यूपी के किसानों को सौगात, चुनावी वादे पर लगाई मुहर

लखनऊ: बजट पेश में किसानों के लिए बड़ा ऐलान किया गया है। इस पर यूपी के किसानों को बिजली बिल पर 100 फीसदी छूट दी गई है। सीएम योगी ने कहा कि हमने संकल्प पत्र में किए गये 132 वादों में से 110 वचन पूरे कर दिये हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के निजी नलकूप से जुड़े अन्नदाता किसानों को पिछले बजट में बिजली के बिल में 50 फीसदी की छूट दी गयी थी। लेकिन इस बजट में किसानों के बिल को माफ करने का फैसला लिया गया है।

किसानों का बिजली बिल फ्री

फ्री सिलेंडर का ऐलान

जबकि सीएम योगी ने राज्य में होली और दिपावली पर एक-एक फ्री गैस सिलेंडर देने का भी एलान किया है. सीएम योगी ने कहा, "हम लोग एक नई योजना का विस्तार करने जा रहे हैं और वह है उज्जवला योजना के लाभार्थियों को, जो प्रदेश के अंदर करीब 1 करोड़ 74 लाख हैं. उन्हें दिपावली और होली पर उज्जवला योजना का एक-एक एलपीजी का सिलेंडर फ्री में उपलब्ध कराने की व्यवस्था करने जा रहे हैं. इसके लिए धनराशि की व्यवस्था हमलोगों ने तीन हजार 47 करोड़ 48 लाख रूपये इस बजट में हमलोगों ने की है."

संकल्प पत्र के वादों पर उन्होंने कहा कि बजट में लोक कल्याण संकल्प पत्र में किए गए 130 में से 110 वायदों को समाहित किया गया है. जिनके लिए 64 हजार करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया है. बता दें सीएम योगी ने जब फ्री सिलेंडर और बिजली बिल माफ करने का एलान किया तो दोनों डिप्टी सीएम भी वहां मौजूद थे

By Super Admin | February 24, 2023 | 0 Comments

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में भ्रष्टाचार का बोलबाला, मलाईदार विभाग से नवाजे रिश्वतखोर OSD ने खोले फाइलों के रेट

ग्रेटर नोएडा: एक तरफ जहां सरकार भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त है, वहीं शासन के नाक के नीचे ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में खुलेआम भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है। प्राधिकरण में तैनात एक नवनियुक्त ओएसडी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि इस नवनियुक्त ओएसडी को प्राधिकरण में मलाईदार विभाग क्या मिले, साहब ने भ्रष्टाचार के नए आयाम ही तय कर दिए। ओएसडी पर आरोप है कि उन्होंने हर काम के लिए रिश्वत के नए दाम ही तय कर दिए हैं। यानि जब तक आवंटी या ठेकेदार सेट परसेंटेज नहीं देगा तब तक उसकी फाइल क्लियर नहीं होगी। भ्रष्टाचार में ओएसडी को प्राधिकरण के भ्रष्ट अधिकारियों और बाबुओं का भी पूरा साथ मिल रहा है। आलम ये है कि प्राधिकरण में तैनात दूसरे ओएसडी को एक तरह से कार्य मुक्त कर दिया गया है, यानि सारे विभाग जिनका सरोकार सीधे जनता से है, ऐसे अहम कार्यों की जिम्मेदारी सिर्फ इसी भ्रष्ट ओएसडी को दी गई है। जिससे प्राधिकरण के जुड़े ठेकेदारों और आवंटियों में रोष भी देखने को मिल रहा है। ओएसडी के भ्रष्ट तंत्र से पीड़ित ठेकेदार और आवंटियों ने इसकी शिकायत सीधे शासन को भेजने तक का मन बना लिया है।

भ्रष्ट OSD पर कार्रवाई कब?

अब सवाल ये उठता है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में तैनात इस भ्रष्ट अधिकारी पर सरकार कब शिकंजा कसती है। जिससे जनता और विकास कार्यों से जुटे ठेकेदारों को राहत मिल सके।

By Super Admin | April 18, 2023 | 0 Comments

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