने दो ऐसे प्रबंधकों पर कार्रवाई की है, जिनके खिलाफ लगातार कार्यों में अनियमितता बरतने और रिश्वत मांगने के आरोप लग रहे थे। शिकायतों के आधार पर यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) के सीईओ अरुण वीर सिंह ने दोनों प्रबंधकों को पद से हटा दिया है।
@YamunaAuthority के #ceo डॉ. अरुणवीर सिंह ने संपत्ति विभाग में तैनात दो प्रबंधकों को पद से हटाया, भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर सीईओ ने की कार्रवाई। @NandiGuptaBJP @myogiadityanath @myogioffice @Yamunaresidents #GreaterNoida #greaternoidanews #noidanews pic.twitter.com/XZHGAiimdS
— Now Noida (@NowNoida) November 20, 2023
संपत्ति विभाग में अनियमितता बरतने पर कार्रवाई-CEO
सीईओ अरुण वीर सिंह ने बताया आवंटियों और किसानों को किसी तरह की परेशानी ना हो इसके लिए लगातार प्राधिकरण पहल करता है। सीएम योगी ने भी अधिकारियों को आदेश दिया है कि किसानों और आवंटियों के काम प्राथमिकता के साथ होनी चाहिए। सीईओ अरुण वीर सिंह ने कहा ऐसी किसी भी शिकायत पर प्राथमिकता के साथ जांच करवाया जाता है। दोनों प्रबंधक संपत्ति विभाग में अनियमितता कर रहे थे। आरोप है कि आवंटियों से काम के बदले दोनों आवंटी रिश्वत की मांग करते थे। इसी के आधार पर सीईओ ने दोनों प्राधिकरण को उनके पद से हटा दिया है।
स्टॉफ मीटिंग CEO की अधिकारियों को खरी-खरी
संपत्ति विभाग में तैनात प्रबंधक योगेश भाटी और संदीप तिवारी पर आरोप है कि वो आवंटियों से काम करने के एवज में 200 रुपये मीटर के हिसाब से रिश्वत की मांग कर रहे थे। जो रिश्वत देने से मना करता उनका काम अटका दिया जाता था। इसकी शिकायत जब सीईओ अरुण वीर सिंह को मिली, तो उन्होंने दोनों की छुट्टी कर दी। साथ ही स्टॉफ मीटिंग में भी सीईओ ने अधिकारियों को अल्टीमेट्म दे दिया है कि अगर इस तरह की शिकायत मिली तो उन पर भी गाज गिरनी तय है। सीईओ अरुण वीर सिंह ने NOW NOIDA से बात करते हुए कहा कि अगर किसी भी अधिकारी ने प्राधिकरण की छवि धूमिल करने की कोशिश की तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी अधिकारियों को पारदर्शित और निष्पक्षता के साथ काम करने के आदेश दिए हैं। ऐसे में उन अधिकारियों को सचेत हो जाना चाहिए, जो भ्रष्टाचार में डूबे हैं, उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।
Yamuna City: यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEDA) आगरा के पास एक नया शहर बसाने की तैयारी कर रहा है। जिसके लिए मास्टर प्लान-2031 भी तैयार कर लिया गया है। 28 नवंबर को होने वाली बोर्ड बैठक में इसे रखा जाएगा। जिसके बाद इस परिकल्पना को वास्तविक रूप देने की ओर काम किया जाएगा। नए शहर में औद्योगिक इकाइयों के साथ ट्रांसपोर्ट हब पर विशेष जोर दिया जाएगा। बढ़ते प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए 15 फीसदी जमीन ग्रीन बेल्ट के लिए आरक्षित की जाएगी। औद्योगिक विकास से आगरा और आसपास के निवासियों को रोजगार के लिए घर से दूर नहीं जाना पड़ेगा।
टूरिस्ट सर्किट बनाने की योजनाः CEO
NOW NOIDA से बात करते हुए यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि 10 हजार 500 हेक्टेयर में आगरा के पास शहर बसाने की परिकल्पना की जा रही है। जो आस्था, विरासत और पर्यटन की जरूरत को पूरा करेगा। इसके अलावा आगरा, वृंदावन एक ही लाइन पर पड़ता है, इसलिए इसे टूरिस्ट सर्किट बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है।
इस तरीके से शहर बसाने की है योजना
आगरा के पास यमुना प्राधिकरण जिस नए शहर को बसाने की परिकल्पना कर रहा है, वहां पर उद्योग के लिए 25 फीसदी, आवास के लिए 20 फीसदी, वाणिज्य के लिए 4 फीसदी, परिवहन के लिए 13, ग्रीन बेल्ट के लिए 15 फीसदी जमीन उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके अलावा पर्यटन के लिए 7 फीसदी और मिश्रित उद्योग के लिए 7 फीसदी जमीन दी जाएगी।
Greater Noida: यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म सिटी परियोजना में आज उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में बिड करने वाली चारों कम्पनीज़ के प्रतिनिधियों द्वारा प्रेज़ेंटेशन दिया गया। कार्यालय सभाकक्ष में प्रजेंटेशन में विशेषकर कंपनियों द्वारा फ़िल्म सिटी परियोजना को विकसित किए जाने के संबंध में अपना विजन, कॉन्सेप्ट, टाइम लाइन, हाइलाइट्स आदि बिंदुओं पर जोर दिया गया।
M/s. Bayview Projects LLP के तरफ से बोनी कपूर, आशीष भूटानी, सीईओ भूटानी इंफ़्रा, अश्विनी चैटलें एवं अली चैटलें, राजीव अरोड़ा, अरविन्द कुमार बिन्नी द्वारा प्रस्तुतिकरण दिया गया। 4 Lions Films Private Limited की तरफ से के सी बोकाड़िय, सुकरिश्मा जैन, विशाल, हर्ष जैन आदि द्वारा फ़िल्म सिटी परियोजना के संबंध में अपना विज़न प्रस्तुत किया गया।
M/s. Supersonic Technobuild Private Limited की तरफ से फ़िल्म अभिनेता अक्षय कुमार द्वारा ऑनलाइन प्रतिभाग किया गया, प्राधिकरण कार्यालय में दिनेश विजन मैडॉक फिल्म्स, दिव्यांशु, सुअश्विनी सहित चेरीकाउंटी टीम के प्रतिनिधियों द्वारा अपना विजन एवं प्रस्तुतीकरण दिया गया। M/s. Super Cassettes Industries Private Limited (T series) की तरफ से विनय कुमार मित्तल सीईओ फ़िल्म सिटी प्रोजेक्ट, शंकरण कन्नन, लीगल कंसलटेंट और सुधीर शर्मा तथा विवेक द्वारा टी सीरीज कंपनी के विज़न, डिज़ाइन, कॉन्सेप्ट का प्रेजेंटेशन प्राधिकरण कार्यालय में दिया गया। चारों कम्पनीज़ को टेक्निकली क्वालीफाइड पाया गया।
मंगलवार को खोली जाएगी बिड
इस संबंध में निर्णय लिया गया कि आगामी मंगलवार को दोपहर 2.30 बजे यमुना प्राधिकरण कार्यालय के सभाकक्ष में फाइनेंसियल बिड खोली जायेगी। इसमें प्रमुख सचिव व अध्यक्ष यमुना प्राधिकरण अनिल कुमार सागर, निदेशक सूचना शिशिर सिंह, अंशुमन त्रिपाठी सहायक निदेशक द्वारा ऑनलाइन तथा प्राधिकरण की तरफ़ से मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुण वीर सिंह, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी क्रमशः कपिल सिंह तथा विपिन कुमार जैन, ओएसडी शैलेंद्र भाटिया, शैलेंद्र कुमार सिंह, सीएलए आरपी गुप्ता, कंसलटेंट कंपनी सीबीआरई सहित अन्य अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
Greater Noida: यमुना प्राधिकरण की 79वीं बैठक सोमवार को संपन्न हुई। जिसमें चेयरमैन अनिल सागर, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन एनजी रवि, नोएडा प्राधिकरण के ACEO सतीश पाल के अलावा हाथरस, अलीगढ़, मथुरा के एसडीएम और सिटी मजिस्ट्रेट ने हिस्सा लिया। यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरूणवीर सिंह ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस वीत्तीय वर्ष में 285.61 करोड़ रुपये अधिक रहा। पिछले वित्तीय वर्ष में प्राधिकरण को कुल 1784 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था। जबकि साल 2023-24 में कुल 5107 करोड़ 75 लाख रुपये का राजस्व प्राधिकरण ने हासिल किया है।
किसानों को लेकर फैसले
डॉ अरूणवीर सिंह ने बताया कि जिन किसानों ने साल 2014 के बाद जमीन खरीदी है, चाहे वो बाहर के लोग ही क्यों ना हों, उन सभी को 7 प्रतिशत का प्लाट दिया जाता था। लेकिन प्राधिकरण के स्थापना से पहले से जिनका नाम था उनको लाभ नहीं दिया जाता था। लेकिन अब 24 अप्रैल 2001 से पहले भी जिनका नाम खतौनी में है, उन्हें अब 7 प्रतिशत प्लाट का लाभ दिया जाएगा। सीईओ ने बताया पहले मूल किसान लाभ से वंचित रह जाते थे, लेकिन अब उन्हें भी प्राधिकरण लाभ देने जा रहा है।
इंटरचेंज से प्रभावित किसानों को मिलेगा प्लाट
यमुना एक्सप्रेस-वे और इस्टर्न पैरीफैरल एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफिक की समस्या को खत्म करने के लिए जंक्शन बिन्दू पर 4 लूप, 4 रैंप के साथ 4 अतिरिक्त रैंप बनाए जाने का निर्णय लिया गया है। यमुना एक्सप्रेस-वे से ईस्टर्न पैरीफेरल के रास्ते से कुंडली, सोनीपत, मेरठ, मानेसर जाने के लिए इंटरचेंज का निर्माण किया जाना है। इंटरचेंज वाले रास्ते पर आने वाले जगनपुर और अफजलपुर के किसानों के लिए प्लाट देने का फैसला लिया गया है। प्रभावित किसानों को 7 प्रतिशत भूखंड दिये जाने का फैसला लिया गया है। डॉ अरूणवीर सिंह ने बताया कि इसमें करीब 360 किसान प्रभावित हुए हैं, जिन्हें प्राधिकरण ने प्लाट देने का फैसला लिया है।
हेरीटेज कॉरिडोर के लिए सहमति
राया हेरीटेज कॉरिडोर के डीपीआर को प्राधिकरण ने सहमति दे दी है। ये कॉरिडोर 753 एकड़ पर 1220 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होना है। इसके अलावा यमुना प्राधिकरण के चार प्रशासनिक कार्यालय और चार जोनल कार्यालय के अलावा स्टॉप हाउसिंग को बनाए जाने की भी प्राधिकरण ने सहमति दे दी है। साथ ही 2041 का यमुना प्राधिकरण का मास्टर प्लान भी अप्रूव हो गया है। मास्टर प्लान में 1 हजार 50 हेक्टेयर जमीन को जोड़ दिया गया है। इसके अलावा जीरो पीरियड की सुविधा पहले ग्रुप हाउसिंग, औद्योगिक और संस्थागत को दिया गया था, अब इसका फायदा आवासीय प्लाट में भी मिलने जा रहा है।
मेंटिनेंस डीविजन बनाए जाने का फैसला
प्राधिकरण ने एक मेंटिनेंस डिविजन बनाए जाने का फैसला लिया है। डॉ अरूणवीर सिंह ने बताया कि पुराने सेक्टरों में मेंटिनेंस का काम अब मेंटिनेंस विभाग देखने जा रहा है। इसमें नए अधिकारियों की तैनाती की जाएगी, जो सेक्टरों में होने वाले मेंटिनेंस के काम को देखेंगे। इसके अलावा औद्योगिक सेक्टर में ग्रीन बेल्ट की सुविधा उद्यमियों को दी जाएगी। इसके लिए प्राधिकरण नई डीड भी बनाएगा।
Yamuna Expressway Industrial Development Authority (YEIDA) : कहते हैं कि भ्रष्टाचारी डरपोक होते हैं, लेकिन यमुना प्राधिकरण का रिश्वतखोर बेखौफ अंदाज में वसूली करता है। उसके वसूली के अंदाज ने आम लोगों को परेशान कर रखा है। यमुना प्राधिकरण के इस घूसखोर पर गंभीर आरोप लगे हैं। यमुना प्राधिकरण में तैनात एक सीनियर मैनेजर बड़े-बड़े नेताओं की धौंस जमाकर आम लोगों की गाढ़ी कमाई को जबरन छिनैती पर उतारू है। ताज्जुब ये है कि घूसखोर ने अलग-अलग काम के रेट कार्ड बना रखे हैं। मजबूर लोगों से घूस की रकम ऐंठने के लिए ₹100, ₹200 के हिसाब से वसूली की जा रही है।
क्या हैं आरोप?
यमुना प्राधिकरण के अंदर अब भ्रष्टाचार चरम सीमा पर देखने को मिल रहा है। आवंटियों से अपने प्लॉट को ट्रांसफर करने के लिए या अन्य कामों के लिए टेबल दर टेबल पैसे की डिमांड की जाती है। हर टेबल का पैसा फिक्स होने के साथ-साथ भी लोगों को इधर-उधर भगाया जाता है।आवंटी ने बताया कि हर टेबल पर कहीं ₹200 तो कहीं ₹100 फिक्स किए हुए हैं। आवंटियों को अपना काम करने के लिए प्रत्येक टेबल पर कहीं ₹100 तो कहीं ₹200 पर मीटर के हिसाब से देने पड़ते हैं। एक आवंटी ने परेशान होकर अधिकारियों से जब अपनी बात रखी तो उसे लताड़कर कर भगा दिया गया, आवंटी ने कहा कि प्राधिकरण के अंदर प्रत्येक टेबल पर पैसे देने की एक जबरिया वसूली बन चुकी है।
घूस नहीं देने पर होता ऐसा हाल
एक आवंटी ने ये भी आरोप लगाया की लोगों से जबरिया वसूली से पैसा लिया जाता है। आंवटी ने कहा कि कि प्राधिकरण के अंदर यदि एक दिन कोई आवंटी पैसा देने से डिले हो जाता है तो उसका प्लॉट या उसका भूखंड कैंसिल कर दिया जाता है। जबकि यही बात प्राधिकरण के लिए भी लागू होनी चाहिए प्राधिकरण के अंदर डेढ़ साल से अपना रिफंड करने के लिए घूम रहे आवंटी ने बताया कि मुझे रिफंड के डेढ़ करोड़ रुपये के लिए डेढ़ साल में भी नहीं वापस मिल पाए हैं। आवंटी का आरोप है कि इस तरह के दोहरे मापदंड से वह काफी परेशान है। आवंटी ने बताया कि उच्च अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी इन वसूली कर्ताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है।
नहीं होती कोई भी सुनवाई
आवंटी ने बताया कि पहले भी मैं उच्च अधिकारियों को इन सबके खिलाफ एप्लीकेशन दे चुका हूं मगर इन पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं होती है ऐसे अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई की जाए। ट्रांसपेरेंसी के नाम पर यमुना प्राधिकरण में घर भ्रष्टाचार के खिलाफ अधिकारी मौन रहते हैं। जबकि इस बात पर सीईओ यमुना प्राधिकरण का कहना है कि आवंटी की शिकायत के बाद ऐसे अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी
यमुना प्राधिकरण CEO मामले से अनजान
NOWNOIDA की टीम ने प्राधिकरण में चल रहे अवैध वसूली के गोरखधंधे पर जब यमुना प्राधिकरण के सीईओ से जानकारी ली तो उन्होंने खुद को इस मामले से अनजान बताया। हालांकि सीईओ अरुण वीर सिंह ने शिकायतकर्ता से अपील की है कि वो घूसखोर कर्मचारी की जानकारी प्राधिकरण को उपलब्ध कराएं। जिसके बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस में मामला दर्ज करके रिश्वतखोर पर एक्शन होगा।
शिकायतकर्ता को सता रहा डर
लेकिन सीईओ साहब को कौन बताए कि आम आदमी पुलिस कचहरी से किस कदर खौफ खाता है। अपने काम के लिए रोज-रोज प्राधिकरण के चक्कर लगाने वाले आम आदमी एक नई मुसीबत को दावत देने से कतरता है। कायदे से तो प्राधिकरण में बैठे घूसखोरों का इलाज प्राधिकरण को ही करना होगा। वरना एक दिन आएगा जब भ्रष्टाचार की दीमक पूरी व्यवस्था को चट कर जाएगा।
Greater Noida: यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सेक्टर 28 में 350 एकड़ में विकसित किए जा रहे मेडिकल डिवाइस पार्क में निवेश प्राप्त करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के डेलिगेशन द्वारा जापान के टोक्यो शहर में आयोजित मेडटेक शो में हिस्सा ले रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार के अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग के प्रमुख सचिव एवं अध्यक्ष, यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण श्री अनिल कुमार सागर के नेतृत्व में डॉक्टर अरुण वीर सिंह, मुख्य कार्यपालक अधिकारी यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण तथा सलाहकार संस्था के प्रतिनिधियों द्वारा जापान में 17 से 20 अप्रैल 2024 तक आयोजित मेडटेक शो में हिस्सा ले रहे हैं।
जापान में यमुना प्राधिकरण के स्टाल पर कई कंपनियों ने किया विजिट
मेडटेक शो में पहले दिन मेडिकल डिवाइस पार्क के स्टॉल पर जापान की प्रतिष्ठित एवं विश्व प्रसिद्ध कंपनियों के प्रतिनिधियों द्वारा विजिट किया गया और मेडिकल डिवाइसेस पार्क के संबंध में जानकारी प्राप्त की गई। शासन व प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इस मेडिकल डिवाइसेज पार्क की विशेषताओं एवं उत्तर प्रदेश सरकार या भारत सरकार द्वारा दिए जा रहे हैं इन्सेंटिव आदि के संबंध में जानकारी दी गई। प्राधिकरण के स्टॉल पर जापान की पॉश वेलनेस लेबोरेटरी इंक, शिमाने यूनिवर्सिटी फैकल्टी ऑफ मेडिसिन, मैनीज़ ग्रुप कंपनी लिमिटेड, सोसाकु मेडिकल, जापान फेडरेशन ऑफ मेडिकल डिवाइसेज एसोसिएशन, सिलिकॉन वैली वेंचर, बी डॉट मेडिकल इंक, इंटरनेशनल मेडिकल केयर एक्सचेंज एसोसिएशन, टोयोटा फॉर्म कंपनियों व संगठनों के वरिष्ठ पदाधिकारियों द्वारा अवलोकन किया गया।
अब तक 1415.24 करोड़ निवेश प्राप्त
गौरतलब है कि कि भारत सरकार के सहयोग से उत्तर प्रदेश सरकार की नोडल एजेंसी यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा नोएडा इंटरनेशनल एअरपोर्ट के समीप सेक्टर 28 में मेडिकल डिवाइस पार्क विकसित किए जा रहे हैं। अभी तक क़रीब 74 कम्पनीज़ को भूखंड आवंटित किया जा चुके हैं। इन आवंटनों से प्राधिकरण में करीब 1415.24 करोड़ का निवेश प्राप्त हुआ है। इसके उत्तर प्रदेश में 8895 रोजगारों का सृजन हुआ है।
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