PM मोदी के 'सारथी' को क्यों कहा जाता है नोएडा का मेट्रोमेन ?

लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। दिल्ली एनसीआर की गौतमबुद्ध नगर सीट से बीजेपी ने डॉ. महेश शर्मा पर भरोसा जताते हुए मैदान में उतारा है। बीजेपी ने चौथी बार डॉ. महेश शर्मा को कमान सौंपी है। वहीं बतौर सांसद उनके कामकाज का लेखाजोखा देखें तो उन्हीं के कार्यकाल में नोएडा को मेट्रो ट्रेन जैसी यातायात की सुविधा मिली है। नोएडा मेट्रो का विस्तार भविष्य में ग्रेटर नोएडा वेस्ट और आसपास के क्षेत्रों तक होने की संभावना है।

5503 करोड़ रुपये की लागत से बनी नोएडा मेट्रो
साल 2019 में 5503 करोड़ रुपये की लागत से बनी नोएडा मेट्रो ने दिल्ली और नोएडा के बीच कनेक्टिविटी को पूरी तरह बदल दिया। जिससे अब जाम के कारण लोगों का घंटों का समय बर्बाद होने से बच रहा है। एनएमआरसी ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच 29.707KM की लंबाई को तय करते हुए अपना कॉरिडोर खोला है। 21 स्टेशनों में से 15 नोएडा और 6 ग्रेटर नोएडा में हैं। एनएमआरसी ने IGBC ग्रीन रेटिंग सिस्टम से एनएमआरसी के सभी 21 एलिवेटेड स्टेशनों के लिए "IGBC PLATINUM" रेटिंग मिली है। आपको बता दें कि मेट्रो का निर्माण दिसंबर 2014 के अंत तक शुरू किया गया था। अगस्त 2018 में ट्रायल रन शुरू हुआ और 2019 में इसका उद्घाटन हुआ। नोएडा मेट्रो को में 12 स्टेशन बनाए गए।

दिल्ली और नोएडा के बीच यात्रा का समय हुआ काफी कम

नोएडा मेट्रो ने दिल्ली और नोएडा के बीच यात्रा का समय काफी कम कर दिया है। पहले जहां सड़क मार्ग से यात्रा करने में घंटों का समय लगता था वहीं अब मेट्रो से यह यात्रा मिनटों में पूरी हो जाती है। नोएडा मेट्रो आधुनिक सुविधाओं से युक्त है। इसमें वातानुकूलित डिब्बे, एस्केलेटर, लिफ्ट और सीसीटीवी कैमरे जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। नोएडा मेट्रो ने नोएडा के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसने नोएडा को दिल्ली के करीब ला दिया है। यहां व्यापार और निवेश के अवसरों में वृद्धि हुई है साथ ही नोएडा मेट्रो के निर्माण में नई तकनीक का इस्तेमाल हुआ है।

By Super Admin | April 01, 2024 | 0 Comments

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